गर्लफ्रेंड ने दिया सरप्राइज बर्थडे गिफ्ट

मेरी गर्लफ्रेंड को मेरे किस करने से कोई ऐतराज न था. लेकिन वह इससे आगे नहीं बढ़ने देती थी. एक दिन मैंने उससे मेरे जन्मदिन पर सेक्स के लिए कहा तो उसने साफ मना कर दिया. जिससे मैं नाराज़ ही गया. फिर जिस दिन मेरा जन्मदिन था वो अचानक ही मेरे पास आ गई और वो सबकुछ हुआ जो मैं करना चाहता था…

हेलो दोस्तों! मेरा नाम नवीन है और आज मैं आप लोगों को अपने जीवन का पहला सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूं. उम्मीद करता हूं कहानी के रूप में प्रस्तुत मेरा यह अनुभव आप लोगों को पसंद आएगा.

जिस लड़की के साथ मैंने सेक्स किया उनका नाम दिव्या है. दिव्या के बारे में बस इतना ही बताना चाहूंगा कि उसको देख के कोई भी अपने लंड पर काबू नहीं रख सकता.

अब आप लोगों का ज्यादा समय ख़राब न करते हुए मैं सीधे कहानी पर आता हूं. दिव्या मेरी पहली गर्लफ्रेंड थी और हम दोनों को जब भी मौका मिलता था तो किसिंग कर लेते थे, लेकिन कभी इसके आगे नहीं बढ़े. उसने कभी मुझे अपने बूब्स तक टच नहीं करने दिया.

मैं उससे हमेशा रिक्वेस्ट करता था लेकिन वो मेरी बात नहीं मानती थी. एक बार मैंने जबर्दस्ती करने की कोशिश की तो उसने रिश्ता खत्म कर देने की धमकी दे डाली.

बात तब की है, जब मेरा 22वां जन्मदिन आने वाला था. एक दिन मैंने उससे बोल दिया कि मैं अपने जन्मदिन पर तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूं प्लीज, मान जाओ!लेकिन वो नहीं मानी और गुस्सा होकर चली गयी. फिर मैंने भी उससे बात नहीं की. मेरे जन्मदिन वाले दिन सुबह से मैं बहुत रोया और उसे मिस किया.

शाम में मैं अपने घर पर था. करीब 5 बजे मेरे घर की डोर बेल बजी. मैंने दरवाजा खोला तो आश्चर्य चकित रह गया. सामने दिव्या खड़ी थी. उस टाइम उसने लाल कलर का ढीला टॉप और ब्लैक कलर की हाफ जीन्स पहन रखा था. उस दिन वह बहुत खूबसूरत लग रह थी. मैं उसे देखता ही रह गया.

फिर वह मेरे पास आई और उसने मुझे लगे लगा लिया और फिर वहीं दरवाजे पर ही खड़े – खड़े चूमने लगी. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था. तभी अचानक वह धकेल के मुझे अंदर ले आई और दरवाजा लॉक कर दिया.

यह देख अब मुझे भी कुछ – कुछ समझ आने लगा था. फिर मैंने उससे कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे आज मेरी जान पूरे मूड में है. यह सुन कर वह मुस्कुरा दी. फिर मैंने उसे अपनी ओर खींचा और गले से लगा कर उसके गालों पर किस करने लगा.

दिव्या बोली – अरे मेरा पागल बच्चा, सिर्फ गाल पे ही किस किए जा रहे हो, ये लिप्स किस काम के लिए है! उसके मुंह से इतना सुनते ही फिर मैंने अपने होंठ उसके लिप्स पर रख दिया और चूमने लगा.

दोस्तों, ये सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था, इस वजह से मैं खुद जो रोक नहीं पा रहा था. फिर मैंने तुरंत उसके सारे के सारे उतार कर उसे नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया.

उसे नंगे देख अब तो मेरा खुद पर कंट्रोल ही नहीं रहा. फिर मैंने उसके दोनों बूब्स को एक – एक हाथ से पकड़ लिया और हाथ से दबाने लगा. थोड़ी देर ऐसा करने के बाद फिर मैंने उसके एक बूब्स को अपने मुंह में भर लिया और पीने लगा. साथ ही एक बूब्स को हाथ से मसल भी रहा था. मैंने बारी – बारी से उसके दोनों बूब्स के साथ ऐसा ही किया.

मेरे ऐसा करने से वह बहुत उत्तेजित हो रही थी. थोड़ी देर बाद वो बोली – बेबी, मुझे भी तो कुछ पीने दो! इतना बोल कर फिर वो नीचे बैठ गयी और मेरा लंड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.

वह मस्ती में मेरे लंड को हिलाते हुए चुसाई कर रही थी. करीब 5 मिनट तक ऐसे ही चलता रहा. फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए. अब मैं उसकी गुलाब की तरह कोमल और गुलाबी बुर के अंदर जीभ डाल कर उसका रस पान करने लगा.

अव हम दोनों इतने उत्तेजित हो गए थे कि कंट्रोल ही नहीं हो रहा था. जल्दी ही दिव्या की उत्तेजना अपने चरम पर पहुंच गई और वह बोली – डार्लिंग, अब प्लीज मुझे छोड़ो, अब नहीं रहा जाता है.

उसके मुंह से यह सुन कर मैंने कहा – हां जान, अब मुझसे भी नहीं रुका जा रहा है. अब मैं और भी आगे बढ़ना चाहता हूं. इतना कहने के बाद फिर मैंने उसकी चूत पर से मुंह उठाया और सीधा होकर उसे लिटा दिया.

इसके बाद मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया रख दिया और फिर बगल में रखी तेल की शीशी उठा कर उसकी चूत में ढेर सारा तेल लगा दिया. चूंकि ये सब इतना अचानक हुआ कि कंडोम वगैरह लेने का मौका ही नहीं मिला. इसके बाद फिर मैंने अपने लंड पर भी ढेर सारा तेल लगाया. ऐसा इसलिए किया ताकि उसे ज्यादा दर्द न हो.

इतना करने के बाद मैंने उसको थोड़ा सा चूमा और फिर अपना लंड उसकी चूत पर सेट करने लगा. लंड चूत के छेद पर लगाने के बाद मैंने हल्का सा एक धक्का दिया और इस धक्के की वजह से मेरा आधा लंड उसकी चूत में आधा घुस गया.

दिव्या को तेज दर्द हुआ और वह, “आआह नवीन आह, प्लीज इसको जल्दी बहार निकलो, नहीं तो मैं मर ही जाऊंगी. बहुत तेज दर्द हो रहा है”. मुझे भी ये पता था कि उसे दर्द हो रहा है इसलिए मैं कुछ देर के लिए रुक गया और उसके बूब्स सहलाने लगा.

थोड़ी देर बाद उसका दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने धीरे – धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए. कुछ देर बाद मैंने तेजी से एक और झटका लगाया और इस झटके के साथ ही मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया.

मेरे इस धक्के की वजह से उसकी सील टूट गई और चूत से खून भी निकलने लगा. उसे बहुत तेज जलन सी हुई और वह चिल्ला कर लंड बाहर करने के लिए कहने लगी. लेकिन मैं नहीं रुका बल्कि अब और तेजी के साथ धक्के लगाने लगा.

कुछ देर बाद जब उसकी उसकी चूत कुछ ढीली हुई तो वह भी मज़े से उछलने लगी और चुदाई का भरपूर मज़ा लेने लगी. इस तरह हमने करीब 25 मिनट तक जम के चुदाई की और फिर उसकी चूत में ही झड़ गया. अब तक उसकी चूत 3 बार पानी छोड़ चुकी थी. फिर मैं थक के उसके ऊपर लेट गया.

उसे मेरे यहां आए हुए डेढ़ घंटे हो गए थे और शाम के 6:30 बज रहे थे. इसलिए इसलिए वो उठी और फ्रेश हो कर अपने घर चली गई. उस दिन के बाद से हमने कई बार सेक्स किया. हमें जब भी मौका मिलता है हम एक – दूसरे की प्यास बुझा लेते हैं.

ये मेरी पहली कहानी थी, इसे लिखने में हो सकता है मुझसे कई गलतियां हुई हों. उसके लिए माफी चाहता हूं. कहानी कैसी लगी, मुझे कमेंट करके जरूर बताएं.

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