मैं अपने मामा की लड़की को चोदना चाहता था. उसे भी मेरे इरादों के बारे में पता था. ऊपर – ऊपर से तो मैं सब कुछ कर लेता था लेकिन हमें चुदाई का मौका नहीं मिल रहा था. अब पढ़िए मेरी कहानी और जानिए कैसे मैंने उसको चोदा और अपनी आग बुझाई…
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम साहिल कुमार है. मैं मध्यप्रदेश के सतना जिले का रहने वाला हूँ. अभी मेरी उम्र 23 साल है और मैं इंजीनियरिंग के थर्ड ईयर का छात्र हूँ.
मैं पिछले 5 सालों से अन्तर्वासना का नियमित पाठक रहा हूँ. इसकी सारी कहानियां मुझे बहुत अच्छी लगती हैं. हालांकि, कई बार कुछ कहानियां झूठी भी लगती हैं लेकिन कई बार ऐसी कहानियां मिलती हैं जो आपको खुद से जोड़ लेती हैं. खैर, झूठी सच्ची कैसी भी कहानी हो, वो अपने उद्देश्य को तो पूरा ही करती है. हम जैसे पाठकों को उससे मज़ा आता है.
दूसरे लेखकों कहानियां पढ़ने के बाद मैंने भी कई बार सोचा कि आप लोगों के साथ अपनी कहानी साझा करूं लेकिन मौका ही नहीं मिल पा रहा था. आज मौका लगने पर लिख रहा हूँ. यहां पर यह मेरी पहली कहानी है. ये मेरे पहले सेक्स की कहानी है. जिसे मैंने 21 साल की उम्र पूरी होने पर किया था.
अब आपका ज्यादा समय न बरबाद करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. मेरी एक कजिन है. जिसका नाम श्वेता है. वह मेरे मामा की लड़की है और उम्र में मुझसे 1 साल छोटी है.
श्वेता एक दम फुल पैकेज माल है. उसकी बड़ी – बड़ी आंखें, उसके नारियल के आकार के दूध, उसकी वो मस्त गांड़ और लचक वाली पतली कमर आज भी मुझे याद आते हैं. उसे जो कोई भी देख ले उसका लन्ड जरूर सलामी देने लगेगा.
मैं उसे बचपन से ही लाइन मारता था. वो भी मेरी हालत को समझती थी. कभी – कभी मौका देख कर मैं उसके बूब्स भी मसल देता था लेकिन उसने कभी इस बात का बुरा नहीं माना. लेकिन इसके बावजूद मुझे कभी उसे चोदने का मौका नहीं मिला. मेरे पूछने पर वो हमेशा कहती कि जब पूरा मौका मिलेगा, तभी कुछ होगा. लेकिन साला मौका ही नहीं मिल रहा था.
लेकिन दोस्तों, वो कहते हैं न कि ऊपर वाले के घर देर है अंधेर नहीं. मेरे सेकेंड सेमेस्टर के एग्जाम होने वाले थे और घर पर खाना बनाने वाला कोई नहीं था. मेरे घर वाले सब मेरे रिश्ते के एक चाचा जी की शादी में गए हुए थे. चूंकि मेरा एग्जाम था इसलिए मैं नहीं गया था.
अब मैंने सोचा कि यही सही मौका है, उसकी ठुकाई करने का. फिर खाने की दिक्कत वाली बात मैंने मम्मी को बताई तो उन्होंने मामी से बात की और उन्हें मेरी समस्या बताया और कुछ दिन के लिए श्वेता को मेरे पास भेजने को कहा. मामी मान गई थीं. मम्मी से बात करने के बाद उन्होंने मुझे फोन किया और मुझसे कहा कि आओ और श्वेता को ले जाओ. वो खाना बना देगी और साथ उसका मन भी बहल जाएगा.
मेरी तो जैसे लॉटरी लग गई हो. मैं अगले दिन ही वहां गया और श्वेता को ले आया. आते ही मैंने सबसे पहले दरवाजे और खिड़कियों को बन्द किया और जम कर उसे किस करने लगा. उसके फूलों से नाज़ुक होंठों का स्वाद जबरदस्त था. मैं करीब 5-7 मिनट तक भौंरे जैसे उसके होंठों का रस पीता रहा.
फिर उसने मुझे रोका और बोली कि अभी तो पूरी रात बाकी है, मैं कहीं भागी थोड़ी न जा रही हूँ. क्यों इतना उतावले हो रहे हो? रात में जी भर कर प्यार कर लेना. तब मैंने खुद पर कंट्रोल किया और जाकर 3 पैकेट कंडोम ले आया. साथ में मैं 1 बीयर की बोतल और कुछ स्नैक्स भी ले आया.
जब मैं वापस आया तो देखा कि उसने एक लाल कलर की नाइटी पहन रखी है और खाना बना रही है. उसे देख कर मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. मैंने खुद को रोकने की काफी कोशिश की लेकिन नाकाम रहा और आखिर में जाकर मैंने पीछे से उसे पकड़ लिया और उसके मम्मे दबाने लगा. क्या मस्त माल थी यारों एक दम मुलायम!
फिर हम एक – दूसरे को किस करने लगे. इस दौरान मैंने मौका देख कर उसकी नाइटी उतार दी थी. अंदर उसने रेड कलर की ब्रा और रेड ही पैंटी पहन रखी थी. लाल ब्रा और पैंटी में गजब ढा रही थी. फिर मैंने उसको ले जाकर बेड पर लिटा दिया और ऊपर से लेकर नीचे तक चाटने लगा.
उसकी आहें निकल रही थीं. वह सिसक रही थी और लगातार ‘आह आह ऊह ऊह’ की आवाजें निकाल रही थी. उसकी सांसें गर्म हो रही थीं. फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार फेंकी और अपना मुंह उसके मम्मों पर लगा दिया और उनका रस पान करने लगा. बहुत मज़ा आ रहा था.
दूसरी तरफ मैंने उसकी पैंटी में भी उंगली डाल दी और और उसकी चूत को सहलाने लगा. उसके मुंह से सेक्सी आवाजें निकल रही थीं. फिर मैंने अपना लन्ड निकाला और उसके मुंह में देने लगा लेकिन उसने मना कर दिया. उसने कहा कि ये उसे पसन्द नहीं है. मैंने भी उसे जोर नहीं दिया.
इसके बाद मैंने उसकी पैंटी उतार दी और उसकी क्लीन सेव चूत पर अपना मुंह लगा दिया और उसके काम रस का रस पान करने लगा. मैं बड़ी तन्मयता से चूत चूस रहा था. मस्त चूत चुसाई की वजह से वो थोड़ी ही देर में झड़ गई.
अब मैंने देर न करते हुए अपने लन्ड पर कंडोम चढ़ाया और उसकी चूत के दरवाजे पर रख कर थोड़ा सा धक्का लगाया. उसकी चूत काफी टाइट थी. इस वजह से मेरा लन्ड फिसल गया. मैंने फिर ट्राई किया. इस बार मैंने हाथ का सहारा लगाए रखा. अबकी बार लन्ड अंदर चला गया. लन्ड के उसकी चूत में जाते ही वो चीख पड़ी, “मम्मी, मर गई मैं! निकालो इसे प्लीज निकालो”. लेकिन मैं कहां मानने वाला था.
फिर मैंने नीचे देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था. यह देख कर मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया और उसके मम्मों को चूसने लगा. कुछ देर बाद जब उसका दर्द खत्म हुआ और वह नॉर्मल हुई तो मैंने एक शॉट धीरे से लगाया लेकिन इस बार उसे उतना दर्द नहीं हुआ.
जब उसे दर्द नहीं हुआ तो फिर मैंने धीरे – धीरे स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी. अब वो भी मेरा साथ देने लगी. उसे भी खूब मज़ा आ रहा था. करीब 20 मिनट तक मैंने उसकी चुदाई की. फिर वो झड़ कर निढाल हो गई. लेकिन मैं अभी नहीं झड़ा था. मैं लगातार शॉट लगाता रहा. करीब 5 मिनट बाद मुझे लगा कि मैं जाने वाला हूँ तो मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी. फिर 5-7 धक्कों के बाद बड़ी तेजी से एक लावा फूटा और मैं सुस्त पड़ गया.
इसके बाद जब तक मेरे घर वाले नहीं आए तब तक वो मेरे साथ ही रही और हमने खूब मस्ती की. लेकिन वो कहानी फिर कभी. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]