अब हम एक दूसरे को देखने लगे और फिर गले मिले. फिर हम एक दूसरे के अंदर समाने लगे. अब मैं उसे दीवार से लगा कर किस करने लगा. इसमें वो भी मेरा साथ देने लगी. फिर हम एक दूसरे के मुंह में जीभ डाल कर किस करने लगे और फिर मैं उसके कपड़ों के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा…
हेलो दोस्तों मेरा नाम सतीश है और मैं भोपाल का रहने वाला हूँ. मैं यहां पर पिछले 4 वर्षों से रह रहा हूँ. मैंने अन्तर्वासना पर कई कहानियाँ पढ़ रखी है. जब मैं अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ता हूँ तब मेरा लंड खड़ा हो जाता है और मैं मुठ मारने पर मजबूर हो जाता हूँ.
अब मैं ज्यादा बोर न करते हुये कहानी पर आता हूँ. पहले मैं अपने बारे में बता देना चाहता हूँ. मैं 23 साल का नवजवान युवक हूँ और मेरे लण्ड का साइज़ 6 इंच है. दिखने में मैं बहुत ही सीधा – साधा लड़का हूँ और मैं पढ़ने में भी ठीक – ठाक हूँ. इसलिए मुझ पर काफी लडकियां शुरू से मरती आई हैं. अब लगता है आप बोर हो रहे हो तो मैं अब सीधे कहानी पर आता हूँ.
जब मैं 12वीं में पढ़ता था तब मेरी क्लास में एक बहुत ही खूबसूरत लड़की पढ़ती थी. उसका नाम प्रिया था. मैं उससे शुरू से ही बहुत प्यार करता था. उसका बदन 30-28-30 का था. वह पूरी क़यामत थी यार! हर लड़का उसे पटाने में लगा हुआ था. मैं भी उसे पटाने में लग गया. मैंने इधर उधर से उसका मोबाइल नंबर पता कर लिया और फिर फोन पर हमारी बातें होने लगीं. हम रोज बातें करते थे और अब हम एक दूसरे के बिना बात किये नहीं रह पाते थे.
एक दिन मैंने उससे अपने प्यार का इजहार कर दिया और उसने मुझसे सोचने के लिए टाइम माँगा. मैं समझ गया कि अब तो ये पट गयी. फिर दूसरे दिन सुबह उसने हां बोल दिया. अब तो हम एक दूसरे से बहुत ज्यादा प्यार करने लगे थे. अब हमारा घूमना – फिरना, मिलना – जुलना बहुत ज्यादा होने लगा.
अब हम एक दूसरे के बिना एक पल भी नहीं रह सकते थे. फिर मैं एक दिन उससे सेक्स की बातें करने लगा. इसमें उसे भी धीरे – धीरे इंटरेस्ट आने लगा था. फिर एक दिन हम मिले और मैं उसे अपने दोस्त के रूम पर ले गया. वहां मैंने अपने दोस्त को आँख मारी और वो हमें अकेला छोड़ कर बाहर चला गया.
अब हम एक दूसरे को देखने लगे और फिर गले मिले. फिर एक दूसरे के अंदर समाने लगे. मैं उसे दीवार से लगा कर किस करने लगा. इसमें वो भी मेरा साथ देने लगी. अब हम एक दूसरे के मुंह में जीभ डाल कर किस करने लगे और फिर मैं उसके कपड़ों के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा.
इससे वो भी गरम होने लगी. फिर मैंने उसकी टी शर्ट निकाल दी. अब मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके ऊपर आकर किस करने लगा. मैं उसे जोर – जोर से किस कर रहा था. अब मैंने उसका जीन्स भी निकाल दिया. जिससे अब वह सिर्फ ब्रा और पैंटी में आ गई.
अब मैं नीचे आकर उसकी चूत के ऊपर हाथ घुमाने लगा था. जिससे वो सिसकियां ले रही थी और आह्ह्ह ओह्ह की आवाजें निकाल रही थी. अब मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत पर मुंह रख दिया और मुंह से उसकी चूत दबाने लगा.
अब उससे रहा नहीं जा रहा था. वो बहुत ही ज्यादा गरम हो गयी थी. इसी दौरान उसने मेरे कपड़े कब उतार दिए मुझे पता ही नहीं चला. अब मैंने भी उसकी ब्रा और पैंटी निकाल फेंकी. अब हम दोनों पूरी तरह नंगे थे. इस सिचुएशन में उसे बहुत शर्म आ रही थी और मुझे भी हल्की शर्म आ रही थी क्योंकि यह हम दोनों का ही पहली बार था.
वो अपने पैरों को सिकोड़ कर अपनी चूत को छुपा रही थी और अब मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख दिया. उसे देख कर उसने बोला कि इतना बड़ा मेरी चूत के अंदर कैसे जायेगा और फिर वह हाथ से उसे सहलाने लगी. अब मेरी भी सास तेज होने लगी थी और फिर मैं उसके ऊपर आकर उसके बूब्स को मुंह में लेकर चूस रहा था और दूसरे को हाथ से दबा रहा था.
उसकी सास बहुत तेज़ होने लगी थी और फिर मैं नीचे आकर चूत को चूसने वाला था तो उसने मना कर दिया और बोली कि गन्दी जगह है, मत करो ऐसा. मेरा भी पहली बार था तो मुझे भी कुछ अजीब सा लग रहा था, इसलिए मैंने रहने दिया. अब मैं भी उसको लण्ड को मुंह में लेने के लिए नहीं बोल सकता था तो मैंने सोचा कि अब डालना ही सही रहेगा.
फिर मैं उसके ऊपर आ गया और किस करने लगा. फिर उसने बोला कि अब डालो न, अब रहा नहीं जाता है. मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था तो फिर मैंने लण्ड को उसकी चूत पर सेट किया और दबाव देने लगा लेकिन वो फिसल गया. फिर मैं तेल लाया और अपने लण्ड और उसकी चूत में लगा दिया और उसको बोला कि तुम सेट करो.
उसने जैसे ही सेट किया मैंने एक धक्का दिया और लण्ड का टोपा अंदर चला गया. उसे दर्द होने लगा तो उसने मेरी कमर को हाथ से पकड़ लिया और तड़पने लगी. मुझसे उसकी ये हालत देखी नहीं गयी और मैंने उसे बोला कि मैं निकाल रहा हूँ. तो उसने मुझे रोक दिया और कहा कि तुम मेरी चिंता मत करो. तुम डालते रहो फिर मैंने एक और धक्का दिया. अब आधे से ज्यादा लण्ड अंदर चला गया और उसकी आंखो से आंसू आने लगे.
उसने चूत पर हाथ लगा के देखा तो उसके हाथों में खून लग गया. उसका दर्द मुझसे देखा नहीं जा रहा था. अब मैं थोड़ी देर रुक कर उसे किस करने लगा. थोड़ी देर बाद जब वह शांत हुई और नीचे से कमर हिलाने लगी. तो मैं भी अब अंदर बाहर करने लगा. अब वो कामुक सिसकियां ले रही थी और कह रही थी, “आह्ह और जोर से करो, हां ऐसे ही करते रहो. बस ये दिन यहीं पर रुक जाये पर अपनी चुदाई ख़त्म न हो.” तो मैं बोला – हां, तो ले और ले.
अब मैं धक्के पे धक्के दिए जा रहा था. अब उसे भी मज़ा आ रहा था. उसकी बाते मुझे और उत्तेजित कर रही थी और मैं जोर – जोर से उसकी चूत में अपना लण्ड डाल रहा था. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. तभी उसका निकल गया और 10 मिनट की चुदाई में अब मेरा भी निकलने वाला था और फिर मेरा भी पानी छूट गया और मैंने अपना पानी उसके पेट पर डाल दिया.
अब मैं निढाल होकर उसके ऊपर लेट गया. थोड़ी देर हम ऐसे ही लेटे रहे. थोड़ी देर बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और फिर से धक्कम पेल चुदाई शुरू हो गयी. उस दिन मैंने उसे चार बार चोदा. मैं हर बार पिछले बार से ज्यादा समय लेकर चुदाई करता रहा. फिर हमने एक दूसरे को रुमाल से साफ किया. मेरी रुमाल हम दोनों के वीर्य से उस दिन पूरी गीली हो गयी थी. फिर वो मेरी रुमाल धोने के लिए लेकर घर चली गयी.
रात को जब उससे मेरी बात हुई तो उसने बताया कि उसकी चूत सूज गयी है और उससे चलते भी नहीं बन रहा है. दोस्तों बाद में फिर मैंने उसकी गाण्ड भी मारी. लेकिन वो कहानी कभी और बताऊंगा. लेकिन अब हम दोनों साथ नहीं है और मैंने एक साल से सेक्स नहीं किया है. अब मुझे उसकी बहुत याद आती है.
आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी जरूर बताएगा. मैं आपके मेल का इंतजार करूँगा. यह मेरी पहली कहानी है, इसलिए अगर कोई गलती हो तो माफ़ कर देना और अपने सुझाव मुझे अवश्य लिखिएगा.
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