मम्मी को रंडी बनाया

यह मेरी सच्ची कहानी है. इसमें मैं आपको बताऊंगा कि किस तरह मैंने अपने एक दोस्त की मदद से अपनी और उसकी विधवा मम्मी को रंडी बनाया…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम कमलेश सिंह है और मैं उत्तर प्रदेश के एक गांव का रहना वाला हूं. मेरी उम्र 21 साल है और मैं दिखने में भी ठीक ठाक हूं. मैं अच्छे खासे जिस्म का मालिक हूं और रंग भी गोरा है. अब आप लोगों का ज्यादा टाइम न बर्बाद करते हुए मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूं.

मेरे घर में मेरे अलावा सिर्फ मेरी मम्मी भर थीं. मेरे पिता जी की मौत को काफी समय हो गया है. गांव में कमाई का कोई जरिया ना होने की वजह से मैं दिल्ली चला आया और वहां एक प्राइवेट नौकरी करने लगा.

मेरी ही तरह एक और लड़का था. उसकी उम्र भी मेरी ही जितनी थी और वह भी मेरे ही साथ काम करता था. उसका नाम सिराज था. हम दोनों खूब मेहनत से काम कर रहे थे पर काम से कुछ ज्यादा हासिल नहीं हो रहा था. इसलिए हम दोनों परेशान रहने लगे.

एक दिन सिराज बोला, “यार एक काम है, जिसमें हम बहुत पैसे कमा सकते है”. मैंने पूछा, “क्या काम है”? इस पर वो बोला कि यार यहां पर औरतों की बहुत डिमांड है, लोग एक बार चोदने के लिए कई – कई हजार रुपये तक देते हैं”. उसकी ये बात सुन कर मैंने कहा, “हां यार है तो सही पर औरत कहां से लाएंगे?” वो बोला, “यही तो समस्या है”. फिर वो बात आई – गई हो गयी.

ऐसे ही काफी समय बीत गया. एक दिन सिराज बोला, “यार, मेरे घर में सिर्फ मेरी अम्मी ही हैं, क्यों न मैं उन्हें खाना बनाने के लिए यहां बुला लूं”. मैंने कहा, “ठीक है, बुला ले”. तब उसने मुझसे पूछा, “तेरे घर में कौन – कौन है?” इस पर मैंने कहा कि मेरी भी सिर्फ मम्मी ही हैं. मेरी बात सुन कर वो बोला, “यार हम दोनों को अपनी मम्मी को बुला लेना चाहिए”. मैं भी उसकी बात से सहमत था.

फिर कुछ दिन बाद हम दोनों ने अपनी मम्मी को बुला लिया. एक ही रूम में चारों लोगों को रुकना था क्योंकि इतनी कमाई नहीं थी जो दो रूम ले पाते. सिराज की अम्मी का नाम रुबीना था. वो 38 साल की बहुत ही सेक्सी औरत थीं. उनके दूध बड़े बड़े थे. वह काफी गोरी थीं और उनका बदन भी मांसल था.

मेरी मम्मी का नाम सुनीता था. वो भी 39 साल की था. गोरा रंग, टाइट दूध, बड़े बाल कुल मिला मर वो भी बहुत सेक्सी थीं. हम दोनों काम पर जाते थे और वो सिर्फ खाना बना बनाकर सारा दिन कमरे में बैठी रहती थीं.

एक रात हम चारों सो रहे थे. तभी मुझे पेशाब लगी और मैं उठ गया. उठ कर मैंने लाइट ऑन की तो देखा कि मेरी मम्मी बेसुध सो रही हैं. उनके ब्लाऊज के ऊपर वाले बटन खुले हैं, जिस वजह से उनके दूध बाहर निकले हुए थे. फिर मैंने रुबीना आंटी की तरफ देखा. वो भी गहरी नींद में सो रही थीं और उनका एक हाथ अपनी चूत पर था. यह सब कुछ देखने के बाद मैं समझ गया कि दोनों चुदासी हैं.

फिर मैंने अगले दिन सिराज से बोला, “यार, वो जो तूने रंडियों वाली बात बोली थी उसमें दम था”. इस पर वो बोला, “हां भाई, जब बोल तब शुरू कर दूं पर औरत कहां है?” इस पर मैंने कहा, “हैं ना, अपने रूम पर.” मेरी बात सुन कर वो सन्न रह गया और बोला, “क्या बात कर रहा है यार!” मैंने कहा, “ठीक कह रहा हूं”.

फिर वो बोला, “ठीक है”. तब मैंने कहा कि लेकिन पहले उन्हें खुले मिजाज का बनना पड़ेगा, तभी उनकी डिमांड होगी. वो बोला, “कैसे?” तब मैंने कहा, “अब हम दोनों अपनी कमाई से उनको सेक्सी कपड़े दिलाएंगे और बाहर घूमने ले जाया करेंगे. वो तैयार हो गया और फिर हम ऐसा ही करने लगे.

हमारे ऐसा करने से कुछ दिनों बाद दोनों औरतें निखरने लगीं. मेरी मम्मी साड़ी से जीन्स पर आ गयीं और आंटी भी सेक्सी कपड़े पहनने लगीं.

फिर एक दिन सिराज मुझसे बोला, “यार दो लड़के हैं, जो दोनों औरतों के चार हजार रुपये दे रहे हैं.” इस पर मैंने कहा, “लेकिन सिराज जगह कहां है?” तब वो बोला कि एक रूम और ले लेते हैं. मैने कहा, “ठीक है”. फिर अगले दिन हमने एक रूम और लिया गया. फिर उस रात हम ने दोनों औरतो को तैयार होने को कहा. दोस्तों, उस समय सर्दी पड़ने लगी थी.

जब हमने उनसे तैयार होने के लिए कहा तो मेरी मम्मी ने पूछा कि बात क्या है जो हमको तैयार कर रहे हो? वो दोनों काफी खुल चुकी थीं, इसलिए सिराज निडर होकर बोला, “आंटी, हमारी ही उम्र के दो लड़के हैं जो आप लोगो के दो हजार रुपये देंगे.” उसकी बात सुन कर रुबीना आंटी बोलीं, “मतलब, मैं कुछ समझी नहीं’. तब मैंने कहा कि आप को उनसे चुदवाना होगा.

हमारी बात सुन कर दोनों मना करने लगीं. तब हमने उन्हें समझाया कि हमें यहां कोई जानता ही कहां है, तो कोई दिक्कत नहीं होनी, बल्कि हमें पैसे मिलेंगे वो अलग. हमाए यह बात सुन कर फिर दोनों तैयार हो गयीं. मेरी मम्मी ने नीली जीन्स और सिल्क रंग की लाल शर्ट पहनी. आंटी ने भी एक जीन्स और हल्की नीली शर्ट पहनी. ऊपर से दोनों ने बड़ा सा कोट डाल लिया और उनके बाल खुले थे.

इसके बाद पहले मैंने अपनी मम्मी को एक लड़के के साथ भेजा और सिराज से बोला कि आंटी को दूसरे लड़के के साथ यहीं रुकने दो. फिर हम बाहर निकल गये. दोस्तों, हम दोनों ने अपनी मम्मी की चुदाई देखने के लिए खिड़की का इंतजाम किया हुआ था.

मैं मम्मी को खिड़की से देखने लगा. पहले तो वो लड़का मेरी मम्मी के बगल में बैठ कर बातें कर रहा था, फिर वह मम्मी की कोट को खोलने लगा. इसके बाद वह मेरी मम्मी की शर्ट के बटन खोलेने लगा. उसके हाथ टच होने से मम्मी की आंखें बंद होने लगी थीं.

फिर उसने मम्मी के होंठों को अपने होंठों में कैद किया और चूसने लगा. कुछ देर बाद मम्मी ने अपने हाथों से अपनी जीन्स का बटन खोल कर उतार दिया. अब वो पूरी नंगी हो गयी. फिर उस लड़के ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिये. दोस्तों, मेरी मम्मी की चूत पर बाल थे. उसने पहले तो मम्मी की चूचियों को पिया और फिर उनकी चूत पर हाथ फिराने लगा. उसके ऐसा करने पर मम्मी “आह सस्स आह” की आवाज करने लगीं. फिर थोड़ी देर बाद मम्मी ने उससे कहा कि अब और न तड़पाओ चोद भी दो.

मम्मी के ऐसा बोलते ही उसने मम्मी को लिटाया और उनकी गर्म चूत पर अपना लंड टिका. उसके ऐसा करते ही मम्मी ने अपने कमर उठाई और सप्प से उसका लंड अंदर घुस गया. अब मम्मी आह आह करने लगीं और वह सप्प – सप्प करके मेरी मम्मी को चोदने लगा. फिर कुछ देर बाद वो झड़ने वाला हुआ तो मम्मी समझ गयीं और उन्होंने उसका लंड बाहर निकाल दिया. लंड बाहर निकलने ही उसने अपना माल छोड़ दिया.
 
फिर दोनों बाहर आ गये. उधर आंटी भी दूसरे लड़के से चुद कर बाहर आ गयी थीं. फिर दोनों लड़के चले गए थे. हम दोनों ने अपनी मम्मी को एक – एक हजार रुपये दे दिए. पैसे पाकर दोनों बहुत खुश हुईं.

इसके बाद फिर हमने दोनों को कई बार चुदवाया. लेकिन वो कहानी सारी कहानियां मैं फिर कभी बताऊंगा. आप लोगों को मेरी यह कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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