अक्सर लोगों को ग़लतफ़हमी रहती है और वो उत्तम श्याम वर्ण को गंदगी से जोड़ देते हैं, मुझे भी थी. लेकिन मेरी ये ग़लतफ़हमी उस दिन काफूर हो गयी जब मैंने अपनी पड़ोसन आंटी की चूत देखी. उसी चुदाई का विवरण जानने और अपनी उत्तेजना को बढ़ाने की लिए आगे पढ़िए………
हैलो दोस्तों! मै यशराज, आपके सामने फिर से हाजिर हूँ एक नयी कहानी लेकर।
जैसा की आपको पता है कि मै इन्दौर मे रहता हूँ। दिखने मे दुबला-पतला हूँ पर हाईट 5’8 है और उम्र 23 साल की. मेरे लण्ड की लम्बाई 6’’ और मोटाई ढाई इंच है। अब अपनी कहानी पर आता हूँ।
मेरे घर से थोडी दूरी पर एक आँटी रहती है. उनकी उम्र 35 के आस पास होगी. वो थोड़ी साँवली है और उसकी हाईट 5 फिट के आसपास है. आंटी का फिगर 35-30-38 है. आँटी की गाण्ड काफी उठी हुई है। आँटी को चलते समय कोई भी पीछे से देखे तो उनकी मटकती हुयी गांड देखकर उसका लण्ड खडा हो जायेँ।
मै जब भी उसके घर के सामने से गुजरता था तो वो मुझे ही घूर-घूर के देखती थी. पहले तो मैने इस बात को इतना ध्यान नही दिया, पर जब मुझे लगने लगा की ये आँटी मुझसे कुछ चाहती है तो मै उसे चोदने के ख्वाब देखने लगा।
एक दिन मै उसके घर के सामने से गुजर रहा था तो उसने मुझे आवाज लगाई। मै जब उसके घर मे गया तो उसने कहा की मेरा सर दर्द कर रहा है. उसके पास मे रखी हुई गोलियो मे से सर दर्द की कौन सी गोली है? ये उसे समझ नही आ रहा था। मैने उसे सर दर्द बन्द करने की गोली बता दी. उसी वक़्त मैने देखा कि उन गोलियो के साथ कुछ सेक्स पावर की गोलिया भी रखी थी.
मैने उससे पूछ लिया- आँटी! ये गोलिया कौन लेता है?
वो कहने लगी- तुम्हारे अँकल ये गोलिया लेते हैँ। वो ठीक से रात मे कर नही पाते इसलिए गोलियाँ लेते हैँ। लेकिन वो फिर भी मेरी प्यास नही बुझा पाते है।
मैं तो उसके मुँह से ये सब खुल्लम खुल्ला सुन कर दंग रह गया. लेकिन ख़ुशी के मारे मेरा लंड भी अंगड़ाई लेने लगा.
तब मैने आँटी को कहा- आँटी अगर आप बुरा ना माने तो मै आपकी मदद कर सकता हूँ आप की प्यास बुझाने में.
दरअसल उसने बुलाया तो मुझे इसी काम से था लेकिन थोड़ा ना नुकुर के बाद वो मान गयी और उन्होंने बोला- ठीक है. लेकिन तुम अभी जाओ. तुम्हारे अँकल आने वाले है. मै तुम्हे कल काँल करके बुलाउंगी तब आ जाना।
मैने उसे मेरा नम्बर दे दिया और घर आ गया। दूसरे दिन मै उसके फोन का इंतजार करने लगा। उसने मुझे 11 बजे के लगभग फोन किया और बोली की आ जाओ जल्दी से. मै भी तुरन्त लपक कर आंटी के घर पहुँच गया.
घर के अन्दर जाते ही दरवाजा बंद कर के मैंने उसे उसके बिस्तर पर पटक दिया और ताबड़-तोड़ किस करने लगा. उसकी नर्म और गोल चूचियाँ उसके ब्लाउज के ऊपर से ही मसलने लगा। वो धीरे-धीरे गर्म हो चुकी थी. उसने मेरे लण्ड को पैन्ट के उपर से ही पकड़ा और दबाने लगी। शायद वो मेरे लंड के आकार का जायजा ले रही थी.
मैने पहले उसकी साडी उतारी, फिर उसका ब्लाउज उतारा और फिर फिर आखिर मे उसका पेटीकोट भी उतार के फेंक दिया। उसने ब्रा और पेन्टी नही पहनी थी। उस चुदक्कड़ आंटी ने पहले ही चुदने की पूरी तैयारी कर रख थी. उसकी नंगी और बिलकुल सफाचट चिकनी चूत अब मेरी आखों के सामने थी. जिसे देखकर ही मेरा लण्ड फुफंकार मारने लगा। उसकी चूत एकदम काली थी और लगातार पानी छोडे जा रही थी. चूत का छेद लेकिन बिलकुल गुलाबी थी. मैने भी देर ना करते हुए एक उँगली उसकी चूत मे डाल दी और कुछ देर तक आगे पीछे करने लगा।
वो मीठी- मीठी सिसकारी ले रही थी और कह रही थी- अब मत तडपाओ! चोद दो मुझे!
उसने मुझे पकड कर अपने उपर खींच लिया. मैंने भी तुरंत से अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपने पूरे कड़क हो चुके लंड को उसके हाथों में पकड़ा दिया. आंटी ने मेरे लण्ड को अपनी चूत के ऊपर सेट करके नीचे से धक्का लगाया. मेरा आधा से ज्यादा लण्ड उसकी चूत मे चला गया उसकी चीख निकल गयी. वो सच कह रही थी कि अंकल उसे चोद नहीं पाता था. इसी वजह से शायद उसकी चूत इतनी कसी हुयी थी. उसके मुँह से आआ…. आ…आऊ… सीसीईईइ…. निकलने लगा.
तभी मैने ऊपर से एक और जोरदार धक्का दिया और पूरा लण्ड उसकी काली चूत के गुलाबी छेद में उतार दिया। फिर से उसकी चीख निकली.
लेकिन वो बोली- आआ….ह राआआज्ज्ज्जा…. आज मैं भरपूर चुदुंगी. कितना भी चिल्लाऊं छोड़ना मत. जम के छोड़ना मुझे.
मैं एकदम से जोश में भर गया. मैने 20 मिनट तक उसकी नानस्टाप चुदाई की. इस बीच वो तीन बार झड गयीँ। और उसकी चूत मे से बराबर पानी बहे जा रहा था। थोडी देर मे मैने भी मेरा सारा पानी उसकी चूत मे ही छोड़ दिया और लण्ड उसके मुँह मे घुसेड दिया. वो पूरी तरह से आज मेरी कृतज्ञ थी. वो मेरे लंड को चाटने लगी. 5 मिनट मे उसने मेरा लण्ड चूस-चूस कर फिर से खडा कर दिया.
इस बार मै पीठ के बल सो गया और उसको लण्ड के उपर बैठने का कहा. उसने एक ही झटके मे पूरा लण्ड गप से अपनी भोसड़ा बन चुकी चूत के अँदर ले लिया और उपर से जोर-जोर से धक्के मारने लगी. कुछ देर के बाद उसने फिर से पानी छोड दिया। मेरा अभी बाकी था तो मैने उसे घोडी बनाया और पीछे से लण्ड उसकी चूत मे ठोक दिया।
कुछ देर चुदाई करने के बाद उसकी काली चूत एकदम से फूल गयी और पूरी तरह से भोसड़ा बन चुकी थी। मेरी और उसकी जांघों की रगड़ से कमरे मे फट-फट की आवाज आ रही थी। कुछ ही देर मे मैने सारा पानी उसकी चूत मे छोड़ दिया। मैंने दुबारा लण्ड उसके मुँह मे ठूँस दिया. उसने फिर से चाट-चाट कर मेरा लंड साफ़ कर दिया. कुछ देर तक हम यूँ ही बिस्तर पे पड़े रहे. फिर मैंने अपने कपड़े पहने और अपने घर वापिस आ गया. ये चुद्दम चुदाई आज भी जारी है.
तो दोस्तो मेरी ये सच्ची कहानी आपको कैसी लगी मुझे जरुर बताइयेगा।
मेरी ई मेल आईडी है….
[email protected]