जीजा के बहन की चुदाई

मेरे जीजा मेरे बगल में ही रहते थी. उनकी एक बहन भी थी. जिससे मेरी दोस्ती हो गई थी. एक बार मैं अपने घर में मेरी बहन के साथ अकेला था. तभी मौका पाकर मैंने रात को जीजा के बहन की चुदाई कर दी…

अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को मेरे खड़े लन्ड का नमस्कार! मेरा नाम अब्दुल है. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और यहाँ प्रकाशित हुई हर एक कहानी को पढ़ चुका हूँ.

बात उन दिनों की है जब मैं 10वीं में था. मेरे दूर के रिश्ते के जीजा भी मेरे ही गांव में रहते हैं. ऐसे में उनके घर मेरा आना – जाना लगा रहता था. इसी दौरान उनकी बहन, जिसका नाम रहीसा है उससे भी मेरी दोस्ती हो गयी थी. हमारे बीच प्यार या चुदाई जैसी कभी कोई बात नहीं हुई थी और न ही मेरे मन में ऐसा कोई खयाल था.

एक दिन मेरे परिवार के सभी लोग किसी नजदीकी रिश्तेदार की शादी में चले गए थे. घर पर केवल मैं और मेरी छोटी बहन ही रह गए थे. घर वाले रात को भी आने वाले नहीं थे. चूंकि मैं लड़का था इसलिए मुझे और मेरी बहन को अलग – अलग सोना था.

छोटी बहन को अकेले सोने में डर लग रहा था तो उसने मुझसे कहा कि जाओ और रात में सोने के लिए रहीसा को बुला लाओ. तब मैं जीजा के घर गया और सोने के लिए रहीसा को बुला लाया.

इसके बाद मेरी बहन और रहीसा दोनों सो गईं. फिर मैं भी अकेला सोने की कोशिश करने लगा पर ना जाने क्यों आज बार – बार मेरा लण्ड खड़ा हो रहा था. इस वजह से मैं बहुत देर तक जगता रहा. लेकिन मैंने मुठ नहीं मारी.

कुछ देर बाद मुझे फिर रहीसा का खयाल आया तो मैंने उसको चोदने की सोचा. लेकिन साथ ही मुझे डर भी लग रहा था. हालांकि, फिर मैंने हिम्मत की और धीरे से उसके पास जाकर उसका हाथ पकड़ा और हल्के हाथों से दबाने लगा. इस पर वह जाग गई और फिर झटके से उसने अपना हाथ छुड़ा लिया.

यह देख अब तो मुझे और भी डर लगने लगा. लेकिन मैंने हिम्मत न हारी और एक बार फिर से उसका हाथ पकड़ लिया और उसको मनाने लगा. मैं बहुत देर तक उसके पास ही बैठ कर उसके हाथ को दबाता रहा और मनाता रहा. थोड़ी देर बाद फिर मैं उसको उठाने लगा पर वो नहीं उठी. वो किसी भी तरह मान ही नहीं रही थी. आखिरकार हार मान कर मैं वापस अपने बिस्तर पर आ गया और सो गया.

मेरे सोने के बाद ना जाने कब वो मेरे बिस्तर में आ गयी और मुझसे चिपक गयी. उसके चिपकने से मैं जाग गया. फिर मैंने उसकी तरफ देखा और उसके होंठों पर किस कर लिया. इस पर वह बोली कि इसीलिए मैं तुम्हारे साथ नहीं आ रही थी. मुझे पता था कि आज तुम मुझे नहीं छोड़ोगे.

उसकी यह बात सुन कर मैंने उसके हाथ में अपना लण्ड पकड़ा दिया. लेकिन उसने झट से अपना हाथ हटा लिया और दूर हो गयी. फिर मैं उठ कर उसके पास गया और उसके ब्लाउस के बटन खोल दिए.

इसके बाद उसके नंगे बोबे देख कर मैं खुद को रोक न पाया और उसके बोबे पकड़ लिया और एक को पीने लगा जबकि दूसरे को मसलने लगा. लेकिन मेरे मुंह लगाते ही उसने मुझे खुद से दूर कर दिया. मैं जितनी बार उसके पास जाता वो उतनी बार मुझे खुद से दूर कर देती. इस पर मैं नाराज हो गया और सोने का नाटक करने लगा.

फिर वह मेरे पास आ गई और उसने मुझे अपनी बाहों में कस कर पकड़ लिया. यह देख मैं समझ गया कि अब ये चुदेगी जरूर. फिर मैंने भी उसको पकड़ लिया और उसके होंठों को चूमना चालू कर दिया. साथ ही मैं उसके मम्मों को भी दबाने लगा और एक हाथ को उसकी जांघ पर फिराने लगा.

मेरे ऐसा करने पर वो गर्म होने लगी तो मैंने उसके सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसको नीचे से नंगा कर दिया. हालांकि, वो बार – बार मना कर रही थी लेकिन मैं नहीं माना. फिर मैंने भी पैंट से अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और उसकी कमर पर रगड़ने लगा.

थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद मैं उसकी चूत पर ऊँगली फिराने लगा. अब वो भी धीरे – धीरे करके मेरा साथ देने लगी. उसकी चूत पर हल्के बाल थे. इस वजह से उसकी चूत में उंगली करने में मुझे बहुत मजा आ रहा था. अब तो मैं भी काफी उत्तेजित हो गया था और ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लण्ड फट जाएगा.

इस दौरान मैं उसकी चिकनी गांड पर बार – बार हाथ भी घुमा रहा था. फिर मैंने अपना पैंट भी उतार दिया और पूरा नंगा हो गया. इसके बाद मैंने उसको भी पूरा नंगा कर दिया और उसके ऊपर आ गया. फिर मैं उसके सारे बदन को चूमने लगा. बदन को चूमते – चूमते मैं नीचे गया और फिर उसकी छोटे – छोटे झांटों वाली चूत को किस करने लगा. उसकी चूत से मदमस्त कर देने वाली खुशबू आ रही थी और वो आहें भर रही थी. मेरे किस करने से वो पूरी तरफ मचलने लगी.

यह देख अब मैंने देर करना सही नहीं समझा और उसकी आँखों को चूमते हुए उसकी चूत पर अपना लण्ड रखा दिया और धीरे – धीरे अंदर डालने लगा. लेकिन वह जा ही नहीं रहा था. इसलिए वह मुझे रोकने लगी तो मैंने लण्ड निकाल लिया और फिर थोड़ा सा थूक लगा कर दोबारा से लण्ड को उसकी चूत में डालने लगा.

थूक की वजह से इस बार थोड़ा सा लण्ड अंदर गया. लेकिन इस वजह से उसे तेज दर्द हुआ और वो मुंह पर हाथ रख कर रोने लगी. फिर मैंने लण्ड को थोड़ा पीछे खींचा और एक ही झटके में उसकी चूत में आधे से ज्यादा लण्ड घुसेड़ दिया. अचानक हुए इस हमले से उसे काफी दर्द हुआ. वो चिल्लाना चाहती थी लेकिन मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया था और फिर धीरे – धीरे लण्ड आगे पीछे कर के चोदने लगा.

अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी. मैं काफी देर तक उसे बड़ी ही मस्ती में चोदता रहा. करीब 10 मिनट बाद मैं झड़ गया. मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में ही भर दिया. इस दौरान वो भी तीन बार झड़ चुकी थी.

इसके बाद उस रात हमने चार बार चुदाई की. हर बार मैंने उसे अलग – अलग तरीके से चोदा. उसको चोद कर मुझे बहुत मज़ा आया. दोस्तों, चुदाई के बाद भी मेरा लन्ड खड़ा था, जिसे देख कर वो कहने लगी कि तुम्हारा लण्ड है या लकड़ी हर दम खड़ा ही रहता है.

दोस्तों, सेक्स को शब्दों में बयां तो नहीं किया जा सकता पर मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है. आगे भी आप सब के लिए बहुत सी कहानियां हैं. आप लोगों के सहयोग से मैं आगे भी लिखता रहूंगा.

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