एक बार मुठ मारने की वजह से मेरे लंड में सूजन आ गई. जिसकी दवा लेने मैं पड़ोस के डॉक्टर अंकल के पास गया लेकिन वो नहीं थे. तब मैंने उनकी वाइफ को अपना लंड दिखाया. दवा के रूप में उन्होंने एक तेल मालिश करने को कहा तो मैंने उन्हीं से करने को कहा. वो करने लगीं. फिर क्या हुआ होगा आप खुद ही समझ गए होंगे…
हाय दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मैं पंजाब का रहने वाला हूं. यहां पर मैंने बहुत सी स्टोरीज पढ़ी हैं, जो मुझे काफी अच्छी लगीं. आज मेरा भी मन किया कि तो मैं आप सब के साथ अपनी रियल स्टोरी शेयर करने जा रहा हूं, जो एक साल पुरानी है.
कहानी शुरू करने से पहले मैं आप सब को अपने बारे में बता दूं. मेरे लंड का साइज लम्बाई में 8 इंच और मोटाई में 2 इंच है. अब मैं टाइम न वेस्ट करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूं.
एक दिन मैं घर पर अकेला था. उस दिन मोबाइल पर ब्लू फ़िल्म देख कर मैं काफी उत्तेजित हो गया और इतनी जोर से मुठ मारी की लंड से खून निकलने लगा. अब मुझे दर्द वही हो रहा था. फिर मैंने लंड अंदर किया और इग्नोर करने लगा.
दर्द कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था. दोस्तों, हमारे घर के पास ही एक डॉक्टर रहते हैं. उन्होंने घर पर ही डिस्पेंसरी खोल रखी थी. वे हमारे पहचान के भी थे. फिर जब दर्द कम नहीं हुआ तो मैं उनकी डिस्पेंसरी पर चला गया. लेकिन वे वहां थे ही नहीं.
यह देख फिर मैं उनके घर के अंदर चला गया कि कहीं अंदर तो नहीं हैं. जब मैं रूम के दरवाजे के पास पहुंचा तो ठिठक गया. अंदर आंटी कपड़े चेंज कर रही थीं. ऊपर उन्होंने सफेद ब्रा और नीचे सलवार पहन रखी थी.
उन्हें इस रूप में देख कर उन पर से मेरी नज़र ही नहीं हट रही थी. मैं अपना दर्द भूल गया था. वो 40 साल की थीं, फिर भी काफी सेक्सी लग रही थीं. ब्रा के ऊपर से उनके मम्मों का साइज 34डीडी का लग रहा था. वो एक दम फिट थीं और उनकी उम्र 30 के आसपास की लग रही थी.
तभी अचानक वो पीछे घूमीं और मुझे देख कर चौक गईं और बोलीं – तुम कब आये, ऐसे बिना आवाज किये कोई आता है! इतना कह के वो मेरे ऊपर गुस्सा हो गईं. तब मैंने कहा कि मैं अंकल के पास आया था लेकिन वो डिस्पेंसरी में थे ही नहीं तो मैंने सोचा कि अंदर होंगे इसलिए मैं भीतर चला आया. आंटी माफ कर दीजिए.
फिर उन्होंने कहा कि तुम बाहर चलो और दूकान पर बैठो, मैं आती हूं. दोस्तों, मैं आपको बताना भूल गया था कि वो भी पेशेंट को चेक कर लेती थीं. फिर मैं दूकान पर बैठ गया. 2 मिनट बाद आंटी भी आ गईं.
अब मैं उनसे नज़र नहीं मिला पा रहा था. फिर आंटी ने कहा कि अब बताओ क्या दिक्कत है. तब मैंने कहा कि आंटी वो मैं आपको नहीं बता सकता. वो अंकल को बताऊंगा. तब उन्होंने कहा- देखो, ऐसी कोई बात नहीं है, घबराओ मत, जो हुआ उसे भूल जाओ और बात बताओ.
इस पर मैंने कहा – आंटी, आप समझ नहीं रही हैं. उन्होंने कहा – कुछ बताओगे तभी तो मैं समझूंगी! तब मैंने कहा कि वो आपको बताने वाली बात नहीं है. इस पर वो हंस पड़ीं और बोलीं – शरमाओ मत और बताओ.
तब मैंने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा – आंटी, मेरे यहां दर्द हो रहा है. तब उन्होंने कहा कि चलो अच्छा दिखाओ. मैंने कहा – क्या? तो उन्होंने कहा कि दिखाओ कहां दर्द हो रहा है और क्या?
फिर मैंने धीरे से अपनी पैंट उतार दी. दोस्तों, मैंने अंडर वियर नहीं पहन रखा था. अब मेरा लंड बाहर आ गया. उसमें सूजन आ गई थी और वह 4 इंच मोटा हो गया था.
अब आंटी मेरे लंड को आंख फाड़ – फाड़ कर देख रही थीं. उसे देख कर उनकी आंखों में एक अलग ही चमक आ गई थी. तब मैंने उनका ध्यान हटाने के लिए उन्हें आवाज लगाई. तब उन्होंने कहा कि ठीक है अब तुम अपना पैंट पहन लो. मैंने पैंट पहन लिया. फिर आंटी ने मुझे दवा दी और कहा कि अगर कोई प्रॉब्लम हो तो मुझे फ़ोन कर लेना.
फिर मैं घर आ गया. इसके बाद मैंने दवा खाई और सो गया. लेकिन इसके बाद भी दर्द कम न हुआ. तब उठने के बाद मैंने आंटी को फ़ोन किया तो वो बोलीं – कोई बात नहीं कल आना मैं दूसरी दवा दे दूंगी.
इसके बाद रात को खाने खाया और उसके बाद फिर से दवा ली और सो गया. दवा की वजह से मुझे कुछ आराम हो गया था. अगले दिन मुझे आंटी का फोन आया और उन्होंने पूछा कि कैसे हो? इससे पहले कि मैं कोई जवाब देता उन्होंने कहा कि अब तुम घर आ जाओ, दूसरी दवा देती हूं.
फिर मैं उनके घर गया. वो डिस्पेंसरी पर ही बैठी थीं. उन्होंने मुझे अंदर आने को कहा और फिर डिस्पेंसरी को अंदर से लॉक कर दिया. इसके बाद उन्होंने मुझसे मेरा हाल पूछा और अंदर कमरे में ले गईं. तब मैंने कहा कि थोड़ा दर्द हो रहा है लेकिन वास्तविकता यह थी कि मुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं हो रहा था.
तब आंटी ने पैंट उतारने को कहा. उन्होंने कहा कि मेरे पास एक तेल है उसे लगा लो आराम होगा. इस पर मैंने कहा कि आंटी आप डॉक्टर हो आप ही लगा दो, मुझसे कहीं गड़बड़ न हो जाए. मेरी इस बात पर पहले तो वो कुछ न बोलीं लेकिन फिर कहा ठीक है लगाती हूं.
इसके बाद आंटी ने जैसे ही मेरे लंड को हाथ में लिया वैसे ही मैं उत्तेजित होकर पागल सा हो गया. अब आंटी प्यार से मेरे लंड को मसल रही थीं और मेरी हालात देख मुस्कुरा भी रही थीं.
करीब 2 मिनट की मालिश के बाद आंटी ने कहा कि अब हो गया. तब मैंने कहा- नहीं आंटी जी, प्लीज़ अब मत रुको, कब जो करना है वो कर दो, थोड़ा जोर से कर दो अब इसे ऐसे मत छोड़ो. मेरी बात सुन कर उन्होंने कहा – क्या कह रहे हो तुम, होश में तो हो? मैंने कहा – प्लीज़ आंटी कर दो, आप जो भी कहोगी मैं वो करूंगा.
अब तक आंटी भी गर्म हो गई थीं. फिर उन्होंने मेरी तरफ कातिल नज़र से देखा और मुस्कुरा कर तेजी से लंड हिलाने लगीं. अब हम दोनों फुल जोश में आ गए थे. तभी आंटी ने मेरे लंड को मुंह में ले लिया और जोर – जोर से चूसने लगीं.
उनके ऐसा करने से मेरे मुंह से मादक सिसकारी निकलने लगी. मैंने कहा – आई लव यू माय सेक्सी डॉल. आंटी मस्ती में मेरा लंड चूस रही थीं. तभी उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए और नंगी हो गईं. उनके बड़े – बड़े बीओब्स देख कर मैं पागल हो गया.
अब मैंने उन्हें लिप किस करना स्टार्ट कर दिया. तब उन्होंने मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल दी. मैं मस्त होकर उनकी जीभ को चूसने लगा. साथ में मैं उनके मम्मों को भी मसल रहा था.
दूसरी तरफ वो मेरे छोटे – छोटे निप्पल्स पर बाईट करने लगी थीं. वो वासना की आग में झुलस रही थीं. फिर मैंने उन्हें बेड पर लिटा दिया और उनकी पूसी पर जीभ लगाकर चूसने लगा. उनकी चूत पर बाल थे लेकिन इसके बाद भी मुझे काफी मज़ा आ रहा था.
मैं लगातार उनकी चूत में अपनी जीभ अंदर – बाहर कर रहा था. इससे वो पागल सी हो गईं और मादक आवाजें करने लगीं. वो मुझसे चोदने के लिए कह रही थीं और मैं उनकी क्लिट (भगनासा) पर अपनी जीभ फेर रहा था.
थोड़ी देर बाद उनका पानी मेरे मुंह में छूट गया, जिसे मैं सारा का सारा पी गया. अब हम बेड पर सीधे लेट गए. हमारी सांस फूलने लगी थी. फिर आंटी मुझे किस करने लगीं.
करीब 15 मिनट के बाद आंटी ने मुझसे कहा – अब मुझे जल्दी से चोद दो, मैं तुम्हारा लंड देख कर कल से सो नहीं पाई हूं. फिर मैं उठा और आंटी की टांगों को उठाया. इसके बाद मैंने अपना लंड आंटी की चूत पर लगाकर सुपाड़े को अंदर किया तो उनके मुंह से हल्की चीख निकल गई. वो बोलीं – दर्द हो रहा है, आराम से करो!
लेकिन मैं उनकी परवाह किये बिना लंड को अंदर डालने लगा. थोड़ा और अंदर जाने पर मैं जोर – जोर से धक्के लगाने लगा. मेरे धक्कों की वजह से आंटी की आंखों से आंसू निकलने लगे लेकिन इसके बावजूद वो और तेजी से चुदाई करने को कह रही थीं.
उनकी आवाज सुन कर मैं और भी जोर से धक्के लगाने लगा. मैंने देखा की उत्तेजना के चलते आंटी का चेहरा एक दम लाल हो चुका था. मैं लगातार उनको चोद रहा था. अब वो मुझे गाली भी देने लगी थीं. वो कहा रही थीं – हरामी, और जोर से चोद, कुत्ते अपनी मां समान आंटी की चूत और जोर से चोद.
अब हम दोनों ही अपनी लास्ट स्टेज में थे. मैं समझ गया कि अब पानी निकलने वाला है तो मैंने अपना लंड निकाल कर आंटी के मुंह में दे दिया और धक्के मारने लगा. थोड़ी देर बाद लंड ने पिचकारी छोड़ दी, जिसे आंटी पी गईं.
अब आंटी बेड पर सीधी लेट गई थीं. वो बहुत खुश थीं. उन्होंने कहा कि आज मेरी लाइफ की सबसे अच्छी चुदाई हुई है. इसके बाद मैंने आंटी को किस किया और अपने घर चला आया. उस दिन के बाद मैंने कई बार आंटी को चोदा.
आपको मेरी यह रियल कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं. जल्द ही मैं अपनी दूसरी कहानी के साथ आपके सामने प्रस्तुत होऊंगा. तब तक के लिए मेरा नमस्कार. मेरी मेल आईडी – [email protected]