जब में नहा चुकी और बाहर आई तो तब तक वह वहाँ से भाग गया था. कुछ ही देर बाद जब मैं अपने रूम में कपड़े बदल रही थीं तो वो दौड़ते हुए आया और मेरे कमरे में आते ही मेरे को किस करने लगा…
हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम नीलम है और आज मैं आपको मदमस्त कर देनी वाली अपनी ही चुदाई की एक कहानी सुनाने जा रही हूँ. अक्सर लड़कियां अपनी बातें शेयर नहीं करती पर मेरे को अपनी बातें शेयर करना अच्छा लगता है.
आप लोगों का ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए मैं सीधा अपनी कहानी पर आती हूँ. 2 साल पहले की बात है. तब मैंने हाल ही में मार्केटिंग का अपना कोर्स खत्म किया था. पढ़ाई पूरी होने के बाद पापा ने नौकरी करने के लिए मना कर दिया. उनका कहना था कि तुम्हें ज्यादा इसलिए पढ़ाया है, ताकि कोई अच्छा लड़का मिल जाये.
दोस्तों, क्योंकि मैं दिखने में थोड़ी सांवली और छोटे कद की थी तो मेरे साथ शादी करने के लिए कोई लड़का हाँ नहीं बोलता था. लेकिन दोस्तों, एक चीज जिसकी सबको सख्त जरूरत होती है, वह है चुदाई. मेरे को भी चुदाई की बहुत जरुरत थी. चुदाई न होने की वजह से मेरे को रातों को नींद नहीं आती थी और मैं हाथ से या मोमबत्ती से अपना काम चलाया करती थीं.
दोस्तों, मेरे सांवली और कद में छोटी होने के कारण कॉलेज में मेरा कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं था. बॉयफ्रेंड होता तो उसी चुदवाकर मैं अपनी आग को ठंडा मर लेती.
एक दिन हमारे घर एक लड़का किराए का कमरे लेने के लिए आया. उसने अपना नाम रोहित बताया. थोड़ी सी जांच – पड़ताल के बाद पापा ने उसे कमरा दे दिया क्योंकि वो कॉलेज में पढ़ता था.
शुरुआत में मेरे मन में भी उसके लिए कोई गलत भावना नहीं थी क्योंकि वो मेरे छोटे भाई से भी एक साल छोटा था. इस तरह कई दिन बीत गए. एक दिन अचानक मेरे मम्मी – पापा हफ्ते भर के टूर पर चले गए और मेरा छोटा भाई चूंकि दूसरे शहर में एक कॉलेज में पढ़ता था और वहीं हॉस्टल में ही रहता था.
इस तरह मम्मी – पापा के जाने के बाद मैं घर पर अकेली ही रह गयी. फिर घर में किसी के न होने का मैंने फायदा उठाने की सोची और बाजार जाकर वहां रात के लिए से मूली ले आयी.
अब मैं बड़ी बेसब्री से रात का इन्तज़ार करने लगी थी. फिर रात में खाना खा कर मैं अपने रूम में चली गई और मूली निकाल कर उसे चूत में डाल लिया और अपनी कई दिनों की प्यास बुझाने लगी. मूली को अपनी चूत में ही लेकर मैं कब सो गई, मुझे पता ही नहीं चला.
सुबह बाहर के शोरगुल से मेरी नींद खुली तो मैंने खिड़की से बाहर आंगन में झाँका तो देखा कि वो लड़का रोहित नहाते हुए अपने हाथ में अपना लौड़ा लेकर कुछ कर रहा था पर मेरी आँखें यह सब देख कर नहीं फट रही थीं. वास्तव में मैं यह देख कर सन्न रह गयी कि उसका लौड़ा कम से कम 10 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा था.
उसका इतना बड़ा लन्ड देख कर मेरी चूत गीली हो रही थी. मैं कल तक जिसको छोटा बच्चा समझ कर अनदेखा कर रही थी वो तो कुछ और ही निकला. अब तो मैं उसको फंसाने का मौका देखने लगी.
फिर दूसरे दिन जब मैं नहा रही थी तो मैंने बाथरूम की खिड़की खुली छोड़ दी ताकि वो मुझे नहाते हुए देख सके और हुआ कुछ ऐसा ही. वो कुछ काम से हमारे रूम की तरफ आ रहा था और बाथरूम खिड़की खुली देख कर मुझे नहाते हुए देखने और मजे लेने लग गया.
जब में नहा चुकी और बाहर आई तो तब तक वह वहाँ से भाग गया था. कुछ ही देर बाद जब मैं अपने रूम में कपड़े बदल रही थीं तो वो दौड़ते हुए आया और मेरे कमरे में आते ही मेरे को किस करने लगा.
करीब 5 मिनट तक वो लगातार मेरे होंठ चूसता रहा. इसके बाद मैंने उसे अपने से अलग करने का ढोंग किया और कहा कि ये सब क्या कर रहे हो? छोड़ो मुझे नहीं तो मैं शोर मचा दूंगी, चले जाओ यहाँ से.
इस पर वो कहने लगा कि आप परेशान न हों किसी को नहीं पता चलेगा, मैं सब दरवाजे बंद करके आया हूं और साथ ही कॉन्डोम भी लाया हूं, इसलिए उसकी भी कोई दिक्कत नहीं. उसकी बातें सुन कर मैं मन ही मन खुश हो रही थी और सोच रही थी कि आज तो मेरी सुहागरात मनाई ही जाएगी, लेकिन सामने से मैंने उससे कहा कि ये सब क्या बकवास कर रहे हो?
इस पर वो बोला, “नीलम रानी, मेरे को सब पता है कि तेरी शादी नहीं हो रही है और बाप तेरा तुझे घर से बाहर जाने नहीं देता. इसके अलावा तेरा कोई बॉय फ्रेंड है नहीं और चूत में तो तेरी खुजली बड़ी होती है.
फिर थोड़ा रुक कर वह बोला, “बहुत दिनों से मूली और मोमबत्ती से अपनी प्यास बुझा रही है, आज मेरे लौड़े से चुदवा ले. इसके बाद फिर कभी मूली लेने को नहीं सोचेगी!
इस पर मैंने उससे कहा कि तेरे को यह सब कैसे पता है? तो वो बोला, “मैं तो रोज तेरे को नंगा देख कर मुट्ठ मरता हूँ.” उसकी यह बात सुन कर मुझे हंसी आ गयी और मैं सोचने लगी कि मतलब इतने दिनों से मैं फालतू में लौड़े के लिए पागल हो रही हूँ.
इतने में रोहित ने मुझे मेरे पलंग पर पटक दिया और मेरे ऊपर आ कर मेरे को चूसने लगा और कहने लगा, “नीलम रानी, आज मैं तेरे को कली से फूल बना दूंगा.” दोस्तों, अब तक मैं भी गर्म हो चुकी थी तो मैं उठी और उसके पैंट को खोल कर उसके लौड़े को मुंह में ले लिया और चूसने लगी.
थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा, “राजा, जब तुझे पता था तो इतने दिनों से तड़पाया क्यों?” इस पर वो बोला, “रानी, गर्म लोहे पर ही हथोड़ा मारा जाता है!” उसकी यह बात सुन कर मैंने बस मुस्कुरा दिया.
कुछ ही देर बाद पूरे कमरे में मेरी कामुक आवाजें गूंजने लगी. अब रोहित मेरी चूत चूसने लगा. उसकी चुसाई से मैं एक दम मस्त हो गई थी और फिर कुछ ही देर में मेरी चूत ने अपना पानी निकाल दिया.
एक बार चूत ठंडी होने पर मैंने उससे कहा, ‘राजा, चाँद की सवारी तो कराओ.” मेरे इतना कहते ही तो वो गया और किचन से तेल की बोतल उठा लाया. फिर वो मेरी चूत पर और अपने लौड़े पर तेल लगाने लगा.
इसके बाद उसने मेरे को पलंग पर लिटा दिया और फिर उसने मेरे पांव अपने कंधों पर रख लिए और एक जोर का झटका लगाया. उसके इस झटके से उसका पूरा लंड मेरी चूत की गहराइयों में उतर गया.
मैं अचानक हुए इस पहले झटके को बर्दाश्त न कर पाई और कुछ देर के लिए मेरे ऊपर बेहोशी छा गयी. पर कुछ ही देर में जब मेरे को होश आया तो मैंने देखा कि बेड पर खून ही खून हो रखा था.
मुझे होश में देख कर अब रोहित ने जोर – जोर के झटके लगाने शुरू कर दिए. इस चुदाई से मुझे लग रहा था कि मेरे शरीर की हर इच्छा पूरी हो गयी. उस दिन उसने करीब 10 मिनट तक मेरी कुँवारी चूत को अच्छे से बजाया और फिर झड़ गया. इस चुदाई में मैं भी दो बार झड़ चुकी थी.
उस दिन के बाद से अब वो मुझे रोज चोदने लगा और मम्मी – पापा के आने तक उसने मुझे हजारों बार चोदा. बाद में जब मम्मी – पापा आ गए तो हमारी चुदाई थोड़ी कम हो गई, लेकिन मौका मिलने पर मैं उससे चुदती जरूर हूँ.
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]