मामी की चुदाई देख बहन को चोदा भाग – 2

मेरी यह कहानी मेरी जवानी के दिनों की है. तब मैं चुदाई के बारे में कुछ भी नहीं जानता था. एक दिन मैंने अपनी मामी को मामा से चुदते देखा. यह देख मुझे चुदाई के बारे में जानकारी हुई. फिर मैंने अपनी बहन को किस तरह चोदा ये इस कहानी में पढ़िए….

इस कहानी का पिछला भाग – मामी की चुदाई देख बहन को चोदा भाग – 1

अभी तक अपने पढ़ा कि गरीबी की वजह से मैं पढ़ाई करने के लिए अपने मामा के यहां रहता था. एक रात जब मैं उठा तो मैंने मामा और मामी को चुदाई करते देखा. इसके बाद मेरा भी मन चुदाई करने का करने लगा. तब मैं अपने बगल में सोने वाली मामी की भांजी नागमणि को फंसाने लगा और रात में सोते समय उसकी को मसलने लगा.

एक रात सोते समय मैंने हिम्मत करके नागमणि का हाथ मेरे लन्ड पर रख दिया और मैं उसकी चूत को मसलता रहा. कुछ देर बाद अचानक नागमणि ने धीरे – धीरे मेरे लन्ड को दबाना शुरू लिया.

उसके हाथ का स्पर्श मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. जब वह मेरे लन्ड को दबा रही थी तो वह और तन्ना रहा था. थोड़ी देर तक लन्ड मसलने के बाद मेरे लन्ड ने उल्टी कर दी. मेरा सारा माल उसके हाथ पर लग गया. जिससे उसका हाथ चिपचिपा हो गया. फिर उसने अपना हाथ मेरी बनियान में पोंछ दिया.

इसके बाद उसने करवट ली और सो गई. अब मैं भी उससे चिपक कर सो गया. इससे मेरा लन्ड उसकी गांड में टच होने लगा. थोड़ी देर बाद वह फिर से खड़ा हो गया लेकिन इस बार उसने कुछ नहीं किया.

एक रात फिर मैंने मामी और मामा को चुदाई करने के लिए अपने कमरे में जाते देखा. उनके जाने के बाद उस रात फिर मैं नागमणि के पास चला गया और तुरंत ही उसकी चड्ढी खिसका दी.

इसके बाद मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया और अपने लन्ड को उसकी चूत पर टिका दिया. फिर मैं धीरे – धीरे अपना लन्ड उसकी चूत के अंदर सरकाने लगा. मेरा लन्ड अंदर जा ही नहीं रहा था. तभी मैंने जोर लगाया. इससे नागमणि मम्मी की आवाज के साथ चीख पड़ी. उसकी आवाज काफी तेज थी. जिसे सुन कर मैं डर गया और झट से अपने बिस्तर पर आ गया.

उसकी आवाज सुन कर मामी जो अपने कमरे में चुदाई कर रही थीं कमरे से बाहर आ गईं और पूछने लगीं कि क्या हुआ? तब नागमणि ने झूठ बोल दिया और कहा कि पैर पर कोई कीड़ा चलने लगा था. इसी कारण डर की वजह से चीख निकल गई.

उसके झूठ बोलने के बावजूद मामी को शक हो गया था और अगले ही दिन हम दोनों का बिस्तर अलग – अलग थोड़ी दूर पर कर दिया गया. इसके कुछ दिन बाद नागमणि की मां आई और उसे अपने घर ले गई.

दोस्तों, मेरे लन्ड को चूत का स्पर्श तो मिल गया लेकिन अंदर जाने का मज़ा नहीं मिल पाया. उसके जाने के बाद मैं रोज खटिया (चारपाई) की निवाड़ (बुनाई वाली रस्सी) के बीच लन्ड डाल कर तकिया को अपने नीचे दबा कर लन्ड को हिला – हिला कर ऐसे ही रोज अपना वीर्य नष्ट करता रहा.

जब मैंने इंटरमीडिएट (12वीं) की परीक्षा पास कर ली तो मामा ने कहा कि अब तुम बड़े हो गए हो. तुम्हें नौकरी कर के अपने मां – बाप का सहारा बनाना चाहिए. इतना कह के उन्होंने मुझे नौकरी करने भेज दिया. तब 12वीं की बहुत

फिर मैं मध्य प्रदेश आ गया और एक कॉन्ट्रैक्टर के पास नौकरी करने लगा. उसका काम खुले में करने का था और उसके साथ काफी लोग काम करते थे. मैं पढ़ा – लिखा था, इसलिए मुझे मुकर्दम की नौकरी दी गई थी.

उनमें से मैं एक रेजा को पटाने लगा और आखिर पटा ही लिया. वह गोरी तो नहीं थी लेकिन उसका फिगर गजब का था. उसकी फेस कटिंग एक दम कातिल थी.

फिर एक दिन मैं उसे कोने में ले गया और उसकी चूची दबाने लगा. इससे मेरा लन्ड खड़ा हो गया. अब मैंने उसकी साड़ी को उठाया और लन्ड उसकी चूत में डालने ही वाला था कि उसके भाई ने उसे आवाज लगाई और खोजते हुए उधर ही आ गया.

भाई की आवाज सुन कर वह झट से खड़ी हो गई और अपने कपड़े सही करने लगी. इसके बाद वह चली गई. मैं इस बार भी फेल हो गया. एक बार फिर मेरे लन्ड के नाम लिखी चूत मुझे नहीं मिली. इसके बाद फिर मैं दूसरे कोने में गया और लन्ड बाहर निकाल कर मुठ मार लिया. मुठ मारने की वजह से मेरा शरीर भी नहीं बन रहा था.

एक दिन मैं एक सेक्स कहानी पढ़ रहा था. वो भाई – बहन की चुदाई की कहानी थी. उस कहानी को पढ़ने से पहले मैंने अपनी बहन की चुदाई के बारे में सोचा ही नहीं था. लेकिन फिर मुझे गलत लगा तो मैं भूलने की कोशिश करने लगा.

लेकिन मैं उस कहानी को भूल नहीं पा रहा था. मुझे बार – बार कहानी में लिखी बहन को पटाने के तरीके और चोदने के बारे में याद आती रही. अब मैं भी अपनी बहन की चूत में उंगली डालना चाहता था और उसे जीभ से चोदना चाहता था. लेकिन मेरी बहन मेरी मां के साथ सोती थी इसलिए कभी मौका ही नहीं मिला था.

अब जब भी मैं घर जाता तो जानबूझकर बहन के साथ झगड़ा करने लगा और इसी बहाने उसकी छाती पर मार देता था. कभी – कभी मैं पीछे से उसे दबोच भी लेता था. ऐसा करने में मुझे बहुत मज़ा आता था. मेरे ऐसा करने पर बहन मां से बोलती कि भैया मुझे मार रहा है लेकिन कहां मार रहा है ये नहीं बोलती थी.

धीरे – धीरे मैं ढीठ होने लगा. अब मैं मौका मिलने पर उसकी चूत पर और चूतड़ पर भी हाथ रख देता था. यही नहीं कभी – कभी मैं उसकी चूत को मसल भी देता.

एक रात जब मेरे मां – बाप अपनी काम – क्रीड़ा कर रहे थे तो मैंने अपनी बहन को उठाया और उसे सारा सीन दिखाया. इसके बाद मैंने उससे कहा कि अब या तो तुम मेरी बीवी बन जाओ या अपनी किसी सहेली को बना दो.

मेरी बात सुन कर वो बोली कि मैं तुम्हारी बहन हूँ गलत बात मत करना और रही बात मेरी सहेली की तो उसको पटाओ और बीवी बना कर चोदो या ऐसे ही.

मैं बोला कि तुम्हें चुदास नहीं लगती क्या? तो वो बोली कि लगती है लेकिन मैं केले और बैगन से काम चला लेती हूँ. भाई से चुदवा कर रिश्ते को खराब नहीं करूंगी.

तब मैं बोला कि बहना इस डरपोक भाई को बस एक बार चूत का मज़ा चखा दे, इसके बाद फिर दोबारा कभी नहीं कहूंगा. वो बोली कि भाई मैं तुमको बस अपनी चूत छूने की इज़ाजत दे सकती हूँ. मैंने कहा कि वो तो पहले भी छूता था इसमें क्या!

बहन बोली कि पहले तुम कपड़े के ऊपर से छूते थे अब अंदर हाथ डाल कर मेरी चूत को मसलों. फिर उसने आगे कहा कि मैं भी तुम्हारे लन्ड को मसल – मसल कर उसकी मुठ मार दूंगी. इस पर मैंने सोचा कि अभी इतने से ही काम चलाते हैं शायद बाद में कुछ इंतज़ाम हो ही जाए और वैसे भी भागते भूत की चोटी ही सही.

कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा. एक दिन मैं घर पर था और मां – बाप बाहर काम से गए थे. उस दिन हमने रोज के मुताबिक, बहन की चूत मसलने लगा और मेरे लन्ड को हाथ में लेकर मुठ मारने लगी. थोड़ी देर बाद मैंने उसकी एक चूची को पकड़ लिया और दबाने लगा.

मेरे पास पूरा मौका था. चूचियां मसलते – मसलते मैंने उसकी चूत पर मुंह रख दिया और चाटने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अब मेरी बहन भी उत्तेजित हो गई थी और सिसकारी लेने लगी. मैं समझ गया कि आज मैं अपने लन्ड को बहन की चूत में स्नान जरूर करा पाऊंगा.

फिर मैं सीधा हुआ और उसकी चूत पर अपना लन्ड टिका दिया. इसके बाद मैं धीरे – धीरे बहन की चूत में लन्ड घुसाने लगा. मेरी बहन भी मेरी मामी की भांजी थी. चूंकि मेरी बहन कभी – कभी अपनी चूत में बैगन और केला घुसाती थी, इसलिए थोड़ी मेहनत के बाद लन्ड उसकी चूत में घुस गया.

अब मैं धक्के लगाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मेरी बहन को भी मज़ा आ रहा था. करीब 5 मिनट तक मैंने अपनी बहन को चोदा. मेरा लन्ड मेरी बहन की चूत रस में भीग चुका था और कुछ देर बाद उसका भी पानी निकलने वाला था.

तभी अचानक दरवाजा खटखटाने की आवाज आई तो चिचिड़ाते हुए मैंने दरवाजा खोला. मेरे मां – बाप सामने खड़े थे. फिर वे अंदर आ गए. अंदर आकर मां ने बहन को देखा जो अपने सारे कपड़े ठीक कर चुकी थी लेकिन उसकी पारखी नज़रों ने सब समझ लिया.

इसके कुछ दिनों बाद मेरी बहन की शादी कर दी गई और वह अपने ससुराल चली गई. मेरी खूबसूरत बहन अब थोड़ी मोटी हो गई है लेकिन माल है. बाद में मेरी भी शादी हो गई लेकिन जब भी वह घर आती मैं उसे चोदने की फ़िराक़ में रहता और मौका मिलने पर चोद देता था.

आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? कमेंट करके जरूर बतायें. मुझे आपकी सलाह और सुझावों का इंतजार रहेगा.

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