यह मेरे भाई के साथ घटित हुई मेरी पहली सेक्स स्टोरी है. भाई को पटाने के लिए मैंने अपनी चूचियों का सहारा लिया और दूध पिलाया. तब हमने पहली बार चुदाई की थी. उस दिन के बाद से हमें सेक्स करते हुए 9 महीने बीत चुके हैं लेकिन पहली रात ही कहने के बाद भी आज तक भाई चूचियों से कुछ नहीं निकाल पाया. भाई – बहन की वासना से भीगी इस कहानी को पढ़ें और मज़ा लें…
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अर्चना है और अभी मैं 24 साल की हूं. फिलहाल मैं एमए की पढ़ाई कर रही हूं. मेरी बुर में
बहुत ही खुजली होती है, मुझे लंड चाहिए, पहले तो मैं
बैगन से ही काम चला लेती थी पर आज कल मेरे ऊपर
मेरा छोटा भाई मेहरबान है. वो मेरे ऊपर कैसे मेहरबान हुआ इसकी पूरी कहानी मैं आपके सामने प्रस्तुत करने जा रही हूं. आप लोग दिल थाम के और लंड हाथ में लेकर पढ़ सकते हैं.
दोस्तों, मेरे घर में चार लोग हैं – मैं, मेरी मम्मी, मेरे पापा और मेरा छोटा भाई अनिल. एक दिन मेरे मां और पापा दोनों एक शादी में गए हुए थे. मम्मी – पापा के बाहर जाने पर घर में मैं और मेरा छोटा भाई अनिल ही बचे थे. इसलिए हम दोनों ने जल्दी ही खाना खाया और खाके सो गए.
हम दोनों का कमरा अलग – अलग था. दोस्तों, मेरी एक आदत है या यूं कहिये कि एक बीमारी है. जब भी मैं सोने जाती हूं तो सोने से पहले करीब आधे घंटे तक अपने बूब को प्रेस करती हूं. जब तक बूब को नहीं दबाती और बुर में उंगली डाल के उसे पानी – पानी नहीं कर देती, तब तक मुझे नींद नहीं आती थी.
उस रात मैं काफी कामुक हो गयी थी. मेरी चूत में काफी खुजली होने लगी थी. इसलिए मैं हौले – हौले से उसे सहलाने लगी. पर धीरे – धीरे मेरी बेचैनी बढ़ती रही. मुझसे कंट्रोल नहीं हो पा रहा था. फिर मैं रसोई में गयी वहां एक बैगन था. मैंने उस बैगन को उठाया और अपनी चूत में घुसाने लगी पर किस्मत ने साथ नहीं दिया और दबाव के चलते बैगन के दो टुकड़े हो गए.
उस समय रात के करीब 12 बज चुके थे. मुझे चुदने का काफी मन करने लगा, पर क्या करती? घर में उपलब्ध सारे संसाधनों को ट्राय कर के देख लिया पर कोई फायदा नहीं हुआ.
फिर मैं भाई के कमरे में आई. वो सो चुका था. मैंने आवाज लगाई – अनिल, अनिल. मेरी बात सुन कर वो हड़बड़ाकर उठ गया और बोला – दीदी आप यहां और इस वक्त? तब मैं
अपने कांपते हुए होंठों की मदद से बोली – हां अनिल मेरी
तबियत ठीक नहीं लग रही है.
यह सुन कर वो बोला – क्या हुआ दीदी? तब मैंने कहा कि मुझे एक अजीब सी बीमारी हो गयी है. तो अनिल बोला कि चलो डॉक्टर के पास चलते हैं. तब मैंने कहा – अनिल ये डॉक्टर नहीं तुम ही ठीक कर सकते हो! मेरी बात सुन कर अनिल चौंक के बोला मैं कैसे? दीदी बताओ मैं क्या मदद कर सकता हूं?
तब मैंने हिम्मत करके कहा – अनिल, क्या तुम मेरा दूध पी सकते हो?
अनिल बोला – दूध! आपका मतलब क्या है?
तब मैंने कहा – हां मेरा दूध, मुझे पता नहीं क्या हो गया है. अगर तूने मेरा दूध नहीं पिया तो मैं पागल हो जाउंगी. यह सुन कर अनिल चुप हो गया और लेटे – लेटे मुझे घूर रहा था. मैंने कह तो रही थी लेकिन साथ में सोच रही थी कि कहीं इसने मना कर दिया और माँ को बता दिया तो मैं जीते जी मर जाउंगी.
ये सोच कर मैं डर गयी और अपने कमरे में वापस आ गयी.
हालांकि, मेरा मन नहीं मान रहा था. इसलिए मैं फिर से अनिल के कमरे में गयी और उससे बोली – तुमने क्या सोचा है? तब अनिल बोल उठा – दीदी, अगर किसी को पता चल गया तो?
उसके मुंह से यह सुन कर मैं समझ गई कि अनिल का भी मन मज़े लेने का कर गया. फिर मैंने कहा – अरे मैं किसी को बताऊंगी नहीं और तुम भी किसी को नहीं बताना. बस फिर कैसे किसी को पता चलेगा?
यह सुन कर वो बोला – फिर ठीक है. उसके इतना कहते ही मैंने अपनी नाईटी को उतार दिया और ब्रा पैंटी में आ गयी. मेरी मदमस्त जवानी चुदने के लिए तैयार थी. अनिल भी
सिर्फ जांघिया पहन के ही सोता था लेकिन जब मैं गई थी तो मुझे देख कर उसने तौलिया लपेट लिया था.
तभी मैंने देखा कि उसका लंड खड़ा हो गया था, और टॉवल के ऊपर से फन फना रहा था. खैर, फिर मैं उसके
पलंग पर बैठ गयी और अपनी ब्रा का हुक खोल दिया. ब्रा का हुक खुलने से मेरी 36 की साइज की दोनों चूचियाँ हवा में लहराने लगीं.
फिर मैं अनिल को अपने पास खींचा और अपनी चूचियां उसके मुंह में दे दिया. मुंह में मेरे निप्पल जाते ही अनिल बोला – दीदी आप कितनी अच्छी हो! तब मैंने कहा कि मेरे भाई पी ले अपनी बहन का दूध, मज़े से पी और खूब जोर से चूस मेरी चूचियों को.
फिर वो मेरी एक चूची को पीने लगा और एक को दबाने लगा. इस दौरान मैंने उसके बालों में उंगली फिराते हुए पूछा – मेरे प्यारे भाई कुछ निकल तो नहीं रहा है. यह सुन कर वो बोला – आज नहीं निकल रहा है तो कोई बात नहीं
दीदी 9 महीने के बाद तो जरूर निकलेगा.
तब मैंने उससे कहा – तुम तो बड़े हरामी हो, तुम मेरे बिना बताए ही समझ गए कि मैं क्या चाहती हूं. तब वो बोला कि जब आप रोज रात में अपनी चूत में उंगली डाल के गांड उठा – उठा के ‘आह आआह आआह ओह्ह ओह्ह’ करती हो तब मैं रोज छुप – छुप के देखता हूं. फिर मैं आपको ही देख के मुठ मारता हूं.
यह सुन कर मैं हैरान रह गयी और सोचा कि बताओ ये काम तो मुझे बहुत पहले ही कर देना था. बेवजह इतने दिन वासना की आग में जलती रही. खैर, फिर क्या था मैं तुरन्त ही बेड पर लेट गयी और उसने मेरी पैंटी को खोल दिया. फिर वह मेरी बुर में झांकते हुए बोला – दीदी, तुमने क्या हाल कर दिया है बैगन से इसका, पहले अंदर कितना
पिंक लग रहा था!
तब मैंने कहा – अरे अब और देर क्यों कर रहा है, चाट ले अपनी बहन की चूत को और निकाल दे इसका सारा पानी. बहुत दिनों से मुझे परेशान करती रही है. फिर उसने मेरी चूत पर मुंह लगाया और उसे चाटने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने उससे 69 की पोजीशन में आ जाने को कहा ताकि मैं उसका लंड और वह आराम से मेरी चूत चाट सके. बस फिर क्या था, मेरे कहने भर की देरी थी वह झट से उल्टा हो गया. अब हम दोनों एक – दूसरे के यौनांगों को चाट के मजा लेने लगे. बहुत मज़ा आ रहा था दोस्तों, ऐसा लग रहा था जैसे मैं आसमान में उड़ रही हूं.
उसकी चूत चटाई के तरीके और उत्तेजना के चलते मेरी चूत
बार – बार पानी छोड़ रही थी और अनिल मस्त होकर उसे चाट रहा था. अब मुझसे और ज्यादा कंट्रोल नहीं हो रहा था इसलिए मैंने उसे चोदने का आदेश दे दिया.
फिर वह सीधा हुआ और उसने अपना लंड मेरी चूत के मुंह पर लगा कर जोरदार धक्के के साथ उसे अंदर धकेल दिया. मुझे हल्का दर्द हुआ लेकिन अब तक मेरे तन बदन में आग लग चुकी थी. जिसकी वजह से मुझे चुदाई के अलावा कुछ नहीं सूझ रहा था.
फिर मैंने उसको अपनी बाहों में कस के भींच लिया. अब उसकी छाती मेरी छाती से चिपक गई थी और उसका लंड पूरी तरह मेरी चूत में समा गया था. अब वह धक्के पर धक्के दे रहा था. उसका हर एक शॉट मेरी वासना को शांत कर मुझे असीम आनंद दे रहा था. मैं उसके हर धक्के के साथ अपनी चूत को सिकोड़ कर मज़े ले रही थी.
करीब एक घंटे तक मै अपने भाई से चुदवाती रही. फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए और उसने अपने वीर्य से मेरी चूत को भर दिया.
उस रात को आज 9 महीने हो गए हैं लेकिन हम आज भी रोजाना चुदाई करते हैं और जीवन का असली सुख भोगते हैं. लेकिन फिर कब भाई मेरो चूचियों को चूसता है तो उसमें से कुछ नहीं निकलता. आपको मेरी कहानी कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताएं.
फ़ेक कहानी
v.good kahani
Nice
Bahut sexy lagi
Pure bacchedani me Lund ghusane aur chuchi ke dudh PK chudai Kahani aur 9″ke Lund se chudai Kahani bheje.
Beti ke chuchi se dudh ka tapakana aur ghama san chudai Kahani bheje abhi turant
Mujse bhi chud le Randi me tuje tere Bhai se bhi Acha chodunga
Bahut hi acchi kahani hai kash main aapke bhai ki jagah hota
Face he bodi ke
Fuddi se khoon nikal gaya tha ki nahin
Mujhe bhi Pina hai aapka dudh
Doodh ke liye maa banna pdega bhai ke lund se
Mujse chudai krwayegi
Mujhe bhi aapko chodna hai