लिफ्ट देने पर गिफ्ट में मिली चूत

एक बार मैं एक कैफे में बैठा था. तभी मेरी नज़र एक परेशान औरत पर पड़ी. वह बाहर खड़ी थी और फ़ोन पर चीख रही थी. मैं उसके पास गया तो उसने मुझे लिफ्ट देने को कहा. मैंने उसे लिफ्ट से दी. लेकिन फिर मुझे गिफ्ट में चूत कैसे मिली ये आपको इस कहानी में पता चलेगा…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम राज है और मैं गुजरात के अहमदाबाद शहर का रहने वाला हूं. मैं पिछले 6 सालों से अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ रहा हूं. इसकी कहानियां मुझे बहुत अच्छी लगती हैं और इन कहानियों को पढ़ कर मैं उत्तेजित हो जाता हूं. कहानी पढ़ कर लगता है कि बाद अब कोई लड़की मिल जाए और मैं उसे चोद दूं.

खैर, अब इधर – उधर की बातों में टाइम न वेस्ट करते हुए मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूं. एक दिन की बात है. मैं अहमदाबाद के एक फेमस कैफ़े पर बैठा कॉफी पी रहा था. तभी मेरी नज़र सामने पड़ी. मैंने देखा कि बाहर एक भाभी फ़ोन पर अपने नौकर को बुरी तरह से डांट रही थीं. वह इतनी तेज डांट रही थीं कि आवाज अंदर तक आ रही थी.

सब लोग उन्हें ही देख रहे रहे थे, मेरी भी नज़र पड़ गई. यह देख मैंने जल्दी से कॉफी खत्म की और बाहर जाकर उनसे पूछा कि क्या हुआ? तो उसने मुस्कराते हुए कहा कि मेरी एक्टिवा पंचर हो गई है.

उसकी यह बात सुन कर मैने भी हंसते हुए कहा कि मैं हेल्प कर दूं क्या? तब वो बोली कि मेरा घर पास ही है, आप मुझे मेरे घर तक छोड़ दीजिए, बाद मेरा नौकर आएगा और यहां से एक्टिवा ले जाएगा.

इसके बाद मैं अंदर गया और बिल चुका कर वापस आया. फिर भाभी को लेकर मैं पार्किंग गया और भाभी को गाड़ी में बिठाया. अभी मैं गाड़ी को पार्किंग से निकाल ही रहा था कि तभी भाभी की चुन्नी नीचे सरक गई. जिससे ब्लाउज में कैद उसके बूब्स दिखने लगे. जब मेरी नज़र पड़ी तो मैं उसके बड़े – बड़े बूब्स देखता ही रह गया.

अब तक गाड़ी पार्किंग से निकल कर रोड पर दौड़ने लगी थी. तभी भाभी ने मज़ाक में कहा, “क्या देख रहे हो? कभी देखा नहीं क्या”? तब मैंने भी मज़ाक में ही कह दिया कि देखा तो है लेकिन इतने बड़े – बड़े पहली बार देख रहा हूं.

मेरे इतना बोलते ही भाभी ने गाड़ी रोकने का इशारा किया. यह देख मेरी तो फट गई कि कहीं मैंने कुछ गलत तो नहीं बोल दिया लेकिन फिर उसने बताया कि मेरी सोसाइटी आ गई है तब मैंने चैन की सांस ली.

फिर मैंने गाड़ी साइड में पार्क कर दी और भाभी उतर गई. नीचे उतरने के बाद भाभी ने मुझे धन्दवाद दिया और फिर अपना विज़िटिंग कार्ड देते हुए बोली कि पास ही में मेरी शॉप है आप कभी भी आईए.

इसके बाद फिर मैंने कार्ड अपने पास रखा और घर आ गया. शाम के टाइम मैंने सोचा कि चल कर उस भाभी की शॉप देखता हूं शायद आगे कुछ काम ही बन जाए. दोस्तों, मेरे घर से भी उसकी शॉप पास ही थी तो घर से निकला और 5 मिनट में ही मैं उसकी शॉप पर पहुंच गया.

उस टाइम उसने सेक्सी सलवार और कमीज़ पहन रखा था, जिसमें उसके बड़े – बड़े बूब्स देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. खैर, उसे इस बात का पता नहीं चल पाया था. जैसे ही उसने मुझे देखा और फिर हेलो बोला. इसके बाद उसने मुझे बैठने के लिए बोला. मैं बैठ गया और फिर हमारी बातें होने लगीं.

बातों ही बातों में उसने मुझे बताया कि उसके हसबैंड इंडिया के बाहर जॉब करते हैं. तब मैंने भी उसे बताया कि मैं भी यहां अकेला ही रहता हूं. फिर उसने मेरा नंबर लिया और बोली कि कुछ भी काम हो तो बताना. इसके बाद ऐसे ही हमारी बातें होती रहीं. फिर कुछ देर बाद मैं उससे मिल कर घर आ गया.

शनिवार के दिन मेरे पास उसका कॉल आया. उसने मुझसे कहा कि आप अभी मेरे घर आ सकते हो? मैं भी फ्री था तो उससे बोला कि आता हूं. दोस्तों, उसका घर उसके शॉप के पीछे ही था. फिर थोड़ी देर में मैं उसके घर पहुंच गया.

उसके घर पहुंच कर मैंने बेल बजाई तो जैसे ही उसने दरवाजा खोला मैं उसे देख कर पागल ही हो गया. उस टाइम उसने मिनी मैक्सी पहनी हुई थी. जिसमें से उसकी गोरी और चिकनी टांगें दिख रही थीं. उसकी गोरी – गोरी टांगें देख कर मेरी हालत खराब हो रही थी.

खैर, तभी उसने स्थिति को संभालते हुए कहा, “अंदर नहीं आओगे क्या”? तब मुझे होश आया और सॉरी बोलते हुए मैं अंदर चला गया. अंदर पहुंचने पर उसने मुझे बैठने को कहा. मैं बैठ गया. बैठते ही मैंने उससे पूछा कि घर में कोई नहीं है क्या? तब उसने हंसते हुए जवाब दिया, “मैं हूं तो”. इस पर मैंने भी मुस्कुरा दिया.

तब उसने मुझसे कहा कि तुम बैठ कर टीवी देखो मैं नहा कर आती हूं. इतना बोल कर वो बाथरूम में चली गई. करीब 15 मिनट के बाद उसने आवाज़ दी और कहा, “ज़रा वो सोफे पर जो टॉवेल पड़ा है उसे मुझे देना”.

मैं टॉवेल लेकर जैसे ही बाथरूम के दरवाजे पर पहुंचा गया तो गेट खुला था और भाभी ब्रा – पैंटी में मेरे सामने खड़ी थी. उसको इस अवतार में देख कर मैं समझ गया कि वो क्या चाहती है!

फिर मैंने टॉवेल वहीं फेंक दिया और भाभी के पास पहुंच कर बोला, “भाभी, आप तो एक दम परी जैसी खूबसूरत लग हैं”. दोस्तों, अब तक मेरा लंड भी पूरी तरह खड़ा हो गया था और सलामी दे रहा था.

तब भाभी ने हंसते हुए कहा कि सिर्फ बातें ही करोगे या कुछ और भी करोगे, मेरे पास टाइम कम है, जो भी करना है कर लो, फिर न कहना कि मैंने मौका नहीं दिया. यह सुनने भर की देर थी कि मैं भाभी पर टूट पड़ा और उन्हें गोद में उठा कर बेडरूम ले गया और बेड पर पटक दिया.

इसके बाद मैंने उसकी ब्रा – पैंटी उतार दी और उसके ऊपर चढ़ गया. उसके बूब्स बहुत ही मस्त लग रहे थे. अब मैं धीरे – धीरे उसके बूब्स को चूसने लगा. बहुत मज़ा आ रहा था. भाभी भी मेरा साथ दे रही थी. फिर धीरे – धीरे मैं नीचे की तरफ आ गया और अपनी जीभ उसकी नंगी और क्लीन सेव की हुई चूत पर रख दी. जैसे ही मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत पर रखा वो तड़प उठी और बोली, “नहीं यहां नहीं, बहुत अजीब लगता है”. फिर उसने मुझे बताया कि ये उसके साथ पहली बार हो रहा है.

तब मैंने उससे कहा कि अभी आगे – आगे देखती जाओ बहुत मज़ा आएगा. तभी मेरी नज़र वहां पर रखी शहद की बोतल पर पड़ी. उसे देख मुझे एक आइडिया आया. मैं उठा और उस बोतल को ले आया. मुझे बोतल उठाते देख भाभी बोली, “क्या कर रहे हो”? तब मैंने कहा, “बस देखती जाओ”.

इसके बाद मैंने उसकी चूत और गांड पर शहद को लगा दिया. फिर मैं धीरे – धीरे उसकी चूत और गांड चाटने लगा. अब उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी और वो पागल सी होने लगी. अब उसके मुंह से ‘आह आह ऊह ऊह ऐह ऐह’ की आवाज आने लगी.

मैंने भी चूस – चूस कर उसकी गांड और चूत लाल कर दी. तब भाभी बोली, “छोड़ो कि बस यही करते रहोगे”. यह सुनते ही मैंने अपना लंड भाभी की चूत पर रखा और एक जोरदार झटके के साथ अंदर डाल दिया. लंड फच्च की आवाज के साथ उसकी चूत में घुस गया.

अब मैं धक्के देने लगा. उसे भी मज़ा आया और वो अपनी गांड उठा – उठा कर मेरा देने लगी. बहुत मज़ा आ रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत के मज़े ले रहा हूं. थोड़ी देर बाद फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और अपना मुंह उसकी चूत पर रख कर चूत से रिस रहा काम रस पीने लगा. ऐसा करने से वो और भी ज्यादा उत्तेजित हो गई फिर कुछ ही देर में झड़ गई. मैं उसका पूरा पानी पी गया.

इसके बाद मैं उठा और अपना लंड फिर से उसकी चूत में डाल दिया. इसके बाद मैं जोर – जोर चुदाई करने लगा. चूत चुसाई की वजह से थोड़ी सूज सी गई थी लेकिन चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था. वह फिर से मस्त होने लगी और ‘आह आह उफ्फ उफ्फ, और जोर से चोदो, फाड़ दो मेरी फुद्दी, आह आह’ की आवाज निकालने लगी.

मैं लगातार धक्के मार रहा था. फिर थोड़ी देर बाद वो झड़ गई. उसके झड़ने के साथ ही मैंने भी अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया और उसके ऊपर लेट गया. दोस्तों, उस दिन मैंने दो बार उसे चोदा और फिर अपने घर आ गया.

अब जब भी उसे चुदना या मुझे चोदना होता है मैं पहुंच जाता हूं और जम कर चुदाई होती है. हमारा ये खेल काफी दिनों से चल रहा है. अब तो एक तरह से वो मेरी रखैल बन गई है. आप सब को मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके बताना मत भूलना. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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