नहाने के बाद चुद गईं मौसी

मेरे बगल में मेरी एक मौसी रहती थीं. वह बहुत ही खूबसूरत थी. 40 साल की होकर भी वो राह चलते किसी मर्द का लंड खड़ा करने का माद्दा रखती थीं. फिर किस तरह मैंने उनकी चुदाई की ये आपको इस कहानी में जानने को मिलेगा…

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, मेरा नाम राजेश है और मैं राजस्थान के अलवर जिले के एक छोटे से कस्बे का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 21 साल है और मैं दिखने में नॉर्मल युवक हूं. मेरा कद 5 फुट 4 इंच व लण्ड का साइज 6.5 इंच है.

मैं पिछले 7 सालों से अन्तर्वासना की कहानियों को पढ़ रहा. मैं इसकी लगभग हर एक कहानी को पढ़ता हूं और जब तक रोज रात में कहानी पढ़ नहीं लेता मुझे नींद नहीं आती. इन्हीं कहानियों को पढ़ कर मुझे भी अपनी कहानी लिखने की प्रेरणा मिली और मैं अपनी एक सच्ची घटना कहानी के रूप में आप सब के सामने पेश कर रहा हूं. उम्मीद करता हूं पसंद आएगी.

अब टाइम खराब न करते हुए मैं सीधे अपनो कहानी पर आता हूं. यह मेरी और मेरी मौसी की कहानी है. मेरी मौसी 40 साल की हैं पर उनको देख कर लगता नहीं है कि वो इतनी उम्र की हैं. उनका गोरा रंग, मोटे – मोटे बोबे और भरी हुई गांड गांड किसी को भी मस्त कर सकने की क्षमता रखती हैं. जब वो रास्ते पर चलती हैं तो अच्छों – अच्छों का लण्ड खड़ा हो जाता है.

मैं उनके घर जाता – आता रहता हूं. हालांकि, वह मेरी सगी मौसी नहीं है, वह हमारे ही मोहल्ले में रहती हैं. एक दिन की बात है. एक दिन मौसी ने किसी काम से मुझे अपने घर बुलाया तो उस समय घर के काम में व्यस्त होने के कारण मैंने थोड़ी देर में आने की बात कही. फिर मैं दोपहर में मौसी के घर गया था. उस टाइम मौसा जी घर पर नहीं थे. मेन गेट खुला था तो मैं सीधा अंदर घुस गया. अंदर मौसी कहीं नज़र नहीं आईं तो मैं उनके कमरे के पास पहुंचा.

उनके कमरे का गेट बंद था पर पूरी तरह नहीं. दरवाजे की दरार से मैंने बिना कोई आवाज किये अंदर देखा तो सन्न रह गया. मौसी बेधड़क होकर अपने रूम में अपनी चड्डी निकाल कर अपनी चूत के बाल साफ कर रही थीं. यह देख मैं तो जैसे वहीं का वहीं चिपक गया. शुरुआत के कुछ पल तक न मेरे मुंह से कोई आवाज आई और न ही मैं कोई हरकत कर सका. बस चुपचाप अंदर उनको अपने बाल साफ करते देखता रहा.

उन्हें नहीं पता था कि मैं आ गया हूं और उन्हें ये करते देख रहा हूं. उनकी पाव की तरह फूली हुए चूत देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया. फिर जब तक वह अपने बाल साफ करती रहीं तब तक मैं उन्हें देखता रहा और उसके बाद घर वापस आ गया. घर आकर मैंने उनके नाम की मुठ मारी और खुद को शांत किया.

फिर दूसरे दिन मैं उनके घर गया. गर्मी के दिन थे तो वो अंदर आंगन में नहा रही थीं और मैं बिना बोले ही अंदर चला गया. उस टाइम मौसी केवल पेटीकोट और ब्लाउज ही पहने हुए थीं. उन्होंने ऊपर ब्रा और नीचे चड्डी नहीं पहन रखी थी. यह मुझे तब पता चला जब मेरी नज़र मौसी के बगल में रखी उनकी अंडर वियर पर पड़ी, जिसे उन्होंने धो कर अपने पास रखा हुआ था.

फिर जब मुझ पर उनकी नज़र पड़ी तो उन्होंने मुझे बैठने को कहा. फिर मैं सामने ही पड़ी चारपाई पर बैठ गया और चोरी – चोरी उनको नहाते हुए देखने लगा. थोड़ी देर बाद मौसी नहा चुकीं और कपड़ा चेंज करने के इरादे से खड़ी हो गईं. जैसे ही वो उठीं तो पेटीकोट का नाड़ा खुला होने के कारण दूसरा पेटीकोट पहनने से पहले ही पहने वाला नीचे गिर गया और मुझे एक बार फिर उनकी नंगी चूत के दर्शन हो गए और मौसी ने झट से अपने बदन को हाथ में ली हुई साड़ी से ढक लिया.

मेरा तो मन कर रहा था कि अभी इसे पकड़ के चोद दूं पर खुला होने के कारण मैंने कुछ नहीं किया. उसके बाद मौसी ने मेरी तरफ एक स्माइल पास किया और अपने रूम में कपड़े पहनने के लिए चली गयीं. फिर मैं भी उनके पीछे – पीछे उनके कमरे में गया और अंदर जाकर पीछे से उन्हें पकड़ लिया और उनके बोबे दबाने लग गया.

यह सब कुछ एकाएक हुआ. अब मौसी मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं पर मैंने उनको नहीं छोड़ा. अब तक उन्होंने अपना नया पेटीकोट पहन लिया था. फिर मैं पेटीकोट के ऊपर से ही उसकी गांड में लंड को दबाने लगा. मेरे ऐसा करने से धीरे – धीरे मौसी गर्म होने लगी थीं क्योंकि थी तो वो भी औरत ही न. फिर थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लग गईं.

फिर मैंने उन्हें अपनी तरफ घुमाया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर किस करने लगा. वो भी मुझे किस कर रही थीं. बड़ा मज़ा का रहा था. थोड़ी देर बाद फिर मैंने उन्हें उनके बेड पर लितया और उनके पेटीकोट के अंदर घुस कर उनकी चूत पर अपनी जीभ लगा दिया और चूत चाटने लगा. चूत पर मेरी जीभ लगते ही वो मचल उठीं और मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगीं. दोस्तों, मुझे चूत चाटने का बड़ा शौक है इसलिए मैं भी मस्ती में जीभ अंदर तक डाल कर उनकी चूत चूस रहा था. फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने पानी छोड़ दिया, जिसे मैं पी गया.

झड़ने के बाद वो कुछ देर के लिये ठंडी पड़ गईं. मैं लगातार उनकी चूत चूसता रहा. थोड़ी देर बाद वो फिर से गर्म हो गईं और फिर मुझे अपना लंड अपनी चूत में डालने के लिए बोलने लगीं. उनकी बात सुन कर मैं सीधा हुआ और उनकी चूत के छेद पर लंड रख कर जैसे ही धक्का दे दिया. अभी मेरा लंड आधा ही अंदर गया था कि वो मुझे रुकने के किये बोलने लगीं. मैं रुक गया.

दोस्तों, उनकी चूत बहुत टाईट थी. उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें चुदे हुए 1 साल हो गये हैं क्योंकि मौसा का लंड मेरे लंड से पतला है और अब तो खड़ा ही नहीं होता है. यह सुन कर मैं और जोश में आ गया. फिर मैंने दबाव बनाकर अपना पूरा लंड अंदर कर दिया और धीरे – धीरे धक्के लगाने लगा.

फिर मैंने अपनी रफ्तार बढ़ाई और तेजी से मौसी को चोदने लगा. अब उनका दर्द भी कम हो गया था और उन्हें भी मज़ा आने लगा था. मस्ती में वो ‘आ आह ई ईई ओह्ह ओह्ह’ की मादक आवाज निकाल रही थीं और बोल रही थीं कि ‘और तेज और तेज, ऐसे ही और तेज कर के फाड़ दे अपनी इस मौसी की चूत को और बना दे इसका भोसड़ा, बहुत तड़पाती है’.

उनकी ऐसी बातें सुन कर मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी. अब मैं उन्हें फुल स्पीड में चोदने लगा. ऐसे करते – करते करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गईं. उनके पानी से मेरा लंड भीग गया और फिर फच्च – फच्च की आवाज से पूरा कमरा गूंजने लगा.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैंने अपना काम चालू रखा. उनके झड़ने के करीब 2-3 मिनट बाद मैंने उनकी चूत में ही अपना सारा पानी छोड़ दिया. इसके बाद मैं कुछ देर उन्हीं के साथ लेटा रहा और फिर वापस अपने घर आ गया. उसके बाद मुझे एक बार और उनकी चुदाई करने का मौका मिला लेकिन वो फिर कभी बताऊंगा. कैसी लगी मेरी रियल स्टोरी बताना जरूर. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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