मेरी पहले भी दो गर्लफ्रेंड रही थीं लेकिन कभी मैंने सेक्स नहीं किया था. एक बार मुझे फेसबुक पर एक लड़की मिली, जिससे मेरी रिलेशनशिप आगे बढ़ गई. फिर एक गर्मी की छुट्टियों में हमने साथ में ही घर जाने का निश्चय किया और एक ही ट्रेन में टिकट कराया. इसके बाद हमारा वासना भरा सफर शुरू हो गया…
आप सभी को मेरे खड़े लंड का प्रणाम! अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है और इस कहानी की मदद से मैं यह बताऊंगा कि किस तरह सेक्स की दुनिया से मेरा परिचय हुआ.
वैसे तो मैं यह सब पहले ही पढ़ और देख चुका था पर खुद करके महसूस नहीं किया था. दोस्तों, मैं हमेशा से ही बहुत ही उत्तेजित रहा हूं और बहूत कम उम्र में ही पॉर्न देखना शुरू कर दिया था. पॉर्न देखने के साथ ही साथ मैं मुठ भी मारने लगा था.
मेरा नाम हरि है और पुणे में जॉब करता हूं. ये कहानी तब की है, जब मैं कॉलेज में थर्ड ईयर में था. इस कहानी की नायिका हनी है, जिससे मेरी पहचान फ़ेसबुक के माध्यम से हुई. वो बहुत ही खूबसूरत और पूरी तरह से भरी – पूरी लड़की थी. उसका फिगर 32 30 32 का था. उसकी फ़ोटो देख कर ही मैं उसके बड़े – बड़े बूब्स का दीवाना बन गया था.
हनी से पहले भी मेरी दो गर्लफ्रेंड्स थी. लेकिन उनके साथ सेक्स चैट, फोन सेक्स और कपड़ों के ऊपर से बूब्स दबाने से अलावा कुछ और नहीं हो पाया था.
फेसबुक पर जुड़ने के बाद हनी से हमारी बातें शुरू हुई. पहले हमारे बीच बातें कम ही होती थीं. बाद में हमने मोबाइल नम्बर एक्सचेंज कर लिया और फिर धीरे – धीरे बात बढ़ने लगी और इस तरह हम दिन – रात बात करने लगे.
ऐसे ही एक रात बात करने के दौरान मैंने उसे प्रपोज़ कर दिया. पहले तो नखरे करने लगी लेकिन फिर मान गयी. अब हमारे बीच सेक्स चैट होने लगा. ऐसे ही चल रहा था. हमने कई बार मिलने का प्लान बनाया लेकिन मिल नहीं पाए.
काफ़ी दिनों के बाद आखिर हमें पहली बार मिलने का मौका मिल ही गया. चूंकि वो हमारे शहर की ही थी और यहीं पुणे में रह कर पढ़ाई करती थी. इसलिए गर्मी की छुट्टियों में हमने साथ में घर जाने का प्लान बनाया और टिकट करवा लिया.
इसके साथ ही अपनी ट्रिप पर जाने से पहले हमने मूवी देखने का निश्चय किया. उस टाइम बेशरम मूवी लगी और थियेटर खाली था. यह देख कर मैंने अपने मंसूबों में कामयाब होने के लिए कॉर्नर सीट बुक करा ली थी.
हम टाइम पर थियेटर में पहुंच गए. मूवी शुरू हुई. काफी मूवी बोरिंग थी, इसलिए हम आपस में बातें ही कर रहे थे. बात करते – करते मैंने उससे कहा कि मेरा मन किस करने को हो रहा है तो उसने माना कर दिया. फिर जब मैंने कई बार कहा तो उसने अपने होंठ आगे कर दिए. फिर मैं भी उसकी ओर बढ़ा और बस हम पागलों की तरह एक – दूसरे को चूमने लगे.
अब मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी. फिर मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और दबाना चालू कर दिया. मेरे ये करने पर भी अब वो कुछ नहीं बोली, बस मज़े लेने लगी. इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गयी. अब मैं जोर – जोर से उसके बूब्स दबाने लगा. जिससे वो जोर – जोर से सिसकियां लेने लगी.
बहुत मज़ा आ रहा था दोस्तों. फिर कुछ देर बाद हम न चाहते हुए भी अलग हो गए. इतना होने के बाद मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था और अब तो ये पक्का हो गया था कि कुछ ना कुछ तो कर के ही वापस जाना है.
इसके बाद फिर मैंने अपना हाथ पीछे करके उसके कंधो पर रखा और फिर सरकाते हुए धीरे – धीरे नीचे ले जाने लगा. अब मैं अपना हाथ उसकी शर्ट के अंदर डाल दिया और उसकी ब्रा तक पहुंच गया. उसने इसका कोई विरोध नहीं किया तो मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा.
फिर मैंने थोड़ी और हिम्मत करते हुए अपनी एक उंगली उसकी ब्रा के अंदर घुसा दी और उसके निपल्स से खेलने लगा. अब वो भी उत्तेजित होने लगी और अपना हाथ मेरे लंड पर रख हाथ फेरने लगी.
थोड़ी देर ऐसा करने के बाद उसने कहा कि पिक्चर बोरिंग है, चलो बाहर चल कर बियर पीते हैं. फिर हमने मूवी बीच में ही छोड़ कर बाहर निकल गए. रात हो चुकी थी तो हमने बियर की कैन ली और उस माल के पीछे अंधेरे कोने में रुक कर उसे झट से खत्म किया और फिर एक – दूसरे से लिपट गए. हम एक – दूजे को ऐसे चूम रहे थे जैसे खा जाएंगे.
मैं उसी बीच उसके बूब्स और गांड दोनों को तबीयत से सहला रहा था. उधर वो भी मेरे लंड को सहला रही थी. चूंकि हमें ट्रेन पकड़ने के लिए देर हो रही थी इसलिए हमें उतने पर ही रुकना पड़ा. बीच में बंद करने की एक और वजह थी वो ये कि उस टाइम मेरे पास उसे ले जाने के लिए कोई कमरा नहीं था. अगर होता तो हम ट्रेन छोड़ देते और रूम में जाकर मज़े लेते.
फिर हमने ट्रेन पकड़ी और अपनी – अपनी सीट पर बैठ गए. इसके बाद हम बातें करते रहे और सबके सोने का इंतज़ार करते रहे. हमारी दोनों सीटें ऊपर वाली थीं तो जैसे ही सारी लाइट्स ऑफ हुई वैसे ही हम ऊपर चढ़े और एक ही बर्थ पर लेट गए. इसके बाद चादर ओढ़ कर हमने अपना काम शुरू कर दिया.
जगह कम थी तो हम बस चुपके – चुपके ही कर रहे थे. दोस्तों, मेरा पहली बार था तो मैं लगातार किस करने लगा. इसके बाद मैंने पहले उसकी शर्ट के बटन खोल दिए और फिर पीछे से उसकी ब्रा के हुक भी खोल दिए.
इसके बाद उसने भी मेरी जीन्स की ज़िप खोल कर उसे नीचे कर दिया. अब मैं उसके बूब्स चूसने लगा और वो अपना हाथ मेरी चड्ढी में डाल कर मेरे लंड से खेलने लगी.
कुछ देर ऐसा करने पर उसने कहा कि मैं भी तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूं लेकिन उल्टा हो कर अगर हमने ऐसा किया तो किसी को शक हो जाएगा. बात सही भी थी इसलिए हमने ये नहीं किया.
हम ऐसे ही करते रहे. रात काफी हो गई थी. थोड़ी देर में हमें नींद आने लगी थी तो उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और जोर – जोर से हिलाना शुरू कर दिया. मैं समझ गया कि ये मुठ मार कर मुझे शांत करना चाहती है ताकि हम चैन से सो सकें. लेकिन शायद उसे मेरी हालत खराब होने पर मेरे हाव भाव देखने में मज़ा आने लगा था.
वो जोर – जोर से लंड हिलाती रही और मेरे चेहरे को देखती रही. मुझे देख कर जब उसे लगता कि मेरा छूटने वाला है तो वह रुक जाती. ऐसे ही करीब मिनट तक वो मुझे चरम सीमा तक लाती और फिर छोड़ देती. मेरी तो हालत भूखे शेर जैसी हो गई थी. मज़ा बहुत आ रहा था दोस्तों.
एक बार फिर वो मुझे ऊंचाई तक ले गयी पर इस बार रुकी नहीं. लगातार मुठ मारती रही. कुछ ही देर में मैंने अपना सारा माल बहार निकाल दिया. दोस्तों, उस दिन जितना ज्यादा माल निकला था, उतना आज तक कभी नहीं निकला था. थोड़ा सा उसके हाथ पर भी गिरा बाकी उसने चड्ढी से साफ कर दिया और जो उसके हाथ पर था उसे वो बड़े ही कमसिन तरीके से चूस गई और फिर मुझे किस करने लगे. मेरे माल का टेस्ट उसके मुंह में था, किस करने पर मेरे होंठों पर भी उसका टेस्ट लगा. हल्का नमकीन सा टेस्ट था पर उसमें भी बहुत मज़ा आया.
फिर हम सो गए. सुबह जब उठे तो अपने स्टेशन पहुंच चुके थे. फिर वहां उतर कर हम अपने – अपने रास्ते निकल गए. लेकिन उस दिन मुझे ये यकीन हो गया था कि जल्द ही मैं उसके साथ अपनी वर्जिनिटी खोने वाला हूं. बाद में मैंने वो खोई भी लेकिन वो कहानी फिर कभी. ये कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताइएगा. मेरी मेल आईडी – [email protected]