खड़े लन्ड पर धोखा होते-होते रह गया

इस पर मैंने उन्हें बताया कि इसका मतलब है ‘खड़े लण्ड पर धोखा’ हो गया. मेरे मुंह से यह सुन कर वो बहुत ज़ोर से हँसी और एक दम से मेरे गले लग गईं. मैं इसी मौके की तलाश में था. फिर मैंने उन्हें कस कर गले से लगा लिया और उनको अपनी बाँहों में समेट लिया…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अवी है और मेरी उम्र 22 साल है. मैं रायपुर में रहता हूँ और इंजीनियरिंग के फाइनल इयर में पढ़ाई कर रहा हूँ. मैं बेहद गोरा हूँ और मेरा लण्ड 6 इंच लंबा है.

मेरी यह कहानी एक सच्ची चुदाई की कहानी है पर इसमें थोड़ी – बहुत कामुकता की भाषा डाल कर आप लोगों के सम्मुख यह कहानी पेश कर रहा हूँ. उम्मीद है आप लोगों को पसन्द जरूर आएगी. दोस्तों, मैं भाभी के साथ बिताए गए उन प्यार भरे लम्हों को चुदाई से बढ़ कर समझता हूँ.

अब मैं सीधा कहानी पर आता हूँ. उन दिनों मैं एक नए कमरे की तलाश में था. कमरे के लिए इधर – उधर घूमते हुए मुझे एक घर नज़र आया. वहाँ मैंने दरवाजे पर दस्तक दी तो एक खूबसूरत सी भाभी ने दरवाजा खोला. एक पल के लिए तो मैं उन्हें देखता ही रह गया. फिर उन्होंने 5-6 सेकेंड बाद आवाज़ लगाई तब जाकर मुझे होश आया.

इसके बाद मैंने उनसे कमरे के बारे में पूछा तो उन्होंने हामी भरते हुए मुझे कमरा दिखाया. मुझे वो कमरा पसंद आ गया या यूं कहिए कि भाभी पसंद आ गईं तो फिर मैंने भी जल्दी से उनसे कमरे की बात पक्की कर ली और वहाँ शिफ्ट हो गया.

कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको भाभी की खूबसूरत जवानी से भी रूबरू करवा देता हूँ और साथ ही उनके परिवार के बारे में भी लिख रहा हूँ.

दोस्तों, उनका नाम खुशबू है और वो एक हाउसवाइफ हैं और उनके दो बच्चे हैं. उनके पति डॉक्टर हैं, जो अधिकतर घर से बाहर रहते हैं. भाभी की उम्र 29 वर्ष है और उनकी हाइट 5 फुट 4 इंच है. उनका रंग एक दम फेयर है और सबसे बढ़ कर उनका मदमस्त फिगर है, जो 34डी-30-36 का कटाव लिए हुए है. वो वाकई में बहुत खूबसूरत हैं और बहुत सेक्सी हैं.

एक बार भाभी के पति कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर गए हुए थे तो जब भी भाभी को कुछ काम होता तो वो मुझे बोल देती थीं.

ऐसे ही एक बार उन्हें मार्केट जाना था तो उन्होंने मुझे बोल दिया. फिर मैं बाइक पर उनको बैठा कर शॉपिंग कराने ले गया. बाइक पर चलते हुए जब भी स्पीड ब्रेकर आता तो वो धीरे – धीरे खिसक कर मुझसे चिपक जातीं. फिर थोड़ी देर बाद खुद को थोड़ा सा एड्जस्ट कर लेतीं थीं. अब मैं मन ही मन खुश हो रहा था और उनके चहरे पर भी नॉटी स्माइल आ रही थी.

आख़िरकार, उन्होंने मुझसे पूछ ही लिया. उन्होंने कहा कि क्यों मुझे बाइक में घुमाने में मज़ा आ रहा है ना? तो मैंने भी हामी भरते हुए बोला – हाँ भाभी, बहुत मज़ा आ रहा है. फिर उन्होंने मस्ती में आकर मेरे पेट में एक चुटकी काट ली तो मुझे बहुत गुदगुदी हुई और मैं हँस पड़ा.

इस तरह भाभी से मैं खुलता चला गया और धीरे – धीरे वो भी मुझे पसंद करने लगीं. अब मैं भी उनके साथ खूब खुल कर मजाक करने लगा था. उन्होंने शॉपिंग की और शॉपिंग के बाद हम लोगों ने आइसक्रीम खाई.

उन्हें आइसक्रीम चाटते देख कर मैंने उनसे बोला कि भाभी, इस तरह से आइसक्रीम नहीं खाते. मुझे तो कुछ अलग तरीके से खाने का शौक है. मेरी इस बात पर तो उन्होंने नॉटी स्माइल के साथ पूछा – अच्छा, तुम्हें कैसे पसंद है?

इस पर मैं बोला – छोड़ो ना भाभी, मुझे आपके सामने बताने में शर्म आएगी. लेकिन फिर भी वो पूछती रहीं. हार कर फिर मैंने उनसे कहा कि अच्छा ठीक है, आज रात में बताऊँगा. वो मान गईं और फिर मुझसे मेरे कॉलेज के बारे में और फ्रेंड्स के बारे में पूछने लगीं.

बातों-बातों में उन्होंने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो मैं उनके चेहरे की बदलती रंगत को देखता रह गया. फिर मैंने उनको बोला कि जिसके पास आपकी जितनी खूबसूरत भाभी हो, उसे गर्लफ्रेंड की क्या ज़रूरत! मेरे इतना कहने पर वो भी नॉटी स्माइल देने लगीं और मेरे पास आकर मेरे कान खींच लिए.

जब हम दोनों वापस घर आए तो वो खाना बनाने चली गईं और मैं उनके घर में टीवी देखने लगा. टीवी देखने के साथ-साथ मैं उनके बच्चों के साथ खेल भी रहा था. तभी मुझे प्यास लगी तो मैं भाभी के पास रसोई में गया.

वहां मैंने उनके पसीने से भीगे हुए बदन को देखा. वो इस वक्त बहुत सेक्सी लग रही थीं. उन्हें इस तरह भीगा हुआ देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा. खैर, मैंने अपने आपको संभाला और फिर उनके और नज़दीक चला गया और उनसे कामुकता भरे अंदाज में बोला – मुझे प्यास लगी है, कुछ पिलाओ ना भाभी!

उन्होंने मेरी डबल मीनिंग बात को समझ लिया और प्यार से मुस्कुरा कर अपने मम्मों को मेरी तरफ उठाते हुए बोलीं – देवर जी, क्या पीना पसंद करोगे?

इस पर मैं भी उनके मम्मों को घूरते हुए बोला – कुछ मीठा सा पीने को मिल जाए तो दबा – दबा कर और चूस – चूस कर पियूंगा. ऐसा कहते हुए मैं उनके और करीब हो गया. अब उनकी साँसें मेरी साँसों से मिल रही थीं और वो पूरी तरह सिड्यूस हो गई थीं.

अब उनके और मेरे होंठ मिलने ही वाले थे कि तभी उनका एक बच्चा उधर आ गया और अपनी मम्मी से कुछ खाने को माँगने लगा. यह देख मेरे मुंह से निकल पड़ा कि ‘अरे यार ये तो केएलपीडी हो गया.’ ज्यों ही मैंने भाभी को ऐसा बोला तो उन्होंने पूछा – इसका क्या मतलब है?

इस पर मैंने उन्हें बताया कि इसका मतलब है ‘खड़े लण्ड पर धोखा’ हो गया. मेरे मुंह से यह सुन कर वो बहुत ज़ोर से हँसी और एक दम से मेरे गले लग गईं. मैं इसी मौके की तलाश में था. फिर मैंने उन्हें कस कर गले से लगा लिया और उनको अपनी बाँहों में समेट लिया.

उनकी चूचियां मेरी छाती से दब रही थीं. ओह्ह, क्या मुलायम अहसास था! बहुत मज़ा आ रहा था दोस्तों. थोड़ी देर बाद हम लोग फिर से अलग हुए. डिनर के बाद उन्होंने बच्चों को सुला दिया और फिर मेरे साथ टीवी देखने आईं और मेरे बगल में सट कर बैठ गईं.

मेरा लंड मेरे शॉर्ट्स से नज़र आ रहा था. तभी उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और चुम्बन करने लगीं.
आह्ह.. क्या मुलायम होंठ थे! बड़ा ही मस्त अहसास था. वो कभी अपनी जीभ मेरे मुँह में डालती थीं तो कभी मैं अपनी जीभ उनके मुँह में डालता था.

अब मैंने धीरे से उनके मम्मों को दबाना चालू कर दिया और उनकी साड़ी का पल्लू गिरा दिया. इसके बाद मैं भाभी के सुंदर गोरे पेट को चूमने और चाटने लगा. फिर मैं आगे बढ़ते हुए भाभी के ब्लाउज को खोला और ब्रा के ऊपर से ही उनके मम्मों को चूसने लगा.

अब उनके मुंह से ‘आह.. उहह..’ की आवाज़ निकाल रही थीं. फिर मैंने धीरे – धीरे करके उनकी साड़ी और पेटीकोट को पूरी तरह निकाल दिया. अब वो बस पैन्टी में खड़ी थीं.
फिर भाभी ने भी मेरे भी सारे कपड़े निकाल दिए. अब मैं भी सिर्फ अंडरवियर में उनके सामने खड़ा था.

मैं उनके पेट को चुम्बन करते हुए भाभी की चूत को पैन्टी के ऊपर से सूँघ रहा था. फिर उनके ऊपर से ही चुम्बन करने लगा. फिर मैंने अपने दाँतों से उनकी पैन्टी खींचते हुए उतार दिया. तभी भाभी ने एक मदमस्त सिसकारी ली. और मेरे सामने एक मस्त नज़ारा था! उनकी बिना बालों वाली गुलाबी चूत मेरे सामने थी.

अब मैंने अपनी जीभ डाल कर उसे चूसना और चाटना स्टार्ट कर दिया. अब भाभी बहुत ज़्यादा गरम होने लगीं थीं और उनकी चूत भी रस छोड़ने लगी थी. वो कामुकता से बोलने लगीं – जल्दी चोदो, अब कंट्रोल नहीं होता… प्लीज़ चोदो ना.

अब मुझसे भी रुका नहीं जा रहा था लेकिन मैंने भाभी को तड़पाने के लिए पास रखी हुई शहद की शीशी से अपने लंड पर शहद लगाया और उनको चूसने को बोला. फिर वो बड़े मज़े के साथ मेरा लौड़ा चूसने लगीं.

करीब 15 मिनट लण्ड चुसाने के बाद मेरा माल निकल गया. लेकिन फिर भाभी ने मेरा लौड़ा इतना अधिक चूसा कि वो फिर से खड़ा हो गया.

अब मैंने उनको सीधा लिटा दिया और उनकी एक टाँग उठा कर उनकी चूत के ऊपर अपना लंड रगड़ने लगा. मुझसे रुका नहीं जा रहा था. चाटने की वजह से उनकी चूत पूरी गीली थी. भाभी नीचे से चूतड़ों को उठा कर धक्के लगा कर चूत में लंड घुसेड़वाने का प्रयास कर रही थीं.

अब मैंने भी देर ना करते हुए एक जोरदार शॉट मारा, जिससे मेरा पूरा लन्ड भाभी की चूत में चला गया. लेकिन भाभी की बहुत ज़ोर चीख निकल गई. ऐसा लगा कि उनका कलेजा बाहर को आ गया है. यह देख मैं थोड़ी देर रुक गया. फिर जब वो नॉर्मल हुईं तो मैंने एक और शॉट मारा. अब मैं भाभी के मम्मों चूसते हुए चोदता रहा.

करीब 15 मिनट बाद वो मुझे कस कर पकड़ने लगी और ‘आ.. आहह..’ करते हुए उन्होंने अपना माल छोड़ दिया. फिर मैंने चूत में से अपना लंड निकाल कर उनकी चूत चाटने लगा. इससे वो एक बार फिर से मस्त होने लगीं. मेरा माल अभी नहीं निकला था तो फिर एक बार लंड डाल कर उनकी चूत चोदने लगा और 5 मिनट बाद उनके दुबारा झड़ने के साथ ही मैं भी झड़ गया.

फिर उनको चुम्बन करते हुए मैंने उनसे कहा कि डार्लिंग, मुझे तुम्हारी गाण्ड मारनी है. तो वो मना करने लगीं. लेकिन बहुत मनाने के बाद वो राजी हुईं और फिर मैं तेल लगा कर उनकी गाण्ड में लंड घुसड़ेने लगा. लेकिन लंड जा नहीं रहा था.

थोड़ी मेहनत के बाद मेरा लंड अन्दर गया और फिर हमारी चुद्दम-चुदाई स्टार्ट हो गई. करीब 15 मिनट बाद उनकी गाण्ड में मैंने अपना माल छोड़ दिया.

अब वो बहुत खुश नज़र आ रही थीं. वो मेरी चुदाई से एकदम संतुष्ट हो गई थीं. इसके बाद मैंने बहुत बार उन्हें चोदा.

दोस्तों, यह था मेरा और भाभी का चूत चुदाई वाला प्यार. अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई हो तो कृपया मुझे ईमेल जरूर करें. मेरी मेल आईडी – [email protected]