मायके में भाभी की गांड मारी

मेरी पिछली कहानी में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने मेरे पड़ोस में रहने वाली भाभी की चुदाई की. इस कहानी में मैं आप सब को बताऊंगा कि भैया के वापस इंडिया आने के बाद किस तरह मैंने उनके मायके जाकर उनकी गांड मारी…

हेलो दोस्तों, मैं आशु पाठक एक बार फिर आपके सामने अपनी एक नई कहानी लेकर आ रहा हूँ. मेरी पिछली कहानी भाभी की अतृप्त वासना मैंने शांत की आप सब लोगों को बहुत पसंद आई. आप लोगों के बहुत सारे मेल मुझे मिले, जिन्हें पढ़ कर मेरा दिल खुश हो गया. आप लोगों के सामने मैं ये दूसरी कहानी लेकर आ रहा हूँ, जिसमें मैंने अपनी भाभी की मतवाली गाड़ चोद कर पहला एक्सपीरियेन्स लिया.

अब मैं कहानी पर आता हूँ. जैसा कि आपने पिछले कहानी मे पढ़ा था कि मैं अपने पड़ोस में रहने वाली मनीषा भाभी को चोदने में सफल हो गया था. जब से मैंने भाभी के साथ सेक्स किया था तब से मेरा दिल कहीं और नहीं लग रहा था.

मुझे हर समय उनके फूली हुई चूत का ख्याल आ रहा था और मौके की तलाश में था कि कब मौका मिले लेकिन मिल ही नहीं रहा था. भैया वापस इंडिया आ गए थे और यहीं काम करने लगे थे. ऐसे में उनके रहने से ये कर पाना हमारे लिए मुश्किल था.

मैं रोज ख्यालों में ही उनकी चुदाई कर और मुठ मार कर शांत हो सो जाता था. एक दिन मैंने भाभी से बोला कि कोई उपाय कीजिए मन नहीं लग रहा है. तब उन्होंने कहा कि यहां पर तो मुश्किल है. मैं कुछ सोचती हूं.

फिर दूसरे दिन उन्होंने भैया से बोला कि मेरी सहेली की बेटी का जन्मदिन है. मैं दो दिन के लिए अपने मायके जाना चाहती हूं. भैया ने कहा कि ठीक है चली जाओ. वो बोलीं – आप भी चलिए, मैं अकेले कैसे जाऊं? वो जानती थीं कि भैया को आजकल बहुत काम है इसलिए उन्हें छुट्टी नहीं मिलेगी. तब भैया ने कहा कि ऐसा करो तुम आशु के साथ चली जाओ, मैं नहीं जा सकता.

उस टाइम मैं भी उन्हीं के घर में था. फिर भाभी ने मुझे आँख मारी. मैं समझ गया की भाभी ने चुदने का जुगाड़ कर लिया है. मेरा मन मारे खुशी झूम उठा. तब मैंने भैया से कहा कि दो दिन की बात है तो हम लोग बाइक से ही चले जाते हैं. उन्हें कोई दिक्कत नहीं बोले – जैसा ठीक समझो.

फिर क्या था. भाभी तुरंत तैयार होने लगीं. उन्होंने ब्लैक कलर का सूट और लेगिंग्स पहना था. उस ड्रेस में उनकी गांड इतनी मस्त लग रहा था कि मन तो हो रहा था कि अभी लेगिंग्स निकाल कर उनकी गांड में अपना लन्ड पेल दूं, पर भैया थे. इसलिए उस टाइम मैं कुछ नहीं कर सकता था.

फिर हम लोग बाइक पर बैठ के चल दिए और शाम को लगभग 5 बजे भाभी के मायके पहुंच गये. बाइक पर भाभी दोनों तरफ पैर करके बैठी थीं. रास्ते भर भाभी की चूचियां जैसे ही मेरी पीठ से टकराती मेरा लन्ड खड़ा हो जाता था. मेरे बर्दाश्त से बाहर हो रहा था, लेकिन दिन का मामला होने की वजह से रास्ते में कुछ नहीं कर पा रहा था.

जब हम उनके घर पहुंचे तो मैंने भाभी के कान में कहा – भाभी, अब जल्दी से कोई उपाय कीजिए, मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा. तब उन्होंने कहा – रात में. और इतना कह के घर के अंदर चली गईं.

फिर रात का खाना हम लोगों ने साथ में खाया. भाभी ने मेरा बिस्तर घर के गेस्ट रूम में लगवा दिया और खुद सोने के लिए दूसरे कमरे में चली गईं. रात के करीब 11:30 बजे सबके सोने के बाद वो मेरे पास आईं, उस समय उन्होंने नाइटी पहनी हुई थी. भाभी के आते ही मैंने उनसे कहा कि नारियल के तेल की बोतल लेते आइए. फिर वो घर के अंदर से तेल लेकर आईं.

उनके वापस आते ही मैंने गेस्ट रूम का दरवाजा बंद किया और फिर दोनों नंगे हो गये. इसके बाद मैंने उनको पीठ के बल लिटा कर बहुत सारा तेल उनकी गांड पर गिरा दिया और धीरे – धीरे मालिश करने लगा. मालिश करते हुए मैंने उनसे पूछा – कैसा लग रहा है? तो भाभी ने कहा – बहुत मज़ा आ रहा है.

ये बात सुन कर मेरा लन्ड हिचकोले लेने लगा. मन तो किया कि अभी उनकी गांड में लन्ड पेल के फाड़ डालूं परंतु जल्दबाज़ी करना हमेशा ठीक नहीं होता, यही सोच के मैं रुक गया.

मालिश करते – करते मैंने धीरे से अपनी छोटी उंगली उनके गांड के होल में डाल दिया, इससे भाभी थोड़ा सा चिहुंकी. मैंने पूछा – दर्द हुआ क्या? तो भाभी ने नहीं में जवाब दिया. फिर मैंने अपनी उंगली में थोड़ा सा और तेल लगाया और उसे अंदर – बाहर करने लगा. वो मज़े से आह – आह करने लगी.

लगभग 5 मिनट तक छोटी उंगली अंदर – बाहर करने के बाद मैंने अपनी बड़ी उंगली को नारियल तेल में डुबाया और भाभी के गांड में धीरे से डाला. वो पूरी तरह मस्ती में थीं लेकिन बड़ी उंगली अंदर जाने पर उन्हें थोड़ा सा दर्द हुआ इसलिए उन्होंने अपनी गांड सिकोड़ ली और बोलीं – आह आशु, क्या कर रहे हो?

फिर मैंने उस उंगली को भी बाहर निकाल लिया. इसके बाद उसकी गांड को चौड़ा करके मैंने तेल की बोतल से पूरा तेल उनकी गांड में उड़ेल दिया. ज्यादा बड़ी बोतल नहीं थी इसलिए पूरा तेल उनकी गांड में समा गया.

इतना करने के बाद फिर से दोबारा मैंने अपनी बड़ी उंगली को उनकी गांड में डाला. इस बार दर्द थोड़ा कम हुआ और भाभी ने ज़्यादा शोर नहीं किया. बस मज़े से ‘आह’ की आवाज निकालीं.

फिर मैंने उनसे कहा कि थोड़ी सी गांड ढीली रखो जब दर्द होगा तो मैं खुद ही उंगली निकल दूंगा. उन्होंने वैसा ही किया. लगभग 2-3 मिनट बड़ी उंगली आगे – पीछे करने के बाद मैंने उनसे कहा – भाभी, अब मैं अपना लंड डालने जा रहा हूं, अगर थोड़ा भी दर्द हो तो बताना मैं तुरंत अपना लन्ड बाहर खींच लूंगा.

इसके बाद बोतल में जो भी थोड़ा – बहुत तेल बचा था, उसे अपने लन्ड के ऊपर डाल कर उसे तर कर लिया. इसके बाद फिर मैंने लन्ड को अपने हाथ से पकड़ कर भाभी के गाड़ के होल पर रगड़ने लगा. मेरे ऐसा करने पर वो मस्त होकर ‘आह आह’ करने लगीं. फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा – पूरी रात रगड़ते ही रहोगे या कुछ आगे भी करोगे?

इतना सुनते ही मेरा पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया और मैंने उनसे कहा – लो रानी अब तुम्हारी गांड फड़ता हूं. इतना कह कर मैंने अचनाक ही अपने लन्ड का सुपाड़ा भाभी की गांड में पेल दिया.

उन्हें बहुत दर्द हुआ और दर्द की वजह से वो कराहने लगीं. उनके मुंह से ‘आह आह’ की आवाज आ रही थी, जो काफी तेज थी. यह देख मैंने उनका मुंह दबा दिया. तब वो रोने लगीं और बोलीं – आशु, बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़ जी भर के चूत मार लेना लेकिन अभी ये निकाल दो नहीं तो मेरा दम निकल जायेगा!

मैंने कहा – भाभी अभी रुक जाता हूं. लगभग कुछ सेकेंड रुकने के बाद मैंने पूरा लन्ड पेलने की बहुत कोशिश की लेकिन फिर भी लन्ड अंदर नहीं घुस रहा था. फिर मैंने गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर उसकी टांगों को फैलाया और एक ज़ोर का झटका मारा.

इस झटके के साथ मेरा पूरा लन्ड भाभी की गाड़ को चीरता हुआ अंदर चला गया. उनके मुंह से एक लंबी चीख निकली. लेकिन मेरा हाथ उनके मुंह पर था, इसलिए आवाज बाहर नहीं निकल रही थी. वो बार – बार मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश कर रही थीं.

मैं कुछ देर के लिए रुक गया. थोड़ा रुकने के बाद मैं धीरे – धीरे अपना लन्ड आगे – पीछे करने लगा. लगभग 5 मिनट के बाद मेरे लन्ड ने पिचकारी मार दी और मैंने अपना सारा माल भाभी की गांड में छोड़ दिया.

दोस्तों, ये मेरी लाइफ का पहला और अंतिम गांड चोदने का अनुभव था क्योंकि उस दिन के बाद भाभी ने मुझे चूत के सिवा कभी गांड मारने का मौका ही नहीं दिया. आप लोगों को मेरा अनुभव कैसा लगा, मेल करके जरूर बताएं. इंतजार रहेगा. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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