गर्लफ्रेंड ने जन्मदिन पर दिया चूत का उपहार

उसके मुंह से ऐसे शब्द सुन कर मैं तो अचंभित हो गया. फिर मैंने उसे हर जगह चूमना शुरू कर दिया, जिससे वो आहें लेने लगी. कुछ देर तक उसे ऊपर चूमने के बाद मैंनें उसे कपड़े उतारने को कहा. उसने तुरंत ही अपने कपड़े उतार दिए और मैं उसके ऊपर आ गया…

हेल्लो प्यारी रस भरी चूत के दीवानों और लौड़ों की प्यासी शेरनियों! मैं कॉल बॉय आप सब को सलाम करता हूं. मैं चाहता हूं कि मैं अपनी कहानी शुरू करूं उससे पहले मैं आप लोगों को अपने बारे में कुछ बता दूं.

मैं एक नॉर्मल सा दिखने वाला लड़का हूं. मैं ज्यादा स्मार्ट नहीं दिखता पर फिर भी काफी ठीक हूं. मेरे लण्ड का साइज 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मुझे लडिकयों से दोस्ती करना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन मेरी सबसे बड़ी समस्या यह है कि लड़कियों से बात करने में मेरी फटती भी बहुत है. अब ज्याादा समय ना लेते हुए मैं अपनी कहानी पर अाता हूं.

एक बार मैं और मेरा एक दोस्त उसकी गर्लफ्रेंड से मिलने गये हुये थे. तो उसकी गर्लफ्रेंड के साथ उसकी एक सहेली भी आई हुई थी. जब मेरे उस दोस्त की गर्लफ्रेंड ने हमारा परिचय उससे कराया तो पता चला उस लड़की का नाम निहारिका है. दोस्तों वो लड़की दिखने में तो एकदम किसी अंग्रेज की औलाद की तरह लग रही थी. कुल मिला कर वह बहुत ही सुन्दर और सेक्सी थी. उसे देख कर उसको पाने के लिए मेरी तो लार टपकने लगी थी.

इसलिए मैंने मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड से पूछा – क्या ये अभी सिंगल है?

तो उसने मुस्कुरा कर मुझसे कहा – हां, फिलहाल अभी तक तो यह सिंगल ही है, देखते हैं कब तक सिंगल रहती है?

मैंने भी उसके भाव को समझते हुए उससे कहा – तो मेरी ही सेटिंग करा दो.

तो उसने कहा – ठीक है, मैं कोशिश करूंगी.

मैंने ऱिक्वेस्ट करने के अंदाज में उससे कहा – हां कोशिश जरूर करना.

जब मेरा दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड से मिल चुका और उनका काम हो गया तो उस दिन मैं अपने दिल में उस लड़की की तस्वीर को लेकर वापस अपने घर आ गया. मैं सारी रात उसके ही बारे में सोचता रहा और उसके बारे मे सोच – सोच कर और उसके फिगर को याद करके उस रात में मैंने दो बार उसके नाम की मुठ भी मारी.

कुछ दिनों के बाद मेरे पास एक नए मोबाइल नम्बर से कॉल आई. मैंने जैसे ही फोन उठाया, दूसरी तरफ से एक बहुत ही प्यारी सी आवाज आई – हेल्लो! क्या मैं अवी से बात कर सकती हूं?

मैंने कहा – जी हां, मैं ही अवी हूं. आप कौन?

उधर से बड़ी ही प्यारी आवाज में उसने कहा – मैं निहारिका हूं.

उस समय मेरी तो जैसे लॉटरी ही निकल गई हो. मैं तो ख़ुशी के मारे फूला नहीं समाया. फिर मैंने खुद पर कंट्रोल किया और उससे बात करने लगा. उससे बात करने के दौरान बातों ही बातों में मैंने उससे पूछ लिया कि क्या आप मुझसे दोस्ती करोगी. तो उसने भी हां कर दी और तब से हम दोनों फोन पर ही बहुत सी बातें करने लगे.

शुरू के कुछ दिन ऐसे ही नॉर्मल बातों में निकल गए. फिर एक दिन बहुत हिम्मत करके मैंने उससे कहा – निहारिका, मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूं और तुमसे ही शादी करना चाहता हूं. मेरे मुंह से यह सुनते ही उसने बड़े प्यार से कहा – अवी, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं.

बस फिर क्या था, मैं तो अगले दिन ही उसके पास पहुंच गया और उसे अच्छे से प्रपोज कर दिया और उसने भी मुझे स्वीकार कर लिया. अब क्या था अब से हम और भी ज्याादा बातें करने लगे.

कुछ दिनों बाद मेरा जन्मदिन आ गया तो निहारिका ने मुझसे पूछा – अवी, तुझे क्या गिफ्ट चाहिए?

मैंने कहा – मुझे तो बस तू चाहिए.

तो उसने कहा – अजा फिर, ले जा मुझे.

जिस दिन मेरा जन्मदिन था, उस दिन सुबह ही मैं उसके घर पहुंच गया. क्योंकि उस दिन उसके घर वाले 2 दिन के लिए बाहर गये हुए थे. मैंने जैसे ही डोर बेल बजाई निहारिका ने दरवाजा खोला. उसे देख कर मैं तो पागल ही हो गया था. उसने शार्ट और मिनी स्कर्ट डाल रखी थी. जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. मैं दरवाजे पर ही खड़े – खड़े करीब 10 सेकंड तक उसे देखता ही रह गया, मेरा पूरा ध्यान उस पर ही था. तभी उसने चुटकी बजाई और कहा – हेल्लो अवी, कहां खो गए? मैं चौंका और फिर उसने मुझे अंदर आने को कहा और हम दोनों अंदर आ गए.

अंदर पहुंचते ही हम दोनों ने कस कर एक – दूसरे को गले लगाया और उसने मुझे जन्मदिन की बधाई दी. मैंने उससे पूछा – मेरा गिफ्ट? तो उसने अपने दोनों हांथों को फैलाया और कहा – तुम्हारे सामने है. मैंने उसे पकड़ कर उसके होठों पर एक जोरदार किस किया और वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठों को चूसने लगी.

तभी उसने कहा – बाबू रूम में चलते हैं. तो मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और फिर हम उसके रूम में आ गये. मैंने उसे उसके बेड पर लिटाया और फिर उसे फिर किस करने लगा. मैंने अपना एक हांथ उसके चूचों पर फ़ेरना चालू कर दिया. जिससे वो शर्मा गई और हँसने लगी.

तभी मैंने कहा – गिफ्ट हो तुम मेरी अब ऐसा नहीं कर सकती.

तब उसने कहा बाबू – मैं तो तुम्हारी ही हूं, चाहे जैसे चोद लो तुम्हारी मर्जी.

उसके मुंह से ऐसे शब्द सुन कर मैं तो अचंभित हो गया. फिर मैंने उसे हर जगह चूमना शुरू कर दिया, जिससे वो आहें लेने लगी. कुछ देर तक उसे ऊपर चूमने के बाद मैंनें उसे कपड़े उतारने को कहा. उसने तुरंत ही अपने कपड़े उतार दिए और मैं उसके ऊपर आ गया.

फिर मैंने उसकी चूत पर अपना लंड सेट किया और लंड से चूत को रगड़ने लगा. वो जोर – जोर से आहह आहह कर रही थी. लंड रगड़ने से उसकी चूत में एकदम गीली हो गई. अब मैंने मौका देख कर एक ही झटके में उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया. उसे बहुत दर्द और वह जोर ये चीख पड़ी, लेकिन फिर अगले ही पल वह शांत हो गई. उसकी आंखों से आंशू बहते रहे लेकिन अब वो चीख नहीं रही थी.

कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और वह उछल – उछल कर लंड चूत में लेने लगी. इस तरह करीब 10 मिनट तक मैंने उसकी चुदाई की और फिर मैं जोर से उसको पकड़ कर उसकी चूत में ही झड़ गया. मेरे धार की गर्मी की वजह से वह भी झड़ने लगी. इससे पहले वह दो बार झड़ चुकी थी. अब हम दोनों बहुत ही खुश थे. फिर मैंने उसके लिए अनवांटेड – 72 दवा लाकर दी.

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी. आप लोगों को कैसी लगी? मेल करके जरूर बताएं.

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