चट मंगनी …पट ब्याह वाली कहावत तो सबने सुनी ही होगी. लेकिन आज के युवा जोड़े चट मिलन…. पट चुदाई में यकीन रखते हैं. ये कहानी भी एक ऐसे ही युवा जोड़े की है. जो अपनी यौन इक्षाओं का दमन करने की बजाय उनका खुल कर इजहार करने में यकीन रखती है…….
दोस्तों मेरा नाम किंशुक तिवारी है। एक आदत जो मेरे अन्दर सबसे खास है वो ये कि मैं बकवास न करते हुए सीधे मुद्दे की बात करता हूँ. तो यहाँ भी मैं सीधे कहानी पे आता हूँ.
एक बार मैं किसी काम से अपने चाचा के घर गया हुआ था जो की मथुरा में रहते हैं। मेरे चाचा और उनके पडोसी की छत आपस में मिली हुई है। सर्दी की बात है, मै रोज छत पर टहलने के लिए जाता था। बगल की छत से एक लड़की मुझे हमेशा घूरती रहती थी। एक दिन मैंने उसे हाय बोला तो उसने भी हाय कहा। और उस एक हाय के बाद हमारी बात-चीत शुरू हो गयी. उसने अपना नाम नेहा बताया। मैंने उससे उसका मोबाइल नंबर माँगा तो उसने झट से दे दिया।
उस दिन के बाद मेरी उससे फ़ोन पर घंटो बातें होने लगी। धीरे –धीरे हम फ़ोन पर सेक्स की बातें भी करने लगे। एक दिन की बात हैं चाचा- चाची को 5 दिन के लिए कहीं बाहर जाना था. वो लोग सुबह-सुबह ही निकल गए। मैंने नेहा को फ़ोन पर बताया की चाचा- चाची कहीं बाहर गए हुए और 5 दिन बाद लौटेंगे तो वो बहुत खुश हुई। हमने रात में मिलने का प्रोग्राम बनाया। अब मैं रात होने का इन्तजार करने लगा।
मैंने अपनी झांटे साफ़ की और कम्प्यूटर पर पोर्न मूवी देखने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने नेहा को सोचकर मुट्ठ मारी और सो गया। रात के करीब 8 बजे उठा तो मैंने नेहा को फ़ोन करके 11 बजे अपनी छत से आने के लिए बोला। वो चुपके से 11 बजे मेरी छत पर आ गयी और मैंने उसे नीचे बुला लिया। उसने ब्लैक गाऊन पहना हुआ था। नीचे आते ही मैं उसपर किसी भूखे शेर की तरह टूट पड़ा और उसके गाल, गर्दन और लिप्स पर चूमने लगा।
मैं उसे अपनी गोदी में उठाकर चाचा के बेडरूम में ले गया और उसे बेड पर लिटा दिया। थोड़ी देर तक उसके अंगो को चाटने के बाद मैंने उसके गाऊन को फाड़ दिया। उसने नीचे काली ब्रा और काली ही नेट वाली पैंटी पहन रखी थी. वो ज्यादा गोरी तो नही थी पर उसका साँवला मदमस्त फिगर 34-32-34 किसी को भी अपना दीवाना बनाने के लिए काफी था। मैंने ब्रा और उसकी चड्डी को भी फाड़ दिया क्योंकि मैं उसके साथ वाइल्ड सेक्स करना चाहता था।
वो मुझसे बोली- अब मैं घर कैसे जाओंगी तुमने मेरे सारे कपडे फाड़ दिये।
मैंने उसके चुचे मसलते हुए कहा- टेंशन न लो! मै और दिला दूँगा।
मै उसके चूचे अपने मुँह में लेके चूसने लगा। वो जोर- जोर से सिस्कारियां भरे जा रही थी। आआआआआ उउउ ऊऊऊ इइइइइ…. करीब आधे घंटे तक मैं ने उसके पूरे जिस्म को चाट- चाट कर गीला कर दिया।
वो मुझसे बोली- मुझे तुम्हारा लन्ड अपने मुँह में लेना है.
मैंने उसको अपना 8 इंच लंबा लन्ड उसके हाथ में दे दिया वो मज़े से मेरे लन्ड को अपने मुँह में लेके रंडियो की तरह पीने लगीं। दोस्तों मैंने बहुत सी भाभियों और लड़कियों को चोदा है पर ऐसा मुखमैथुन मुझे किसी ने नही दिया।
अति उत्तेजना की वजह से मेरा पानी न निकल जाए इसलिए मैंने अपने लन्ड को उसके मुँह से निकाल कर इसकी चूत पर सेट किया और लन्ड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
वो कसमसा रही थी और कह रही थी- किंशुक! अब डाल भी दो अब रहा नही जा रहा है।
मैंने जैसे ही लन्ड को अंदर डाला तो वो छटपटाने लगी। मैंने उसकी परवाह न करते हुए पूरा का पूरा लंड़ एक ही बार में उसकी चूत मे घुसा दिया और धक्के लगाने लगा. कुछ देर के बाद वो भी अपनी गांड उठाकर मेरा साथ दे रही थी।
उसकी मुँह से अजीब- अजीब सी आवाजें निकल रही थीं- आआआआ उउउउ इइइइ और तेज आआआआइ फाड डालो ……….।
15 मिनट की चुदाई के बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया और वो झड गयी। लेकिन मेरा अभी तक पानी नही निकला था इसलिए मैं अभी भी इसकी चूत में धक्के पे धक्के लगाये जा रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने उससे पूछा – पानी कहा छोडना है तो वो बोली मेरी चूत के अंदर ही छोड़ दो मैं पिल्स ले लूँगी।
मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और फिर मेरा लंड तेज पिचकारी छोड़ता हुआ उसकी चूत में ही झड़ गया.
अब हम दोनों बेड पर लेट गए मैं उसके बूब्स दबा रहा था, और वो मेरे लन्ड को अपने हाथों में लेके उससे खेल रही थी। थोड़ी देर मैं मेरा लंड़ फिर से खड़ा हो गया।
मैंने उससे कहा – मुझे तुम्हारी गांड मारनी हैं!
उसने कहा- अब मैं तुम्हारी हूँ! तुम कुछ भी कर सकते हो।
उसकी इस बात से मैं बहुत खुश हुआ और समझ भी गया कि लौंडिया पहले से ही खेली खायी है. खैर! मैं उसको उठाकर बाथरूम में ले गया जहाँ मैंने उसकी पूरी बॉडी पर साबुन लगा दिया और उसकी गांड में अपना लंड डाल दिया. वो मज़े से अपनी गांड चुदवा रही थी और जोर-जोर से सिस्कारियां ले रही थी। करीब 20 मिनट तक उसकी गांड मारने के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी गांड में ही छोड़ दिया।
हमने एक दूसरे को साफ़ किया और हम वापस कमरे में आ गए मैंने चाची की अलमारी से उसको एक ब्रा पैंटी का सेट पहनने ले लिए दिया और फिर हम सो गए। सुबह के 4 बजे, मेरी आँखे खुली तो वो जाने के लिए तैयार खड़ी थी. मैंने उसको झटके से खींच कर बेड पर गिरा दिया और उसके बोबे दबाने लगा।
वो बोली- अभी मुझे जाना है, अब कल!
मैंने कहा- एक जल्दी वाला राउंड और.
वो मान गई। मैंने उसके गाउन को ऊपर कर दिया और उसकी पैंटी को एक साइड करके उसे अपने लंड पर बिठा लिया वो मेरे लंड पर धीरे धीरे ऊपर नीचे हो रही थीं। थोड़ी देर में मेरे लन्ड ने अपना माल छोड़ दिया। उसने अपनी फटी हुई ब्रा पैंटी से अपनी चूत और मेरे लन्ड को साफ़ किया और चली गयी।
दूसरे इन मैंने उसको 10-12 सेट ब्रा पैंटी के नए लाकर दिए वो बहुत खुश हुई। इन 5 दिनों में मैंने उसको हर स्टाइल से इतना चोदा की वो मेरे लन्ड की दीवानी हो गई।