मैं अपनी सहेली के बॉयफ्रेंड से अपनी चूत चुदवाना चाहती थी. लेकिन कोई जुगाड़ नहीं हो पा रहा था. इसलिए मैंने उसे अपना भाई बना लिया. इससे किसी के शक की भी कोई गुंजाइश नहीं थी. फिर मैंने अपना गेम खेला और उससे चुदवा कर उसकी रखैल बन गई…
हेलो दोस्तों, मेरा नाम प्राची है और मैं दिल्ली की रहने वाली हूं. मेरी ये कहानी मेरे मुंह बोले भाई सूरज और मेरी चुदाई की है. उम्मीद है आप सब को पसंद आएगी.
कहानी में आगे बढ़ें उससे पहले आप सब को मैं अपने बारे में बता देना चाहती हूं. मेरा फिगर बहुत ही सेक्सी है. मेरा साइज 36 34 38 का है. मेरी हाइट 5 फुट 4 इंच है और मैं एक गोरी – चिट्टी लड़की हूं. मेरी खूबसूरती के कारण कॉलेज के सारे लड़के मुझ पर फिदा हैं. कॉलेज का ही नहीं बाहर का भी ऐसा कोई लड़का नहीं है, मुझे देखने के बाद जिसका लन्ड न खड़ा हो जाए.
अब मैं आप सब को सूरज के बारे में बता दूं. वही तो एक कहानी का हीरो है. सूरज की लम्बाई 6 फुट है और वह एक हट्टा – कट्टा नौजवान लड़का है. वह भी मेरे साथ कॉलेज में ही पढ़ता था और कॉलेज की सारी लड़कियां उस पर मरती थीं. कुछ तो उससे चुदना भी चाहती थीं. ये बात उसे भी पता थी.
मेरी एक दोस्त अर्पणा का उससे अफ़ेयर चल रहा था और वो हमेशा मुझे उन दोनों की मैसेज वाले सेक्स चैट पढ़ाया करती थी. उनके सेक्स चैट पढ़ के मुझे सूरज में इंटरेस्ट होने लगा था और मैं उससे चुदने के लिए उतावली रहने लगी.
मैंने सोचा कि क्यों न मैं उसे भाई बना लूं और फिर अपना काम करूं. इससे किसी को शक भी नहीं होगा और उसके करीब जाने का मौका भी मिल जाएगा. फिर धीरे – धीरे इस रिश्ते को मैं सेक्स की तरफ मोड़ सकूंगी. यही सोच के मैंने उसे अपना मुंह बोला भाई बना लिया. इस पर वो भी मान गया. उसे कोई दिक्कत नहीं थी और न ही मेरे इरादे पता थे.
एक बार की बात है. मेरे मम्मी – पापा मेरी कज़िन की शादी में गए हुए थे. उस समय घर पर और कोई नहीं था. मैंने मौके का फायदा उठाने की सोची और सूरज के लन्ड को चखने का प्लान बनाया.
इसके बाद मैंने फौरन हो सूरज को कॉल किया और कहा कि भाई, आज एक साथ ही पढ़ाई करते हैं. मैंने उससे कहा कि इससे नोट्स भी बन जाएंगे और क्लास में तुम्हें जो समझ नहीं आया वो भी मैं समझा दूंगी. इसमें उसे कोई दिक्कत नहीं थी. इसलिए वो फौरन मान गया. मैंने उसे घर बुला लिया.
फिर शाम को 7 बजे के करीब वो मेरे घर आ गया. पहले हम कुछ देर यूं ही नॉर्मल बातें करते रहे. इसके बाद हमने खाना खाया. खाने के बाद मैंने उससे कहा कि तुम किताब खोलो तब तक मैं आती हूं.
इसके बाद मैंने रूम में जाकर अपनी ब्रा – पैंटी निकाल दी और एक गहरे गले का ढीला सा टॉप पहन लिया. उसमें से मेरे बूब्स साफ दिख रहे थे. इतना करने के बाद फिर मैं ड्रॉइंग रूम में आ गई. सूरज वहीं बैठा पढ़ रहा था. फिर मैं उसके बगल में जाकर बैठ गई.
कुछ देर साथ पढ़ने के दौरान मैंने नोटिस किया कि मौका मिलने पर वो मेरी क्लीवेज घूर – घूर के देख रहा है. मैं समझ गई कि अब तो काम पक्का ही होगा. लेकिन मैं कुछ न बोली. कुछ देर बाद सूरज ने मुझसे कहा कि प्राची एक बात बोलूं? मैंने कहा कि हां बोलो.
तब उसने कहा कि अगर अर्पणा मेरी गर्लफ्रेंड न होती और तुमने मुझे अपना भाई न बनाया होता तो मैं तुम्हें रिलेशनशिप के लिए अप्रोच कर देता. फिर उसने मुझसे कहा कि मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूं.
यह सुनते ही मेरी बाछें खिल गईं. मैंने कहा तो क्या हुआ! अर्पणा तो वैसे भी बहुत से लड़कों को घुमाती है और मैंने तो तुम्हें भाई भी इसी लिए बनाया है ताकि तुम मेरे हो सको.
इतना सुनते ही वो मेरे पास आ गया और अपने होंठों को मेरे होंठों लर रख दिया. मैं आप लोगों को बता भी नहीं सकती कि मुझे कितना अच्छा लग रहा था. फिर उसने मुझे गोद में उठाया और किस करते हुए बेड रूम में ले गया.
वहां ले जाकर उसने मुझे बेड पर पटक दिया और मेरा टॉप निकालने लगा. मेरी चूत तब तक बिल्कुल गीली हो चुकी थी. फिर उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरे बूब्स चूसने लगा. उसके ऐसा करने पर मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं. मैं ‘आह आह ऊह ऊह ओह्ह ओह्ह ऐह ऐह’ की मादक आवाजें निकालने लगी.
फिर उसने मुझे लिटा कर नंगा कर दिया और मेरी चूत चाटने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं आवाजें निकाल रही थीं. मैं उससे कह रही थी – आह… सूरज… आह…, अच्छे से चूस अपनी बहन की चूत को. अपनी बहन को चोद के बहनचोद बन जा, आज मुझे अपनी रंडी बना ले.
यह सुन कर सूरज बोला – हां, साली तू तो है ही रंडी, स्कूल में तेरी हरकत देख कर ही मैं समझ गया था कि तू कितनी बड़ी चुदक्कड़ है. बहुत दिनों तक तुम्हारे नाम की मुठ मारी है मैंने, आज तो तुझे चोद के तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा. इतना कह के वो मेरी चूत चाटता रहा. अब तक मैं दो बार झड़ चुकी थी और वो उसने सारा पानी चाट कर साफ कर चुका था.
अब उसने अपना 9 इंच का लम्बा लन्ड मेरी चूत पर रखा और जोर का एक झटका लगाया. इस झटके की वजह से उसका विशालकाय लन्ड पूरा का पूरा मेरी चूत के अंदर चला गया. मैं दर्द से चिल्ला उठी. चिल्लाते हुए मैंने कहा – आह… साले बहनचोद… अपनी मां को चोदने आया है क्या… धीरे चोद मादरचोद… मेरी जान निकालेगा क्या?
यह सुन कर उसने कहा – साली रंडी, आज तुझे और तेरी मां दोनों को चोदूंगा, रांड बना कर रखूंगा तुझे. इस पर मैंने कहा – हां, बहनचोद मैं तो कब से कहती हूं कि मुझे अपनी रंडी बना ले, इसी बहाने तेरे लन्ड का स्वाद तो चखने को मिलेगा.
वो लगातार धक्के लगाता जा रहा था. थोड़ी देर बाद उसने मुझे कुतिया बना दिया और पीछे से लन्ड मेरी चूत में पेल दिया. इसके साथ ही उसने मेरी गांड में अपनी दो उंगलियां भी डाल दी. अब मुझे चुदाई का भरपूर मज़ा आने लगा था.
थोड़ी देर बाद उसने मेरी गांड पर ढेर सारा थूक लगाया और फिर अपना लन्ड मेरी गांड में डाल दिया. मेरी तो गांड ही फट गई. मुझे बहुत दर्द हुआ. थोड़ी देर ऐसा करने के बाद जब मुझे आराम हुआ तो मैं रंडियों की तरह गांड हिला – हिला कर लन्ड अंदर लेने लगी.
इस चुदाई से हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था. फिर कुछ देर सूरज झड़ गया. लेकिन झड़ने से पहले उसने लन्ड बाहर निकाल लिया था और सारा वीर्य मेरे मुंह में छोड़ दिया. इस दौरान मैं 3 बार झड़ चुकी थी. बाद में सूरज ने मुझे 2 बार और चोदा. अब हम पूरी तरह थक चुके थे. इसके बाद वहीं बिस्तर पर लेटे – लेटे कब सो गए पता ही नहीं चला. सुबह सूरज अपने घर चला गया.
अब मैं सूरज की रखैल बन चुकी हूं. अब वो मुझे महीने में 3-4 बार जरूर चोदता है. इससे हम दोनों की प्यास बुझती है. उसका अर्पणा से भी ब्रेकअप हो गया है. आप सब को मेरी यह कहानी कैसी लगी, मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]
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Tari chut ko to lund mil gya but mera lund abhi bhi pyasa h koi h jo mera lund ki pyas bhuja sake