एक बार में जैसलमेर से गांव जाने कि सोच रहा था ओर रात भी बहुत हो चुकी थी क्युकी में काम से समय पर नहीं फ्री ही पाया था. बस भी नहीं मिली तब सोचा क्यों ना मैं किसी से लिफ्ट मांग लूं.
ये सोचते हुए में सिटी से बाहर आया और लिफ्ट के लिए इशारे कर रहा था. कोई रोक नहीं रहा था कोराना की वजह से. रात के करीब 11 बज चुके थे तब एक स्कार्पियो गाडी आया मैने लिफ्ट के लिए हाथ किया तब उसने रोका.
स्कार्पियो में एक मस्त बॉडी वाला नौजवान था, में चढ़ गया ओर रवाना हुये. अब मैं आप को उसके बारे में बताऊँ. उसकी मस्त बॉडी ओर गोरा सा चेहरा था तब हमारी बात छुरू हुई. उसका नाम ललित था और उसकी बड़ी कंपनी है वो बहुत पैसे वाला लग रहा था. ओर गाडी चलाते हुए ही उसने मेरा नाम पूछा.
सोरी फ्रेंड मैं मेरे बारे में नहीं बता पाया. दोस्तो मेरा नाम बबलू (वैसे ये बदला हुआ नाम है) है में दिखने में गोरा सा हूं मेरे महोले में लड़कियां ओर आंटिया सब घूरती रहती है. मेरी हाईट 7 फिट है, रंग गोरा ओर बॉडी नॉर्मल है मेरे लन्ड की साइज 7 इंच लंबा ओर 3 इंच बड़ा है चलो कहानी पर आते है. तब उसने मेरे नाम पूछा मैने बता दिया.
ललित – कहा से आ रहे हो?
मै – शहर में कुछ काम था इसलिए आया था.
ललित – इतना लेट कैसे हो गए? रात में दिक्कत होती हैं बस की वैसे.
मै – काम से फ्री नहीं हुआ इसलिए लास्ट बस निकल गई यार.
ऐसे बात हो रही थी गाड़ी में अंधेरा बहुत था तब अचानक में को कुछ महसूस हुए की कोई में पेर सहला रहा है तब देखा कि वो ललित था जो धीरे से फायदा उठा के मेरे से नजदीकी करने की फिराक में था. एक पल के लिए मुझे लगा की शायद ये मेरा वहम मात्र हैं लेकिन कुछ दिन में मेरा ये वहम दूर हो गया की वो वहम था. जब उसकी हरकतें बढ़ने लगी तो मैंने कहा,
मै – क्या कर रहे हो ललित ?
ललित – अरे, कुछ नहीं.
मै – कुछ तो है यार!
वो कुछ नहीं बोला सब फिर नॉर्मल हो गया. 10 मिनट के बाद फिर से वो सहलाना शरू कर दिया हाथ को आगे बढ़ा के. लेकिन इस बार में कुछ नहीं बोला. ललित पैर को सहलाते हुए आगे बढ़ा और अपनी असलियत दिखा दी उसने.
धीरे से सहलाता वो में लन्ड तक पहुंच गया ओर मेरा लन्ड भी खड़ा होना स्टार्ट हो गया था क्युकी मैने 15 दिन हो गए गए थे कि कोई चूत नहीं मारी थी.
वो धीरे धीरे सहला रहा था तब मैने पूछा कि क्या बात है ललित?
ललित – कुछ नहीं.
मैने दबाव दिया तब उसने बताया कि वो गे है. और अभी उसका मन था मेरे लौड़े से अपनी चूत की खुजली दूर करवाने का.
मैंने मन ही मन सोचा की चलो चूत नहीं तो क्या मस्त गान्ड तो मिल जाएगी!
मैने कहा यार में ये नहीं कर सकता तो वो बोला प्लीज़ ये सब करने दो.
क्या प्रॉब्लम है तो मै बोला कोंडोम नहीं है बिना कोंडोम के में नहीं कर सकता. तो वो झट से बोला उसकी चिंता मत करो मेरे पास है. तब में बोला है तो ठीक है आ जा गोद में. (मैं मन ही मन सोचने लगा की शायद इसकी गांड भी खुजली से परेशान होगी तभी कंडोम लिए फिरता हैं लंड की खोज में)
आगे से एक टर्न ले के उसने गाड़ी रोड के किनारे पर खड़ी कर दी ओर में रोड इधर उधर देखा तो कोई नहीं था रात को 12 बज चुके थे. उसने गाड़ी की सीट फोल्ड की ओर उसने मेरे को इसारा करते हुए बुलाया.
मै टूट पड़ा उस पर वो बोल रहा था धीरे धीरे में कहीं नहीं जा रहा हूं. लेकिन मेरा लंड तो बवाल मचाने के लिए रेडी ही था.
मैने किस करना शरू किया 10 मिनट तब किस चला ओर बाद में मैंने उसे लन्ड की तरफ इशारा किया वो समझ गया था वो झट से लन्ड को पकड़ लिया ओर चूसने लगा क्या चूस रहा था यारो में बाया नहीं कर सकता 5 मिनट बाद उसने कोंडम लाया में लन्ड पर ओर वो डॉगी स्टाइल में हो गया ओर इशारा किया आ जा.
में उसकी गान्ड सहला रहा था ओर थूक से गान्ड की गीला किया ओर 1 उंगली डाल दी वो कसमसाया मैने दूसरी उंगली डाल दी गांड़ थोड़ी टाईट थी धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा तो थोड़ी सी खुल चुकी थी.
अब मैने लन्ड को गांड़ पर सेट कर के जोर से एक धटका मेरा लन्ड आधा गान्ड मे चला गया ओर ललित के मुंह से एक जोर से चीख निकली ओर बोलने लगा कि बाहर निकालो में कहा सुनने वाला था एक ओर धटका मेरा ओर अबकी बार पूरा अंदर चला गया
ललित की गान्ड से खून आने लगा तो थोड़ी देर तक दर्द काम होने का इंतजार करने लगा ओर उसकी पीठ सहलने लगा.
थोड़ी देर से वो धीरे धीरे गान्ड हिलने लगा एटीबी में समझ गया कि दर्द अब काम हो गया है में अब जोर जोर से गांड़ मारने लगा ये सिलसिला 30 मिनट तक चला ओर मैने उसकी गांड़ मे पानी छोड़ दिया ओर मे उस पर गिर गया 2 मिनट से हम अलग हुए और कपड़े सही किए ओर रवना हो गए.
मैने उसे पूछ केसा लगा?
ललित – एसे पहली बार मेरी मारी है किसीने.
मजा आ गया वो बहुत खुश था उसने मेरे को अपनी कंपनी में जॉब देने को कहा मैने भी हा कहा दिया उसने मेरे नंबर लिए.
ओर मेरा गाव भी आ गया ओर वो चला गया. ललित की गांड मारने का मजा आज भी मेरे जहन में हैं दोस्तों.