मेरा सिकंदर पड़ोसन की चूत के अंदर

अब वो भी गर्म होने लगी थी. तो मैंने उसके पीछे हाथ डाल कर उसकी ब्लाउज को खोल दिया. जैसे ही उसका ब्लाउज खुला वैसे ही उसकी नजर झुक गई और उसकी नज़र मेरी पैंट के अंदर 90 डिग्री का कोण बनाते हुए एक दम टाइट लन्ड पर पड़ी…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम ज़ाकिर खान है और आज मैं जो कहानी आपको सुनाने वाला हूं वह मेरी और नंदिनी की है. नंदिनी मुझ से 7 साल बड़ी थी और उस समय मैं नया-नया जयपुर आया हुआ था.

अभी-अभी मेरी दसवीं की पढ़ाई पूरी हुई थी और 11वीं में एडमिशन लेने के लिए मैं जयपुर आ गया. कोटा से आकर जयपुर में हम एक मोहल्ले में रहने लगे थे. मोहल्ला काफी अच्छा था और सूरज किरणें सीधे हमारे घर तक पहुंचती थीं. वहीं पर एक अप्सरा रोज सुबह मेरे घर के सामने मुझे दिखा करती थी.

उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी. भूरी – भूरी आंखें, लाल – लाल होंठ कुल मिलाकर वह अप्सरा लगती थी. चूंकि वह हर रोज सुबह मेरे कमरे के सामने से ही गुजराती थी और मुझे काफी पसंद आ रही थी. पहले तो मुझे सुबह – सुबह जल्दी उठने की आदत नहीं थी पर जब से मैंने उसे देखा था तब से मैं हर रोज सुबह 5:00 बजे ही उठ जाया करता था.

बाद में मुझे पता चला कि उसका नाम नंदिनी है और वह मेरे ही पड़ोस में रहती है. वह शादीशुदा थी फिर भी ना जाने क्यों मुझे बहुत अच्छी लगती थी! उसका पतला शरीर और घुटनों तक लंबे बाल कुल मिलाकर वह एक दम कमाल की थी.

हर रोज सुबह वह नहा कर पूजा करने बाहर आया करती थी और तब मैं उसे देखता रहता था और खुद को यह सोच कर रोक लेता कि वह शादीशुदा है. कुछ दिन ऐसे ही मैं उसको देखता रहा और देखते ही देखते धीरे – धीरे हम दोनों एक – दूसरे से बात करने लगे.

कुछ दिन और गुजरे तो हम दोनों में दोस्ती हो गई. फिर मैं कभी – कभी उसके घर चला जाता है और वह भी किसी ना किसी बहाने मुझसे मिलने आ जाया करती थी.

मुझे आज भी याद है कि 24 अप्रैल 2004 की दोपहर को वह रोते – रोते मेरे घर पर आई. उस वक्त घर पर कोई नहीं था. उसने काली साड़ी में हरे कलर का ब्लाउज पहन रखा था. उस दिन उसने उसके नीचे कुछ भी नहीं पहना था. उसमें से उसके 34 साइज के बड़े – बड़े बोबे ब्लाउज से बाहर लटके हुए साफ दिख रहे थे.

वो दौड़ कर जब मेरे पास आई और फिर उसने मुझसे बताया कि आज उसके पति ने उसे मारा है. तो फिर मैंने उसे आपने पास बैठा लिया. वो लगातार रोटी जा रही थी. तो मैं धीरे – धीरे उसके बालों पर हाथ फेरने लगा. बालों पर हाथ फेरते – फेरते मेरा हाथ कब उसकी पतली कमर पर चल गया मुझे पता ही नहीं चला.

फिर मैं धीरे – धीरे उसकी कमर को सहलाने लगा. वो उदास थी इसलिए कुछ नहीं बोली. फिर एक दम से मैंने उसके गले पर एक किस कर दिया. जिससे वो सकपका गई और बोली, “ये क्या कर रहे हो?”

मैं बोला, “प्यार… प्यार कर रहा हूँ तुम्हें और तुम भी मुझे करो”. तो वो बोली, “नहीं, मेरी शादी हो चुकी है”. अब मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए बोल दिया, “एक ऐसे इंसान के साथ तुम प्यार कैसे कर सकती हो जो तुम्हें मरता है?”

इतना बोल कर उसके कुछ बोलने से पहले ही मैंने उसके गालों पर एक किस कर दिया. अब वो खुश थी और फिर जवाब में उसने भी मुझे चूमना शुरू कर दिया. शायद उसे बहुत समय बाद प्यार मिला था तो वो पागल सी हो गई और मुझे यहां – वहां हर जगह चूमने लगी.

अब मैंने भी मौके का पूरा फायदा उठाया और उसके बूब्स पर हमला बोल दिया. पहले तो उन पर मैंने काफी देर तक किस किया और फिर उन्हें जोर – जोर से दबाने लगा.

अब वो भी गर्म होने लगी थी. तो मैंने उसके पीछे हाथ डाल कर उसकी ब्लाउज को खोल दिया. जैसे ही उसका ब्लाउज खुला वैसे ही उसकी नजर झुक गई और उसकी नज़र मेरी पैंट के अंदर 90 डिग्री का कोण बनाते हुए एक दम टाइट लन्ड पर पड़ी.

अब क्या था! उसने तुरन्त ही मेरी जीप खोल दी और मेरे लौड़े को सहलाना शुरू कर दिया और मेरी पैंट के बटन को भी खोल दिया. अब हम दोनों पूरी तरह से गरम हो चुके थे. तभी वो बोली, “मुझे प्यार करो, इतना प्यार करो कि मैं अपने सारे गम भूल जाऊं”.

फिर मैंने अपनी अंडर वियर उतार दी और पलंग पर खड़ा हो गया और लन्ड उसके सामने करते हुए उससे बोला, “इसे सहलाओ, इतना सहलाओ की सारा माल निकल जाए”.

तो उसने मेरे लन्ड को करीब 15 मिनट तक सहलाया और फिर मैंने अपना सारा माल उसके चेहरे पर गिरा दिया. इसके बाद फिर मैंने उसे पलंग पर धक्का दे दिया और उसकी साड़ी को खोलने लगा. थोड़ी ही देर में वो पेटीकोट में आ गई थी. फिर मैंने वहीं पास पड़े चाकू से उसका पेटीकोट के नाड़े को काट दिया और उसे खींच कर निकाल दिया.

इसके बाद फिर मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया और आपने लन्ड को उसके पेट पर टच करता हुआ उसके चहरे तक ले गया. उसकी जवानी एक दम कड़क हो चुकी थी. उसके बूब्स फूल कर एक दम टाइट हो चुके थे. फिर मैंने भी अपनी शर्ट और पैंट उतार फेंकी. उसके बाद जैसे ही मैं अपनी चड्डी उतारने लगा तभी वो बोली, “रुको”! तो मैं रुक गया.

फिर उसने दो – तीन बार मेरे लन्ड को दांतों से काटा और फिर मेरी चड्डी को आपने मुंह से पकड़ कर नीचे ले आई. अब वो और मैं दोनों नंगे थे और मेरा लन्ड जवानी में कदम रखने के लिए एक दम तैयार था. वो भी गर्म थी. वो बोली, “मुझे मजे लेने हैं, आज मुझे औरत होने का एहसास करा दो”.

लेकिन फिर भी मैंने जल्दी नहीं की और अपनी जीभ को उसके बूब्स पर खूब रगड़ा. मैंने अपनी जीभ को उसके पूरे शरीर पर घुमाया. वो इतना गर्म हो चुकी थी कि उसने पूरी चद्दर बिगाड़ दी थी. थोड़ी देर बाद वह बोली, “बस, अब ओर नहीं, अब मुझे औरत होने का एहसास कराओ”.

बस फिर क्या था मैंने तुरन्त ही आपने सिकंदर को उसकी चूत पर रख दिया. जिससे उसकी बरसों की प्यासी चूत मचल उठी. फिर मैंने अपने सिकंदर को उसके छेद में धीरे से गुसा दिया. वो तो तैयार ही थी. अब वो जोर – जोर से आपने आप को ऊपर धकेलने लगी.

अब मुझे भी जोश आ गया तो मैं और जोर – जोर से सिकन्दर को उसकी चूत में डालने लगा. अब उसने मेरी पीठ को बहुत जोर से पकड़ लिया और आपने पीठ पर अपने नाखून गड़ाने लगी.

करीब 10 मिनट में मेरा सारा माल उसकी चूत में था. उसके बाद उसने अपनी चूत चाटने को कहा. तो मैं बस अपनी जीभ से उसकी चूत को सहलाने लगा. फिर मैं नीचे लेट गया और वो एक रण्डी की तरह मेरे लन्ड को सहलाने लगी. वो काफी मचल – मचल के मजे दे रही थी ओर फिर थक कर मेरे ऊपर ही लेट गई.

करीब आधे घण्टे तक हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे. इस दौरान वो बार – बार मेरे होंठों को चूमती रही और फिर जब वो जाने ही वाली थी तो मैंने उसे उसका ब्लाउज पहनाया. और चूंकि मैंने उसके पेटीकोट को तो फाड़ हो दिया था इसलिए केवल साड़ी ही पहनाई.

फिर उसने भी सिकन्दर को एक बार किस किया और मुझे चड्डी पहना कर काफी देर तक शीशे को सीने से लगा कर खड़ी रही और फिर चली गई. अब जब भी हमें मौका मिलता है तो वो सिकंदर से सेवा लेने के लिए आ जाती है और सिकन्दर हर बार उसे खुश कर देता है.

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