अब वह मेरे सामने पूरी नंगी थी. फिर मैं उठा. मेरी नज़र उसकी गुलाबी चूत पर पड़ी तो मैं देखता ही रह गया. उसकी चूत से काम रस टपक रहा था. जिसे देख कर मुझसे रहा न गया और मैं उस पर टूट पड़ा. जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ लगाई वह उछल पड़ी…
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम कबीर अहलावत है और मैं उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले का रहने वाला हूं. वैसे तो मैं एक स्टूडेंट हूं लेकिन साथ में मैं अपने कई छोटे – छोटे बिज़नेस भी करता रहता हूं. मैं पेशे से जिगोलो का काम भी करता हूं. इससे मुझे पैसों के साथ – साथ अलग – अलग टाइप की औरतों को चोदने का मौका भी मिलता है. अब तक मैं करीब 20 औरतों को चोद के संतुष्ट कर चुका हूं.
अब आप लोगों का ज्यादा समय न खराब करते हुए मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूं. हाल ही की बात है. पिछले हफ्ते मेरे पास एक बुकिंग आई. उस लड़की का नाम सुरभि था. सुरभि ने मुझे लखनऊ आने के लिए कहा.
शानिवार का दिन था तो मैं भी लखनऊ के लिए निकल गया. शाम को करीब 8 बजे मैं लखनऊ के पॉलिटेक्निक इलाके में पहुंचा, वहीं आने के लिए सुरभि ने मुझसे कहा था. मेरे पहुंचने से पहले ही सुरभि वहां पहुंच चुकी थी और मेरा इंतज़ार कर रही थी.
मैंने उसे फोन किया तो उसने मेरी लोकेशन ली और फिर 5 मिनट में वहां आ गई. एक – दूसरे से मिलने के बाद हमने हेलो बोला और हाथ मिलाया. इसके बाद फिर हम गाड़ी में बैठ गए. सुरभि ड्राइव कर रही थी. मेरा सारा ध्यान उसी पर था. वह करीब 25 साल की गोरी लड़की थी और देखने में भी वह गजब की लग रही थी. उसका फिगर 34 30 34 का था. उसके गुलाबी होंठों का तो कहना ही क्या! ऐसे जैसे होंठों से रस टपक रहा हो.
मैं पूरे रास्ते उसी को देखता रहा. करीब आधे घंटे में मैं सुरभि के घर पहुंच गया. घर पहुंचने के बाद सुरभि ने गाड़ी पार्क की और फिर हम सीधा घर में घुस गए. अंदर जाने पर सुरभि ने कहा कि पहले आप फ्रेश हो लो, फिर हम आगे बढ़ते हैं. उसकी यह बात सुन कर मैं बाथरूम में नहाने चला गया. काफी अच्छा बाथरूम बनवा रखा था. नहाने के बाद मैं निकला और लोवर के साथ टीशर्ट पहन लिया.
इसके बाद फिर मैं गेस्ट रूम में आ गया. सुरभि वहां नहीं थी. थोड़ी देर बाद सुरभि भी गेस्ट रूम में आ गई. उस टाइम उसके हाथ में पानी का गिलास था. फिर उसने मुझे पानी का गिलास पकड़ाते हुए कहा कि पानी पी लीजिए. मैंने पानी पिया तो फिर सुरभि बोली कि चाय लेंगे या कॉफी? इस पर मैंने जवाब दिया कि जो आप लो वही मैं भी ले लूंगा. तब सुरभि बोली कि मेरा मूड तो चाय का है. फिर मैंने भी कहा कि चाय ही ठीक रहेगी.
मेरी बात सुन कर वह मटकती हुई किचन में चली गई. करीब 15 मिनट बाद सुरभि चाय का ट्रे लेकर हाज़िर हुई. जिसमें चाय के साथ कुछ नास्ता भी था. फिर चाय का ट्रे टेबल पर रख कर सुरभि मेरे सामने आ कर बैठ गई. मैं सुरभि को देख कर स्माइल कर रहा था तभी सुरभि की नज़र भी मुझ पर पड़ी. मुझे मुस्कुराते देख उसने भी एक स्माइल दिया और बोली, “क्या देख रहे हैं अहलावत साहब?”
इस पर मैंने कहा कि कुछ नहीं, बस अपने चांद को देख रहा हूं. फिर धीरे – धीरे सुरभि और मैं बात करते – करते पास आ गये. अब वह मेरे एक दम नज़दीक आ गई. फिर मैंने सुरभि को पकड़ा किस करने लगा. साथ में एक हाथ से उसके बूब्स प्रेस कर रहा था और दूसरा हाथ सुरभि की पीठ पर फेर रहा था.
मेरे ऐसा करने से सुरभि बहुत उत्तेजित हो गई और मुझे बुरी तरह से मुझे किस करने लगी. साथ ही वह मेरी पीठ और कमर को रब भी करने लगी. किस करते – करते मैं थोड़ा नीचे गया और सुरभि के गले पर किस करने लगा. इससे वह एक दम से मचल उठी. फिर मैंने सुरभि को पलट दिया और पीछे से सुरभि के दूध मसलने लगा. इस दौरान मेरा छोटू सुरभि के पिछवाड़े में घुसा जा रहा था.
अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था तो फिर मैंने अपनी टीशर्ट उतार दी और ऊपर से नंगा हो गया. मैं अभी भी सुरभि के बूब्स को मसल और उसे किस कर रहा था. फिर धीरे – धीरे मैंने अपना एक हाथ सुरभि की टीशर्ट में डाल दिया और ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स को पकड़ लिया. लेकिन मुझे ज्यादा मज़ा नहीं आ रहा था तो फिर मैंने ब्रा के अंदर हाथ डाल कर उसकी मुलायम चूचियों को मसलने लगा. बहुत मज़ा आ रहा था. अपनी चूचियों पर हाथ लगते ही सुरभि उछलने लगी और उसके मुंह से मादक आवाजें आने लगीं.
थोड़ी देर बाद फिर मैंने सुरभि की भी टीशर्ट उतार दी. अंदर उसने ब्लैक स्पोर्ट ब्रा पहन रखा था, जिसमें वह बहुत हॉट लग रही थी. मेरी तो नज़र ही उस पर से हट नहीं रही थी. तब सुरभि बोली, “ऐसे क्या देख रहे हो, खाओगे क्या?” यह सुनते ही फिर मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दी और एक हाथ में उसकी नंगी चूची को मसलने लगा. साथ ही दूसरी चूची के निप्पल को मुंह में ले कर चूसने लगा जबकि दूसरे हाथ से मैं सुरभि का लोवर नीचे करने लगा. अगले ही पल मैंने लोवर उतार दिया और फिर पैंटी भी निकल फेंका.
अब वह मेरे सामने पूरी नंगी थी. फिर मैं उठा. मेरी नज़र उसकी गुलाबी चूत पर पड़ी तो मैं देखता ही रह गया. उसकी चूत से काम रस टपक रहा था. जिसे देख कर मुझसे रहा न गया और मैं उस पर टूट पड़ा. जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ लगाई वह उछल पड़ी.
फिर उसने भी हाथ नीचे करके मेरा पैंट और अंडर वियर उतार दी. जिससे मेरा 7 इंची लम्बा लंड उछल कर बाहर आ गया. फिर वह झट से 69 की पोजीशन में आ गई और मेरे लंड को चूसने लगी. वह बहुत मस्त तरीके से लंड चुसाई कर रही थी. थोड़ी देर बाद फिर जब उससे कंट्रोल नहीं हुआ तो वह बोली कि अब देर न करो मुझसे रुका नहीं जा रहा है, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल कर मेरी प्यास बुझाओ.
उसकी यह बात सुन कर मैंने भी देर करना ठीक नहीं समझा क्योंकि हम पेशेवर हैं और हमारे लिए क्लाइंट की खुशी ही सबसे बड़ी खुशी है. फिर मैं सीधा हुआ और लंड पर कंडोम चढ़ा कर उसे सुरभि की चूत पर रखा और एक धक्का दिया. लेकिन मेरा लंड फिसल गया. शायद वह अभी तक ज्यादा चुदी नहीं थी. इसलिए फिर लंड पर हाथ लगाया और धीरे – धीरे दबाव बनाकर अंदर करने लगा. शुरू में तो उसे दर्द हुआ लेकिन फिर पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया.
अब मैं धक्के लगाने लगा. थोड़ी देर बाद जब उसकी चूत कुछ ढीली पड़ी तो नीचे से वह भी उछलने लगी. अब फकाफक लंड अंदर – बाहर हो रहा था. पूरे कमरे में फच्च – फच्च की आवाज गूंजने लगी थी. मेरे हर धक्के के साथ सुरभि ‘आह आह ओह्ह ओह्ह उईई उईई’ की मादक आवाज निकाल रही थी.
करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और फिर उसने मुझे थोड़ा रुकने के लिए कहा. मैं रुक गया और उसके गुलाबी होंठों पर किस करने लगा. थोड़ी देर बाद वह फिर चुदासी हो गई और धक्के लगाने के लिए बोलने लगी. मैं फिर धक्के लगाने लगा. वह फिर से मस्त हो गई. करीब 10 मिनट तक धक्के लगाने के बाद मैं झड़ गया. मेरे साथ ही वह भी एक बार फिर झड़ गई. फिर मैं उसके ऊपर ही लेट गया.
थोड़ी देर बाद जब लंड ढीला हुआ तो पुच्च की आवाज करता हुआ बाहर निकल आया. इसके बाद फिर मैं उसके ऊपर से हटा और उसे किस करता हुआ बगल में लेट गया. फिर थोड़ी देर बाद मैंने एक बार और उसकी चुदाई की. उसके बाद फिर वापस चला आया. निकलते समय उसने मुझे मेरी फीस दी और दोबारा फिर बुलाने के लिए कहा.
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