लेक्चरर को चोद उसकी प्यास बुझाई

एक बार मैं अपनी एक क्लाइंट से चुदाई के बारे में बात कर रहा था. तभी बगल से गुजरती एक लेक्चरर ने मेरी बातें सुन लीं. वो मुझे जानती थीं. रात को फ़ोन करके उन्होंने मुझे बुलाया और मुझसे मसाज देने को कहा. मैं भी उन्हें चोदना चाहता था. फिर जब मैं उनके घर पहुंचा तो उन्होंने अपने इरादे जाहिर कर दिए. फिर क्या था, फिर शुरू हो गई धकापेल चुदाई…

हेलो दोस्तों, जयपुर से मैं देवेश आपकी सेवा में उपस्थित हूं. मैं एक सेल्स मैनेजर हूं और कंप्यूटर कम्पनी में काम करता हूं. साथ में प्रोफेशनल बॉडी मसाजर और प्ले बॉय का भी काम करता हूं. मेरी हाइट 6 फुट है और मांसल बदन का नौजवान युवक हूं. मेरा लिंग 6.5 इंच लम्बा है और सेक्स करते समय मैं लम्बे समय तक टिका रहता हूं.

अब आप लोगों का ज्यादा समय न लेते हुए मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूं. शिल्पा जयपुर के ही एक कॉलेज में लेक्चरर थी. उस कॉलेज में अक्सर मेरा आना – जाना लगा रहता था. काम के सिलसिले में मेरी शिल्पा से बात भी होती रहती थी.

शिल्पा काफी खूबसूरत थी. वह लम्बी भी थी और उसके बूब्स भी काफी बड़े थे. रंग की बात करें तो उसका कलर एल दम गोरा था, ऐसे जैसे अंग्रेजों का होता है. कुल मिला कर वो ऐसी थी कि देखते ही किसी का भी लन्ड खड़ा हो जाए. जब भी मैं उसके सामने जाता मेरा भी यही हाल होता.

मैं उसे चोदना तो चाहता था लेकिन कभी इस तरह से बात नहीं की. एक बात तो मैं आप सब को बताना ही भूल गया था. वह शादीशुदा महिला थी और उसके पति नेवी में थे. उसको देख कर ऐसा लगता था कि वह अपने पति से संतुष्ट नहीं है.

एक दिन मैं किसी काम से कॉलेज गया था. उसी समय मेरी एक पुरानी क्लाइंट का फोन आ गया. मैं उससे बात करके डेट और टाइम फिक्स कर ही रहा था कि शिल्पा उधर से गुजरी. उसने मेरी कुछ बातें सुन ली थी. उस टाइम तो उसने कुछ नहीं कहा लेकिन रात में उसका फ़ोन आया और उसने पूछा कि कॉलेज में फ़ोन पर मैं किससे बात कर रहा था.

मैंने उसे बताया कि वो मेरी क्लाइंट थी. उसने पूछा कि किस तरह की क्लाइंट? मैंने कहा कि कंप्यूटर वाली क्लाइंट है. लेकिन उसे पता चल गया था. इसलिए उसने मुझसे कहा कि अगर आपकी नज़र में कोई अच्छा बॉडी मसाज वाला हो तो बताओ. मैंने कहा कि अभी तो नहीं है लेकिन पता करके बताता हूं. अब मेरा मन अंदर ही अंदर झूम उठा. मुझे वो सब मिलने वाला था, जिसका मैं काफी समय से इंतज़ार कर रहा था.

दो दिन बाद फिर उसका फ़ोन आया और उसने मुझे पूछा कि कोई मिला क्या? मिस पर मैंने कहा कि नहीं अभी कोई नहीं मिला. तब उसने तपाक से कह दिया कि तुम ही मेरी बॉडी मसाज कर दो. दोस्तों, अंधे को क्या चाहिए ‘दो आंख’. उसी तरह मैंने भी हां कह दिया.

फिर उसने मुझे अपने घर बुलाया. जब मैं उसके घर पहुंचा तो वो मेरे सामने नेट वाली नाइटी पहन कर आई. उसमें से उसकी ब्रा और पैंटी साफ दिखाई दे रही थी. उसने लाल रंग के अंडर गारमेंट्स पहने हुए थे.

अंदर जाने पर वो मेरे लिए ड्रिंक ले आई और आकर मेरे साथ वहीं सोफे पर बैठ गई. मैंने भी ड्रिंक लेने से इनकार नहीं किया. उसने भी मेरा साथ दिया. ड्रिंक की वजह से जब थोड़ा – थोड़ा नशा होने लगा तो वो मुझसे खुल गई और कहने लगी – देवेश, मैं तुमको कब से चाहती हूं लेकिन तुम हो कि मुझे भाव ही नहीं देते.

उसकी यह बात सुन कर मैं भी खुल गया और फिर मैंने कहा – जानू, मैं भी तुमको बहुत दिनों से चाहता हूं पर कभी कहा नहीं कि कहीं तुम बुरा न मान जाओ.

मेरी बात सुन कर वह अपने पति पर भड़कने लगी. उसने कहा कि वो मादरचोद वहां बैठा है और मैं यहां चुदाई के लिए तड़प रही हूं. साला 6 महीने में एक बार आता है, थोड़ा सा चोदता है और फिर चला जाता है. बाकी के दिन मैं यूं ही तरसती रहती हूं.

तब मैंने कहा कि परेशान न हो मेरी जान, मैं हूं न अब तुमको लन्ड के लिए तरसना नहीं पड़ेगा. इतना सुनते ही वो मुझसे लिपट जाती है और पागलों की तरह किस करने लगती है. मैंने भी उसका पूरा साथ दिया. फिर उसने – देवेश, आज से मैं तुम्हारी हूं, मुझे चोदो और मेरी चूत का भुर्ता बना दो.

फिर मैंने उसकी नाइटी उतार दी. अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में मेरे सामने खड़ी थी. इसके बाद मैंने उसे सोफे पर लिटाया और ऊपर से नीचे तक उसके बदन को चूमने लगा. वो मस्त हो गई. फिर मैंने उसकी ब्रा और पैंटी को भी उतार दिया. इसके बाद मैं उसके नंगे बूब्स को मुंह में लेकर उसका दूध पीने लगा. मेरे ऐसा करने से वो ‘उम्म आह आह ओह्ह ओह्ह चोदो मुझे हां ऐसे ही करते रहो’ जैसी मादक आवाजें निकालने लगी.

थोड़ी देर बाद फिर उसने मेरा शर्ट – पैंट और साथ में अंडर वियर भी उतार दिया. अब हम दोंनों जन्मजात नंगे थे. फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया. वहां बेड पर लिटा के मैं फिर से उसे किस करने लगा. किस करते – करते मैं उसकी चूत तक पहुंच गया और उसकी क्लिट को मुंह में लेकर चूसने लगा.

क्लिट मुंह में लेते ही उसकी आवाजें और तेज हो गईं. वह मुझे रुकने के लिए कह रही थी और साथ ही मेरा सर भी अपनी चूत में दबा रही थी. दूसरी तरफ उसकी चीख और तड़प से बेपरवाह मैं मस्ती में डूबा काम रस से भीगी उसकी चूत चाट रहा था.

थोड़ी देर बाद उसने अपना सारा माल मेरे मुंह में छोड़ दिया. जिसे चाट के मैंने उसकी चूत साफ कर दी. इसके बाद हम थोड़ी देर ऐसे ही लेते रहे. कुछ देर बाद हमने फिर से ड्रिंक किया और ड्रिंक करने के बाद उसने मेरे लन्ड को अपने मुंह में भर लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.

वह बहुत ही मस्त तरीके से लन्ड चुसाई कर रही थी. उसकी चुसाई से मेरा लन्ड बड़ा होकर 7 इंच का हो गया था. वह तब तक लन्ड को मुंह में लेकर उस पर जीभ फिराती रही जब तक कि उसके मुंह में मेरा पानी नहीं छूट गया. फिर वो मेरा सारा पानी गटक गई.

इसके बाद हमने फिर ड्रिंक किया. ड्रिंक के बाद वह मुझसे बोली – देवेश, अब बहुत हो गया, मेरी प्यास अपने चरम पर पहुंच गई है, अब तुम जल्दी से मुझे चोदो. लेकिन मैंने फिर से अपना लन्ड उसके मुंह में डाल दिया. उसके चूसने की वजह से लन्ड फिर खड़ा हो गया.

इसके बाद मैंने उसको लिटा कर सीधा किया और उसकी दोनों टांगों को अपने कंधे पर रख लिया. इसके बाद लन्ड को उसकी चूत के मुंह पर रख कर एक जोरदार झटका मारा. इससे मेरा आधा लन्ड उसकी चूत में चला गया.

दोस्तों, वो इस बार भी काफी दिनों से नहीं चुदी थी. यही नहीं कुल मिलाकर उसने अपने पति से बस गिनी – चुनी बार ही तो चुदाई करवाई थी, नहीं तो वो बाहर ही रहता था. बहुत कम चुदाई होने के कारण उसकी चूत बहुत टाइट थी. इसलिए लन्ड अंदर जाने में थोड़ी दिक्कत भी हुई थी. यही वजह थी कि आधा लन्ड अंदर जाने के बाद वो चीख पड़ी और बोली – उई मां मर गई…, देवेश… प्लीज धीरे करो न नहीं तो मेरी चूत फट जाएगी.

फिर थोड़ी देर तक मैं उसी पोजिशन में रहा और आधे घुसे लन्ड को ही धीरे – धीरे हिलाता रहा. इससे कुछ देर में लन्ड ने चूत में अपनी जगह बना ली. इसी बीच मैंने जोर का एक झटका दिया और मेरा पूरा लन्ड उसकी चूत में घुस गया. उसे असहनीय दर्द हुआ. उसका मुंह खुला का खुला रह गया.

अब मैंने धीरे – धीरे झटके लगाने शुरू कर दिए. कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा. फिर वो भी मेरा साथ देने लगी. जब मुझे उसका सहयोग मिलने लगा तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर – जोर से धक्के मारने लगा. अब वो चुदाई में एक दम डूब गई थी और चिल्ला – चिल्ला के कह रही थी ‘मादरचोद और चोद मुझे, बहन के लौड़े… और जोर से और जोर… फाड़ दे आज मेरी चूत को साले कमीने, अभी तक तू क्यों मेरे पास नहीं आया.

थोड़ी देर चूत चुदवाने के बाद वो बोली – देवेश, मैं झड़ने वाली हूं, प्लीज अपनी स्पीड और बढ़ाओ ताकि मैं ढंग से अपने चर्मोत्कर्ष का आनन्द ले सकूं. मैंने स्पीड बधाई और फिर उसने कस के मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गई. यह देख मैंने कहा कि हो गया तुम्हारा? तो उसने हां में जवाब दिया.

उसकी बात सुन कर मैं रुक गया. फिर मैंने लन्ड बाहर निकाला और उसे डॉगी स्टाइल में करके पीछे से पेल दिया. फिर मैं लगातार धक्के लगाने लगा. थोड़ी देर बाद उसने फिर से पानी छोड़ दिया. करीब 10 मिनट तक इस पोजिशन में चोदने के बाद मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में छोड़ दिया.

मेरी इस मस्त चुदाई से वो खुश थी और पूरी तरह संतुष्ट भी. उसने कहा कि देवेश, ऐसी चुदाई तो मैंने आज तक नहीं की. तुम वाकई में बहुत मस्त चुदाई करते हो. इसके बाद हमने साथ में खाना खाया और साथ ही लेट गए. उस रात मैंने उसे कई बार चोदा. सुबह जाते टाइम उसने मुझे 10 हजार रुपये दिए और कहा कि उस दिन तुम्हारी बात सुन कर मुझे पता चल गया था कि तुम ये सब करते हो.

उसकी बात सुन कर मैंने बस मुस्कुरा दिया. फिर उसने मुझे किस करते हुए कहा – अब जब भी बुलाऊं, आ जाना. तुम्हीं हो जिसके साथ मुझे पहली बार सेक्स का इतना मज़ा आया. इस पर मैंने कहा – शिल्पा, तुम में जो नशा और बात है न वो मुझे आज तक किसी भी लेडी में नहीं मिला. तुम जब भी बुलाओगी मैं दौड़ा चला आऊंगा.

फिर मैं चला गया. उस दिन के बाद मैंने शिल्पा के साथ कई बार सेक्स किया. उसने कॉलेज की अपनी एक स्टूडेंट की सील पैक चूत भी मुझे दिलाई लेकिन वो कहानी बाद में फिर कभी. तब तक आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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