मेरी एक उंगली उसकी गांड की गहराईयों में थी और मैं उसको स्मूच कर रहा था। कभी उसकी जीभ चूसता तो कभी उसके मुह में थूक देता। मेरा लौड़ा 7 इंच का है और 2 इंच मोटा है, मैंने जैसे ही अपने लौड़े को पैन्ट से बाहर निकाला वो पागलो की तरह हिला- हिला कर उसे चूसने लगी…….
हाय दोस्तों! मेरा नाम प्रेम है और मैं पटना रहने वाला हूँ। मगर मैं ग़ाज़ियाबाद से अपनी पढाई पूरी कर रहा हूँ। इस वेबसाइट का रेगुलर रीडर हूँ। मैं आज अपना भी सेक्स एक्सपीरियंस शेयर करने का रहा हूँ।
बात उस समय की है, जब मैं क्लास 12वी में था। मैं ट्यूशन पढने एक दीदी के पास जाता था उनका घर मेरे घर से थोड़ी दूर पर था। तो प्रतिदिन मैं साइकिल से उनके घर जाता था।
जो दीदी मुझे ट्यूशन पढ़ाती थीं उनका नाम दीपिका था। उनका कद 5’4” होगा। उनका रंग सांवला था और बूब्स काफी बड़े थे। हमेशा वो पटियाला सलवार सूट पहनती थी तो उनके बूब्स एक दम बाहर दिखते रहते थे। मैं उसकी गांड के साइज़ का दीवाना था।
वो मुझको अकेले अपने बेडरूम में ट्यूशन पढ़ाती थी। वो बेड पर बैठती थी और मुझको चेयर पर बैठने को कहती थी। मैं मन लगा कर पढता था पर जब वो टॉयलेट करने जाती थी तो मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता था।
वो मुझको बाबु- बाबु कहती थी। रोज मेरी क्लास मजे से चल रही थी। अक्सर हम मूवी की बात करते थे। फैशन की बात करते थे। अक्सर उनको फ़ोन कॉल्स आते रहते थे। उनका एक बॉय फ्रेंड भी था। जो कि शादी- शुदा था और उसके बच्चे भी थे। पर अक्सर वो फ़ोन पर उसी से बाते करती थी।
रोज की तरह जब मैं उनके साथ पढ़ रहा था, तभी उनका कॉल आया और वो मुझे कुछ सवाल देकर चली गयी।
जब मैंने सारे सवाल पूरे कर लिए तो मैंने उनको कई आवाज दी पर कोई रिप्लाई नहीं आया।
मैं थोड़ी देर बैठा रहा और फिर अन्दर जाकर देखा तो कोई नहीं था। वहां से आते वक़्त देखा तो टॉयलेट का दरवाजा खुला था और स्सीई सीईई की आवाजो के साथ दीदी की फ़ोन पर बात सुनाई दे रही थी।
मैंने अन्दर झांक के देखा तो दंग रह गया। देखा की दीपिका दीदी अपनी सलवार में एक हाथ डाल के उंगली कर रही थी और अजीब से मुंह बना रही थी। मुझे देख कर वो डर गयी और अपना हाथ बाहर निकाल कर गुस्से से बोली- तुमको सवाल दिए थे हुए या नहीं?
मैंने बोला- हाँ हो गए।
वो बोली- चलो बैठो वहाँ। मैं आती हूँ।
कुछ देर के बाद वो आ गयी। फिर बार-बार पूछने लगी- तुमने क्या देखा?
मैं मना कर रहा था पर उसने मुह खुलवा ही लिया।
मैंने बोला- आप सलवार में खुजली कर रही थी।
वो हँसने लगी। वो जोश में थी तभी मेरे सवाल चेक करने लगी तो कुछ सवाल गलत थे। उसने बोलाकि वो पापा को बता देगी। मैं माफ़ी मांगने लगा और बोला – अब से आप जो बोलोगी, वो करूँगा बस इस बार छोड़ दो।
उसने प्रॉमिस करवाया की किसी को नहीं बताऊंगा। मैंने हाँ कर दिया। फिर उसने बोला- अगर बचना है पापा से तो जैसा बोलती हूँ वैसा करो!
मेरे ओके बोलते ही वो अपने बेड पर घोड़ी बन गयी और सलवार खोल कर गांड मेरी तरफ कर दी।
मेरा लौड़ा एकदम टाइट हो गया था। वो बोली- मेरी पैंटी को नीचे करो!
मैंने पेंटी नीचे की और देखा की उनकी फटी हुई काली चूत से रस टपक रहा है और चूत के साइड में बाल थे। मैंने बिना देर किये उनकी चूत में अपना मुह डाल के चूसने लगा। वो घोड़ी बनी हुई थी और अपना सर पिलो से छिपा लिया था। उसकी बड़ी गांड! ओह्ह गॉड! मैं जब उसकी चूत को चाट रहा था तो वो बोल रही थी – चाट ले बाबु तेरी दीदी की जवानी।
मैं उसकी चूत चाटते जा रहा था और वो अजीब से मुँह बना रही थी। तभी वो अपना रस छोड़ने लगी और मैं धीरे धीरे करके पीता गया।
वो थक चुकी थी तो बोली- बस हो गया! अब नहीं!
पर मुझे तो जोश चढ़ा और उसके साइड में लेट कर अपनी बीच की उंगली उसकी गांड में डाल दी। वो आह्ह्ह्ह आउच की आवाजे करने लगी।
मेरी एक उंगली उसकी गांड की गहराईयों में थी और मैं उसको स्मूच कर रहा था। कभी उसकी जीभ चूसता तो कभी उसके मुह में थूक देता। मेरा लौड़ा 7 इंच का है और 2 इंच मोटा है, मैंने जैसे ही अपने लौड़े को पैन्ट से बाहर निकाला वो पागलो की तरह हिला- हिला कर उसे चूसने लगी।
उसके बाल खुल चुके थे और वो एकदम नंगी थी।
फिर मुझे उसे शावर में चोदने का आइडिया आया। हम उसके बाथरूम में गए। मैंने उसको अपनी एक टांग दीवार पर रखने को बोला। उसने अपनी एक टांग वाल पर रखी और मैं उसके नीचे से आकर एक बार फिर जोरो से उसकी चूत चाटने लगा वो थक चुकी थी।। फिर अचानक से चूत चाटते वक़्त उसकी सुसु निकल गयी।
मैंने गुस्से में उसे नीचे पटक के टाँगे फैला दी और एकदम जोर से चूत पे गया उसकी आह्ह निकल गयी।
फिर अपना लोडा 7 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा लोडा उसकी चूत पर रगड़ने लगा वो जोश से सिसकियाँ भर रही थी और अपने होंठ चबा रही थी।
तभी मैंने झटके से अपना लंड एक बार में ही उसकी चूत के अन्दर डाल दिया।
वो चिल्लाई अह्ह्ह… बाबू… उम्म्म… उम्म्म्माआआ।। कितना मोटा है बस्स्स! उम्म्म्म…
लंड का सूपड़ा अभी अन्दर था और उसकी आँख से आंसू आ रहे थे।
तभी मैंने दूसरा झटका मारा और लौड़ा उसकी बच्चेदानी से जाकर टकरा गया। वो पागल हो गयी और चिल्लाने लगी। तभी मैंने झटके मारने चालू कर दिए। मेरा लोडा उसकी चूत को चीरते हुए उसके पेट तक जा रहा था। मैंने उसके दोनों हाथों को कस के पकड़ रखा था और साथ में उसे धक्के भी लगा रहा था। धीरे धीरे उसे मजा आने लगा वो फुल मूड में ठुकवाने लगी।
मैंने उसके दोनों हाथ छोड़ दिए अब मेरा लोडा उसको चोद रहा था जोर से और वो अपनी चूत रगड़ रही थी, ऊपर से अन्दर चूत की गहराईयों तक जा रहा था। सट सट सट सट सट सट सट सट सट सट सट फिर आवाज आ जाती उईमाआआआअ।। मर गयी।
मुझे उसके बदन की खुशबु मदहोश कर रही थी, फिर चोदते चोदते मैं उसके बूब्स पिने लगा वो पागल ही हो गयी।
वो बोली- और ठोको मैं झड़ने वाली हूँ। अह्ह्ह्ह… बाबू.. उम्म्म्म…। फिर जब वो झड़ने वाली थी, तो मैंने जोर का झटका लगा दिया और वो झड गयी और हलकी सि ब्लीडिंग हुई।
पर मैं ठहरा पैदाईशी कमीना इतनी जल्दी न झड़ने वाला था लोडा उसकी गांड में डाला और 8/10 झटको के साथ में ही सारा पानी छोड़ दिया।
फिर हम लोग कुछ देर तक सोये रहे, फिर मैं घर चला गया और अगले दिन मुझे शर्म आ रही थी, उनके सामने आने में पर मैं गया और वो भी शर्म से पानी पानी हो रही थी।
तो कैसी लगी मेरी कहानी? आप लोग अपनी कमेंट्स मुझे मेल कर सकते हैं। [email protected]