गर्लफ्रेंड को छत पर चोदा

यह कहानी मेरी और मेरी बचपन के दोस्त की है. हम साथ – साथ ही बड़े हुए थे. एक बार मैं किसी बात पर उससे नाराज़ हो गया था. फिर मुझे मानने के चक्कर में वो मुझसे चुद गई…

मेरा नाम जय है और मैं नागपुर में रहता हूँ. मेरे लण्ड का साइज 7 इंच है और लंड बहुत ही हट्टा – कट्टा है. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. यह मेरी सच्ची कहानी है. उम्मीद है आप सब को पसंद आएगी.

दीप्ति, जो कि मेरी हम उम्र है और मेरे घर के बिल्कुल बगल वाले घर में रहती है. मेरा जब भी मन करता है तब मैं उसे चोद लेता हूँ. हमारी यह रासलीला कब शुरू हुई मुझे खुद पता ही नहीं चला. लड़ते – लड़ते कब हम अच्छे दोस्त बन गये हमें पता ही नहीं चला.

दीप्ति दिखने में बहुत गोरी है. उसके होठ गुलाबी हैं. वज बिल्कुल कटरीना कैफ़ की तरह लगती है. उसका फिगर 34 28 32 का है और वह बहुत ही सेक्सी है. जो भी एक बार उसे देख ले फ़िसल जाए.

यह बात तब की है जब हम दोनों ने जवान हुए थे. मेरी उम्र 20 के आसपास थी और उसकी 18 साल. हम दोनों बचपन से एक – दूसरे के साथ खेलते, पढ़ते और बातें करते थे. हम दोनों को अकेले और एक साथ काफ़ी देर तक बातें करना पसन्द है. हम दोनों की छत एक साथ जुड़ी हैं और छ्त पर एक – एक कमरे भी हैं. लेकिन छ्त पर हवा अच्छी लगती है इसीलिए हम दोनों एक साथ बाहर छत पर ही बातें करते थे और जब नींद आती तो अपनी – अपनी छ्त पर ही सो जाते थे.

हम दोनों के घर वाले नीचे ही कमरों में सोते हैं. ऐसे में रात को हम दोनों के अलावा छ्त पर कोई और नहीं आता था. हम लोगों को खुद नहीं पता था कि हम दोनों के दिलो – दिमाग में क्या चल रहा है.

एक बार हम दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया. इस पर मैंने उससे बात करना बन्द कर दिया और छ्त पर भी सोना बन्द कर दिया. चूंकि उसे मेरी बातों की आदत पड़ गयी थी इसलिए वो मुझे रोज मनाती लेकिन मैं नहीं मानता था. मैं केवल ये देखना चाह रहा था कि जो आग मेरे अन्दर जल रही है वो उसके अन्दर भी है कि नहीं! पर आग तो दोनों ओर बराबर लगी थी.

एक दिन मैं अकेले ही अपनी छत पर आकर लेट गया और सो गया. उस समय दीप्ति छत पर बने अपने कमरे में थी. उसको नींद नहीं आ रही थी तो वो भी छ्त पर आ गयी. फिर जब उसने मुझे छ्त पर देखा तो वो मेरे पास आकर बैठ गयी और मुझे जगाने लगी. लेकिन मैं नहीं जागा.

फिर दीप्ति मेरे बगल में ही पीठ करके लेट गयी. उसने नाइट सूट पहन रखा था. तभी अचानक मैंने आंख खोल के देखा तो दीप्ति की शर्ट कमर के ऊपर उसके पेट तक आ गयी थी. फिर मैंने दीप्ति की कमर पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगा.

मेरे ऐसा करने पर वो मेरी तरफ़ पलट गयी और रोते हुए बोली – तुम मुझसे नाराज मत हुआ करो मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. इतना कह कर उसने मेरे होंठ से अपने होंठ मिला दिए और मुझे जबरदस्त तरीके से किस करने लगी. फिर मैं भी उसे किस करके उसका साथ देने लगा. ऐसा लग रहा था जैसे कि हम बहुत दिनों से प्यासे हों.

हम दोनों एक – दूसरे को बाहों में भर कर काफ़ी देर तक ऐसे ही चूमते रहे. इसके बाद मैंने धीरे से अपना हाथ दीप्ति की शर्ट के अन्दर डाला और पेट को छूते हुए उसकी चूची पर रख दिया. अब मैं दीप्ति की चूची दबाने लगा.

दीप्ति ने अन्दर ब्रा पहनी हुई थी. फिर मैंने उसकी शर्ट ऊपर करके ब्रा के हुक को खोल दिया और दीप्ति की चूची को बिल्कुल नंगी कर दिया. सफेद दूध जैसी चमक रही उसकी चूची अब मेरे सामने थी. हालांकि अंधेरा होने की वजह से मैं दीप्ति की चूचियों को ठीक से देख नहीं पा रहा था. उसकी नंगी चूचियों को देख कर मुझसे कंट्रोल न हुआ. फ़िर मैंने अपना मुंह उसकी एक चूची पर रखा और चूसने लगा. मैं बारी – बारी से दीप्ति की दोनों चूचियों को चूसता और चाटता जा रहा.

थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ दीप्ति के लोवर में डाल दिया. अंदर हाथ करके मैंने देखा कि उसकी पैन्टी काफ़ी गीली हो चुकी थी. अब तक हम दोनों बहुत गर्म हो चुके थे लेकिन छ्त पर अंधेरा होने की वजह से हम इस खेल का पूरा मजा नहीं ले पा रहे थे.

तभी मैंने दीप्ति को उसी हालत में अपनी गोद में उठाया और छ्त वाले अपने कमरे में ले गया. फिर लाइट जला कर मैंने उसे अपने बेड पर लिटा दिया. इसके बाद हम फ़िर से हम एक – दूसरे को चूमने लगे. चूमते – चूमते मैंने दीप्ति की शर्ट के सभी बटन खोल कर शर्ट और ब्रा को उसके जिस्म से अलग कर दिया.

अब मैंने पहली बार उसकी नंगी चूचियां देखी जो कि लाइट में एक दम साफ़ और सफ़ेद दिख रही थीं. उन्हें देखते ही मैं फ़िर से दीप्ति की चूचियों को चूसने लगा. तभी दीप्ति बोली – तुम भी तो अपने कपड़े उतारो. इस पर मैंने कहा कि तुम्हीं उतार लो.

फिट दीप्ति ने मेरे सारे कपड़े उतार के मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरे लण्ड के साथ खेलने लगी. दीप्ति ने पहली बार किसी मर्द के को अपने हाथ में लिया था. फ़िर मैंने भी उसकी लोवर और पैन्टी को उतार के उसे पूरा नंगा कर दिया.

इसके बाद मैंने देखा तो पाया कि उसकी चूत एक दम गुलाबी थी. बिल्कुल वैसी ही जैसे कि अंग्रेज लड़कियों की होती है. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं थे. मैंने भी पहली बार उसकी चूत के दर्शन किए थे.

हम दोनों ने पहली बार एक – दूसरे को नंगा देखा था. फिर हमने एक – दूसरे को अपनी बाहों मे भर लिया. नंगे बदन की गर्मी ने हम दोनों के अन्दर आग सी लगा दी थी. फ़िर मैंने उसकी चूत पर अपना मुंह रखा और चाटने लगा.

दीप्ति की चूत एक दम चिकनी थी और ऐसा लग रहा था जैसे चाटने के लिये ही बनी हो. अब मैं दीप्ति की चूत चूसता और चाटता जा रहा था. मेरे ऐसा करने पर उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं. उसकी सिसकियां सुन कर मुझे और भी मजा आ रहा था.

फ़िर मैंने अपना लण्ड उसके मुंह में देने लगा. पहले तो वो मना कर रही थी लेकिन फ़िर मान गयी. अब हम 69 की पोजीशन में थे. वो मजे से मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था. चूंकि ये हम दोनों का पहली बार था तो जल्दी ही झड़ गये. मैंने अपने लण्ड का पानी उसके मुंह में और उसने अपनी चूत का पानी मेरे मुंह में छोड़ दिया. दीप्ति की चूत का पानी इतना मजेदार था कि म उसकी चूत का पूरा पानी चाट गया.

अब दीप्ति से बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रहा था और वो भी अपनी चूत चुदवाने के लिये पूरी तरह तैयार थी. वह कह रही थी कि मेरी चूत में अपना लण्ड डालो और कस के मुझे चोद दो मेरे राजा, मैं कब से तुमसे चुदवाना चाहती हूँ. वह कह रही थी – अब मुझे और मत तड़पाओ, मुझे सारी रात चोदो और चोद – चोद मेरी चूत को फ़ाड़ दो.

उसकी यह बात सुन कर फिर मैंने भी अपना लण्ड दीप्ति की गुलाबी चूत पर रखा और एक जोरदार झटका मारा तो मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में चला गया. इससे उसकी चीख निकल गयी और वो लण्ड बाहर निकालने को बोलने लगी.

दोस्तों, मेरे इस झटके से उसके चूत की सील टूट गयी थी और चूत से खून आने लगा था. दीप्ति की चूत में काफी दर्द हो रहा था. लेकिन फ़िर भी मैंने उसकी चूत से अपना लण्ड नहीं निकाला और उसके मुंह में मुंह रख कर उसकी चीखें दबाने लगा और उसके होंठों को चूसते – चूसते अपना लण्ड उसकी चूत में धीरे – धीरे अन्दर – बाहर कर रहा था.

कुछ देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी थी. अब मैं उसके गुलाबी होंठों और चूचियों को चूस रहा था और उसकी गुलाबी चूत को चोदे जा रहा था. करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों दूसरी बार झड़ गये. मैंने अपना पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसकी चूत में अपना लण्ड डाले – डाले ही उसकी चूचियों को चूसने लगा.

फिर मैंने उसके और उसने मेरे शरीर का हर एक अंग चाटा. उस रात मैंने दीप्ति को अलग – अलग पोजीशन में 4 बार चोदा. हम दोनों रात भर नंगे पड़े रहे और कस के चुदाई की. आज जब भी हमें मौका मिलता है तो मैं दीप्ति की गुलाबी चूत को बिना चाटे और चोदे छोड़ता नहीं हूँ.

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