इसके बाद उसने मेरी चूत में थूका और अपना लंड मेरी चूत मे सेट कर दिया. यह देख मैं एक दम सहम सी गई थी. तभी उसने एक धक्का लगाया तो उसका लंड फिसल कर बाहर आ गया. उसकी कई कोशिशों के बावजूद भी लंड अंदर नहीं जा रहा था…
अंतर्वासना के सभी पाठकों और पाठिकाओं को मेरा प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, मैं अन्तर्वासना की नियमित पाठिका हूँ और मैंने यहां पर कई कहानियां पढ़ी हैं. उन्हीं को पढ़ कर मैंने भी सोचा कि क्यों न अपनी अपनी सच्ची घटना की आप सब के साथ शेयर करूं.
मेरा नाम सोनल है और मेरी उम्र 21 वर्ष है. मैं लखनऊ में रह कर बी एससी कर रही हूँ. मैं यहां पर अकेले रूम लेकर रहती हूँ. खैर, अब मैं आप लोगों का ज़्यादा टाइम ना बर्बाद करते हुए सीधे अपनी उस घटना पर आती हूँ.
पाँच महीने पहले की बात है. मेरी मौसी का लड़का जो मुझसे एक साल बड़ा है, उसकी लखनऊ में ही कोई परीक्षा थी. उसका नाम राहुल है. उस दिन दोपहर में पापा का फोन आया और पापा ने कहा कि राहुल की परीक्षा है और वो आज शाम को लखनऊ जा रहा है, तुम उसको अपने पास रोक लेना. कल अपनी परीक्षा देकर वो वापस चला आएगा. मैंने पापा से कहा ठीक है.
शाम को मैं स्टेशन गयी और राहुल को वहां से रिसीव कर अपने रूम लेकर आई. फिर मैंने बाहर से खाना मँगवाया. खाना आने पर फिर हमने खाना खाया और फिर कुछ देर तक इधर – उधर की बातें की.
इसके बाद हम सोने की तैयारी करने लगे. चूंकि मेरे रूम में केवल एक ही बेड था, इसलिए हम दोनों एक ही बेड पर सो गये. रात में 12 बजे के आस – पास मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि राहुल का पैर मेरी कमर पर था.
दोस्तों, मैं आपको बता दूं कि उस समय गर्मी का मौसम था तो मैंने एक शॉर्ट स्कर्ट और टॉप पहना था. चूंकि, राहुल भी घर से कपड़े नहीं लाया था तो वो सिर्फ़ अंडर वियर और बनियान पहन कर सो रहा था.
खैर, मैंने सोचा कि थका हुआ है तो इसलिए नींद में रख दिया होगा, फिर मैंने उसे ऐसे ही सोने दिया. थोड़ी देर बाद उसने अपने हाथ मेरे मम्मों पर रख दिए तो मैंने उसे हटा के अलग किया. थोड़ी देर बाद उसने एक बार फिर से अपना हाथ मेरे मम्मों के ऊपर रख दिया और टॉप के ऊपर से ही हल्के – हल्के सहलाने लगा.
इस बार मेरे अंदर भी कुछ अजीब सा होने लगा. फिर मैं सहमी हुई आवाज़ में उससे बोली – राहुल, ये ठीक नहीं है. इस पर वो कुछ नहीं बोला और चुपचाप ऐसे ही मेरे मम्मों को सहलाता रहा.
थोड़ी देर बाद उसने धीरे – धीरे करके अपना दूसरा हाथ मेरी पैंटी पर रख दिया और ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाने लगा. फिर उसने मेरे होंठों को अपने होंठों में भर लिया और किस करने लगा.
अब मैं भी धीरे – धीरे मदहोश होने लगी. फिर मैंने भी अपना हाथ उसकी अंडर विअर पर रख दिया और उसके लन्ड को ऊपर से ही सहलाने लगी.
तभी उसने अपना लंड बाहर निकाल कर मेरे हाथ में दे दिया और अपना हाथ मेरी पैंटी में डाल कर मेरी चूत में उंगली करने लगा. अब मेरे मुंह से सीत्कार निकलने लगी.
थोड़ी देर तक ऐसे करने के बाद उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और खुद भी पूरा नंगा हो गया. इसके बाद उसने रूम की लाइट आन कर दी तो मैंने शर्म के मारे अपनी आँखें बंद कर ली.
अब वो मेरे जिस्म के एक – एक हिस्से को बड़े गौर से देखने लगा. फिर मैंने अपनी थोड़ी सी आँखें खोली तो मेरे सामने उसका 8 इंच का लम्बा लंड दिखाई दिया. मैं तो उसे देख के ही डर गयी.
फिर उसने मुझे बेड पर बैठा दिया और मुझे अपना लन्ड चूसने को कहा तो मैंने मना कर दिया. लेकिन फिर वो ज़िद करने लगा तो मैंने उसके सुपाडे पर बस हल्का सा एक किस भर कर लिया.
उसके बाद उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद मेरी टाँगों के बीच में आ गया. यह देख मैंने कहा – बस राहुल, अब इससे आगे बढ़ना हमारे लिए ठीक नहीं है. पर वो नहीं माना और अब उसने मेरी टाँगें अपने कंधे पर रख ली.
इसके बाद उसने मेरी चूत में थूका और अपना लंड मेरी चूत मे सेट कर दिया. यह देख मैं एक दम सहम सी गई थी. तभी उसने एक धक्का लगाया तो उसका लंड फिसल कर बाहर आ गया. उसकी कई कोशिशों के बावजूद भी लंड अंदर नहीं जा रहा था.
फिर वो उठा और आलमरी खोल कर उसमें से तेल लेकर आया और मेरी चूत में ढेर सारा तेल डाला. इसके बाद उसने अपने लंड पर भी खूब तेल लगाया. तेल लगाने के बाद उसके एक धक्का मारा तो उसका लंड 2 इंच मेरी चूत के अंदर तक चला गया.
इससे मेरी तो चीख ही निकलने वाली थी लेकिन तभी उसने मेरे मुंह पर अपना मुंह रख दिया किस करने लगा. अब मेरी चूत की सील टूट चुकी थी और हल्का – हल्का खूब भी आ रहा था.
फिर उसने एक और धक्का मारा और उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया. अब मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मेरी आँखों से आँसू भी निकल रहे थे. अब वो कुछ देर के लिए वैसे ही रुका रहा और फिर उसने धीरे – धीरे धक्के लगाना शुरू किया.
अब मुझे भी अच्छा लगने लगा था, पर मैं शर्म से कुछ बोल नहीं पा रही थी. करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा और मेरी चूत से कुछ पानी सा निकालने लगा. अब मैं झड़ चुकी थी.
इसके बाद मेरे भाई ने भी अपने धक्के तेज़ कर दिए. यह देख मैंने उसे बाहर आने को कहा पर वो भी मेरी चूत में ही झड़ गया. अब मुझे बहुत अजीब सा लग रहा था. फिर हम दोनों ने अपने – अपने कपड़े पहने और सो गये.
सुबह वो उठा और मेडिकल स्टोर से आई पिल लाकर मुझे दे दिया. अब मैं उससे नज़र नहीं मिला पा रही थी. फिर हम दोनों ने नाश्ता किया और वो परीक्षा देकर वहीं से घर निकल गया.
लेकिन अब मुझे अपने आप पर बहुत गुस्सा आता है कि मैंने बहुत ग़लत किया. दोस्तों, आप मुझे अपनी राय ज़रूर दे और बताएं कि जो मैंने किया वो सही था या ग़लत? मेरी ईमेल आईडी – [email protected]