छोटी चाची – देखो दीदी, अवि के चाचा कभी भी बाप नहीं बन सकते. और अगर हमने जल्दी ही कुछ नहीं किया तो शायद अवि के चाचा और एक शादी कर लें. और रही बात
ये कि अवि के चाचा बाप नहीं बन सकते ये सिर्फ हम तीनों को ही पता है अवि के चाचा को नहीं…
इस कहनी का पिछला भाग – घर का राजा भाग – 3
अभी तक हमने पढ़ा कि कैसे मेरे प्रिंसिपल ने अपने ही स्कूल की एक छात्रा की चुदाई की. अब आगे…
घर आने पर मेरी बड़ी चाची ने मुझे खाना खिलाया. खाने के बाद मैंने मेरी मार्कशीट अपनी तीनों चाचियों को दिखाई. छोटी चाची ने मेरी तारीफ़ की और फिर और ज्यादा मार्क लाने को कहा.
मैं बोला – चाची, आज से मैं, मेरे गणित की टीचर से पढ़ने उनके घर जाऊंगा.
छोटी चाची – ये तो अच्छी बात है.
तभी मझली चाची बोलीं – पर वो पैसे भी तो लेंगी न या फिर ऐसे ही पढ़ाएंगी.
मैं – नहीं चाची, वो प्रिंसिपल सर ने उन्हें मुझे पढ़ाने के लिए कहा है इसलिए मैडम पैसे नहीं लेंगी.
छोटी चाची – मेरा बेटा इतना प्यारा है कि उससे कोई पैसे ले ही नहीं सकता.
मैं – क्या चाची आप भी न!
बड़ी चाची – मीना, क्यों अवि को परेशान कर रही हो?
छोटी चाची – दीदी, मैं कहां परेशान कर रही हूँ? मैं तो अपने बेटे की तारीफ कर रही हूँ.
मझली चाची – हां, पता है तेरी तारीफ़ करना.
बड़ी चाची – अब तुम दोनों झगड़ना बंद करो.
मझली चाची – जी दीदी.
मैं – अच्छा चाची अब मैं सोने जा रहा हूँ, मुझे दोपहर को उठा देना.
बड़ी चाची – ठीक है, सो जा तू मैं तुझे उठा दूंगी.
फिर मैं अपने रूम में चला गया और इधर तीनों चाची बात करने लगीं. बड़ी चाची बोलीं – मीना, कल तेरी सहेली आई थी ना?
छोटी चाची – हां दीदी, आई थी.
बड़ी चाची – रिपोर्ट भी साथ लेकर आई थी?
छोटी चाची – हां, रिपोर्ट तो लाई थी.
मझली चाची – बता न क्या लिखा था उसमें?
बड़ी चाची – हां हां क्या लिखा था उसमें? बता न जल्दी.
छोटी चाची – वो रिपोर्ट तो मैंने जला दी.
मझली चाची – क्या बक रही है? तूने रिपोर्ट जला दी.
बड़ी चाची – मीना, तूने ये क्या किया? रिपोर्ट जला दी. कितनी मुश्क़िल से वो सेम्पल लिया था और तूने जला दिया. पागल कहीं की.
छोटी चाची – हां, सब पता है फिर भी जला दी, क्योंकि मुझे वही ठीक लगा.
बड़ी चाची – मतलब?
छोटी चाची – मैंने रिपोर्ट पढ़ी और फ़िर जला दी.
बड़ी चाची – तूने रिपोर्ट पढ़ी! बता न उसमें क्या लिखा था?
मझली चाची – बता न मीना, क्या मैं भी कभी माँ बन सकती हूँ?
बड़ी चाची – बता न मीना.
छोटी चाची – हां, हम तीनों माँ बन सकती हैं.
मझली चाची – मीना, क्या तू सच कह रही है?
छोटी चाची – हां मैं सच कह रही हूँ.
बड़ी चाची – मीना, तुझे पता नही कि तूने कितनी अच्छी खबर सुनाई है!
मझली चाची – ये झूट बोल रही है.
बड़ी चाची – क्यों मीना?
छोटी चाची – नहीं दीदी, मैं सच कह रही हूँ.
बड़ी चाची – अगर तू सच कह रही है तो फिर अब तक हम माँ क्यों नहीं बन सके?
छोटी चाची – दीदी, पहले मेरी पूरी बात तो सुन लो.
मझली चाची – हां हां, बोल न मीना, क्या है पूरी बात?
छोटी चाची – हम तो माँ बन सकती हैं पर अवि के चाचा कभी बाप नहीं बन सकते.
बड़ी चाची – क्या बोल रही है मीना तू! अगर हम माँ बन सकती हैं तो अवि के चाचा तो बाप बनेंगे ही न!
छोटी चाची – अवि के चाचा कभी भी बाप नहीं बन सकते.
मझली चाची रोते हुए बोलीं – फिर हम कैसे माँ बन सकती हैं?
बड़ी चाची – मेरे दिमाग में जो बात चल रही है कहीं तू वो तो नहीं सोच रही है.
मझली चाची – अब तुम दोनों के दिमाग में क्या चल रहा है मीना.
बड़ी चाची – मुझे लगता है मीना ये सोच रही है कि अवि के चाचा बाप नहीं बन सकते पर हम माँ बन सकती हैं. है ना मीना?
छोटी चाची – हां.
मझली चाची – तो फिर?
बड़ी चाची – मीना कह रही है कि अवि के चाचा बाप नहीं बन सकते तो क्या. हम माँ तो बन ही सकती हैं.
मझली चाची – ये क्या एक ही बात बार – बार बोल रही हो?मीना तेरा दिमाग तो खराब नहीं हुआ है?
छोटी चाची – नहीं दीदी, मेरा दिमाग खराब नहीं हुआ बल्कि आप मेरी बात नहीं समझ रही हो. दीदी, अगर हम किसी और के साथ चुदाई करें तो हम माँ बन सकती हैं.
मझली चाची थोड़ा चौंकते हुए – क्या बक रही है मीना? मुझे लग रहा है तेरा दिमाग सच में खराब हो गया है.
बड़ी चाची – मीना, तू ठीक से बोल क्या बोलना चाहती है.
छोटी चाची – देखो दीदी, अवि के चाचा कभी भी बाप नहीं बन सकते. और अगर हमने जल्दी ही कुछ नहीं किया तो शायद अवि के चाचा और एक शादी कर लें. और रही बात
ये कि अवि के चाचा बाप नहीं बन सकते ये सिर्फ हम तीनों को ही पता है अवि के चाचा को नहीं.
अब मझली चाची तुरन्त ही बोल पड़ीं – और तेरी सहेली रिया, उसे तो पता है न?
छोटी चाची – हां, उसे पता है पर वो इस रविवार को गांव छोड़कर शहर जा रही है ओर वो शहर बहुत दूर है. उसने कहा है कि अब वो कभी वापस नहीं आएगी.
मझली चाची – पर मैं अभी तक नहीं समझी हूँ कि तू कहना क्या चाहती है?
छोटी चाची – देखो दीदी, हम किसी और के साथ चुदाई कर के माँ बनेंगे पर लोगों के लिए उसका बाप अवि के चाचा ही रहेंगे.
बड़ी चाची – वो कैसे?
मझली चाची – हां हां, वो कैसे?
छोटी चाची – हम ऐसे इंसान को ढूंढेंगे जो हमे माँ बना दे और फिर ये गांव छोड़ कर चला जाए. जिससे हमें आगे जाकर कोई परेशानी न हो.
मझली चाची – लेकिन…
उनके बोलने से पहले ही बड़ी चाची बोली – भई मुझे तो मीना की बात सही लगी.
छोटी चाची – दीदी आप ज्यादा मत सोचो मैं सब संम्भाल लूंगी.
बड़ी चाची – पर अवि के चाचा?
छोटी चाची – दीदी आप ज्यादा मत सोचो, सब मुझ पर छोड़ दीजिये सिर्फ आप हां कह दीजिए बाकी का मैं समझ लूंगी.
मझली चाची – पर मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है. अवि के चाचा के साथ मैं धोखा नहीं दे सकती.
छोटी चाची – क्या दीदी, जब अवि के चाचा ने दूसरी और फिर तीसरी शादी की तब आप को दुःख नहीं हुआ. अगर अवि के चाचा फिर चौथी शादी करेंगे तब आप को अच्छा लगेगा?
बड़ी चाची – मीना, तू कुछ भी कर बस हमें माँ बना दे, मझली की चिंता तू मत कर जब वो माँ बन जायेगी न तब उसे कुछ बुरा नहीं लगेगा.
छोटी चाची – ठीक है फिर, अब मैं अपने काम में लग जाती हूँ. जल्दी ही मैं अपने बच्चों का एक दम बढ़िया बाप ढूंढ लूंगी.
मझली चाची – ठीक है, जेसे तुम दोनों ठीक समझो करो, पर जो भी करना ध्यान से करना.
बड़ी चाची – चलो जाओ अब तुम आराम करो. मैं अवि को उठा देती हूँ.
छोटी चाची – ये हुई न बात. दीदी,अब देखो मेरा कमाल!
फिर बड़ी चाची ने मुझे उठा दिया और मैं मैडम के घर की तरफ चल दिया.
इस कहानी का अगला भाग – घर का राजा भाग – 5
तो दोस्तों मेरी इस कहानी को पढ़कर कैसा लगा. आप आप मुझे जरूर मेल करें. मुझे पता है कि आप सब गर्म हो गये हो और अपने लंड को हिलाकर शांत कर रहे हो और मेरी गर्म प्यासी आंटियां, भाभियां और लड़कियां तो मस्त हो रही हैं और अपने चूत में उंगली डाल कर जल्दी – जल्दी चला रही हैं. मेरी मेल आईडी – [email protected]