कहानी मेरे गांडू बनने की

अक्सर लोगों के मुँह से सुनता रहता हूँ कि ” डर के आगे जीत है”. लेकिन मेरी जिंदगी का फलसफा बना ” दर्द के बाद मजा है”. बचपन से सारे शौक तो मेरे लड़के वाले ही थे. लेकिन उस एक घटना ने मेरी जिन्दगी बदल दी.  अब मैं और मेरा प्रेम लिंग भेद से परे है…….

दोस्तों! मुझे अपने बारे मे कई सालों से लोगों को बताना था, लेकिन बहुत शर्म आती थी. लेकिन आज मैंने तय कर ही लिया कि मैं भी अपनी कहानी सबको सुनाऊं. मैंने अब तक न जाने कितने लंड अपनी गांड मे लिए होंगे. लेकिन शुरुआत मैं पहली बार के किस्से से ही करता हूँ.

मेरे पड़ोस मे एक 26 साल का बाँका नौजवान रहता था. साला एक नंबर का ठरकी था और सबको अपने लंड का दास समझता था. एक ही तकलीफ़ थी कि वो शादीशुदा था. इसीलिए सब बचे हुए थे. केवल मैं ही उससे बातें करता था. या वो मुझसे मिलता या बातें करता था. हुआ ऐसा कि उसकी बीवी पेट से थी तो अपने मायके गई और ये जनाब अब भूखे तड़प रहे थे.

हम लोग आपस में सेक्स की बाते करते थे तो उसने जान लिया था कि मैंने कभी सेक्स नही किया है, लेकिन बाकी लड़कों की तरह ही सेक्स करने की तमन्ना भरपूर है. सो एक दिन जब मेरे घर पे कोई नहीं था, हमने मेरे घर नंगी मूवी देखने का प्लान बनाया. हम दोनों 3 सीडी ले आए.

जैसे ही पहली मूवी ख़त्म हुयी तो उसने कहा की उसे कहीं जाना है, उसे मज़ा नही आ रहा है. तो मैंने पूछा- क्यों? मज़ा क्यों नही आ रहा. इतनी तो अच्छी मूवी है.

उसने कहा- सिर्फ़ देखने से क्या होगा? अगर लंड को आराम ना मिले, तो फिर इन सब का क्या मातलब?

मैंने भी बेझिझक बोल दिया- आपको मूठ मारनी हो तो आप मारो. मुझे कोई एतराज नहीं है.

उसने कहा- मैं अकेला ही करूँ? तू भी मार मूठ.

मैंने कहा- मुझे शर्म आती है.

मेरी बात सुनकर वो उठके जाने लगा. फिर मैंने  उसको समझा के बताया की वो शुरू तो करे फिर बाद में मैं ज्वाइन कर लूँगा.

लेकिन मुझे तो पता ही नही था कि उनका इरादा क्या है? वो मान गये और अपने सारे कपड़े उतारने लगे. उनका लंड जब मेरे सामने आया तो जाने क्यों मुझे उसे देखकर बहुत ख़ुशी हुयी. उन्होने मूवी देखते हुए अपना लंड हिलाना चालू किया और 5 मिनट बाद फिर से जाने को बोलने लगे.

मैं समझ गया की अब तो नंगा होना ही पड़ेगा. मैंने जैसे ही अपने कपड़े उतारे वो मेरे पास आ गये और मुझे बोला की मैं बहुत सेक्सी हूँ. मैं शरमा गया और वो वापस अपनी जगह पे जाके बैठ गये. पर अब वो सिर्फ़ मुझे देख रहे थे. फिर वो इशारे से मुझे अपने पास आने को कहने लगे. पहले तो मुझे समझ नहीं आया लेकिन दो -तीन बार मे मैं समझ गया कि वो मुझे अपने पास बुला रहे हैं.

मैं उठ के उनके पास जाके बैठ गया. अब वो मेरे बिल्लकुल पास थे. और धीरे- धीरे मेरे पैर पे अपना पैर रख रहे थे. मैं जैसे सब करना चाहता था. बिना कुछ बोले मैंने झुक के उनका लंड अपने मुँह मे ले लिया.

वो बाद मे बोले- समझते थे, तो इतना भाव क्यों खा रहे थे?

मै कुछ नही बोला तो वो गुस्सा हो गये. मुझे उल्टा लिटा के मेरे उपर चढ़ गये और कहा कि अगर मैं लंड चूसता हूँ तो अपनी गांड भी मरवा लूँ, वरना वो ज़बरदस्ती मेरी गांड मारेंगे. मैं फिर भी कुछ नही बोला. आज मैं किसी भी तरह बस उनसे सेक्स करना चाहता था.

फिर क्या था? वो उठे अपने कपड़ों मे से उन्होने कॉन्डोम निकाला, अपने लंड पर लगाया और बोले- दर्द हो तो बरदाश्त करना! मै नही रुकूँगा.

लेकिन बाद मे खुद ही खड़े हुए और बोले- जा! तेल लेके आ! वरना तेरी गांड फट जाएगी.

मे जाके तेल लेके उनको दिया. उन्होने अपने लंड पे तेल लगाया. फिर थोड़ा तेल मेरी गांड पे भी लगाया और फिर पूरे महीने की अपनी प्यास बुझाने में लग गये. मै नीचे पड़ा-पड़ा अपनी गांड फटती महसूस कर रहा था. लेकिन थोड़ी देर दर्द होने के बाद मुझे मज़ा आने लगा. फिर उन्होने भी अपनी पोजीशन बदली. मुझे थोड़ी और राहत मिली. लेकिन फिर से उन्होने साइड से अपना लंड मेरी गांड में दे मारा. मै बस आहें भर रहा था. कुछ देर बाद उन्होने मुझे अपने उपर बिठाया और नीचे से मेरी गांड मारने लगे.

20 मिनट के बाद वो बोले अब मैं उल्टा सो जाऊं ताकि वो मेरे उपर आके मुझे चोद सकें. मै जैसे ही उल्टा लेटा वो उपर आके बड़ी बेरहमी से मुझे चोदने लगे. मैं समझ गया की वो झड़ने वाले हैं. और वो 5  मिनट बाद झड़ गए. सच कहूँ तो उस वक़्त मुझे काफ़ी राहत मिली. वो तुरंत उठे कपड़े पहने और जाने लगे.
लेकिन जाते- जाते आर्डर करके गये कि रात को मैं उनके घर आऊं वरना वो सबको बता देंगे कि उन्होने मेरे साथ क्या किया है?
मैंने भी हाँ कर दी. और रात को 11: 30 बजे  उनके घर पहुँच गया. अबकी बार वो कुछ बोले नही और मेरे कपड़े उतारने लगे. .
जैसे ही मै नंगा हुआ, उन्होने अपने लंड पे कॉन्डोम चढ़ाया और मुझे उल्टा लिटा के चोदने लगे. करीब 30 मिनट तक चुदाई करने के बाद वो मुझे सॉरी बोल के और तेज मेरी गांड मारने लगे. दोपहर का दर्द कम हुआ नहीं था कि की दूसरा दर्द मुझे मिल रहा था. लेकिन इस बार वो जल्दी झड़ गये.
मुझे अपने बाजू मे सुला के खुद भी सो गये. हम नंगे ही सो गये थे. इसलिए जब मेरी आँख खुली तो मैंने तंग रोशनी में पाया कि वो फिर से मेरी गांड मारना चाहते हैं, और अपने लंड को मेरी गांड में घुसेड़ रहे हैं. मेने थोड़ा मना किया पर वो नही माने और तीसरी बार मेरी गांड का भोसड़ा बनाने लगे. इस बार मैं पस्त हो गया था. सह नही पा रहा था. लेकिन इस बार वो शांति से मुझे चोद रहे थे.
इस बार आप नही मानोगे पर बड़े ही प्यार से उन्होने मुझे 1 घंटे से भी ज़्यादा समय तक चोदा. और फिर बिना अपना लंड झाड़े मुझसे माफी माँग के मेरे पास ही सो गये.
उसके बाद तो जब तक उनकी बीवी मायके से नहीं आई, उन्होने मुझे अपनी बीवी बना लिया.
और दो महीने तक करीबन हर रात को वो मुझे चोदा करते. पर हर बार अब पहले से ज़्यादा प्यार होता था.
बाद मे उनकी बीवी आ गई पर मैं तब तक पक्का गान्डू बन गया था. तब से लेके आज तक न जाने कितने लंड खा-पी चुका हूँ.

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5 thoughts on “कहानी मेरे गांडू बनने की”

  1. एक ही समय दो बार लौड़ा लेलेते तो दर्द नहीं होता

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