मेरी चूत टाइट नहीं होगी तो क्या तुम्हारी होगी

कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी के लिए मैं एक कोचिंग में जाता था. एक दिन एक खूबसूरत भाभी ने भी मेरा ही बैच जॉइन किया. लिफ्ट दे – दे कर मैंने उसे पता लिया. फिर उसी के घर में जाकर उसे चोदा और आपने बच्चे की मां बना दिया…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम प्रिंस है और मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक हूं. यहां प्रकाशित हुई बहुत सारी कहानियों को पढ़ने के बाद मुझे लगा कि मुझे भी मेरे साथ हुई एक घटना को आपके साथ साझा करना चाहिए.

मित्रों, मैं कोटा का रहने हूं. अब मैं आपको ज्यादा बोर न करते हुए अपनी कहानी शुरू करता हूं. 2013 की बात है. तब मैं कोटा की एक निजी कोचिंग में कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी कर रहा था.

एक दिन एक लेडी ने उसी कोचिंग में एडमिशन लिया. पहले दिन ही जब वो क्लास में आई तो मैं उसे देखता ही रह गया. खूबसूरती में तो वो करीना को भी पीछे छोड़ रही थी.

उसका चेहरा ऐसा कि कोई एक बार भी देख ले तो नजर ना हटे. फिगर का क्या कहूं यारों ऐसा लग रहा था जैसे लंड खड़ा करने के लिए ही बना था. उसका फिगर 32 28 36 का था और वह गजब की खूबसूरत दिख रही थी.

दोस्तों, उसका नाम संगीता था और वो शादीशुदा लेडी थी. उसकी उम्र 28 साल के आसपास थी. इसके बावजूद वो 22 साल की लड़कियों को पानी पानी कर रही थी.

पहले दिन क्लास के दौरान मैंने उससे औपचारिक बातचीत की और फिर हम पढ़ने लगे. लेकिन उसको देखने के बाद पढ़ाई में मेरा मन ही नहीं लग रहा था. मैं बार – बार उसे ही देख रहा था. खैर, किसी तरह क्लास खत्म हुई और मैं घर आ गया. घर आने के बाद मैंने उसके नाम की मुठ मारी और खुद को शांत किया.

अगले दिन जब वो क्लास आई तो मेरे आगे वाली सीट पर बैठ गई. अब उसकी मस्त मादक गांड मेरे सामने थी. जिसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था और मेरे काबू से बाहर होने लगा. हालांकि, फिर जैसे – तैसे क्लास के दौरान मैंने खुद को कंट्रोल किया.

उस दिन जब मैं क्लास से निकला तो मैंने देखा कि वो गाड़ी का इंतजार कर रही थी. यह देख मैंने उससे बात की और उसे अपनी बाइक से लिफ्ट ऑफर किया. वो तैयार हो गई और थोड़ा पीछे हो कर बैठ गई.

थोड़ी देर धीरे चलाने के बाद मैंने बाइक की स्पीड बढ़ा दी. यह देख संगीता बोली – प्रिंस, थोड़ा धीरे चलो न मुझे डर लग रहा है. तब मैंने कहा कि मुझे पकड़ लो. फिर वो थोड़ा आगे आ गई और थोड़ा झुक कर मेरे कंधे को पकड़ लिया.

तभी ब्रेकर आया और मैंने ब्रेक लगा दिया. इससे उसके मुलायम बूब्स मुझे मेरी पीठ पर महसूस हुए. जो ब्रेक की वजह से दब गए थे. लेकिन इसके बावजूद उसने कुछ नहीं कहा. फिर मैंने उसे उसके घर ड्रॉप किया और अपने घर चला गया. घर जा कर आज फिर मैंने संगीता के नाम पर मुठ मारी.

अगले दिन मैं उसी रास्ते से जहां संगीता रहती थी कोचिंग के लिए निकल रहा था तो वो मुझे दिखाई दी. उसे देख मैंने बाइक रोक दी और उसे आवाज लगा कर पास बुला लिया.

वो आई और मैंने उसे साथ चलने को कहा तो फिर बैठ गई. फिर हम दोनों बाइक से क्लास पहुंचे. क्लास से छूटने के बाद उस दिन वापसी में जब मैं उसे घर ड्रॉप करने गया तो वो बोली कि चाय पी कर जाना.

मैं तो यही चाहता ही था. फिर मैं उसके साथ उसके घर चला गया. संगीता के घर मे केवल उसका पति, उसकी सास और उसका 3 साल का बेटा ही रहते थे. उस समय घर पर तीनों थे. दोस्तों, संगीता की सास को देखने मे थोड़ी प्रॉब्लम थी. वहां पहुंच कर मैंने संगीता के पति जगदीस से इधर – उधर की बात की और चाय पी कर घर चला आया. उसके पति को संगीता के मेरे साथ आने – जाने में कोई दिक्कत नहीं थी.

धीरे – धीरे मैं और संगीता करीब आते गए. अब मैं संगीता के साथ खुल कर बातें करने लगा था. हम एक – दूसरे के साथ अपनी सारी बातें शेयर करने लगे थे. उसने मुझे बताया कि उसके पति की कपड़ों की दूकान है. दोस्तों, जब मैं उस दिन उसके पति से मिला था तो उसे देख कर मुझे लगा था कि उसमें दम नहीं है.

क्लास में एक दिन संगीता मेरी बाजू वाली सीट पर बैठी थी तो मैंने अनजान बनते हुए अपनी कोहनी उसके बूब्स पर मार दी. लेकिन उसने कुछ नहीं कहा. इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई और फिर थोड़ी देर बाद मैंने कोहनी से उसके बूब्स को जोर से दबा दिया. इस पर वो मुझे घूर कर देखने लगी. हालांकि, वह जान गई थी कि मैंने यह जान बूझकर किया है लेकिन इसके बावजूद वह कुछ नहीं बोली.

इस वजह से मेरा हौसला और बढ़ गया. फिर मैंने उसकी जांघ पर हाथ रख दिया और सहलाने लगा. इस पर भी उसने बस मेरी तरफ नजर उठा कर भर देखा था लेकिन कहा कुछ नहीं था. दोस्तों, क्लास में बाकी सब भी अपने में मस्त थे इसलिए अगल – बगल वालों का भी कोई डर नहीं था.

थोड़ी देर बाद अब मैं मस्त होकर एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था और एक हाथ से उसकी जांघें सहला रहा था. फिर मैंने अपने जांघ वाले हाथ को ऊपर किया और संगीता की चूत पर हाथ रख दिया तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया लेकिन हटाया नहीं. यह देख मैं उसकी चूत को रब करने लगा. तभी वह मेरे कान के पास अपना मुंह लाई और बोली कि क्यों परेशान हो, यहां कुछ नहीं हो पाएगा. उसकी मुझे जायज लगी और फिर मैंने अपना हाथ हटा लिया.

फिर जब हम क्लास से फ्री हो गए तो बाहर निकल कर मैंने उसे अपनी बाइक पर बिठाया और फिर उससे बोला कि अब आगे क्या करना है? तब वो बोली कि मेरे घर चलते हैं, वहीं देखेंगे. फिर मैंने बाइक स्टार्ट की और संगीता के घर आ गए.

जैसे ही हम घर के अंदर गए वैसे ही मैंने संगीता को बाहों में उठा लिया और बैडरूम में ले गया. दोस्तों, जैसा कि मैंने पहले ही बताया था कि उसके पति की कपड़ों की दूकान है और वह अक्सर वहीं रहता है. उस दिन शायद उसकी सास भी उसके बच्चे के साथ छत पर थी.

फिर बैडरूम में ले जा कर मैं संगीता के उपर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा. दोस्तों, मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि जिस हुस्न की मल्लिका को मैं अपने लंड के नीचे लेना चाह रहा था वो आज बस कुछ ही देर में मेरे लंड के नीचे आने वाली है.

फिर मैंने उसकी साड़ी और पेटीकोट को को ऊपर उठाया और पैंटी नीचे सरका दी. इसके बाद मैंने उसकी मुलायम चूत पर मुंह रख दिया और चूत को चूसने लगा. मैं बड़ी ही मस्ती के साथ चूत चाट रहा था. फिर थोड़ी ही देर बाद हम 69 की पोजीशन में आ गए. अब संगीता भी मेरा लंड लॉलीपॉप समझ कर चूसने लगी थी.

थोड़ी देर चूसने – चुसाने के कार्यक्रम के बाद संगीता बोली कि प्रिंस अब और मत तड़पाओ जल्दी से डाल दो. फिर मैंने अपना 6.5 इंच का लम्बा लंड संगीता की चूत में रख कर एक ही झटके में अंदर डाल दिया. इससे वो चिल्लाने लगी तो मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये और उनका रस पान करने लगा.

इस वजह से फिर थोड़ी देर बाद जब वो नार्मल हुई तो मैं झटके लगाने लगा. दोस्तों, उसकी चूत काफी टाइट थी. इस वजह से मुझे धक्के लगाने में बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हारी चूत इतनी टाइट कैसे है? तब संगीता बोली कि मेरे पति के पास मेरे लिए टाइम ही नहीं है. वो मुझे चोदता ही नहीं है तो मेरी चूत टाइट न होगी तो क्या तुम्हारी होगी!

उसकी यह बात सुन कर मैं हंसने लगा और साथ में वो भी हंसने लगी. फिर मैंने कहा – कोई बात नहीं संगीता मेरी जान, अब आज से मैं तुम्हारा पति हूं और मेरे पास तुम्हारे लिए टाइम ही टाइम है. अब तुम्हारी चूत चोद – चोद कर मैं उसे इतनी ढीली करूंगा कि वो भोसड़ा बन जाएगी.

तब संगीता ने कहा हां मेरी जान अब तो तुमसे ही चुदना है. अच्छा हुआ कि मेरा पति मुझे नहीं चोदता नहीं तो नतुम मुझे मिलते और न ही मुझे तुम्हारे लंड का मज़ा मिल पता. मैं खुश हो गया और उस पर ताबड़तोड़ चुम्बनों की बौछार कर दी.

अब तब संगीता अपना पानी निकाल चुकी थी. करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने कहा कि मैं फ्री होने वाला हूं. इस पर वो बोली कि अंदर ही निकाल दो. फिर मैं उसकी मुलायम चूत में ही फ्री हो गया. उसके बाद मैंने उसे प्यारा सा किस दिया और अपने घर चला आया. अब तो हमारा ये रोज का ही नियम बन चुका था. जब भी हमारा मन करता हम चुदाई कर लेते. कभी उसके घर में तो कभी बाहर.

कुछ दिनों बाद उसका कॉल आया कि वो मेरे बच्चे की मां बनने वाली है. यह सुन कर मैं खुश और दुखी दोनों हुआ. खुश इसलिए कि मैं बाप बनने वाला था और दुखी इसलिए की अब तब तक के चूत का जुगाड़ खत्म हो गया था. उसके बाद की कहानी अगले भाग में. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी. मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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