होनहार और चुदक्कड़ मेरी बीवी

अब मैंने धीरे – धीरे सोनिया के हाथ को मसलना चालू किया. मेरे लंड की हालत तो खराब हो रही थी. मेरे दोनों तरफ चूत थी. फिर मैंने एक हाथ अनु के स्तन पर और एक हाथ सोनिया के स्तन पर रख दिया. इधर मेरा लंड बाहर आने को तड़प रहा था…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम कुमार है और मैं 24 साल का हूँ. मेरा शरीर ठीक – ठाक है और लंड का साइज भी जितना होना चाहिए उतना है. मैं राजस्थान के एक छोटे से शहर का रहने वाला हूँ और अभी नौकरी करता हूँ.

आज मैं अपने की जीवन की पहली सच्ची कहानी प्रस्तुत कर रहा हूं. उम्मीद है आप लोगों को पसंद आएगी. मेरी शादी आज से 3 साल पहले हुई थी. मेरी पत्नी काफी सुंदर है. उसका फिगर (32-28-32) भी मस्त है. अभी उसकी उम्र 22 साल है और उसका नाम अनु है. अनु मुझे बहुत प्यार करती है और मेरी हर बात मानती है. मैं भी उसको पूरा प्यार देता हूँ.

शादी के 2 साल तक हमारी सेक्स लाइफ बहुत अच्छी चल रही थी. हम सफ्ताह में लगभग 4 बार सेक्स करते थे. फिर धीरे – धीरे चोदते वक्त मैं मेरी पत्नी के साथ दूसरी चूत के बारे में भी बात करने लगा. मैं उसको कहता कि मैं ग्रुप सेक्स करना चाहता हूं तो वो मना नहीं करती और बोलती कि कर लेना मैं देखूंगी. ऐसे ही 5 – 6 महीनों तक चलता रहा.

फिर मेरी चचेरी बहन (परिवर्तित नाम सीमा) की शादी फिक्स हो गयी. इसलिए हमें गांव जाना था. मैं, अनु और मेरे घरवाले सभी शादी वाले घर पहुंच गए. मैं और सीमा अच्छे दोस्त थे तो उसने मुझे सभी से मिलवाया. सीमा के ताऊ के एक लड़के था. उसकी पत्नी बला की खूबसूरत, पतली और सुंदर नैन नक़्श वाली थी.

सीमा ने हमारा एक – दूसरे से परिचय करवाया. उसका नाम सोनिया था. हमने एक – दूसरे को नमस्ते किया और थोड़ी बहुत बात की. बात करने के दौरान मैं बार – बार उसके स्तन की तरफ देख रहा था. उसने ये बात नोटिस कर ली. अब उसका भी बात करने का तरीका मुझे कुछ अलग सा लगा.

फिर पूरे दिन हमारी नज़रें मिलती रहीं. यह देख मैंने सोच लिया कि ये तो पक्का चुदवायेगी. रात को मैं और मेरी पत्नी कमरे में आ गये. शादी गेस्ट हाउस में थी तो कमरों की कोई दिक्कत ही नहीं थी.

कमरे में आते ही मैंने अनु को गोद में उठाया और एक चुम्मी दी. इसके बाद उसको जल्दी से कपड़े खोलने को बोला. फिर हमने जल्दी से कपड़े खोल दिए. चोदते समय मैंने उस भाभी के बारे मैं पत्नी को बताया तो वो बोली, “ठीक है, कल अपने पास सुला लेंगे उसको.”

फिर मैंने अनु की मस्त चुदाई की. तब वो बोली कि कल मैं आपको उसका दोस्त बनाती हूं और फिर हम तीनों मस्ती करेंगे. उस भाभी को सोचने के कारण एक बार होने के बाद मैंने पत्नी की फिर से चुदाई की और सो गये.

अगले दिन उठा तो मैं शादी के काम-काज में व्यस्त हो गया. मैंने एक दो बार नोटिस किया तो मेरी पत्नी और वो बातें करते हुए मिलीं. रात को सभी ने खाना खाया. फिर कमरे में आया तो देखा मेरी पत्नी, सीमा और सोनिया सभी बैठे बातें कर रही थीं. फिर मैं भी बैठ गया.

हमारे बीच हंसी – मजाक चलता रहा और कब रात के बारह बज गये पता ही नहीं चला. फिर मैंने अनु को इशारा किया कि सो जाओ तो वो उनसे बोली कि चलो अब सो जाते हैं सुबह बहुत काम है.

कमरा बड़ा था तो सभी वहीं सो गये. बेड पर एक तरफ मैं फिर अनु और उसके बाद सोनिया सो गयी. सीमा वहीं नीचे सो गयी. नीचे भी गद्दे लगे हुए थे. थोड़ी देर बाद मैंने अनु को बोला कि मुझे बीच में आने दो तो वो मेरी साइड आ गयी और मैं बीच में आ गया. फिर मैंने धीरे से अनु के कान में बोला, “आगे बढूँ?”. तो उसने हाँ कह दिया.

अब मैंने धीरे – धीरे सोनिया के हाथ को मसलना चालू किया. मेरे लंड की हालत तो खराब हो रही थी. मेरे दोनों तरफ चूत थी. फिर मैंने एक हाथ अनु के स्तन पर और एक हाथ सोनिया के स्तन पर रख दिया. इधर मेरा लंड बाहर आने को तड़प रहा था.

सोनिया की तरफ से पूरा रिस्पोंस आ रहा था. फिर मैंने धीरे से अनु के कान में कहा कि वो तैयार है. इतना कह कर मैंने मेरा हाथ सोनिया की चूत पर बढ़ाया. उसकी छोटी सी चूत पूरी तरह से गीली हो रखी थी. उसकी चूत पर छोटे – छोटे बाल उगे हुए थे. अनु को तो सब पता ही था, लेकिन सोनिया सोच रही थी कि अनु सो गई है.

अब मैंने उसकी चूत के दाने को मसलना चालू कर दिया और कपड़े के ऊपर से उसके निप्पल को भी चूसने लगा. अब वो पूरी तरह से उतेजित हो गयी. वो धीरे – धीरे सिसकारियां ले रही थी.

फिर मैंने सोनिया का हाथ मेरे लंड पर रख दिया. वो लंड मसल रही थी कि तभी मैंने धीरे से अनु का हाथ भी मेरे लंड के ऊपर रख दिया. दोनों का हाथ टकराया तो प्रियंका ने पहले सोचा कि ये मेरा हाथ है.

फिर जब अनु ने धीरे – धीरे उसके हाथ को मसला तो उसको पता चल गया कि ये तो अनु का हाथ है तो उसने अपना हाथ हटा लिया और मुझे बोली, “ये क्या है तो मैंने उसको समझाया कि अनु को सब पता है और वो तैयार है.” फिर वो नहीं समझी बोली कि ये गलत है तो मैंने अनु को बोला कि तुम इसे समझाओ.” फिर वह बड़ी मुश्किल से मानी.

अब मेरे लंड पर दोनों का हाथ था और मेरे दोनों हाथ उन दोनों की चूत पर थे. दोनों की चूत बुरी तरह पानी छोड़ रही थी. दोनों के लंड सहलाने से मैं जल्दी ही रस्खलित हो गया. अब मैंने दोनों का हाथ एक – दूसरे की चूत पर रखा और मैं दोनों के स्तनों को दबाने और बारी – बारी से दोनों के निप्पल चूसने लगा.

मेरा लंड तो फिर से तैयार हो गया. अब सोनिया बोली, “मुझसे अब नहीं रहा जा रहा है. लंड डाल दो मेरी चूत में.” अब मैं सोनिया के ऊपर आ गया और अनु सोनिया के एकदम पास आ गयी.

फिर मैंने लंड सोनिया की चूत पर रखा और धीरे से अंदर डाल दिया. उसने सिसकारियां लेनी शुरू कर दी. अब मैं सोनिया की चुदाई कर रहा था और अनु उसके निप्पल चूस रही थी. मुझे असीम आनन्द की प्राप्ति हो रही थी. फिर मैंने अनु को कहा तुम अपनी चूत सोनिया के मुंह के पास ले जाओ. अनु ले गई और सोनिया अनु की चूत को चाटने लगी.

अब पूरा कमरा दोनों की सिसकारियों से गूंज रहा था. कुछ देर में ही अनु झड़ गयी. करीब 10 मिनट की दनादन चुदाई के बाद मैं और सोनिया भी झड़ गये. मैंने अपना पूरा माल सोनिया की चूत में ही डाल दिया. फिर मैं निढाल होकर काफी देर तक वैसे ही पड़ा रहा. तभी सोनिया बोली, “अपनी पत्नी की चुदाई तो करो.”

यह सुनकर मैंने कहा, “महाराज को वापस तैयार तो होने दो.” थोड़ी देर बाद सोनिया के हाथों का स्पर्श पाने से लंड फिर से तैयार हो गया. अबकी बार मैंने अनु की चुदाई की और अनु ने सोनिया की चूत को चाटा. चुदाई में अनु जल्दी ही झड़ गयी.

फिर मैंने सोनिया की फिर से चुदाई की. 20 मिनट बाद मैं भी झड़ गया. अब तो मैं पूरी तरह से थक चुका था. फिर मैंने समय देखा तो रात के 3 बज रहे थे. इसके बाद तीनों उठे और साथ में पेसाब करके फिर वापस आकर सो गये.

फिर अगले दिन कुछ मेहमान और आ गये थे इसलिए फिर शादी तक कोई मौका नहीं मिला. इस चुदाई के लिए मैंने अनु को थैंक्स कहा तो वो बोली, “आपकी खुशी के लिए सब कुछ, पर कभी मुझे धोखा मत देना.” मैंने वादा किया नहीं दूंगा. चुदाई के दौरान हम भूल गए थे कि मेरी कजिन भी बीजील में सोई हुई है. उसके साथ क्या हुआ वो बाद में बताऊंगा.

तो दोस्तों, ये थी मेरी सच्ची कहानी. मैं कोई लेखक नहीं हूँ इसलिए कोई गलती हुई हो तो क्षमा करना. कहानी कैसी लगी जरूर बताइये. मेरी ईमेल आईडी – [email protected]

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