मगर अब मैं कहाँ मानने वाला था. फिर मैंने जैसे – तैसे कर के उसे मना लिया और फिर मैंने उसे मेरा लन्ड अपने मुंह में लेने को बोला तो वह बोली इसे मुंह में लेना मुझे गंदा लगता है. मैंने एक – दो बार उसे बोला तो वो मान गई. अब तो उसको भी मज़ा आने लगा था. अब वो मेरे लन्ड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी और मैं खड़ा – खड़ा लन्ड चुसवा रहा था…
इस कहानी का पिछला भाग – गुलाब को कली से फूल बनाया भाग – 1
उसने टाइट जींस और टीशर्ट पहनी हुई थी. अब मैंने बिना देर किए धीरे – धीरे उसके बदन का एक – एक कपड़ा खोल दिया. अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी और इस अवस्था में वह मुझे बहुत ही मस्त लग रही थी. उस समय वह बिल्कुल गुलाब जैसी लग रही थी.
फिर मैंने गुलाब की चूत देखी. उसकी चूत एक दम से सील पैक थी. अब मैं क्या करूं? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था. क्योंकि गुलाब का भी और मेरा भी, हम दोनों का ये पहला सेक्स था. मैंने इंग्लिश मूवीज तो कई बार देखी थी, मगर आज मेरे सामने एक नंगी लड़की लेटी थी.
मैं क्या करूं ये सोच ही रहा था कि गुलाब ने बोला – अब मुझसे इंतजार नहीं हो रहा है, कुछ करो वरना मैं तड़प – तड़प के मर जाऊंगी.
फिर सबसे पहले मैंने गुलाब की चूत को चाटना शुरू किया. जिससे गुलाब बिना पानी की मछ्ली की तरह तड़पने लगी. अब गुलाब को मज़ा आने लगा था. करीब 5 मिनट तक उसकी चूत चाटने के बाद मैंने गुलाब को मेरे कपड़े खोलने को बोला. अब वो समझ गयी थी कि आज उसकी चूत चूद कर रहेगी.
जब उसने पैंट खोल कर मेरा लन्ड पैंट से निकाला तो वह देखती ही रह गई. मेरा लन्ड 10 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. उसे देख कर गुलाब ने साफ मना कर दिया और बोली – मुझे नहीं करना है सेक्स. मैं बिना सेक्स के ही ठीक हूँ.
मगर अब मैं कहाँ मानने वाला था. फिर मैंने जैसे – तैसे कर के उसे मना लिया और फिर मैंने उसे मेरा लन्ड अपने मुंह में लेने को बोला तो वह बोली इसे मुंह में लेना मुझे गंदा लगता है. मैंने एक – दो बार उसे बोला तो वो मान गई. अब तो उसको भी मज़ा आने लगा था. अब वो मेरे लन्ड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी और मैं खड़ा – खड़ा लन्ड चुसवा रहा था.
करीब 6-7 मिनट तक लन्ड चूसने के बाद वो बोली – अब बिल्कुल भी नहीं रहा जाता. प्लीज़, अब चोद दो न, नहीं तो मैं मर जाऊँगी.
फिर मने भी बिना देर किए पहले गुलाब के बूब्स चूसे और फिर उसके ऊपर लेट गया और फिर मैंने अपना लन्ड गुलाब की चूत पर रखा ही था कि वो बोली – प्लीज़, धीरे करना नहीं तो दर्द बहुत होगा.
मैंने हिन्दी पोर्न फिल्में देखी थीं. उसमें लड़का, लड़की की चूत पर चोदने से पहले तेल लगता है. इसलिए मैं भी जल्दी से किचन में गया लेकिन मुझे तेल मिला नहीं तो मैं घी ले आया और गुलाब की चूत पर मल दिया. फिर धीरे से मैंने अपना गुलाब की चूत में डाला ही था कि गुलाब रोने लगी. जब मैंने पूछा तो वह बोली – दर्द बहुत तेज हो रहा है.
फिर मैं बोला – सॉरी, अब धीरे – धीरे डालूँगा.
फिर मैंने उसको किस किया और उसका ध्यान किस पर लगा दिया और एक ही झटके में अपना आधा लन्ड उसकी चूत में ड़ाल दिया. अब गुलाब बहुत ज़ोर से रो रही थी. इसलिए मैं रुक गया. अब उसने कहा – नहीं, प्लीज़ अब रहने दो, बहुत दर्द होता है. मुझे नहीं करना है. मुझे तो कोई सेक्स अब कभी नहीं करना है. प्लीज, बस करो.
अब मैंने सोचा, ‘ऐसे तो यार बना बनाया काम अधूरा रह जाएगा’. फिर मैंने उससे बोला – अच्छा ठीक है, नहीं करूँगा. बस किस तो कर लेने दे.
तो वह बोली – सिर्फ किस.
मैंने कहा – ठीक है.
मगर मैंने सोच लिया था कि किस करते – करते अपना पूरा लन्ड गुलाब की चूत में डालना है. फिर हम 2-3 मिनट तक किस करते रहे. जब गुलाब का ध्यान किस पर था तब मैंने मौका देख कर गुलाब की चूत में पूरा लन्ड पेल दिया.
अब वो अपने नाख़ून मेरी पीट में चुभाने लगी. जिससे मुझे बहुत दर्द हो रहा था मगर मैंने फिर भी हार नहीं मानी और पूरा लन्ड गुलाब की चूत में डाल दिया. उस टाइम जो दर्द मुझे हो रहा था उस से कई गुना ज्यादा दर्द गुलाब को हो रहा था. मगर वो कर भी क्या सकती थी? उसकी चूत मेरे बस में थी.
फिर मैंने एक बार अपना लन्ड उसकी चूत से निकाल कर देखा तो मेरे होश ही उड़ गये. क्योंकि गुलाब के चूत की सील टूटने से खून निकल रहा था और मेरा लन्ड उसके खून से पूरा लाल हो गया था. अब गुलाब बेहोश सी होने लगी थी. जिससे मैं डरने लगा. मैंने सोचा न जाने क्या हो गया. कहीं ये मरने वाली तो नहीं है. चूत गुलाब की फटी थी पर अब गांड़ मेरी फटने लगी. लेकिन फिर भी मैंने हिम्मत कर के गुलाब की चूत में लन्ड पेलना चालू रखा.
उधर गुलाब दर्द के मारे रो रही थी लेकिन मैं बिना रुके ज़ोर – ज़ोर से उसको चोद रहा था. जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो गुलाब मुझे गाली देने लगी और फिर बोली – बहन चोद, आज चोद ही डाला ना मुझे. बहुत दर्द हो रहा है यार!
फिर मैं बोला – टेंशन मत कर, अभी दर्द हो रहा है थोड़ी देर में मज़ा भी खूब आएगा.
बाद में हुआ भी वही. अब उसको मज़ा आने लगा था और अब वो भी अपनी चूत उठा – उठा कर लंड पूरा अंदर लेने लगी. मगर जब लन्ड पूरा अंदर जाता तब गुलाब के चेहरे के भाव से मुझे पता चल जाता था कि उसको बहुत दर्द हो रहा है.
फिर करीब 20-25 मिनट तक जम के चुदवाने के बाद गुलाब बोली – मेरी चूत से कुछ निकल रहा है.
दोस्तों, वो गुलाब की चूत का पानी था. अब मेरा भी पानी निकलने वाला था तो मैंने गुलाब से बोला तो वो बोली – मेरी चूत में ही डाल दो. कुछ नहीं होगा.
फिर मैंने भी अपना सारा माल उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया. अब हम दोनों थक चुके थे और उसकी चूत से निकले खून के कारण मेरे बेड की मां – बहन एक हो गयी थी.
अब गुलाब को प्यास लगी तो वह जब पानी पीने को उठी तो उससे उठा ही नहीं गया. जब मैंने सहारा देकर उठाया और गुलाब ने अपनी चूत देखी तो वह डर गयी और मुझसे बोली – अब क्या होगा? जब मम्मी पापा को इसके बारे में पता चलेगा तो पता नहीं क्या होगा?
फिर मैंने उससे बोला – क्यों डरती हो? हम दोनों के अलावा इस बारे में और कौन जनता है?
मेरे इतना बोलने से उसका डर कुछ कम हुआ. फिर वो पानी पीकर आ गयी. अब मैंने फिर से उसे किस करना चाहा तो उसने मना कर दिया और बोली – प्लीज़, अब मत करना. अब मेरी और हिम्मत नहीं है.
तो मैंने कहा – गुलब्बो, अब बस एक बार अपनी गांड़ भी मार लेने दो.
लेकिन गांड़ मारने के लिए उसने साफ़ मना कर दिया और बोली – नहीं, बिल्कुल नहीं. जब चूत में इतना दर्द हुआ है तो गांड़ का छेद तो चूत से भी छोटा है, उसमें बहुत दर्द होगा. नहीं प्लीज़, मैं नहीं करने दूँगी. इतना तेज मुझसे सहा नहीं जाता.
फिर मैंने कहा – बस एक बार डाल लेने दो फिर तुरन्त ही निकाल लूँगा. कसम से कहता हूँ.
अब वो मान गयी. मगर उसको कहां पता था कि मैं उसकी पूरी गांड़ मारे बिना कैसे छोड़ सकता हूँ? फिर गुलाब उल्टा लेट गयी और मैंने उसकी गांड़ पर थोड़ा सा घी लगाया और लन्ड डालने लगा. जिस पर वो बोली – प्लीज़, एक बार डाल के छोड़ देना.
तो मैंने कहा – ठीक है यार.
लेकिन मैं अपना पानी निकाले बिना उसे कैसे छोड़ सकता था. उसकी गांड़ तो उसकी चूत से भी मस्त थी. फिर एक ही झटके में मैंने पूरा का पूरा लंड गुलाब की गांड़ में घुसा दिया. जिससे गुलाब चिल्ला उठी और बोली – मैंने मना किया था न कि पूरा मत डालना. मगर तुम्हें मुझ पर ज़रा सा भी रहम नहीं आता. कितना दर्द होता है तुम क्या जानो?
मगर मैंने उसकी एक न सुनी और बस उसको चोदता गया. फिर थोड़ी देर बाद गुलाब को भी गांड़ मरवाने में मज़ा आने लगा. मगर दर्द की वजह से वो अब भी तड़प रही थी. मगर उसकी गांड़ में मेरा लन्ड होने की वजह से इसके सिवा औऱ कर भी क्या सकती थी.
हमारा ये कार्यक्रम पूरी रात चला. कभी उसकी चूत तो कभी गांड़ की ठुकाई ठीक से हुई. सुबह में गुलाब ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. मगर क्या बोलूँ यार, उस दिन बड़ा मज़ा आया. गुलाब जब घर जाने लगी तो मैंने एक किस और करने को बोला वो जाते – जाते मुझे एक किस कर गयी.
उसके बाद हमने कई बार चुदाई की लेकिन वो सब फिर कभी बताऊंगा. आशा करता हूँ आप सबको मेरे पहले सेक्स की यह कहानी अच्छी लगी होगी. आगे कभी टाइम मिला तो मैं फिर आप सब के बीच एक नई स्टोरी के साथ लौट के ज़रूर आऊंगा.
आप सब को मेरी यह कहानी कैसी लगी. मुझे आप मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आइडी – [email protected]