किताब लेने के बहाने पड़ोसन लड़की की चुदाई

मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती थी. वह 12वीं में पढ़ती थी. मुझे भी अपनी पढ़ाई के लिए कभी – कभी उसकी किताब की जरूरत पड़ती तो मैं उसके पास जाकर ले आता. एक दिन मैं उसके घर में बैठा था तभी मैंने हिम्मत करके उसे आंख मार दी. जवाब में वह मुस्कुरा के अंदर चली गई. इसके बाद फिर क्या हुआ ये आपको मेरी इस कहानी में जानने को मिलेगा…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम विनय (बदला हुआ) है और ये मेरी पहली चुदाई कहानी है. मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे शहर का रहने वाला हूं. अब आप लोगों का समय व्यर्थ की बातों में न जाया करते हुए मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूं.

बात उस समय की है जब मैं बीएड प्रथम वर्ष में था. उस टाइम मेरी उम्र 22 साल थी. दोस्तों, मेरे पड़ोस में एक घर है जिसमें एक लड़की रहती थी. उसका नाम पुष्पा था. पुष्पा दिखने में गजब की खूबसूरत थी. जो भी उसको देखता, उसका हाथ खुद ब खुद अपने लन्ड पर चला जाता और फिर कुछ ही देर लन्ड पानी छोड़ने लगता.

उसके बूब्स काफी बड़े – बड़े हैं और गांड भी उभरी हुई है, जिसे देख कर ही हर किसी का लन्ड तन जाता है. उस समय वो गांव के ही सरकारी विद्यालय में 12वीं में पढ़ती थी. चूंकि मैं बीएड कर रहा था इसलिए उसके घर बीएड के लिए उसकी बुक्स लेने चला जाता था.

तब मेरा उसके प्रति कोई गलत रवैया नहीं था. लेकिन बाद में उसके यौवन को देख कर मुझे कुछ – कुछ होने लगा और फिर मैं लगभग हर शाम उनके घर जाने लगा. फिर जब वह मेरे सामने आती तो मैं उसके बड़े – बड़े बूब्स को देखता रहता.

इस बात को उसने भी देख लिया पर कुछ कहा नहीं. फिर एक दिन जब वह मेरी तरफ देख रही थी तो मैंने हिम्मत करके उसे आंख मार दी तो वो मुस्कुरा दी और फिर वहां से भाग गई.

फिर उस दिन घर आकर मैंने उसके नाम की मुठ मारी और आगे की प्लानिंग करने लगा. एक दिन जब मैं उसके घर गया तो एक समय ऐसा आया जब वह मेरे सामने अकेली रह गई. तब मैंने अपने फोन में एक सेक्सी मूवी चला कर चुपके से उसे दिखा दी. जिसे वो शर्मा कर नजर चुरा कर देख रही थी.

इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गयी और फिर एक दिन मैंने उसे अकेला देख कर उसके बूब्स को दबा दिया. मेरे ऐसा करने पर उसने शर्मा के नीचे देखने लगी. तब मैंने उसकी ठोड़ी पर उंगली लगा कर सर ऊपर किया और उसके होंठों पर जोरदार किस कर दी. उस दिन इतना ही कर पाया और फिर वापस अपने घर आ गया.

अगले दिन शाम को तकरीबन 8 बजे मैं उसकी बुक वापस करने गया. उस समय वो अपने कमरे में अकेली लेटी थी. घर में और कोई नहीं था. मैं सीधा उसके कमरे में चला गया. सर्दी का मौसम था, इसलिए उसने रजाई ओढ़ रखी थी.

फिर मैं किताब साइड टेबल पर रख कर वहीं उसके पास बैठ गया और धीरे से अपना हाथ उसके बूब्स पर रख के उसे दबा दिया. जिसका उसने कोई विरोध नहीं किया. अब मेरी हिम्मत और बढ़ गई थी.

इसके बाद मैंने एक हाथ से उसकी सलवार का नाड़ा खोल कर सलवार नीचे कर दी. अब वो केवल चड्ढी में थी. फिर मैंने उसे भी खींच कर उतार दिया और वह नंगी हो गई. अब मैं उसकी चूत पर हाथ फिराने लगा.

दोस्तों, उसकी चूत पर छोटे – छोटे बाल थे. थोड़ी देर ऐसा करने के बाद फिर मैंने उसकी चूत में अपनी एक अंगुली डाल दी और आगे – पीछे करने लगा. साथ ही मैंने अपनी पैंट की चेन खोल कर अपना कड़क लन्ड बाहर निकाल लिया और फिर उसका हाथ पकड़ कर लन्ड पर रख दिया. लन्ड के हाथ में आते ही वो उसे सहलाने लगी और कुछ देर बाद मुठ मारने लगी.

इस बीच मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया. अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी. साथ में हम हस्त मैथुन भी कर रहे थे. फिर कुछ देर बाद हम दोनों ही झड़ गए. इस पर वो बोली कि अब बस करो, कोई आ जायेगा. उसके कहने लर मैं मान गया और हमने सेक्स नहीं किया.

उसके बाद एक दिन जब मैं उसके घर गया तो मैंने चुपके से उसे पत्र लिख कर पकड़ा दिया, जिसमें लिखा था कि चुदाई कब करनी है? फिर अगले दिन जब मैं दोबारा वहां गया तो उसने भी मुझे एक लेटर दे दिया, जिसमें लिखा था कि जब मेरी मां गांव चली जायेगी तब सब कुछ करेंगे.

अब हम उसकी मां के गांव जाने का इंतजार करने लगे. कुछ दिन बाद आखिर वो खूबसूरत दिन आ ही गया और उसकी मां 2 दिन के लिए अपने पीहर चली गयी. तब हमने तय किया कि आज रात को 12 बजे वो मेरे कमरे में आ जायेगी.

शाम से ही मैं उसका इंतजार करने लगा. रात हुई और 12 बजने में 2 मिनट बाकी था कि वो आ गई. शायद उससे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था. उसके आते ही मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और ताबड़तोड़ किस करने लगा. वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर थोड़ी देर बाद वह कहने लगी कि जो भी करना है जल्दी कर लो.

यह सुन कर मैंने देर न करते हुए उसके सारे कपड़े उतार दिए और फिर उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए. अब हम दोनों एक दम नंगे थे. हम फिर से किस करने लगे. किस करने के साथ ही मैं उसकी चूत और बूब्स को भी सहला रहा था. दूसरी तरफ वो भी मेरा लन्ड सहला रही थी.

बूब्स और चूत सहलाने की वजह से वह जोर – जोर से मादक सिसकारियां ले रही थी. इसी बीच उसने मुझसे कहा कि अब रहा नहीं जा रहा जल्दी करो. उसके मुंह से छह सुन कर मैंने उसे सीधा लिटा दिया और उसकी दोनों टांगे चौड़ी करके उनके बीच में आ गया.

इसके बाद लन्ड का टोपा उसकी चूत पे सेट करके मैं उसके होंठों को चूमने लगा. ऐसा इसलिए ताकि उसे दर्द कम हो और होंठ दबे होने के कारण उसकी आवाज बाहर न जा सके.

इसके बाद मैंने एक धक्का मार दिया और इस धक्के की मदद से मैदा आधा लन्ड उसकी चूत में समा गया. अब दर्द की वजह से वो तड़पने लगी. यह देख मैंने अपने धक्के रोक दिए. कुछ ही देर बाद फिर वो शांत हो गई.

तब मैंने एक और धक्का मार कर पूरा लन्ड उसकी चूत में घुसेड़ दिया. मेरा लन्ड उसकी चूत को फाड़ता हुआ उसकी चूत में समा गया. अब वो फिर से तड़पने लगी. मैं फिर से रुक गया. इस वजह से कुछ देर बाद वो शांत हो गई.

यह देख मैंने फिर से धक्के देना शुरू कर दिया. कुछ समय बाद जब उसे मज़ा आने लगा तो वो भी सामने से धक्के देकर चुदने लगी और मादक आवाज में बोलने लगी, “और जोर से चोदो राजा और जोर से, मजा आ रहा है… आ आ आ आह आह”.

तकरीबन 10-15 मिनट की चुदाई के बाद जब उसकी चूत पानी छोड़ने को हुई तो वो मुझे अपनी ओर खींचने लगी. अब उसका शरीर अकड़ने लगा और थोड़ी ही देर में झड़ गई.

कुछ देर बाद मेरा भी पानी निकलने वाला था तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और 10-12 धक्कों के बाद लन्ड चूत से बाहर निकाल कर उसके पेट पर सारा माल गिरा दिया.

इसके बाद मैं थोड़ी देर उसके ऊपर ही लेटा रहा फिर हम उठ कर अपने – अपने कपड़े पहन लिए. चुदाई की वजह से अभी भी उसकी चूत जल रही थी और उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था. फिर मैंने उसे पकड़ के किस किया और उसे बाहर तक छोड़ आया. इसके बाद मैं अपने कमरे में आकर सो गया. अगली रात फिर हमने मस्त चुदाई की.

उस दिन के बाद से अब जब भी हमें मौका मिलता है तो हम अपनी जवानी के पूरे मजे लेते हैं. दोस्तों ये थी मेरी पहली चुदाई की कहानी अगर आपको पसंद आई तो मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी ईमेल आईडी – [email protected]

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