मां-बाप को शादी में भेज बेटी ने यार से चुदवाया

ये मेरी सच्ची कहानी है. इसमें मैं आप सबको बताऊंगा कि कैसे मेरी गर्लफ्रेंड ने अपने मम्मी – पापा के एक शादी में जाने पर मुझे अपने घर बुलाया और जब तक उसके घर वाले नहीं आये हमने कैसे – कैसे मज़े किए…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम अमर है और मैं बिलासपुर छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूं. ये जो कहानी मैं आपके सामने पेश कर रहा हूं वो कहानी नहीं बल्कि एक सच्ची घटना है.

अब आपका ज्यादा समय वेस्ट न करते हुए मैं अपनी कहानी पर आता हूं. मेरी हाईट 6 फिट है और मैं सामान्य शरीर वाला लड़का हूं. मेरा औजार इतना प्यारा है कि उसे कपड़ों के ऊपर से देखते ही लड़कियों के मुंह और चूत में पानी आ जाता है.

ये बात 5 महीने पहले यानी कि ठंड के मौसम की है. फेसबुक के माध्यम से मेरी पहचान एक लड़की से हुई, जिसका नाम मेघा (बदला हुआ) था. कुछ दिन नॉर्मल चैट करने के बाद हमारी बात आगे बढ़ी और उसने अपना नंबर मुझे दिया.

फिर क्या था. अब हम देर रात तक बात करने लगे. धीरे – धीरे हमारी बातों में सेक्स भी आने लगा या यूं कहिए कि हम सेक्स की बात भी करने लगे.

कुछ ही दिनों में आखिर वो दिन भी आ ही गया जिसका इंतज़ार वासना के वशीभूत रहने वाले सभी लड़के और लड़कियों को रहता है.

एक दिन जब हम फ़ोन पर बात कर रहे थे तो उसने बताया कि आज उसके घर पर कोई नहीं है. मम्मी – पापा एक शादी में शामिल होने के लिए दो दिन के लिए बाहर जा रहे हैं. उसने जाने से मना कर दिया. ऐसे में वो घर पर अकेली रहेगी. साथ ही उसने कहा कि अगर मैं आ जाऊं तो उसे अच्छा लगेगा.

मैं उसका इशारा समझ गया. फिर मैंने अपनी उठाई और उसके घर के लिये निकल पड़ा. उसका घर मेरे घर से 50 किलोमीटर दूर था. करीब 2 घंटे बाद मैं उसके शहर पहुंच गया. वहां पहुंच के मैंने उसे कॉल किया तो वो मुझे लेने एक चौक पर आयी. क्या कमाल की माल लग रही थी वो! गोरे बदन, गुलाबी होंट, बड़े – बड़े चूचे और बड़ी – बड़ी आंखें, मोटे – मोटे गांड के साथ वह एक दम सेक्स बम लग रही थी. उस टाइम उसने सफेद और गुलाबी सूट पहन रखा था, जिनमें वह कयामत लग रही थी.

फिर वह मेरी बाइक पर बैठ गई और 10 मिनट में हम उसके घर पहुंच गए. घर पहुंचते ही हमने दरवाजा अंदर से बंद किया और एक – दूसरे से लिपट गये. ऐसा लग रहा था जैसे दोनों बहुत दिन से प्यासे हों.

अब धीरे – धीरे माहौल रोमांटिक होने लगा था. हम दोनों ने एक – दूसरे की आंखों में देखा और फिर जैसे ही मेरे होंठ उसके होंठों के करीब गये उसकी आंखें बंद हो गईं. उसकी यह अदा देख मैंने तुरंत ही उसके गुलाबी – गुलाबी होंठों को अपने लबों में ले लिया और उसकी गर्दन को सहलाते हुए उसे किस करने लगा. वो भी मेरे किस का जवाब देती हुई मेरा पूरा साथ दे रही थी.

किस करने के दौरान कभी मेरा हाथ उसकी कमर पर चला जाता तो कभी उसके बूब्स पर. फ़िर मैंने उसकी गर्दन के आस – पास किस करना शुरू कर दिया. इस दौरान कभी – कभी प्यार से मैं उसके कान कटता तो कभी उसके कानों को चूमने लगता. इससे वो काफी गरम हो चुकी थी.

फ़िर मैंने उसे उठा लिया और उसे लेकर उसके कमरे की तरफ़ चल दिया. वहां ले जाकर मैंने उसकी सलवार और कमीज उतार दी. उसकी नंगी कमर पर नज़र जाते ही मैं सब कुछ भूल गया. मन कर रहा था काट खाऊं!

फिर जैसे ही मेरा हाथ उसकी कमर पर गया वैसे ही उसकी आंखें फिर से बंद हो गईं. अब मैं उसकी कमर को सहलाते हुए अपना हाथ उसके बूब्स पर ले गया और प्यार से उसके बूब्स दबाने लगा.

फ़िर मैंने उसकी ब्रा उतार कर उसे बेड पर लिटा दिया और उसके बूब्स चूसने लगा. मैं उसके एक बूब्स को चूस रहा था और साथ में दूसरे को दबाता जा रहा. बूब्स चूसने के बाद मैं धीरे – धीरे उसके जिस्म को किस करते हुए नीचे की तरफ आया. फिर उस उसके पेट पर किस करते हुए पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को छूने लगा. उसकी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी.

फिर मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर मुंह रख दिया और चूसने लगा. उसके चूत से बहुत ही अच्छी खुशबू आ रही थी. जो सीधे मेरे नथुनों में भर रही थी. इस खुशबू की वजह से मैं मदहोश होने लगा.

इसी बीच पता नहीं कब उसने धीरे से अपनी पैंटी को किनारे कर दिया और मुझसे अपनी चूत चुसाने लगी. फिर जब मुझे इसका एहसास हुआ तो मैंने उसकी पैंटी उतार कर साइड में रख दी और उसकी चूत को चूसने लगा.

अब वो मस्त हो चुकी थी और मजे से अपनी चूत चुसा रही थी. अब वो पूरी तरह गरम हो चुकी थी फ़िर उसने मुझे अपनी चूत से हटाया और मेरे कपड़े उतार दिये और मुझे लेटने को कहा. जैसे ही मैं लेटा वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे मुंह के पास आकर मेरे मुंह पर बैठ गई और फिर से अपनी चूत चूसाने लगी.

वो अपनी कमर आगे – पीछे कर के अपना चूत चुसवा रही थी और मैं अपने हाथ ऊपर कर के उसके बूब्स दबा रहा था. इधर मेरा लंड भी कड़ा हो के फटा जा रहा था. दोस्तों, अब तक वो इतनी ज्यादा गरम हो चुकी थी कि मेरे मुंह में ही झड़ गयी और मैं उसका पूरा काम रस पी गया.

उसके झड़ने के बाद हम 69 पोजिशन में आ गये. वो मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे बहुत दिनों से प्यासी हो. लंड चूसने के साथ ही वो मेरी मुठ भी मार रही थी. उसका मुठ मार के लंड चूसना, मुझे आज भी याद है.

दोस्तों, सेक्स का मजा तो तभी आता है जब आग दोनों तरफ़ लगी हो. हम दोनों के लिये अब बर्दाश्त से बाहर था. फिर मैंने उसे सीधा किया और अपना लंड उसके चूत में सेट करके रगड़ने लगा. मेरे नीचे पड़ी वो अपनी कमर उठा – उठा के मुझसे चुदने के लिये तड़प उठी और आंखों ही आंखों में मुझे चोदने के लिया कह रही थी.

फिर मैंने उसकी कमर पकड़ा और एक ही बार में अपना आधा लंड उसकी चूत में उतार दिया. उसकी आंखों में प्यार के भाव और होंठों पे मीठे – मीठे दर्द की आह थी. फिर जब मैंने दूसरे झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतारा तो उसने जोर से मुझे पकड़ लिया और हम किस करने लगे.

अब मैं पूरे जोश में था और तेजी के साथ उसे चोद रहा था. धीरे – धीरे उसे भी मज़ा आने लगा. अब वो अपनी गांड उठा – उठा कर चुदवा रही थी और मेरा साथ दे रही थी. साथ ही उसके मुंह से बड़ी ही मादक आवाज़ भी आ रही रही थी. उसकी आवाज सुन कर मेरा जोश और भी बढ़ रहा थी. फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और फुल स्पीड में चोदने लगा.

लगभग 20 मिनट की धकापेल चुदाई में वो दो बार झड़ चुकी थी और अब मैं भी झड़ने वाला था. इसलिए मैंने उससे पूछा कि कहां निकलूं तो उसने कहा कि अंदर ही निकाल दो. उसके ऐसा कहते ही मेरे लंड ने वीर्य की बौछार कर दी. वीर्य चूत में भरते ही उसे असीम संतुष्टि हुई और उसने अपनी आंखें बंद कर ली.

फिर मैं उसके बगल में ही लेट गया और उसके अंगों से खेलता रहा. वो भी मेरे अंगों को छेड़ रही थी. फिर मैं उस पूरे दिन और रात उसके साथ रहा. अगले दिन उसके मम्मी – पापा को वापस आना था तो मैं भी वहां से चला आया. अपनी अगली कहानी में मैं बताऊंगा कि किस तरह मैंने उसकी गांड भी मारी. कहानी के विषय में आपके सुझावों का इंतज़ार रहेगा. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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