बारिश में भीगी भाभी को घर ले जाकर चोदा

मेरी इस कहानी में मैं आपकी बताऊंगा कि कैसे मैंने एक बारिश के दौरान एक बड़ी ही खूबसूरत और बड़े – बड़े मम्मों वाली भाभी को पता लिया और घर ले जाकर जमकर उसकी चुदाई की…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम सुरेश है. मेरी उम्र 22 साल है. दोस्तों, उम्र बढ़ने के साथ ही मेरा लन्ड भी मोटा हो रहा था. वैसे तो मैंने बहुत सी औरतों को चोदा है लेकिन पिछले काफी दिनों से घर पर ही होने की वजह से कोई चूत नहीं मिल रही थी.

काम में भी मेरा कोई खास मन नहीं लगता था इसलिए दिनभर घर पर ही रहता था. घर पर रहते – रहते मैं बोर भी हो रहा था. इसलिए एक दिन ऐसे ही मैं शहर में घूमने के लिए निकल गया. फिर मैं एक रिसोर्ट में गया.

वहां मैंने देखा कि साड़ी पहने एक खूबसूरत औरत खड़ी थी. उसे देखते ही मेरा तो मन किया कि सीधा जाकर उसे पकड़ लूं. उसका बदन बहुत ही कमसिन सा दिख रहा था. उसके बोबे भी काफी बड़े थे और उसके लंबे – काले खुले बाल देख कर बहुत देर तक मैं उसे घूरता ही रह गया.

ये बात शायद उसे भी पता चल गई थी. थोड़ी देर बाद फिर मैं उसके पास गया और नज़दीक जाकर खड़ा हो गया. फिर मैंने अपना मोबाइल निकाला और उसे चला कर टाइम पास करने लगा. हालांकि मेरा ध्यान अभी भी उसी पर था.

कुछ देर बाद वो मेरे पास आई और मुझसे बोली कि मेरे मोबाइल में कुछ गड़बड़ हो गई है प्लीज आप ठीक कर देंगे क्या? उसके मुंह से इतना सुन कर मैं मदहोश सा हो गया. फिर मैंने तुरंत ही उसके हाथ से मोबाइल ले लिया और उसे देखने लगा.

बातों ही बातों में उसने अपना नाम शीतल पाटीदार बताया. मैं अभी उसका मोबाइल देख कर सही ही कर रहा था कि तभी जोरदार बारिश शुरू हो गई और हम दोनों भीगने से बचने के लिए किसी अच्छी जगह की तलाश करने लगे.

बारिश काफी ज्यादा तेज़ थी तो मैंने उससे कहा कि इस बारिश में तुम घर कैसे जाओगी? इस पर वो बोली कि मुझे तो बहुत दूर जाना है और बारिश की वजह से अब तो कोई बस भी नहीं मिलेगी. फिर उसने कहा कि देखती हूँ शायद कोई ऑटो मिल जाए. तब मैंने उससे उसका पता पूछा. जिसे उसने सहज ही बता दिया. उसका घर मेरे घर की तरफ ही था.

यह सुन कर मैंने सोचा कि क्यों न आज इसे घर ले जाने के बहाने ही चांस मारूं. क्या पता शायद आज मेरे लौड़े की किश्मत ही खुल जाए. फिर मैंने उसे अपने घर चलने के लिए कहा. पहले तो वो नखरे करने लगी लेकिन फिर मान गई. फिर हम चल दिए.

घर पहुंचने पर पता चला कि सब लोग किसी काम से बाहर गए हैं. अब तक हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे. तब मैंने एक नज़र उस पर डाली और देखता ही रह गया. उसकी साड़ी उसके उजले बदन से चिपक गई थी और उसके भीगे बाल मदहोश कर रहे थे और उसकी आंखें भी नशीली हो चुकी थीं.

यह सब देख के मेरा लौड़ा पेंट में ही खड़ा हो गया था. जिसे उसने देख लिया और देखने के बाद हल्के से एक स्माइल पास कर दी. यह देख मुझे लगने लगा कि आज तो वह लौड़ा ले ही लेगी.

फिर मैंने उसे कुछ कपड़े दिए और कहा कि चेंज कर लो. वह कपड़े ले कर अंदर रूम में चली गई. अंदर जाकर उसने दरवाजा बन्द किया लेकिन वो पूरा बन्द नहीं हुआ था. यह देख मैं दरवाजे के पास गया और चुपके से अंदर का नज़ारा देखने लगा.

पहले उसने अपनी साड़ी उतार दी. फिर वो ब्लाउज उतारने लगी। वाओ! ये देखते ही देखते मेरा लन्ड तन गया. फिर मैंने उसे बाहर निकाल कर हाथ में ले लिया. अब वो मेरी तरफ अपनी पीठ किये हुए ब्रा और पेटिकोट में खड़ी थी.

फिर उसने अपना पेटिकोट भी नीचे गिरा दिया. अब तो मुझ पर एक दम मदहोशी सी छा गई और मैं पागल सा हो गया. उसकी गांड़ बहुत ही मस्त थी. उसे देख कर मैं जोर – जोर से अपना लन्ड हिलाने लगा.

अब उसने अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और पूरी नंगी हो कर अपना बदन पोछने लगी थी. तभी अचानक से वह पीछे की तरफ घूमी और मुझे पण्ड हिलाते देख लिया.

अब मेरा ध्यान उसके मस्त बोबों पर गया. इतने बड़े थे कि क्या ही बताऊं. फिर मुझे लन्ड हिलाते देख कर वो मेरे पास आ गई. मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या हो रहा है. मेरे पास आते ही उसने मेरे लन्ड पर हाथ फेर फ़िया. जिससे वो और टाइट हो गया.

फिर क्या था! मैंने उसे उठाया और बेड पर ले जाकर पटक दिया. इसके बाद मैं उसे चूमने लगा. अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. नंगी तो वो पहले से ही थी. उसे चूमते – चूमते मैं उसकी चूत पर पहुंच गया. उसकी चूत के अगल – बगल छोटे – छोटे बाल थे.

यह देख मैंने उसकी चूत पर अपने होंठ लगा दिए और चूसने लगा. उसकी चूत की खुशबू मुझे मदहोश सी करने लगी थी. मैं उसकी चूत में पूरा घुस जाना चाहता था. लेकिन ये सम्भव न था. मैं काफी देर तक उसकी चूत का रस पान करता रहा. करीब 10 मिनट बाद उसकी चूत ने अपना माल छोड़ दिया. जिसे मैं पी गया.

इसके बाद मैंने अपना लन्ड उसके मुंह की तरफ किया. वो मेरा इशारा समझ गई और झट से मेरे लन्ड को मुंह में लेकर चूसने लगी. वह बड़े ही मादक अंदाज़ में लन्ड चूस रही थी. उसकी चुसाई की वजह से कुछ ही देर में मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने उसके मुंह से अपना लन्ड निकाल लिया.

फिर मैंने उसे सीधा किया और उसकी दोनों टांगों को अपने कंधे पर रख लिया. इसके बाद मैंने उसकी गांड़ के नीचे एक तकिया लगा दिया. मेरे ऐसा करने से उसकी चूत खुल कर मेरे सामने आ गई.

उसकी चूत एक दम पावरोटी की तरह फूली हुई थी और उसमें से अभी भी पानी निकल रहा था. यह देख मुझसे रहा नहीं गया. फिर मैंने अपना लन्ड उसकी चूत पर सेट कर दिया और हल्के से एक धक्का लगा दिया. इस धक्के के साथ ही मेरा लन्ड उसकी चूत में घुस गया. मुझे कोई खास मेहनत नहीं करनी पड़ी.

अब मैंने हल्के – हल्के 8-10 धक्के मारे और मेरे लन्ड ने अपनी पिचकारी छोड़ दी. जिससे उसकी चूत भर गई. फिर मैंने तुरंत ही लन्ड बाहर निकाला और उसके मुंह में दे दिया. वो लन्ड को चाट – चाट के साफ कर रही थी. लन्ड पर मेरी मलाई के साथ – साथ उसकी चूत की क्रीम भी लगी हुई थी. इस तरह लन्ड चटाने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

थोड़ी देर बाद मेरा लन्ड फिर से अपने फॉर्म में आ गया. अब मैंने एक बार से उसकी चूत में लन्ड पेल दिया. फिर मैं धकापेल चुदाई करने लगा. जब मेरा लन्ड उसकी चूत की दीवारों से टकराता तो मुझे असीम आनंद आता था.

इस पूरी चुदाई के दौरान वो आह आह करके मेरा उत्साह बढ़ती रही. करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद एक बार फिर से मैं उसकी चूत में झड़ गया. इसके बाद मैं उसके ऊपर ही चिपक कर लेट गया.

थोड़ी देर बाद उसके पास किसी का फ़ोन आया और बात करने के बाद उसने मुझसे कहा कि बारिश रुक गई है, इसलिए अब मुझे जाना होगा. फिर मैंने उसका मोबाइल नम्बर ले लिया और बाहर आकर उसे एक टैक्सी में बिठा दिया.

उस दिन के बाद अब हमें जब भी मौका मिलता है हम चुदाई करते हैं. एक बार तो मैं उसके घर भी पहुंच गया और वहीं पर उसकी सास को अगले कमरे में भेज कर उसकी चुदाई की लेकिन वो कहानी फिर कभी. तब तक के नमस्कार.

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