इतना बोल कर फिर वह मुझे किस करने लगी. जिससे मेरा लन्ड पैंट में हलचल करने लगा. लेकिन जब मैंने उसे किस करना चाहा तो उसने मना कर दिया और अपने रूम में चली गयी. तब मैंने सोच लिया कि अब कैसे भी कर के गुलाब को अपने नीचे लाना है और इसकी मस्त चूत को चोद कर इसका भोसड़ा बनाना है…
हेलो दोस्तों! मेरा नाम मन्नू है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ. अभी मैं पढ़ाई कर रहा हूँ और अभी मैं बी.ए. थर्ड ईयर का स्टूडेंट हूँ. आज मैं आप लोगों को मेरे साथ घटित हुई अपनी पहली सेक्स घटना के बारे में बताना चाहता हूं.
मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती है. न सिर्फ वो मेरे पड़ोस में रहती थी बल्कि वह मेरे ही कॉलेज में भी पढ़ती थी. उसका नाम गुलाब (बदला हुआ नाम) है. दिखने वो बिल्कुल हिरोइन सोनाक्षी जैसी है. वह एक दम गोरी – चिट्टी और बहुत सुंदर है. उसके बारे में और क्या बोलूँ बस इतना ही काफी है, वो एक दम मस्त माल है जो भी एक बार देख ले बस देखता ही रह जाए. मगर वो किसी भी लड़के से बात करना पसंद नहीं करती थी. उसको अपने गोरे बदन का बहुत घमंड था.
जब वह चलती थी तो क्या मस्त लगती थी! मैं उसको रोज़ देखता था और उसको देख – देख कर, उसके बारे में सोच – सोच कर मैं रोज अपने हाथों से अपने लन्ड को हिला कर अपना माल निकाल देता था. मैंने कई दफा सोचा कि इसको बोल दूं कि मैं तुमको बहुत अधिक पसंद करता हूँ. मगर मेरी हिम्मत ही नहीं हो रही थी.
मुझे डर लगता था कि कहीं वह मम्मी – पापा को इस बारे में ना बोल दे. क्योंकि अगर मेरे मम्मी – पापा को मेरे बारे में ऐसा कुछ सुनने को मिला तो मेरी जोरदार पिटाई होना सुनिश्चित था. लेकिन दोस्तों, एक कहावत है ‘ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं’. यही मेरे साथ भी हुआ. एक दिन गुलाब को मुझसे कुछ काम पढ़ गया. उस काम के सिलसिले में वो मेरे पास आई. फिर मैंने उसका वो काम कर दिया. जिसकी वजह से हम दोनों का आपस में बोलना – चालना शुरू हो गया.
धीरे – धीरे हम दोनों काफी घुल – मिल गए. अब तो आलम ये था कि हम रोज़ मिलते, आपस में ढेर सारी बातें करते और हम साथ – साथ कॉलेज भी जाने लगे थे. अब मेरी तो मानो निकल पड़ी. मैं भी ऐसे ही मौके की तलाश में था. एक दिन मैंने गुलाब को बिना कपड़ों के देख लिया. इससे पहले मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं गुलाब को चोदूंगा. मगर उस दिन से मेरा दिमाग खराब हो गया.
अब मैं रोज़ गुलाब को नहाते हुए देखता. फिर एक दिन हिम्मत करके मैंने गुलाब को ये बता दिया तो उसका जवाब सुन कर मेरे तो होश ही उड़ गये. वो बोली – मुझे सब पता है, मैं ही रोज़ तुम्हें दिखाने के लिए ऊपर नहाने आती थी.
फिर थोड़ा रुक कर वो बोली – अच्छा बताओ, मेरा जिस्म कैसा है?
यह सुन कर मैंने कहा – एक दम जान लेती हो यार।
तो वो बोली – फिर इतने दिन से वेट क्यों करवा रहे हो? पास क्यों नहीं आते?
अब मैं बोला – मैं कुछ समझा नहीं.
तो वो बोली – इतने भी भोले मत बनो.
इतना बोल कर फिर वह मुझे किस करने लगी. जिससे मेरा लन्ड पैंट में हलचल करने लगा. लेकिन जब मैंने उसे किस करना चाहा तो उसने मना कर दिया और अपने रूम में चली गयी. तब मैंने सोच लिया कि अब कैसे भी कर के गुलाब को अपने नीचे लाना है और इसकी मस्त चूत को चोद कर इसका भोसड़ा बनाना है.
वो कहते हैं न कि अगर कुछ करने की सोचो तो सब हो जाता है. ऐसा ही अपने साथ भी हुआ. मेरे भाभी के चाचा जी का देहांत हो गया तो मेरे मम्मी – पापा, भैया – सिस्टर सब भैया के ससुराल चले गये. उस टाइम मेरी भाभी जी पेट से थी इसलिए भाभी अपने घर नहीं जा सकीं. इसलिए मम्मी ने गुलाब को भाभी के साथ सोने को बोल दिया.
इसी दिन का तो मुझे बरसों से इंतजार था. शाम को भाभी ने खाना बनाया हम सब ने मिल कर खाना खाया और फिर थोड़ी बहुत बात करने लगे. मैंने टीवी ऑन कर दिया और फिर हम तीनों टीवी देखने लगे. भाभी पेट से थी इसलिए वो ज्यादा देर टीवी नहीं देख सकीं और अपने रूम में चली गईं.
अब कमरे में बस मैं और गुलाब ही थे. हम दोनों थोड़ी देर तक टीवी देखते रहे और फिर मैंने गुलाब को किस करने के लिए बोला तो वो पहले तो मना करने लगी. लेकिन जब मैं नहीं माना तो वो मान गई. लेकिन उसने एक शर्त रख दी थी कि सिर्फ एक किस और किस के अलावा कुछ भी नहीं. इस शर्त पर मैं मा गया.
फिर क्या था हम एक – दूसरे को किस करने लगे. किस करते – करते मैंने मौका देख कर गुलाब के बूब्स को भी दबा दिया. जिस पर वो थोड़ा नाराज हो गई और बोली, “मैंने बोला था न, हम सिर्फ किस करेंगे और कुछ भी नहीं”. तो मैंने उसे सॉरी बोला और इसके बाद हम फिर से किस करने लगे.
हम करीब 5 मिनट किस करते रहे. इस दौरान किस की वजह से गुलाब गर्म हो गई. तो मैंने इसका फ़ायदा उठाया और किस करते – करते फिर से उसके बूब्स दबा दिए. लेकिन अब इस बार गुलाब ने कुछ नहीं बोला. जिससे मैं समझ गया कि अब अपना काम बन गया.
फिर मैंने गुलाब को अपनी गोद में उठाया और अपने रूम में ले जाने लगा तो वो मना करने लगी. फिर मैंने एक – दो बार थोड़ा और जोर देकर बोला तो फिर वह मान गयी. फिर मैंने उसको ले जा कर अपने बेड पर लिटा दिया और अब हम फिर से एक – दूसरे को किस करने लगे.
किस करते – करते मैंने गुलाब के पूरे शरीर को छू लिया था लेता न तो उसने इस बात का बुरा माना और न ही इसके लिए उसने मुझे कुछ कहा. अब मैंने सोच लिया कि आज तो गुलाब गयी काम से. आज तो अब मैं इसकी चूत को फाड़ कर ही दम लूंगा.
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इस कहानी का अगला भाग – गुलाब को कली से फूल बनाया भाग – 2