घर ले जाकर अंकल ने मारी मेरी गांड

फिर अंकल ने मुझे खड़ा किया और मेरे कपड़े निकालने लगे. मैं भी उनका साथ देने लगा. हमने मेरी शर्ट निकाली और फिर मैंने अपने आप अपनी पैंट निकाल दी. अंकल ने मुझे देखा और बोले, “मेरी रानी थोड़ा सा घूम कर अपनी गांड तो दिखा…

हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम राहुल है और मैं अंतर्वासना की कहानियां रोज पढ़ता हूं. अपनी कहानी शुरू करने से पहले मैं अपने बारे में बताता हूं. मैं 28 साल का हूं. दोस्तों, मैं दिल्ली में रहता हूं और गुड़गांव जॉब करता हूं.

मैं एक प्राइवेट कंपनी में गाड़ी चलाता हूं. जहां पर मेरी अक्सर नाइट शिफ्ट होती है और मैं ज्यादातर नाइट में ही वर्क करना पसंद करता हूं. क्योंकि इस टाइम रोड पर जाम भी कम मिलता है.

मैं स्लिम हूं और अपने छाती और गांड के बाल अक्सर साफ करता रहता हूं. मुझे गांड मरवाना पसंद है. मैं नाइट शिफ्ट खत्म करके सुबह 4:00 बजे अपने घर के लिए जाता हूं.

एक दिन इसी साल जनवरी की बात है. मैं अपनी नाइट शिफ्ट खत्म करके इफको चौक पहुंचा. वहां से अक्सर मेरे को गुड़गांव से द्वारका या द्वारका मोड़ की संवरियां मिल जाती थीं, लेकिन उस दिन सैटरडे होने के कारण रात में सवारियां नहीं मिलीं.

मैं थोड़ा सा मायूस हुआ और वहीं पर चाय वाले के पास चाय पीने के लिए खड़ा हो गया. मैं चाय पी रहा था कि तभी जयपुर से एक बस आई. उसमें से 10 – 12  सवारियां उतरीं. शायद उनमें से कुछ लोग गुडगांव के थे.

लेकिन एक कोई 40 – 45 साल का बुजुर्ग वहीं खड़ा हो गया और चाय वाले से पूछने लगा कि भैया क्या यहां से द्वारका के लिए कोई बस या कैब मिलेगी? तो चाय वाले ने कहा, ‘हां मिलेगी.” फिर मेरी तरफ इशारा करते हुए चाय वाला बोला, “वह ड्राइवर जो खड़ा है, वह डेली द्वारका ही जाता है.”

उससे इतना बोल कर उस चाय वाले ने आवाज लगाई, “भैया जा रहे हो क्या द्वारका?” मैंने कहा, “हां.” और फिर मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वह मेरी तरफ आ रहे थे. मैंने उनसे पूछा कि कहां जाओगे? वह बोले कि मेरे को द्वारका मोड़ जाना है.

अब मैंने उनकी तरफ ध्यान से देखा. वह बिल्कुल 40 – 45 साल के नहीं लग रहे थे. वह 30 – 35 के उम्र के लग रहे थे. उसके बाद वह मेरी गाड़ी में बैठ गए और हम वहां से चल पड़े. आपने अक्सर सुना होगा कि ड्राइवर का लन्ड काफी लंबा और मोटा होता है, लेकिन कुछ ड्राईवर गांड मरवाना भी पसंद करते हैं. मैं भी उन ड्राइवरों में से हूं जो अपनी गांड मरवाना पसंद करता हूं.

कुछ दूरी पर चलने के बाद अंकल ने पूछा कि आप कहां रहते हो? मैंने कहा, “मैं द्वारका मोड़ से कुछ ही दूर आगे रहता हूं ” वो बोले, “ठीक है चलो.” मैं चलने लगा. कुछ दूर बाद अंकल ने फिर पूछा, ‘आपकी गाड़ी में लड़कियां भी आती हैं?’ मैंने कहा, “नहीं अंकल, मैं नाइट शिफ्ट करता हूं  नाइट शिफ्ट में कोई लड़की ऑफिस में नहीं आती.” यह सुन कर अंकल मेरी जांघ पर हाथ रख कर हंसने लगे. मैं भी उनके साथ में हंसने लगा.

फिर अंकल ने कहा, ‘सर्दी बहुत हो गई है.” मैंने कहा कि आप कहां से आए हो? तो अंकल ने कहा, “मैं जयपुर किसी काम से गया हूं. वैसे तो मैं भी दिल्ली में ही रहता हूं.”

तभी मेरे पास कॉल आई. मैंने कहा, ‘हैलो कौन?” वह बोले, “कल आओगे?” मैं समझ गया कि ऑफिस से फ़ोन है. मैंने कहा, “नहीं कल तो संडे है, मैं परसों आऊंगा.” इतना कहकर मैंने फोन काट दिया और अपने दोनों पैरों के बीच में लन्ड के पास फोन रख दिया.

अंकल को शायद मस्ती चढ़ी हुई थी. अंकल ने फोन उठाने की कोशिश की और उनका हाथ मेरे लन्ड पर स्पर्श हो गया. जिससे मेरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया. फिर अंकल ने फ़ोन नहीं उठाया और वहीं रख दिया और शरमाते हुए पूछा, “टाइम क्या हुआ है?”मैंने बताया कि सुबह के 4:30 बज चुके हैं.

अब अंकल थोड़ा सा फ्रेंडली होने की कोशिश करने लगे और कभी मेरी जांघ पर तो कभी हाथ पर अपना हाथ रख कर बातें करने लगे. मुझे थोड़ा सा शक तो हुआ, लेकिन मैंने कोई बात नहीं की.

अब अंकल बोले, “लास्ट टाइम कब आपने चूत मारी थी?” तो मैंने कहा, “चूत लेने में कहां इतना मज़ा है, जो मज़ा लन्ड लेने में है.” यह बात सुनकर अंकल को शायद शॉक लगा, लेकिन फिर अंकल जोर – जोर से हंसने लगे और फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लन्ड पर रख दिया.

उनका लन्ड सोया हुआ था. अब मैं उसे प्यार से सहलाने लगा. देखते ही देखते उनका लन्ड खड़ा हो गया तो फिर अंकल ने अपने पैंट की ज़िप खोली और अपना लन्ड बाहर निकाल लिया. उनका लन्ड देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. उनका 7 इंच  लंबा लन्ड था और बहुत सख्त भी था.

उन्होंने फिर दोबारा से मेरा हाथ पकड़ा और अपना लन्ड मेरे हाथ में थमा दिया. अब मैं उसे प्यार से सहलाने लगा. इतने में अंकल बोले, “मेरे फ्लैट पर चलोगे?” तो मैंने थोड़ा सा सोच कर जवाब दिया, “हां, चलूंगा.” फिर अंकल  मुझे अपने फ्लैट पर ले गये.

अंकल ने जा कर अपने फ्लैट को खोला. वह उस बिल्डिंग में चौथे फ्लोर पर रहते थे. काफी अच्छा फ्लैट था. फिर अंकल ने मुझे सोफे पर बैठने के लिए बोला और अंदर चले गए. कुछ देर बाद अंकल टॉवल लपेट कर बाहर आए. उनके हाथ में पानी की एक बोतल थी.

फिर उन्होंने कहा, “पानी पी लो.” तो मैंने थोड़ा सा पानी पी कर रख दिया. सर्दी के कारण कहां इतनी प्यास लगती है. मुझे तो प्यास और ही किसी चीज की लगी हुई थी. फिर अंकल मेरे साथ सोफे पर बैठ गए. कुछ देर बातें हुई. उसके बाद अंकल मेरी जांघ पर हाथ रखकर उसे सहलाने लगे और अपना टॉवल हटा दिया.

अंकल का लन्ड दोबारा से सो गया था. फिर अंकल ने पूछा चूसते भी हो क्या? मैंने हां कहा. इतने में ही अंकल ने मेरा सिर पकड़ा और अपने लन्ड पर रख दिया. मैं भी उनका लन्ड चूसने के लिए बेताब हो रहा था. फिर मैं उनके लन्ड का टोपा हटा कर चूसने लगा. थोड़ी देर में ही उनका लन्ड खड़ा हो गया तो मैं उसे लॉलीपॉप की तरह चूसता रहा.

फिर अंकल ने मुझे खड़ा किया और मेरे कपड़े निकालने लगे. मैं भी उनका साथ देने लगा. हमने मेरी शर्ट निकाली और फिर मैंने अपने आप अपनी पैंट निकाल दी. अंकल ने मुझे देखा और बोले, “मेरी रानी थोड़ा सा घूम कर अपनी गांड तो दिखा.”

मेरी गांड थोड़ी सी उभरी हुई थी. उसे देख कर वो पागल हो गए और मुझे वापस अपने घुटनों के पास बिठा लिया. अब वो दोबारा से अपना लन्ड मेरे मुंह में दे चुके थे. मैं भी उसे चूस रहा था और अंकल झुक कर मेरी गांड में अपनी उंगली डालने की कोशिश कर रहे थे पर वह घुस नहीं पा रही थी.

फिर मैं थोड़ा सा घूम गया. इससे उनका हाथ मेरी गांड के छेद तक पहुंच गया. वह अपनी उंगली मेरी गांड में देने लगे. इससे मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ. फिर अंकल ने थोड़ा सा थूक लगाकर अपनी एक उंगली मेरी गांड में पूरी डाल दी और डालते – डालते पूछने लगे कि यह तो बता दे आज तक कितने का लिया है.

तो मैंने लन्ड को मुंह से बाहर निकाल कर कहा, “बस 2 का ही लिया था. तो उन्होंने कहा, “कब लिया था.” तो मैंने कहा 8 – 9 महीने हो गए. फिर अंकल ने मुझे खड़ा किया और घोड़ी बना दिया. मैं सोफे पर ही घोड़ी बन चुका था. अब अंकल अपना लन्ड मेरी गांड के छेद पर रगड़ लगे.

फिर मैं बोला, “अंकल, रुको कंडोम तो लगा लो.” फिर मैंने अपनी जेब से कंडोम निकालकर उनके लन्ड पर लगाया और अंकल ने मुझे दोबारा घोड़ी बना दिया. फिर अंकल ने थोड़ी सी क्रीम ली और मेरी गांड पर लगाई और अपने लन्ड पर लगाई और अपना लन्ड मेरी गांड के छेद पर टिका के एक जोरदार झटका मारा.

जिससे उनका आधा लन्ड मेरी गांड में जा चुका था. अब मेरे मुंह से चीख निकल पड़ी. तो अंकल ने मेरे मुंह पर अपना हाथ रख दिया और एक धक्का और दिया. अब तो उनका पूरा लन्ड मेरी गांड में जा चुका था.

मुझे लगा शायद आज मेरी गांड में से खून निकल जाएगा. क्योंकि मैंने इतना लंबा लन्ड कभी नहीं लिया था. फिर अंकल उसी पोजीशन में 3 – 4 मिनट तक रुके रहे और फिर स्पीड बढ़ाने लगे. एक बार अंकल लन्ड को बाहर निकालते और फिर दोबारा मेरी गांड में डाल देते.

अब मुझे भी दर्द महसूस नहीं हो रहा था. तो मैं भी अंकल का साथ देने लगा और आगे – पीछे होकर उनका लन्ड अपनी गांड में लेने लगा. अब मेरी गांड खुल चुकी थी और मुझे दर्द नहीं हो रहा था. 

फिर अंकल ने मेरे दोनों पैर अपने कंधे पर रखकर अपना लन्ड मेरी गांड में डाल दिया. यह पोजीशन मेरे को सबसे अच्छी लगती है. अब अंकल की स्पीड बढ़ने लगी और पूरे कमरे में फच्च – फच्च की आवाज गूंजने लगी. मेरे मुंह से भी सिसकियां निकल रही थी. मैं आहें भर रहा था और उनसे और जोर से चोदने को कह रहा था.

अंकल बोले, “आज रंडी तेरे को मैं पूरा चोद डालूंगा, कहां थी अब तक?  तेरे जैसों के लिए तो यह लन्ड है ही. तेरी आंटी के मरने के बाद तेरे जैसों का ही तो सहारा है.” फिर अंकल की स्पीड बढ़ने लगी. करीब 20 मिनट इस पोजिशन में चोदने के बाद उन्होंने झट से मुझे सीधा किया और कंडोम निकाल कर अपना लन्ड मेरे मुंह में दे दिया.

उनका गरम माल मेरे मुंह में था और मैं लन्ड को चूसने में लगा था. इसके बाद अंकल ने मुझे सुबह 9 बजे तक तो कई बार चोदा. दो बार चोदने के बाद मेरी गांड पूरी खुल चुकी थी और इतना बड़ा होल हो गया था कि 8 – 9 इंच का लन्ड मैं आराम से ले सकता था.

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