मैं, प्रोफेसर से रोज चुदने लगी

अब मैं अपने चार पैरों पर कुतिया की तरह उसके सामने अपनी गान्ड कर के बैठ गई. फिर उसने ढेर सारा थूक लिया और मेरी गान्ड के छेद पर लगा दिया और फिर उसने अपना सुपाड़ा मेरी गान्ड के छेद पर रखा और एक जोर का धक्का मार दिया और एक ही झटके में उसने अपना पूरा लन्ड मेरी गांड़ के अंदर डाल दिया…

हेल्लो दोस्तों! मेरा नाम रिचा है और मैं यूपी के बस्ती जिले की रहने वाली हूँ. मेरी उम्र 22 साल है और मेरा फिगर 34-26-35 का है. मैं इन्जीनियरिंग कि पढ़ाई कर रही हूँ. मुझे अपनी गान्ड मरवाने की बड़ी तमन्ना थी और मुझे अपनी बड़ी और मस्त गान्ड पर बडा ही नाज है. मैं हमेशा टाइट जीन्स ही पहनती हूँ जिसमें से मेरी बड़ी गान्ड साफ़ – साफ दिखाई देती है.

वैसे तो मैंने अपनी चूत कई बार चुदवाई है लेकिन अभी तक मैंने अपनी गान्ड नहीं मरवाई है. मुझे अब तक कोई ऐसा नहीं मिला था जो मेरी गान्ड को फाड़ सके. आज मैं आपको मेरे जीवन की एक सच्ची कहानी बताने जा रही हूँ कि कैसे पहली बार मेरी गान्ड फटी थी.

मेरी कालेज में विशाल नाम का एक प्रोफ़ेसर हैं. वह हमेशा मुझ पर डोरे डालते रहते थे. वो जब भी मुझे मिलते थे,
तब उसके चेहरे पर एक अजीब सी हंसी होती थी. मुझे भी वो बहुत पसंद थे. इसलिये मैं भी उनके साथ हंस कर बातें किया करती थी.

एक दिन अचानक वो मेरे पास आये और मुझसे बोले – मेरे ऑफिस में आओ, मुझे तुमसे कुछ काम है.

मैंने बोला – ठीक है आती हूँ.

फिर मैं उसके पीछे – पीछे चलती हुई उनके ऑफिस में पहुंच गयी. उसने मुझे बैठने को बोला तो मैं वहीं पर रखी कुर्सी पर बैठ गयी. फ़िर उसने कहा – रिचा, आज मेरे घर पर एक पार्टी है उसमें मैंने सिर्फ़ कुछ खास लोगों को ही बुलाया है और उसके लिए मुझे तुम्हारी मदद की जरुरत है.

मैं बोली ‘कैसी पार्टी है सर?’ तो उसने कहा – आज मेरा बर्थडे है.

फिर मैंने उसे विश किया फ़िर बोली – तो सर इसमें मेरी कैसी मदद चाहिये.

तो वो बोले ‘देखो रिचा रूम पर मैं अकेला ही रहता हूँ और मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि पार्टी कैसे करूं? अब तक तो मैंने कुछ भी नहीं किया है.

मैं हंसने लगी और मुझे उस पर दया आने लगी तो मैं बोली – कोई बात नहीं सर, मैं हूँ ना. मैं आपकी मदद करूंगी.
वैसे पार्टी कब है?

तो उसने कहा – पार्टी तो शाम को है और मैंने सारा सामान तो ला दिया है लेकिन यह नहीं पता कि डेकोरेशन कैसे करना है? हम शाम को साथ में चलते हैं ओके.

तो मैंने – हाँ कर दिया.

शाम को कॉलेज से छूटने के बाद मैं उसके साथ उसकी बाइक पर बैठ कर उसके घर चली गयी. घर पहुंच कर वो बोले ‘तुम यहां बैठो, मैं तुम्हारे लिये कुछ लाता हूँ. फ़िर हम काम शुरू करेंगें’. मैंने कहा – ठीक है.

फिर वो गये और एक ग्लास में ड्रिन्क लेकर आये और मुझे ड्रिंक देकर मेरे पास बैठ गये. मैं उसे पीने लगी तो मुझे उसका स्वाद थोड़ा अजीब सा लगा लेकिन मैं उसे पी गयी.
वो अब भी मेरे पास बेठे थे और मुझे देख कर मुस्कुरा रहे थे.

अब मुझे अजीब सा महसूस होने लगा. ऐसा लग रहा था जैसे मैं हवा में उड़ रही हूँ. फिर मुझे थोडी – थोड़ी नींद सी आने लगी. शायद उसने ड्रिन्क में कुछ मिलाया था.
तभी उसने मुझे पकड़ लिया और मेरे गुलाबी होंठों को चूमने लगा. मैं कुछ बोलने की हालत में नहीं थी.

वो मुझे अपनी बाहों में भर कर चूम रहे थे और अपने एक हाथ को मेरी टी-शर्ट के अन्दर डाल कर मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे स्तनों को दबाने लगे. पता नहीं उसने मुझे क्या दिया था. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा और मैं बहुत ही हैरान थी.

फिर वो उठे और मुझे अपनी गोद में उठा लिया और फिर मुझे एक कमरे में ले गये और मुझे बिस्तर पर पटक दिया.
फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गये और फ़िर मेरे होंठों को चूसने लगे और बोलने लगे ‘बहुत दिनों से तुम्हें पाना चाहता था आज जाकर तुम हाथ में आयी हो, आज तो मैं अपनी पूरी हवस मिटाऊँगा.’

फिर उसने मेरे टी-शर्ट और मेरी जीन्स को निकाल दिया. अब मैं उनके सामने सिर्फ़ ब्रा – पेन्टी में थी. फिर उसने मेरी पेन्टी को पकड़ा और जोर से खींच कर फाड़ दिया. जिससे मेरी गुलाबी चूत उनके सामने आ गयी. मैं तो जैसे बेहोशी की हालत में थी. मैं कुछ भी नहीं कर सकती थी. फिर ऐसे ही उसने मेरी ब्रा को भी खींच के फाड़ दिया.

अब मैं उनके सामने पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी. मेरे बड़े – बड़े स्तन उनके सामने लहरा रहे थे. मेरे स्तनों को देख कर वो पागल हो गया और मुंह में लेकर वह मेरी चूंचियों को चूसने लगा. अब मुझ पर जैसे नशा सवार होने लगा था और मैं अपनी आखें बंद करके पड़ी हुई थी.

करीब 15-20 मिनट तक वो ऐसे ही मेरे बदन को चूमता रहा. अब मुझ पर दवा का असर थोड़ा कम होने लगा था. फ़िर वो उठा और अपने कपड़े निकालने लगा. जब उसने अपना लौड़ा निकाला तो मैं उसे देखती ही रह गयी. वो करीब 8 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा था.

अब मुझसे रहा नहीं गया और मैं लपक कर उसका मोटा लौड़ा अपने मुंह मे लेकर चूसने लगी. जिससे वो हैरान रह गया. शायद उसने यह सोचा ही नहीं था. फिर वो बोला – साली, तू तो रन्डी निकली. पहले पता होता तो तेरे ड्रिन्क में दवा नहीं मिलाता.

मैं भी अब बेशर्म हो गयी थी और उसका लन्ड चूसने लगी. अब वो फिर बोला – साली कुतिया, आज तो तेरे तीनों छेद को मैं फ़ाड़ के रख दूँगा.

यह सुन कर मैं बोली – हां मेरे राजा, आज तो मुझे अपनी रन्डी बना ले, फ़ाड डाल मेरे छेदों को आह्ह्.

अब उसने अपना लन्ड मेरे मुंह से निकाला और बोला – बोल साली रन्डी, पहले कहां डालूं?

मैं बोली – आज तक मैंने मेरी गान्ड नहीं मरवाई है, आज तू उसे ही फाड़ दे.

वो बोला – चल फिर मेरी रानी जल्दी से कुतिया बन जा.

अब मैं अपने चार पैरों पर कुतिया की तरह उसके सामने अपनी गान्ड कर के बैठ गई. फिर उसने ढेर सारा थूक लिया और मेरी गान्ड के छेद पर लगा दिया और फिर उसने अपना सुपाड़ा मेरी गान्ड के छेद पर रखा और एक जोर का धक्का मार दिया और एक ही झटके में उसने अपना पूरा लन्ड मेरी गांड़ के अंदर डाल दिया.

जिससे मेरे मुंह से चीख निकल गई और मैं रोने लगी. मैं बोली – छोड़ दो मुझे, आह्ह प्लीज छोड़ दो मुझे. उईई मर गई.

अब वो मेरी गान्ड को धीरे – धीरे सहला रहा था. फिर उसने अपना लन्ड बाहर निकाला और फिर से एक और जोर का
धक्का मारा. मैं फिर चिल्लाई लेकिन इस बार वो नहीं रुका और धक्के पे धक्के मारने लगा. मुझसे दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो मैं रो रही थी लेकिन वो नहीं रुका और धक्के पे धक्के लगाता रहा.

करिब 10 मिनट के बाद मेरा दर्द दूर हुआ और अब मेरी गान्ड से फ़चक – फ़चक की आवाज आ रही थी. आज आख़िरकार मेरा गान्ड मरवाने का सपना पुरा हो गया था.
अब मेरा दर्द पूरी तरह गायब हो गया था और मुझे बड़ा मजा आने लगा था.

मैं मस्ती में चिल्ला रही थी और बोल रही थी ‘आह्ह्ह, मेरे राजा फाड़ दे मेरी गान्ड को. आहह और जोर से. आज मुझे बिल्कुल अपनी रन्डी की तरह चोद आहह.

फिर उसने अपना लन्ड मेरी गान्ड से निकाला और नीचे लेट गया. मैं समज गयी और उसके ऊपर चढ़ गयी और फिर मैंने उसका लन्ड लिया और अपनी गान्ड के छेद पर रखा और धक्का दिया.

इस बार वो बड़े आराम से मेरी गान्ड के अन्दर चला गया.
अब मैं उसके लन्ड के ऊपर मेरी गान्ड पटक – पटक कर चुदने लगी. वो भी नीचे से धक्के मार रहा था. पूरे कमरे में फच्च – फच्च की आवाज आ रही थी. आज मुझे उसकी रन्डी बन कर बहुत मजा आ रहा था.

करीब 20 मिनट तक वो मेरी गान्ड फाड़ता रहा फिर वो बोला – मैं झड़ने वाला हूँ, कहां निकालूं?

मैंने कहा – मेरी गान्ड में ही छोड़ दो.

अब वो जोर – जोर से धक्के मारता हुआ मेरी गान्ड के अन्दर ही झड़ गया. फिर मैं उठी और उसके लन्ड को मुंह से साफ़ कर दिया. फिर वो बोला – तू तो बड़ी मजेदार चीज है यार. अब तो मैं रोज ही तेरी गान्ड और चुत मारूँगा.

फिर मैं बोली – ऐसे लौड़े से कौन नहीं चुदना चाहेगी मेरे राजा. आज से मैं तेरी रन्डी हूँ. तुम्हें जब भी, जैसे भी मुझे चोदना है चोद सकते हो.

फिर वो बोला – तो चल, अब तेरी चूत की बारी है और अब हम फ़िर से एक – दूसरे में समा गये. बाद में उसने मुझे बताया कि वो कई दिनों से मुझे चोदने का प्लान बना रहा था और आज जाकर उसने ये नकली पार्टी का आइडिया निकाला था.

उस दिन के बाद हम कालेज की छुट्टी होने के बाद रोज उसके घर पर जाते और वहां वो मजे से मुझे चोदता रहता है.

दोस्तों, आप लोगों को मेरी यह कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताना. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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