एक दिन मैं अपने दोस्त के घूम रहा था तभी मुझे एक खूबसूरत लड़की दिखी. बाद में मैंने उसी के बगल में रूम ले लिया और उसे पटा लिया. एक दिन वह मॉर्निंग वॉक का बहाना करके मेरे रूम में आ गई और फिर मेरी रजाई में घुस गई. इसके बाद कैसे क्या हुआ ये मेरी इस कहानी में पढ़ें…
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम पंकज है. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं और आज पहली बार मैं अपनी कहानी लिख रहा हूं. उम्मीद करता हूं कि आप सब को पसंद आएगी. कहानियों में ये जो लोग अपनी टाइमिंग को बढ़ा – चढ़ा कर लिखते हैं उससे होता कुछ नहीं है बस कहानी का मज़ा कम हो जाता है क्योंकि पाठकों को यह समझ आ जाता है कि ये फर्जी कहानी है.
बात आज से करीब 6 साल पहले की है. उस समय तक मेरी शादी नहीं हुई थी. तब मैं अपने दोस्तों के साथ दिल्ली के एक रिहायशी इलाके में रहता था.
एक दिन मैं और अपने दोस्त अरुण के साथ उसकी कार में बैठ कर मुहल्ले में घूम रहे थे. कुछ टाइम बाद अरुण ने गाड़ी सड़क किनारे खड़ी की और कुछ काम से नीचे उतर गया. मैं नहीं उतारा. मैं गाड़ी में बैठे – बैठे ही सिगरेट पीने लगा.
तभी सामने से एक लड़की निकली. वो दिखने में बिल्कुल मासूम और क्यूट सी थी. उसका फिगर 30 26 40 का था. यह जानकारी मैं आपको अभी दिए दे रहा हूं लेकिन पता मुझे उसके साथ हुए पहले अन्तर्मिलन के बाद चला था.
मैं कार में ही बैठा था और वह मेरे सामने से मुझे देखते हुए जा रही थी. यह देख मैं ड्राइविंग सीट पर आया और कार स्टार्ट करके उसके पीछे चलने लगा. इस दौरान मैंने नोटिस किया कि वो बार – बार पीछे घूम के मुझे देख रही थी. लेकिन फिर भी कुछ बोलने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी.
उस दिन बात आई – गई हो गई. कुछ दिन बाद हमें रूम चेंज करना था. हम रूम खोजने लगे. भाग्य ने हमारा साथ दिया और हमें रूम उसी लड़की के घर के बगल में मिल गया. अगले ही दिन हमने अपना समान शिफ्ट कर लिया. लेकिन नज़दीक होने के बावजूद मेरी उससे कोई बात नहीं हो पाई.
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए. वह मुझे देखती और मैं उसे देखता. लेकिन बात इससे आगे नहीं बढ़ पाती. एक दिन वो मेरे रूम के सामने से गुज़र रही थी. उसे देखते ही मैं रूम में गया और पेन से एक कागज़ पर अपना मोबाइल नम्बर लिख के लाया और उसके सामने फेंक के अंदर घुस गया.
अब मैं उसके फोन का इंतज़ार करने लगा. 2 दिन बाद मेरे फ़ोन पर उसका मैसेज आया और उस मैसेज के साथ ही हमारे बीच बातचीत शुरू हो गई. धीरे – धीरे टाइम गुजरता रहा. अब हमारे और उसकी फैमिली के बीच भी पड़ोसी होने के नाते बातचीत होने लगी.
इतना टाइम बीतने और फैमिली से बातचीत शुरू होने के बावजूद मैं बात से आगे बढ़ कर कुछ और नहीं कर पा रहा था क्योंकि मेरी अभी भी फट रही थी. एक दिन सुबह – सुबह मेरे पास उसका मैसेज आया कि मुझे कॉलेज छोड़ आओ. उसका मैसेज देख के मैंने अपनी बाइक निकाली. तब तक वह बाहर आ चुकी थी.
फिर मैंने उसे बाइक में बिठाया और कॉलेज तक छोड़ आया. उस दिन उसे छोड़ते जाते समय रास्ते में मैंने पहली बार उसे किस किया था. फिर तो यह हमारा रोज का काम हो गया. जैसे ही हमें मौका मिलता हम किस करते और मैं उसके मम्मे भी दबा देता. वो कुछ नहीं कहती थी.
फिर एक दिन ऐसा हुआ जिसकी मुझे भी कोई आशा नहीं थी. ठंड शुरू हो गई थी और कुहरा भी पड़ने लगा था. आप लोग जानते ही हैं कि दिल्ली में कुहरा और धुंध कितनी घनी होती है. एक दिन सुबह – सुबह वह घर में बोली कि मॉर्निंग वॉक पर जा रही हूं और कुहरे का फायदा उठा कर जब कोई नहीं दिखा तो वॉक पर जाने की बजाय मेरे कमरे में आ गई.
उस टाइम मैं लेटा हुआ था. वह आई. मुझे लेटे देख सीधा मेरे बिस्तर में घुस गई और मुझसे बोली – बहुत ठंड लग रही है. यह सुन कर मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और कस के दबा लिया. फिर कुछ देर तक हम ऐसे ही लेटे रहे. इसके बाद मैं उसे किस करने लगा. साथ में उसके बूब्स भी दबाना शुरू कर दिया.
मेरे ऐसा करने से वह गर्म होने लगी. फिर धीरे – धीरे करके मैंने उसकी टी – शर्ट को ऊपर कर दिया. अब मेरे हाथ उसके नंगे बूब्स पर थे. मैंने उन्हें पकड़ लिया और दबाने लगा. दोस्तों, उसके बूब्स बहुत ही टाइट थे. मेरे दबाने से उनमें और कसाव आ गया और उसके निप्पल एक दम से खड़े हो गए. ऐसा लग रहा था जैसे संतरे पर मूंगफली का दाना रखा हो.
मैं एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था. इसी बीच एक हाथ नीचे ले गया और उसके पैंट में डाल दिया. उसका वो हिस्सा बहुत गर्म था. ऐसा लग रहा था जैसे गैस पर रखा गर्म तवा हो.
फिर मैंने उसकी पैंट खोलना शुरू किया. यह देख वह मना करने लगी और बोली कि नहीं अभी लेट हो रही हूं, घर वाले खोजने आ जाएंगे. यह सुन कर मैंने कहा कि परेशान न हो मैं ज्यादा टाइम नहीं लूंगा. जल्दी ही हो जाएगा. इस पर वो तैयार हो गई.
फिर मैंने ज्यादा टाइम न लगाते हुए फटाफट उसका पैंट उतार कर नंगी कर दिया. दोस्तों, फिर मैं रजाई के अंदर घुस गया और उसके बदन पर नज़र डाली. वह इतनी फिट थी कि उसके बदन पर कहीं भी थोड़ा सा भी फैट नहीं था. वह एक दम स्लिम थी.
इसके बाद मैंने खुद के भी कपड़े उतारे और उसके हाथ में अपना औजार दे दिया. मेरा लन्ड 6 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा होगा. दोस्तों, मैं औरों की तरह फेंक नहीं रहा हूं. ये मेरा असली साइज है.
लन्ड को हाथ में लेकर वह आगे – पीछे करने लगी. फिर ज्यादा टाइम न लगाते हुए हम सीधा सेक्स पर आ गए. मैंने उसको सीधा किया और ऊपर आ गया. उसने झट से लन्ड को पकड़ा और चूत पर सेट करके बोली – अब जल्दी शुरू करो.
तब मैंने थोड़ा दबाव बनाया. मेरा लन्ड बड़े ही आराम से अंदर चला गया. फिर मैं जोर – जोर से धक्के लगाने लगा. इससे वो मदमस्त हो गई और जोर – जोर से सिसकियां लेती हुई चिल्लाने लगी. उसे मज़ा आने लगा और वो बोलने लगी – और जोर से और जोर से करो.
फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. कुछ टाइम के बाद मैंने उसको बोला कि मेरा होने वाला है तो उसने कहा कि कोई नहीं अंदर ही निकाल दो. फिर मैंने 5-7 धक्के और लगाए और फिर हम दोनों एक साथ ही डिस्चार्ज हो गए.
थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद वह उठी और फटाफट अपने कपड़े पहनी और मुझे एक लम्बी किस करके चली गई. जाते – जाते वह मुझसे बोली – जल्दी ही फिर मिलते हैं. मैंने भी उसको बाय किया और दोबारा सो गया.
आज की कहानी यहीं तक. अपनी अगली कहानी में मैं बताऊंगा कि बाद में मैंने कैसे – कैसे उसके साथ सेक्स किया और फिर किस तरह उसने अपनी सिस्टर को मेरे फंसाने में मेरे दोस्त की मदद की.
यह मेरी सच्ची कहानी है और इसमें मैंने हर एक बात ठीक वैसे ही लिखी है जैसे मेरे साथ घटित हुआ था. इसमें अगर मुझसे कोई गलती हो जाए तो माफ करना. कहानी के बाते में आप अपने सुझाव कमेंट करके बता सकते हैं.