मेरा ट्रांसफर लखनऊ हो गया था. वहां मुझे एक सरकारी फैमिली क्वार्टर मिला. मेरे बगल में ही एक दूसरा परिवार रहता था. जिसके साथ मेरी नजदीकियां बढ़ती गईं. उनके साथ उनका एक लड़का भी रहता था. एक दिन मैं घर में बैठा था, वो लड़का भी आ गया. उसने मेरा लण्ड देख लिया. फिर क्या था मैंने भी अपना तीर छोड़ दिया और उसकी गांड मार ली…
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम समीर सिंह है. बात उन दिनों की है, जब मेरी पोस्टिंग लखनऊ में हुई. मैं रेलवे मे टिकट कलेक्टर के पद पर कार्यरत था. कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपने बारे में थोड़ा बता देता हूं, मेरी उम्र 46 वर्ष है. मैं शादीशुदा हूं और मेरा एक लड़का भी है, जो 13 वर्ष का है. मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच और रंग सांवला है. मेरा लंड 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है जो किसी भी चूत का भोसड़ा बनाने के लिये काफी है.
अब आप लोगों का टाइम न वेस्ट करते हुए सीधे अपनी कहानी पर आता हूं. लखनऊ आने के बाद मुझे वहां पर एक सरकारी फैमिली क्वार्टर अलॉट हो गया, लेकिन बेटे के एग्जाम की वजह से फैमिली अभी गांव में मम्मी पापा के साथ ही थी.
यहां पर मेरे पड़ोस में एक फैमिली रहती थी, जिससे मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी. उनके परिवार में विनोद (47 वर्ष) उसकी पत्नी प्रीती (42 वर्ष), बेटी कनिका (23 वर्ष) और बेटा राहुल जिसकी उम्र 21 साल थी.
राहुल अक्सर शाम को मेरे पास बैडमिंटन खेलने के लिए आ जाता था. बैडमिंटन खेलने के बाद हम गप्पे भी मारते थे. एक दिन शाम के टाइम बहुत तेज बारिश हो रही थी, उसी समय राहुल गप्पे मारने के लिए आ गया. हाल ही में मैं नहा कर निकला था और तौलिया बांध के कुर्सी पर बैठा था. मैंने अंडर वियर नहीं पहन रखा था, जिस वजह से मेरा लंड लटकता हुआ दिख रहा था.
जिसे देख कर राहुल की आंखे फटी की फटी रह गईं. वह बोला, “अंकल, अंडर वियर तो पहन लो आपका सामान दिख रहा है”.
उसके मुंह से यह सुन कर मैंने थोड़ी शरारत करने को सोची और शरारती मूड में बोला, “तू ही पहना दे”. फिर इतना कहने के बाद मैं अपना तौलिया खोलने लगा. मुझे तौलिया खोलते देख राहुल बोला, “अरे अंकल रुकिए, कोई आ जायेगा. अच्छा पहले मैं गेट बन्द करके आता हूं”. फिर वह गेट बंद करने चला गया.
उसके मुंह से ये सुन कर मैं समझ गया कि राहुल गांड मराने के लिय तैयार है. दोस्तों, मैं भी गांड मारने का बहुत शौकिन हूं. आजतक मैंने जितनी भी लड़कियों और औरतों की चुदाई की है, सबकी गांड के छेद में मेरा काला लम्बा लंड डाल कर जरूर चौड़ा किया है.
गेट बंद करके वापस आते ही राहुल बोला, “अंकल, अब आपको अंडर वियर पहनाता हूं”. इतना कह कर वो मेरे पास आया और मेरा तौलिया खोल दिया. जितना मैंने सोचा था राहुल उससे भी तेज निकला. मेरे लंड को देखते ही अपने दोनों हाथ मुंह पर रख के बोला, “इतना बड़ा”!
तब मैंने उससे पुछा कि तूने पहले भी किसी का देखा है क्या? इस पर राहुल ने कहा, “हां, एक बार पापा – मम्मी को रूम मे देखा था लेकिन पापा का आपसे बहुत छोटा है”.
इतना बोलने के बाद फिर राहुल मेरे लण्ड के साथ खेलने लगा. इससे धीरे – धीरे मुझे भी जोश आने लगा. फिर मैंने राहुल से कहा कि राहुल, इसे मुंह में लेकर प्यार करो, तुझे भी अच्छा लगेगा और मुझे भी.
इतना सुनते ही राहुल नीचे बैठ कर किसी लड़की की तरह मेरे लण्ड की टोपी पर जीभ घुमाने लगा. फिर मैंने उसका सर पकड़ के जितना लण्ड मुंह में डाल सकता था, डाल दिया. दोस्तों, उसकी गांड का छेद बिल्कुल कसा हुआ था, जिसे उंगलिया डाल के मैं चौड़ा कर रहा था. राहुल को मेरा लण्ड चूसने में मज़ा आने लगा और वह पागलों की तरह उसे चूसने लगा था.
फिर मैंने राहुल को बेड के पास ले गया और कुतिया बना कर ढेर सारा थूक उसकी गांड पर लगाया. इसके साथ ही दूसरे हाथ को उसके मुंह पर रखा, जिससे कि वो चिल्ला ना पाए. फिर अपने लण्ड की टोपी को राहुल की गांड के छेद पर रखते हुए मैंने धीरे से धक्का लगाया तो वो दर्द से छटपटाने लगा. अब वो चिल्लाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मेरा हाथ मुंह पर होने की वजह से चिल्ला नहीं पाया. दर्द की वजह से उसकी आंखों में आंसू आ गए थे. यह देख कर मैं भी थोड़ी देर के लिए वैसे ही रुका रहा. फिर जब राहुल थोड़ा नॉर्मल हुआ तभी मैंने उसके मुंह से हाथ हटाया.
हाथ हटते ही राहुल बोला, “अंकल, प्लीज छोड़ दो, बहुत दर्द हो रहा है, कल कर लेना आज नहीं.
इस पर मैंने थोड़ा सा और लण्ड अन्दर करते हुए कहा, “साले, गर्म करके बोल रहा है छोड़ दूं, आज तो मैं तेरी गांड का छेद बड़ा करके ही छोड़ूंगा”. इस पर राहुल कुछ नहीं बोला.
फिर धीरे – धीरे मैंने आधे से ज्यादा लण्ड राहुल की गांड में उतार दिया. इसके साथ ही मैंने अपनी दो उंगली राहुल के मुंह में भी डाल दी, जिसे वो उसे लण्ड समझ के चूसने लगा. इसी बीचे मैंने मौका देख कर अपना पूरा लण्ड राहुल की गांड में पेल दिया.
उसे और दर्द हुआ लेकिन इस बार उसने कुछ नहीं कहा. फिर थोड़ी देर मैं उसी पोजीशन में रुका रहा और इसके बाद धीरे – धीरे लण्ड को अन्दर – बाहर करना स्टार्ट कर दिया. राहुल की गांड अब पूरी तरह खुल चुकी थी. इसलिए अब मैं बिल्कुल फ्री होकर उसे पेल रहा था. गांड का छेद ढीला होने पर उसे भी मज़ा आने लगा और अब वो भी अपनी गांड उठा – उठा कर धक्के मारने लगा.
थोड़ी देर ऐसा करने के बाद फिर मैंने राहुल को गोद में उठा के नीचे से लण्ड उसकी गांड में घुसा दिया. इस पोजीशन में लण्ड घुसते ही राहुल मुझसे लिपट गया और बोला, “अंकल, बहुत अच्छा लग रहा है. ऐसे ही रोजाना मेरी गांड मारना”. उसकी यह बात सुन कर मैंने मुस्कुरा दिया.
अब मैं नीचे से लगातार धक्के लगा रहा था. कुछ देर बाद फच – फच की धीमी आवाज निकलने लगी. मैं समझ गया कि मेरा काला लण्ड आज फिर एक कुंवारी गांड को अपने वीर्य से सींच के हरा – भरा करने वाला है.
फिर मैंने राहुल को गोद से उठा कर बेड पर पटक दिया. उसने भी तुरन्त अपने दोनों पैर हवा में लहरा दिए, जैसे मेरे लण्ड को न्यौता दे रहा हो. यह देख मैंने फिर से लण्ड उसकी गांड में डाला और दोगुनी स्पीड से चुदाई चालू कर दी.
अब राहुल ने अपने हाथ पीछे करके मुझे जोर से अपनी बांहों मे जकड़ लिया. मैं भी आने वाला तो मैने अपना लण्ड पूरा उसकी गांड में घुसेड़ कर गर्मागर्म वीर्य से उसकी गांड को भर दिया.
अब राहुल की गांड से वीर्य और खून निकलने लगा था. थोड़ी देर मैं राहुल पर ऐसे ही लेटा रहा. फिर उसने मूझे अपने ऊपर से हटाया और बाथरूम में फ्रेश होने चला गया. जब वो वापस आया तो बोला, “अंकल, आपने मेरी गांड फाड़ दी, बहुत दर्द हो रहा है”. इस पर मैंने आलमारी से एक ट्यूब निकाल के उसे दी और कहा कि इसे रात में 2-3 बार लगा लेना सुबह तक ठीक हो जायेगा.
फिर जाते – जाते राहुल ने मेरे लण्ड को चाट के साफ किया और फिर से आने के लिये बोल के चला गया. दोस्तों, अपनी अगली कहानी में मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने राहुल की बहन कनिका की चूदाई की. लेकिन उससे पहले आप लोग मेरी इस कहानी के बारे में अपने विचार जरूर दीजियेगा. मेरी मेल आईडी – [email protected]
Mujhe chudna ha or chut chudwani ha ji
Mujhe bhii aapse gaand marwani h
Nice