मेरी चुदक्कड़ चाची

मैंने चाची को अपनी तरफ खींचा फिर मैंने उनको किस किया और उनका शरीर सहलाने लगा। अब हम दोनों ही उत्तेजित होने लगे। चाची की आखें उत्तेजना के मारे बन्द होने लगीं और वो सेक्सी आवाजे निकालने लगी……..

हाय दोस्तों! मेरा नाम अखिलेश है । मै राजस्थान के जोधपुर का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र  21 वर्ष है। मेरी हाइट 5 फ़ीट 6 इंच है।

अन्तर्वासना की सेक्सी कहानियों जैसी एक घटना मेरे जीवन में भी घट चुकी थी तो सोचा आप सभी को भी अपनी कहानी के माध्यम से बता दूं। अब मै सीधा कहानी पर आता हूँ। यह बात 6 महीने पहले की है। जब मै अपनी चाची के घर पर सोने के लिए जाता था।

मेरे चाचा-चाची का घर मेरे घर से कुछ ही दूर पर था। मेरे पिता जी तीन भाई थे। लेकिन बंटवारा हो जाने की वजह से तीनो भाई अलग-अलग घरों में रहते थे। मेरे पिता जी सबसे बड़े थे और मैं उनका इकलौता लड़का था। मझले चाचा की भी शादी हुए 3 साल हो चुके थे पर उनकी कोई संतान नहीं थी। सबसे छोटे चाचा थोड़े आवारा किस्म के थे और उनकी शादी अभी नहीं हुयी थी।

तो जैसा कि मैंने बताया कि मैं अक्सर अपने मझले चाचा के यहाँ सोने जाया करता था क्योंकि वो बाहर नौकरी करते थे। ऐसी ही एक रात में जब मैं चाची के घर सोया हुआ था तो मुझे किसी की आहट महसूस हुई। मैंने आँख खोल कर देखा तो हिल गया। क्योंकि मेरी चाची अपने छोटे देवर के साथ सेक्स कर रही थी।

कमरे में अँधेरा होने के कारण मै ठीक से देख नहीं पाया। लेकिन उनकी खुसर-फुसर से पता चला की यह लोग सेक्स कर रहे है।

चाची फुसफुसाते हुए छोटे चाचा पे गुस्सा कर रही थी- तुम भी अपनी भाई की तरह अपना काम कर लेते हो और मैं प्यासी ही रह जाती हूँ……

उनकी बातें सुनकर मै भी उतेजित हो गया। लेकिन मै चाची जी की इज्जत करता था इसलिए सीधा उनको कुछ पूछ नहीं सकता था। फिर मेरे दिमाग में एक आइडिया आया। मै नींद में होने का नाटक करते हुए उठा और पेशाब करने के लिए बाथरूम चला गया। चाचा और चाची डर गए उन्होंने सोचा की मैंने उनको देख लिया है। इसलिए छोटे चाचा वहाँ से भाग गए। फिर मैं वापस आकर सो गया।

दूसरे दिन जब मै चाची के घर गया तो चाची कुछ ज्यादा ही मुस्कुरा रही थी। फिर उन्होंने मुझसे पूछा – अखिलेश! कल रात को तुमने कुछ देखा था क्या?

मैने कहा- ज्यादा कुछ नहीं! बस पता नहीं किसी की फुसफुसाहट सुनाई दे रही थी।

चाची समझ गयी कि मैने कल उनको छोटे चाचा के साथ सेक्स करते देख लिया है। जब रात को सोने का समय हुआ तो धीरे-धीरे चाची के हाव-भाव बदलने लगे। वो कुछ ज्यादा ही कामुक बातें कर रही थी। उस दिन उन्होंने ब्लाउज भी स्लीवलेस पहना हुआ था और साड़ी भी कमर से काफी नीचे बाँध रखी थी।

मुझे कुछ शक हुआ की चाची का इरादा कुछ गलत है। फिर सब खाना खाकर सो गए। मुझे नींद नहीं आ रही थी। रह रह कार पिछली रात का सेक्स सीन मेरी आखों के सामने आ जा रहा था। लेकिन मैं सोने की एक्टिंग करने लगा। दरअसल मैं जानता था कि आज हम दोनों के बीच जरूर कुछ होगा लेकिन मैं चाहता था कि पहल मुझे न करनी पड़े।

ऐसे ही सोच विचार के बीच जाने कब मुझे नींद आ गयी और मैं सो गया। फिर रात को मैने अपने शरीर पर कुछ महसूस किया। मुझे पता चल गया की ये चाची का हाथ था जो मेरे पैन्ट के ऊपर से ही मेरे लण्ड पर फेर रही थी। मै उसी स्थिति सोया रहा तो उनकी हिम्मत बढ़ गई। वो मेरे ऊपर आ गई। मैंने अपनी आखें खोल दी। अब तक मेरी हिम्मत भी बढ़ गई थी।

मैंने चाची को अपनी तरफ खींचा फिर मैंने उनको किस किया और उनका शरीर सहलाने लगा। अब हम दोनों ही उत्तेजित होने लगे। चाची की आखें उत्तेजना के मारे बन्द होने लगीं और वो सेक्सी आवाजे निकालने लगी। फिर मैने एक एक करके उनके सारे कपडे उतार दिए। चाची पूरी नंगी हो गयी थी।

उनकी चूचियाँ एक दम तनी हुयी थी और उनके निप्पल एक दम कड़क हो गए थे। अब चाची ने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो गए थे। फिर मैने उनको होठो पर किस किया। होठों से होता हुआ मै नाभी पर जीभ फिराने लगा। चाची के पूरे बदन में सिहरन होने लगी थी।

फिर मैंने चाची की टांगों को फैलाया और उसकी योनी पे अपने होठों को लगाकर उनकी चूत को चूसने लगा। वो जोर-जोर से आवाजे निकालने लगीं।  आआआआ… आआआ… ईईईईईईईई आआआआआआआ ……

फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैं चाची की चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा और उनके सुन्दर मुँह को अपने तगड़े लंड से चोद रहा था। चाची भी गपागप मेरा लंड अपने मुँह में अंदर-बाहर कर रही थी। लेकिन अपनी चूत की खुजली अब उन्हें बर्दाश्त नहीं हो रही थी।

चाची- चोद दे साले अपनी चाची को! अब रहा नहीं जाता!
मै- अभी चोदता हूँ चाची! बहुत नाटक करती हो। लौड़े खाने का बड़ा शौक है न तुम्हें! आज पेल-पेल कर तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना दूंगा।

फिर में उसके ऊपर आ गया और उनकी टांगों को पूरा फैला दिया। उनकी गुलाबी चूत का छेद अब साफ़ नजर आ रहा था। मैने अपने लण्ड को उसकी चूत पर रखा और एक जोर से धक्का मारा। पूरा लण्ड सरसराता हुआ उसकी चूत में चला गया। वो कराह उठी।

चाची ने कहा- अरे धीरे से…. मेरी जान!! तेरा लंड तो अपने दोनों चाचाओं से ज्यादा बड़ा है।

उनकी बात सुनकर मैं और जोश में आ गया फिर मै जोर- जोर से धक्के मारने लगा। 4- 5 मिनट बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा। थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गए। कुछ देर तक चाची के ऊपर ही पड़े रहने के बाद मै अलग हट गया।

कुछ देर बाद मै उठा और उसको चूमने लगा। फिर हमने उस रात 4 बार और सेक्स किया। हर बार चाची का भी पानी झड़ा और मैंने उन्हें हर बार संतुष्ट किया। सुबह तक हम दोनों थक गए। फिर हम दोनों फ्रेश होने को चले गए। फ्रेश होकर मै अपने घर आ गया। लेकिन अब ये रोज का सिलसिला बन गया।

मेरी कहानी आपको कैसी लगी। मुझे मेल द्वारा जरूर बताएं।

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