जन्मदिन की पार्टी बनी चुदाई पार्टी

निखिल की जन्मदिन की पार्टी कई मायनों में मेरे लिए यादगार थी. एक तो ये मेरे बेस्ट फ्रेंड का बर्थडे था, दूसरे उस हसीं शाम को एक अजनबी हसीना से मुलाकात. वो रात मेरे लिए नसीबों वाली रात थी. मेरी हर इच्छा मेरे मन में आते ही पूरी हो जा रही थी………………………..

हैलो दोस्तो मेरा नाम सैमी है. मै दिल्ली मे रहता हूँ. मेरी उम्र 23 साल है. मै 3 साल से अन्तर्वासना की कहानियों का नियमित पाठक हूँ. ये मेरी पहली कहानी है.

दोस्तों! ये कहानी है मेरी और मेरी दोस्त की। बात उस समय की है जब मै अपने दोस्त निखिल के घर उसके जन्मदिन पर गया था. बहुत सारे मेहमानों के बीच मुझे वहाँ एक लडकी मिली. वो भी जन्मदिन की पार्टी मे आई थी. उसने नीले रंग की स्लीवलेस ड्रेस पहनी थी. गोरी देह पर उसे ये ड्रेस काफी फब रहा था. बिलकुल राजकुमारी लग रही थी. उसे देखकर ऐसा लगा की भगवान ने बड़ी फुरसत से बनाया है.

तभी मेरे दोस्त निखिल ने मुझे आवाज दी और मेरा ध्यान उससे हटा, पर दिल नही. उसके बाद सारे मेहमान एक जगह इकठ्ठा हो गए. मैं उस हसीं लड़की के बगल में खड़ा हो गया. फिर निखिल ने केक काटा और पार्टी शुरू हो गई. डांस की धुन वाले गाने बजने शुरू हो गए. मैं भी अच्छा डांस कर लेता हूँ. निखिल के जोर देने पे मैं डांस करने लगा. मैंने देखा वो लड़की मुझे ही या यूँ कहें मेरे डांस को देख रही थी. शायद प्रभावित भी थी और थोड़ा थोड़ा थिरक भी रही थी.

मैंने मौके का फायदा उठाया और उस लडकी के पास जाकर उससे डांस के लिए पूछा तो उसने हाँ कर दी. फिर हम दोनों साथ मिल के डांस करने लगे. उसने अपना नाम रिया बताया. स्लिम फिगर वाली रिया भी अच्छा डांस कर रही थी. डांस करते वक़्त हम दोनों के जिस्म कई बार एक दूसरे से छू जाते. जब भी उसके जिस्म का कोई हिस्सा मेरे संपर्क में आता तो मुझे अन्दर ही अन्दर एक अजीब सी सनसनाहट महसूस होती.

डांस करते- करते पता ही नही चला कि कब रात के एक बज गए. जल्दी-जल्दी हम लोगों ने डिनर लिया. हमे घर जाना था पर रात होने की वजह से निखिल ने हम सारे लोगों को वहीँ उसके घर पे रुकने को बोला तो हमें रुकना पडा. लगातार डांस की वजह से सब लोग काफी थक भी गऐ थे तो सब लोग सोने की तैयारी करने लगे.

मैंने भी सोने की जगह तलाश की तो पता चला कि सोने के लिए कमरे कम है. सब लोगो ने कमरे बाँट लिए थे. अब सिर्फ एक कमरा बचा था और सोने के लिए सिर्फ मैं और रिया ही बचे थे.

निखिल ने कहा – यार सैमी! किसी तरह तुम और रिया एक कमरे में एडजस्ट कर लो!

मेरी तो मन मांगी मुराद पूरी हो रही थी. लेकिन फिर भी मैं थोड़ा नखरा करते हुए निखिल से कहा- यार हम दोनों एक कमरे में कैसे सो सकते हैं?

निखिल ने कहा- अच्छा! तो ठीक है तुम मेरे कमरे में सो जाओ!

मुझे अपनी बेवकूफी पे पछतावा हो रहा था कि आखिर मैंने कहा ही क्यों? मेरा मुँह उतर गया था. निखिल की नजर मेरे चेहरे पे ही थी. उसने धीरे से मेरे कान में कहा- साले! नाटक कर रहा है? मैंने देखा था कि कैसे तू इससे चिपक कर डांस कर रहा था?

मेरी तो जान में जान आई. मैंने निखिल को थैंक्स कहा. उसके बाद जब मै और रिया कमरे मे गऐ तो देखा कि एक ही बेड है.

मैने कहा- रिया! एक काम करो, मै सोफे पर सो जाता हूँ और तुम बेड पर.

वो मान गयी और बेड पे बैठ गयी. उस दिन ठंढ भी कुछ ज्यादा थी और कमरे में कम्बल भी एक ही था। मैंने उसे वो कम्बल दे दिया. थोडी देर तक हम एक दूसरे के बारे में यूँ ही बातें करते रहे. उसके बाद मैं सोफे पे पसर गया और वो बेड पे लेट कर कम्बल ओढ़ ली.

ठण्ड की वजह से मैं सिकुड़ने लगा था. मैंने रिया की ओर देखा वो भी जगी हुयी मुझे ही देख रही थी. मैं फिर सोने की कोशिश करने लगा लेकिन एक तो रिया जैसी लड़की का ख्याल और ऊपर से ये ठण्ड. तभी मेरी तकलीफ देखकर उसने कहा – ठंढ ज्यादा है, और कम्बल भी एक ही है, तो तुम मेरे साथ ही बेड पे आकर सो जाओ!

मैं समझ गया. आज तो किस्मत मेहरबान है. मैं तो बस इसी मौके की ही तलाश मे था. मै उछल कर बेड पर पहुँच गया। अब रात के दो बज गऐ थे तो ढंड और भी ज्यादा थी और नींद भी नही आ रही थी. फिर मुझे एक योजना सूझी. मैने सोते हुऐ ही करवट लेकर अपना हाथ उसकी पतली कमर पर रख दिया. जैसे ही मैने हाथ रखा तो मेरा लंड खडा हो गया. और ये शायद उसे मालूम पड़ गया था. लेकिन उसके कुछ न कहने से मेरी हिम्मत और बढ गई.

फिर मै अपना हाथ ऊपर ले गया उसके चूचों पर फिर भी उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो मैने उसे हल्के-हल्के दबाना शुरु कर दिया. उसे भी मजा आ रहा था उसके मुँह से इस्स्स्सस…उफफ्फ्फ्फ़….की सिस्कारियां निकलने लगी थीं. अब मुझे पक्का पता चल गया कि वो नाटक कर रही है.

तो मैने उसके कान के पास आकर कहा – मुझे पता है कि तुम जाग रही हो!

ये सुनते ही रिया मुस्कुराते हुए पलटी. पलटते ही उसके होंठ मेरे होंठ से मिल गऐ. मैने लगभग 5 मिनट तक उसके होंठ चूसे. उसके बाद वो गर्म हो गई. फिर मैने उसके चूचे उसके कपड़ों से आजाद कर दिए और एक को हाथ से और दूसरे को मुँह से दबाने लगा.

वो और गर्म हो गई. उसके बाद उसने और मैने अपने सारे कपडे ऊतार दिए. क्या कमाल की लडकी थी? फिर मैने उसे बेड पे लिटा कर उसकी चुत मे अपनी ऊंगली घुसा दी. कुछ देर तक ऊँगली से ही चोदने के बाद वो कहने लगी- अब मुझे और मत तडपाओ! डाल दो न इसमें अपने लंड को!

मैंने भी देर न करते हुए उसकी कमसिन सी चिकनी चूत में अपना मूसल जैसा लंड डाल कर धक्के मारना शुरू कर दिया. 10 मिनट बाद ही वो अति कामोत्तेजना का शिकार होकर झड़ गयी. फिर मैंने उसे घोड़ी बना लिया और पीछे से उसकी चूत में अपना लंड पेलकर धक्के मारना शुरू कर दिया. इतनी ठण्ड में भी हमारे शरीर पसीने से तर-बतर थे. मैंने एक ऊँगली उसकी गांड में डाल दी. उसकी चूत में और कसावट आ गयी. 20 मिनट के बाद उसकी चूत में धक्के लगाता हुआ मैं भी झड़ गया.

फिर हम दोनों निढाल होकर पड़े रहे. मैंने थोड़ी देर बाद फिर अपना लंड उसी चूत में डाल दिया और ऐसे ही सो गया. जब नींद खुली तो सुबह के 6 बज रहे थे. हम दोनों ने अपने कपड़े पहने. और कमरे से बाहर आ गए.

फिर हम सारे लोगों ने नाश्ता किया और अपने-अपने घर चल पड़े. अभी भी जब भी हमे मौका मिलता है तो हम सेक्स जरुर करते है।

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