मैंने उसकी तरफ देखा और उसके होंठो पे अपने होठ रख दिये. वो भी मेरा साथ दे रही थी मैंने 4-5 मिनट तक उसके होठों पर अपने होठ टिकाये रखे. इतने में किसी के आने की आवाज़ आई और हम दोनों पहले वाली स्थिति में आ गए और पढने का बहाना करने लगे……..
बात उन दिनों की है जब मै पढ़ाई करके अपने घर लौटा था। अपनी परीक्षाएं देने के बाद मै अपने घर भरतपुर लौटा था. उन दिनों मेरी मुलाकात अपनी चचेरी बहन शिवानी से हुई। शिवानी का बदन बहुत सेक्सी था.
शिवानी की बोर्ड की परीक्षाएं होनी अभी बाकी थी. इसलिए वो कभी-कभी मुझसे पढ़ने आ जाती थी. पढ़ते-पढ़ते हम बाते करने लग जाते थे. एक दिन बातो-बातो में उसने मुझसे मेरी गर्ल फ्रेंड के बारे में पूछा. मैंने साफ मना कर दिया कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है. हालाँकि मेरी गर्लफ्रेंड थी, पर मै उसे बताना नही चाहता था.
पढ़ाते-पढ़ाते मेरा ध्यान उसकी चूचियो पर चला जाता था. उसकी चूचियाँ आगे से निकली हुई थी. उसकी चूचियाँ देख कर उनको चूसने का मन करता था. पढ़ते-पढ़ते रात कब हो जाती थी पता ही नही चलता था.
तब वो सोने चली जाती थी. उसका घर हमारे घर के पास वाला ही घर था. उसके एग्जाम अब शुरू हो चुके थे. कभी-कभी उसको अपने एग्जाम का पेपर पहले ही मिल जाता था. एग्जाम से एक दिन पहले, रात को उसको पेपर मिल चुका था, जिसके कुछ सवालों के उत्तर उसको आते नही थे. तो वो मेरे घर मेरे पास आ गयी थी हम एक ही बिस्तर पर एक ही रूम में अकेले बैठे थे. ये बात सर्दियो की थी तो हमने अपने ऊपर ब्लैंकेट ले रखा था.
मै उसे सवाल बताते-बताते अपने हाथ ब्लैंकेट के अंदर डाल लिए. अचानक से मुझे ठण्ड महसूस हुई, ये शिवानी का ठंडा हाथ था. उसने हाथ बढ़ाते-बढ़ाते मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरा हाथ गर्म करने लगी वो मेरा हाथ गर्म करते-करते मेरा हाथ अपने पेट के पास ले गयी और अपना टॉप ऊपर करके मेरा हाथ अपने पेट पर रखके अपना हाथ ब्लैंकेट से बाहर निकाल लिया. उसके पेट पर हाथ रखे हुए मुझे काफी देर हो गयी थी.
उसका पेट गर्म था जिसकी वजह से मुझे भी अच्छा लग रहा था और मेरा लंड ब्लैंकेट को सलामी दे रहा था. मैंने अपनी हिम्मत के साथ अपना हाथ आगे बढ़ाया और उसके चूचियो पर ले गया और उसकी चूचियों को दबाने लगा. उसके मुँह से आह्ह्ह…इस्सस की आवाज़ आने लगी पर उसका ध्यान अभी भी एग्जाम पेपर में था.
मैंने उसका हाथ पकड़ के मेरे लंड के ऊपर लाके रख दिया और वो अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी. मेरी भी हिम्मत बढ़ी और मैने भी अपना हाथ धीरे-धीरे नीचे लाके उसकी चूत पे सहलाने लगा. फिर उसने अपना दूसरा हाथ ब्लैंकेट में डाल के मेरा हाथ पकड़ के अपनी पैंटी में डाल दिया और मेरे हाथ से अपनी चूत पे हाथ रख के ऊपर-नीचे करने लगी.
मैंने उसकी तरफ देखा और उसके होंठो पे अपने होठ रख दिये. वो भी मेरा साथ दे रही थी मैंने 4-5 मिनट तक उसके होठों पर अपने होठ टिकाये रखे. इतने में किसी के आने की आवाज़ आई और हम दोनों पहले वाली स्थिति में आ गए और पढने का बहाना करने लगे. दरवाजा खुला ही था. मेरी मम्मी मुझे और शिवानी को खाने के लिए बुलाने आई थीं. लेकिन शिवानी ने कहा कि वो घर जाकर खाना खाएगी. दरअसल वो घर पे अकेली ही थी. एग्जाम देकर आने के बाद उसके बाकी के घर वाले बाहर जाने वाले थे.
इतना कह के वो चली गयी और मै भी खाना खाने चला गया. मम्मी ने शिवानी के बारे में पूछा तो मैंने कहा कि वो चली गयी. मै भी खाना खा के अपने रूम में आ गया. लेकिन मुझे बस वही सब कुछ याद आ रहा था. उस रात मैने शिवानी के नाम की मुट्ठ मारी थी. मुझे बस अगली सुबह का इंतज़ार था.
अगली सुबह जब मै उठा तो सुबह के 9 बज़ चुके थे. मै उठके बाहर गया और देखा कि घर में कोई भी नही था. मेरी खुशी का ठिकाना नही था, लेकिन आश्चर्य भी था की सब कहाँ गए. फ़िर मैने फोन करके पूछा तो जवाब मिला की मेरे घर वाले भी सब बाहर जा रहे है.
अब चूँकि शिवानी और मेरा घर पासपास था इसलिए मै छत से ही उसके घर जा सकता था. आख़िर 12 बजे, और मै शिवानी के घर गया. मै धीरे से शिवानी के रूम में गया और देखा की शिवानी टीवी देख रही थी. वो टीवी पर रोमांटिक गाने सुन रही थी. मै उसके सामने गया तो वो मुझे देख के डर गयी थी. फिर मै उसके साथ बैठ के टीवी देखने लगा.
मैंने अपना हाथ बढाया और उसके पेट को सहलाने लगा. उसने मेरी तरफ देख के भी अनदेखा कर दिया. उसका ध्यान अभी भी टीवी में था. जैसे ही मै अपना हाथ उसकी चूत पर रख के सहलाने लगा तब वो धीरे-धीरे गरम होने लगी. उसने भी अपना हाथ आगे बढ़ाया और मेंरे लंड को अपने हाथ से सहलाने लगी.
मैंने उसका टॉप उतार फेंका. उसकी चूचियां बड़ी ही मस्त थी. दोस्तो मै उनको लगातार हाथ से मसलता रहा और फिर उसकी चूचियों को चूसने लगा. उसकी चूचियां मुझे पागल बना रही थी. मैंने अब उसके सारे कपड़े उतार दिए थे और साथ में अपने भी. मेरा 7.5 इंच का लंड हवा में सलामी दे रहा था. उसने मेरे लंड को अपने हाथो में लेकर अपने मुह में उतार के चूसने लगी. मुझे भी उसकी चूत को चूसना था इसलिए मैंने उसको वही रुक जाने को कहा.
फिर हम दोनों 69 पोजीशन में आ गये. मैंने उसकी चूत का खूब रस पिया. वो मेरे लंड को लगातार चूसे जा रही थी. अब मै जल्दी ही झड़ने वाला था. मैने उसे कहा कि वो रुक जाये नही तो में उसके मुह में ही झड़ जाऊंगा. अब मैंने उसको सीधा लिटा दिया और उसकी टांगों को खोल दिया. उसकी चूत बड़ी मस्त थी. उसपे एक भी बाल नही था.
शिवानी की चूत काफी टाईट भी थी क्योंकि अब तक वो किसी से चुदी नहीं थी. मैने अपने लंड को उसकी चूत पर टिकाया और एक ही झटके में लंड को आधा से ज्यादा उसकी चूत में डाल दिया. चूत टाइट होने की वजह से उसकी चीख निकल गयी और आखों से आंसू भी. मैंने अपने होठ उसके होठ पे रख दिए.
कुछ देर शांत पड़े रहने के बाद दूसरे झटके में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया. 20-25 झटके में वो झड़ चुकी थी. लगातार 15-20 मिनट तक झटके मारते मारते मै भी चूत के अंदर ही झड़ गया था. उस दिन के बाद हमें काफी बार मौके मिले और काफी बार हमने चूत और लंड से मजे किये.
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