मामी की चुदाई देख बहन को चोदा भाग – 1

मेरी यह कहानी मेरी जवानी के दिनों की है. तब मैं चुदाई के बारे में कुछ भी नहीं जानता था. एक दिन मैंने अपनी मामी को मामा से चुदते देखा. यह देख मुझे चुदाई के बारे में जानकारी हुई. फिर मैंने कैसे मेरे बगल में लेटने वाली मामी की भांजी से कैसे मज़ा लिया और अपनी बहन को किस तरह चोदा ये इस कहानी में पढ़िए…

अन्तर्वासना के सभी प्यारे पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार! मैं इस साइट का नियमित पाठक हूँ. आप सब की कहानियों को पढ़ – पढ़ कर मेरी हिम्मत बढ़ी और आज मैं अपने पुराने राज को कहानी के रूप में आप सब के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ. उम्मीद है आप सब इसे पसन्द करेंगे.

यह 50 साल पहले की बात है. दोस्तों, मेरा परिवार काफी गरीब था इसलिए मेरे घर वालों ने मुझे पढ़ाई के लिए मामा के यहां भेज दिया था. तब मुझे सेक्स के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी.

जब मैं छोटा था और गांव में रहता था तो गर्मी के दिन हम सब घर के बाहर ही सोते थे. मेरे बचपन की दोस्त भी मेरे ही करीब सोती थी. रात को सोते समय वह मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी छाती पर रख लेती और उसे मसलती रहती. लेकिन जैसे ही मेरी नींद खुलती मैं अपना हाथ खींच लेता था.

मामा के आने के बाद अब मैं जवानी की दहलीज पर था और मेरा लन्ड भी आप सब के जैसे कड़क होने लगा था. लेकिन फिर भी मुझे कुछ मालूम नहीं था. स्कूल जाते समय सांड को गाय के ऊपर और कुत्ते को कुतिया के ऊपर चढ़े देखता तो मुझे अजीब सी सिरहन होती. फिर घर आकर रात में ये सब याद करके लन्ड मसल देता तो रस निकल जाता और फिर मैं शांत होकर सो जाता था.

एक रात अचानक मेरी नींद खुल गई. मैंने देखा कि पहले मामा उठ के अपने कमरे में गए और फिर मामी भी उठ कर चली गईं. अंदर जाकर उन्होंने दरवाजा बन्द कर लिया. यह देख कर मैं भी उनके पीछे – पीछे चला गया और दरवाजे पर कान लगाया तो अंदर से आवाजें आती सुनाई दीं.

मामा : चल जल्दी से साड़ी उठा खील ठोक (लन्ड पेल) देता हूँ.

मामी : इतना जल्दी क्या है, आराम से खील ठोको. वैसे ऊपर ठोकेगे या नीचे?

मामा : ऊपर ठोकना थोड़े होता है इसे लॉलीपॉप चूसना कहते हैं. मुझे तो नीचे ठोकना है.

इधर अब मैं चाभी वाले छेद से देखने का प्रयास कर रहा था. हल्का – हल्का दिखाई दे रहा था. मैंने देखा कि मामा – मामी से लिपट के खटिया पर बैठ गए थे और धीरे से उनका ब्लाउज खोल दिया. अब मुझे मामी की गोरी – गोरी चूचियां दिख रही थीं. फिर मामा उन्हें पकड़ कर मसलने लगे.

मामा को मामी के साथ ऐसे करते देख मुझे मेरी दोस्त याद आ गई, जो मेरे हाथ छाती पर रख कर मसलवाती थी. खैर, फिर मामा ने मामी की साड़ी खोलने लगे तो मामी खोलने से मना किया और बोलीं – साड़ी उठा देती हूँ खील ठोक दो खोल क्यों रहे हो.

मामा : चल ठीक है उठा.

फिर मामी ने साड़ी उठा दी. मैंने देखा कि मामी की पूरी चूत पर बाल थे. उसे देख कर मामा बोले – क्या पूरा जंगल बढ़ा के रखी हो.

मामी : तुमको तो रास्ता मालूम है, ऊपर का जंगल क्या करेगा?

फिर मामा ने मामी की चूत में उंगली डाल दी. मामी की चूत गीली थी. यह देख मामा बोले – तुम इतनी जल्दी झड़ गई क्या?

मामी: नहीं, सुसु करके आई हूँ उसी वजह से गीली है.

फिर मामा ने अपनी लुंगी खोली तो मुझे उनका लन्ड दिखाई दिया. उनका लन्ड एक दम खड़ा था और उसके अगल – बगल काले घने बाल थे.

यह सब देख कर मेरा लन्ड भी खड़ा हो गया. तब मैंने अपने लन्ड को देखा. मेरे लन्ड के अगल – बगल में छोटे – छोटे बाल थे.

तभी मामा ने मामी के दोनों पैरों को हाथ से पकड़ कर उठाया और फिर उनकी चूत से लन्ड को सटा दिया. इसके बाद उन्होंने झट से झटका मारा मामी की चूत में अपना लन्ड उतार दिया. मामी के मुंह से आह निकल गई.

अब मामा अपनी गांड को जोर – जोर से हिलाने लगे. मामी लगातार सिसकी ले रही थीं. थोड़ी देर बाद मामा मामी के ऊपर से हट गए और वो अपनी साड़ी और ब्लाउज को संभालने लगीं.

अब मामा बोले : ये नया आसन कैसा लगा?

मामी : लेट कर पैर उठाकर चुदवाने का मज़ा इसमें कहां! हां, अगर गैस वाले प्लेटफॉर्म या टेबल पर बिठा कर चोदते तो मज़ा आ जाता.

मामा : अच्छा, तो फिर चल किचन में.

मामी : नहीं, आज नहीं अब कल.

मामा : ठीक है, लेकिन कल तैयार रहना, गड़बड़ न होने पाए.

मामी : हां, तुम चिंता न करो, कोई गड़बड़ नहीं होगी.

उनकी इतनी बात सुन कर मैं बिना आवाज किए वहां से खिसक गया और चुपचाप आकर बिस्तर पर लेट गया. फिर मामा – मामी भी आकर अपने बिस्तर पर लेट गए और सो गए. लेकिन बिस्तर पर लेटने के बाद भी मुझे नींद नहीं आ रही थी. मेरे दिमाग में मामा और मामी की चुदाई ही चल रही थी.

अब मुझे चुदाई के बारे में सब क्लियर हो गया था. मैं जान गया था कि क्यों मेरा लन्ड खड़ा होता है और क्यों मसलने के बाद ठंडा हो जाता है. मैं ये समझ गया था कि गांव में मेरी जो दोस्त थी वो क्यों मुझसे चिपकती रहती थी और अपने मम्मों पर मेरा हाथ रखवा कर उन्हें दबवाती थी.

यह सब देख कर मेरा भी मन चुदाई करने को कर रहा था लेकिन कैसे करूं और किसके साथ करूं कुछ समझ नहीं आ रहा था. अब मुझे अपनी उसी दोस्त की याद आ रही थी. लेकिन वो तो यहां थी ही नहीं कि आज मैं खुद आगे बढ़ कर उसके मम्मों पर हाथ रखता और फिर वो मुझसे चुदने के लिए तैयार हो जाती.

मैं यही सब सोच रहा था कि मुझे याद आया कि मेरे मामी के बहन की बेटी भी तो यहीं हैं और मेरे ही बगल में सो रह है. यह याद आने पर मैंने सोचा कि शायद उसके साथ मेरा जुगाड़ सेट हो जाए और वो मुझे अपना बदन समर्पित कर दे.

दोस्तों, मेरे मामी के बहन की बेटी (मामी की भांजी) का नाम नागमणि था और वो थी भी मणि के जैसे ही खूबसूरत. वो उम्र में मुझसे थोड़ी थी. उसकी उम्र 21 साल थी. और उसका साइज 30 28 30 का था, जो मुझे बाद में पता चला.

अब तक मेरे दिमाग में वासना हावी हो चुकी थी. फिर मैं धीरे से खिसक कर नागमणि के पास गया और उससे चिपक कर लेट गया. उसका पूरा बदन मेरे शरीर से टच हो रहा था. जिससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और धीरे – धीरे मेरा लन्ड खड़ा होने लगा था.

फिर मैंने अपने लन्ड को नागमणि की गांड पर लगाया और धीरे – धीरे झटके मारने लगा. थोड़ी देर बाद नागमणि ने करवट ली और सीधी लेट गयी. जिससे मेरी गांड फट गई और मैं चुपचाप लेट गया. उसके ऐसा करने से मेरा लन्ड उसकी जांघों पर टच होने लगा.

दोस्तों, मुझे किसी भी तरह चूत चाहिए थी. मेरी आंखों से नींद बिल्कुल गायब थी. फिर मैंने हिम्मत की और आहिस्ता – आहिस्ता अपने हाथों को उसकी कमर में डाल दिया. वो कुछ नहीं बोली. शायद जगी नहीं थी.

इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई. फिर मैंने उसकी चड्डी में हाथ डाल दिया और चूत पर रख दिया. अब पूरा सेक्स सीन मेरी आंखों में था. सेक्स में जो कुछ करते हैं सब अपने आप हो रहा था. थोड़ी देर ऐसे ही हाथ रखे रहने के बाद मैंने उसकी चूत को रगड़ना चालू कर दिया. इस पर नागमणि मेरी तरफ खिसक आई और सो गई.

अब ये मेरा रोज का काम हो गया था. मैं अपने एक हाथ से नागमणि की चूत को रगड़ता और दूसरे से अपने लन्ड को मसलता रहता था. लेकिन कई दिनों ऐसा करने के बाद भी मुझे चुदाई का सुख नहीं मिला था. क्योंकि न मैं इससे आगे जाने की हिम्मत कर पा रहा था और न ही नागमणि आगे आ रही थी.

आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? कमेंट करके जरूर बताएं. कहानी के अगले भाग में मैं बताऊंगा कि किस तरह मैंने बहन की चूत चोद कर अपने सेक्स लाइफ की शुरुआत की.

इस कहानी का दूसरा भाग – मामी की चुदाई देख बहन को चोदा भाग -2

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