हम दोनों चादर लेकर किचन में गए। चादर बिछा कर उस पर लेट गए। मै उसे रोज की ही तरह किस करने लगा. वह भी मुझे पागलों की तरह चूमने लगी. मैंने अब उसकी नाइटी निकाल दी. वह मेरे सामने सिर्फ पैंटी मे थी। मै अब उसके चूचुक मुँह में लेकर एक- एक कर के चूसने लगा। उसने कब मेरा लंड निकाल कर अपने हाथ में ले लिया, मुझे पता भी नहीं चला….
सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा नमस्कार! मेरा नाम पंकज है और मै पुणे का रहनेवाला हूँ। मेरी उम्र 20 साल है और सब कहते है कि मै बहुत स्मार्ट दिखता हूँ। मेरा लौड़ा सामान्य आकार का है, लेकीन किसी भी लड़की को पूरा आनंद देता है। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है।
यह बात तब की है जब मै कॉलेज में था और छुट्टीया होने के वजह से हमारे घर मेरी बुवा की लडकी आयी हुयी थी. उसका नाम सोनू था. वो भी मेरी ही उमर की है। दिखने मे सामान्य है. उसका फिगर ३०-२८-३२ है. लेकिन उसे देखके न जाने क्यों उसपे दिल आ गया. मैने सोचा क्यू ना इसको पटा के देखूं और मैने उसे “ आई लव यू सोनू” ऐसा मेसेज किया. लागता है आग बराबर की लगी थी तो उसने भी तुरंत “ आई लव यू टू” का जवाब दिया.
फिर वो मेरे पास आकर बोली- मै इसका ही इन्तजार कर रही थी।
मै बडा खुश हुआ. मुझे अब बस रात का इंतजार था।
एक बात बता देता हूँ कि मेरे घर मे मै, मेरे पापा, बहन और छोटे चाचा रहते है. मम्मी जाँब के वजह से बाहर थी। चलो, फिर से कहानी पर आते हैं. रात हो गई सब खाना खाके सो गए. उसने मुझे मेसेज करके किचन मे बुलाया. मेरे तो मन मे लड्डू फूटने लगे. मैने देखा सब अच्छे से सोये हुए हैं तो मै देर न करते हुए किचन मे गया. जैसे ही मै अंदर गया उसने मुझे किस करना स्टार्ट कर दिया.
गर्दन से शुरू करते हुए वो मेरे होठों तक पहुँच गयी थी., अब मै भी उसका पूरा साथ देने लगा. मैं उत्तेजित हो रहा था. जोश में आकर मैंने उसके उरोज दबाने शुरू किये. इतनी टाईट चूचियों के मसले जाने से वो बहुत मचलने लगी. मेरे लंड का भी बहुत बुरा हाल हो रहा था।
धीरे- धीरे मै हाथ को उसकी पैंटी के अन्दर उसकी चूत पर लेके गया लेकिन उसने मेरा हाथ हटा दिया और बोली- वहाँ हाथ मत लगाओ.
ये कहकर वो फिर से मुझे किस करने लगी। आधे घंटे बाद हम अलग हो गये और सोने चले गए।
फिर हम मेसेज पे बात करने लगे. उसने बताया की उसने कई बार ब्लू फिल्म देखी है। मैने उसे सेक्स के बारे पूछा तो बोली की उसे डर लगता है। मैने उसे बहुत समझाया, मगर वो मेरी एक ना मानी। 10 दिन ऐसे ही बीत गए. हम रोज सिर्फ चुम्मा चाटी करते थे वो मुझसे सिर्फ अपने उरोज चुसवाती थी। 10 दिन में उसकी चूचियों का आकार बढ़ गया था.
एक दिन उसने खुद कहा –अब मुझसे रहा नही जाता. डर भी लगता है अपनी चूत फड़वाने से. लेकिन अब चोद दो मुझे।
मेरी तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मैं तो कब से यही चाहता था. उसने कहा कि कंडोम लगा के ही चोदना! नहीं तो मैं प्रेगनेंट हो जाउंगी.
दूसरे दिन मैं कंडोम लेके आया और रात का इंतजार करने लगा। रात १२ बजे हम दोनों चादर लेकर किचन में गए। चादर बिछा कर उस पर लेट गए। मै उसे रोज की ही तरह किस करने लगा. वह भी मुझे पागलों की तरह चूमने लगी. मैंने अब उसकी नाइटी निकाल दी. वह मेरे सामने सिर्फ पैंटी मे थी। मै अब उसके चूचुक मुँह में लेकर एक- एक कर के चूसने लगा। उसने कब मेरा लंड निकाल कर अपने हाथ में ले लिया, मुझे पता भी नहीं चला। मैं तो उसकी चूचियों को चूसने में मस्त था.
अब मेरी बारी थी. मैंने भी उसकी पैंटी नीचे खींच दी. मेरे सामने एक काले- घने और घुंगराले बालों से सजी एक चूत आ गई. उसकी खुशबू से मैं मदहोश हुए जा रहा था।
सोनू से मैंने पैरों को खोलने के लिए कहा. उसने झट से अपनी टांगों को खोल दिया। फिर क्या था मैंने उसकी दोनों टांगों के बीच में स्थित चूत का गुलाबी छेद देखा और मैं अपने आपको रोक नहीं पाया. मैंने उसकी झांटों वाली चूत को चाटना स्टार्ट किया। वह जल बिन मछली की तरह छटपटाने लगी। उसके मुँह से सिस्कारियां निकलने लगीं। 10 मिनट के बाद मैं उसके उपर चढ गया।
मेरा पूरी तरह ताना हुआ लंड मानो उसकी गीली चूत मे जाने के लिए तड़प रहा था। मैने लंड के ऊपर कॉन्डोम लगाया. कॉन्डोम पे चिकनाई लगी हुयी थी, इससे मेरा काम आगे आसान होने वाला था. मैंने उसकी चूत पर अपना लंड सेट किया और जोर का धक्का लगाया। अच्छा हुआ कि मैंने उसके मुँह पर पहले से ही हाथ रखा हुआ था नही तो मेरी शामत आ जाती। उसकी चीख उसके मुँह में ही दब के रह गयी. फिर मैंने जब हाथ हटाया तो वो सिसक रही थी.
5 मिनट तक मैं रूका रहा, फिर धीरे- धीरे आगे पीछे होने लगा. बीच- बीच में मैं उसके निप्पल को भी चूसता जा रहा था। शायद इससे उसका दर्द कम हो गया. मैंने उसके होठों को चूसना शुरू किया. अपने हाथों से मैं चूचियों को मसले जा रहा था. साथ में अपने धक्कों को भी तेज करने लगा. अचानक से वो काफी उत्तेजित होकर नीचे से अपनी गांड उछलने लगी. उसके मुँह से उफ्फ्फ्फ़…आअ…..आऐईई….म्मम्मा की आवाज करने लगी. शायद वो झड रही थी। धीरे- धीरे बोल रही थी – पंकज और करो! बहूँत अच्छा लग रहा है आहहहहहहह……..
मैं भी जोर जोर से ठोकने लगा। मैंने भी 20 मिनट तक पूरे स्पीड से चोद के पानी निकाल दिया। इस बीच वह दो बार झड़ गयी थी। हम दोनो बहूँत खुश थे। बाद में हम फिर से किस करने लगे। हम फिर गरम हो गए. इस बार मैंने उसे किचन के स्लैब पे बिठाकर आधा घंटे फुल स्पीड में चोदा। हर बार हम दोनों की उत्तेजना और बढ़ जाती. इस तरह हमने कई बार चुदाई की. अब तक हम काफी थक गए थे. फिर हम सोने चले गए।
उस एक महीने में मैंने उसे कई बार चोदा। अब उसकी शादी भी हो गई है, दो महीने पहले। लेकिन उसके साथ बिताया हर पल मुझे जिन्दगी भर याद रहेगा।
दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है, यदि कुछ गलती हुयी है तो माफ करना। और हाँ! मेल करके जरूर बताना कहानी कैसी लगी।