मेरे छोटे मामा की शादी थी. शादी में शामिल होने के लिए मैं अपने ननिहाल पहुंच गया. वहां मुझे मेरी बड़ी मामी की बहन मिल गईं. उस पर मेरा दिल आ गया, फिर एक रात मैंने जम कर चूत बजाई…
हेलो दोस्तों, मेरा नाम सुनील कुमार है और मैं अभी 23 साल का एवरेज लुकिंग लड़का हूं. मैं अपने परिवार के साथ पटना में रहता हूं. मुझे शादीशुदा औरतों से सेक्स करना बहुत पसन्द है और हरदम मैं उसी के बारे में सोचता रहता हूं.
ये जो कहानी मैं आप लोगों को बताने जा रहा हूं, वो 3 साल पहले की है. उस समय मुझे अपने छोटे मामा की शादी में शामिल होने के लिए अपने ननिहाल जाना था. मुझे ही क्या घर के सभी लोगों को जाना था लेकिन मेरे घर वालों ने मुझे पहले ही वहां भेज दिया था ताकि मैं काम में कुछ मदद कर सकूं. घर के बाकी के सदस्य शादी के दिन आने वाले थे.
जिस दिन मैं अपने ननिहाल पहुंचा तो वहां बहुत से लोग आए हुए थे. मैं वहां पहुंच कर आए हुए लोगों से मिला. तभी मेरी नज़र एक शादीशुदा औरत पर गई. वो देखने में ठीक – ठाक थी. पता नहीं क्यों मैं उसकी तरफ आकर्षित होता गया.
वो मेरी बड़ी मामी की बहन थीं. उसकी उम्र 34-35 साल थी और फिगर 34 36 38 का है. दिखने में वो थोड़ी सांवली जरूर थी लेकिन उसकी फेस कटिंग बहुत ही कातिल थी.
पहले दिन मैं बहुत थका हुआ था और पहुंचते – पहुंचते शाम भी हो गई थी तो रात का खाना खाने के बाद जैसे – तैसे जहां जगह मिली सो गया. फिर दूसरे दिन उठने के बाद जब वह फिर से मुझे दिखी तो मैं उसे चोदने की प्लानिंग करने लगा.
दूसरे दिन मैं काम में व्यस्त था. इस दौरान मेरी उससे हल्की – फुल्की बातें भी हुईं. रात हुई. हम सबने खाना खाया. मेहमानों की संख्या ज्यादा थी इसलिए छत पर सबका बिस्तर लगा था. मैं भी सोने चला गया. थोड़ी देर बाद फिर वो आई और मेरे बगल में आकर लेट गई.
उस दिन उन्होंने साड़ी पहन रखी थी. इन कपड़ों में वो गजब की लग रही थी. फिर हम लोगों ने थोड़ी देर तक इधर – उधर की बात की और फिर सोने लगे.
लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी. बगल में मस्त माल जो लेटी थी. मैं काफी देर तक इधर – उधर करवट लेता रहा. फिर जब वो और बाकी के लोग सो गए तो मैंने धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ाया और उसकी कमर पर रख दिया. उसने कोई हरकत नहीं की. इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई. थोड़ा डर भी लग रहा था लेकिन मैंने ये सोच लिया था कि कैसे भी हो लेकिन आज इसे चोदना है तो चोदना है.
फिर मैंने अपना पैर उसके पैरों के ऊपर रख दिया और धीरे – धीरे अपने पैरों से उसकी साड़ी ऊपर करने लगा. इसके साथ ही मैंने अपना हाथ सरका कर उसे उसकी एक चूची पर रख दिया. अब तक मैंने उसकी साड़ी उसके घुटनों के ऊपर कर दिया था.
इतना करने के बाद भी जब उसने कोई हरकत नहीं की तो मैंने धीरे – धीरे उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया. पहले तो उसने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया लेकिन थोड़ी देर चूचियों को दबाने के बाद जब उससे कंट्रोल नहीं हुआ तो उसके मुंह से एक हल्की सिसकी सी निकल गई. उसकी सिसकियां सुन कर मैं समझ गया कि वो जाग रही है और मुझसे चुदना चाहती है.
यह देख मैं पूरा खुल गया और बिना किसी डर के कस के उसकी चूचियों को दबाने लगा. वो अपनी आंखें बन्द किए मज़ा ले रही थी. फिर थोड़ी देर बाद अचानक से मैं अपनी जगह से उठा और उसके ऊपर आ गया और अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिया. अब मैं मज़े से उसके होंठ चूस रहा था.
कुछ देर तक उसके होंठ चूमने के बाद मैंने खींच कर पहले उसकी साड़ी और फिर उसका ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया. उसने चड्ढी नहीं पहन रखा था. ऐसा लग रहा था जैसे वो पहले से ही चुदने के लिए तैयार होकर मेरे पास सोने आई थी.
फिर मैं धीरे – धीरे नीचे गया और उसकी नाभि पर होंठ लगा दिया और चूमने लगा. बीच – बीच में मैं उसकी नाभि में अपनी जीभ भी घुसा देता. जब मेरी जीभ उसकी नाभि के अंदर जाती तो वह चिहुंक सी उठती. नाभि चुसाई के साथ – साथ मैं एक हाथ से उसकी बुर में उंगली भी करता जा रहा था.
अब वो पूरा गर्म हो चुकी थी और लगातार सिसकियां ले रही थी. फिर वह मेरे कान के पास अपना मुंह लेकर आई और बोली, “अब मत तड़पाओ मेरे राजा, बस जल्दी से अपना लन्ड मेरी चूत में डाल दो”.
उसकी यह बात सुन कर मैंने अपना पैंट और अंडर वियर उतार दिया. जिससे मेरा खड़ा लन्ड उसके सामने आ गया. मेरे लन्ड की लम्बाई और मोटाई देख के वो थोड़ा सा घबरा गई और बोली कि इतना मोटा मैं कैसे ले पाउंगी!
यह सुन कर जब अपने पति का लेती हो तब उनसे तो नहीं बोलती होगी कि कैसे ले पाउंगी. इस पर उसने बताया कि उसके पति का लन्ड काफी छोटा है और मेरे से पतला भी. फिर मैंने उसे समझाया और कहा कि परेशान न हो आराम से चला जाएगा. इस पर उसने कहा कि आराम से जाए या दर्द हो, अब तुम्हारे नीचे आ गई हूं तो अंदर तो लूंगी ही.
उसकी हिम्मत भरी बातें सुन कर मैं और उत्तेजित हो गया. फिर मैंने उससे लन्ड मुंह में लेने को कहा. इस पर वो मना करने लगी. मैंने एक – दो बार कहा लेकिन वो नहीं मानी. तब मैंने सोचा कि पहले लन्ड अंदर करके इसे अपना बनाऊं, चुसाई वगैरह फिर देखा जाएगा. एक बार चोद लेने के बाद तो जो चाहूंगा वो करूंगा इसके साथ.
यही सोच कर मैंने अपना लम्बा – मोटा लन्ड उसकी चूत पर रख के रगड़ने लगा. इससे उसकी सिसकियां और बढ़ गईं. सिसकियों के साथ – साथ उसके मुंह से अजीब – अजीब आवाजें भी निकलने लगी थीं.
तभी अचानक मैंने अपना पूरा लन्ड उसकी चूत में घुसेड़ दिया. इससे उसे दर्द तो हुआ और वह अपने दांतों से होंठ काटने लगी लेकिन बोली कुछ नहीं. थोड़ी देर बाद जब लन्ड सेट हो गया तो मैं धीरे – धीरे चुदाई करने लगा. अब उसे भी मज़ा आने लगा था तो उसने कहा कि मेरे राजा थोड़ा और तेज चोदो न मुझे, तुम्हारी चुदाई से बहुत मज़ा आ रहा है.
उसकी बातें सुन कर मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और फुल स्पीड में लन्ड अंदर – बाहर करने लगा. वह एक दम मस्त हो चुकी थी और ‘आह आह ऊह ऊह’ की मादक आवाज निकाल रही थी.
करीब 18-20 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद जब मैं झड़ने को हुआ तो उससे पूछा कि माल कहां निकलूं तो उसने कहा कि अंदर ही निकाल दो. यह सुन कर मैंने 8-10 धक्के और लगाए, फिर उसके बुर में ही अपना माल छोड़ दिया. इसके बाद मैं थक कर उसके ऊपर ही लेट गया. थोड़ी देर बाद हम अलग होकर सो गए.
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