पड़ोस की भाभी दिव्या

मैने दिव्या को बिस्तर पर खीच लिया और उसके सूट को उतार दिया| उसने नीचे लाल रंग की ही ब्रा पहनी थी| मै उसके दोनों आम ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा और साथ ही साथ उसकी सलवार का नाड़ा भी खींच कर उसकी सलवार उतार दी| जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया तो मैंने देखा की उसकी पैंटी गीली है……….

 

हेलो दोस्तों! मेरा नाम मनीष है, और मैं पंजाब का रहने वाला हूँ| मैं 27 साल का हु और अपना खुद का कारोबार करता हूँ|

ये कहानी मेरी और दिव्या की है| दिव्या के बारे मे मैं आपको बता दूँ कि वो 32 साल की है और बहुत ही सेक्सी औरत है| उसका जिस्म इतना कोमल है और उसके 34 साइज़ के बोबे इतने मस्त हैं कि जिसको देखते ही किसी का भी लौड़ा खड़ा हो जाय|

अब कहानी पर आते है| बात आज से 3 साल पहले की है, जब मैं 24 साल का था| मैं रोज़ सुबह सैर के लिये पास के एक पार्क में जाया करता था| वहीँ मुझे एक भाभी दिखाई दी उसका नाम दिव्या था| भाभी थीं तो 32 साल की पर देखने में 25 की ही लगती थी| इतनी कमाल की थी की जो भी देखे तो बस देखता ही रह जाये|

मैं रोज़ उसको वहाँ सैर करते देखता था और वो भी मुझे रोज़ घूरा करती थी, जैसे अभी खा ही जायेगी मुझे| मुझे वो बहुत अच्छी लगती थी पर इतनी हिम्मत नहीं थी की कुछ बात कर पाऊं| फिर एक दिन मैं हिम्मत करके उसके पास गया और उसको हेलो बोला| उसने भी जवाब में हेलो कहा| फिर हमने बातचीत का सिलसिला शुरू किया :

मैं – आप यहाँ रोज़ आती हो?

दिव्या – हाँ! तक़रीबन हर दिन| पर आप को मैं कुछ दिन से ही देख रही हूँ| पहले तो कभी नहीं देखा|

मैं – मेरा कॉलेज अभी खत्म हुआ है तो अब फ्री हूँ| इसलिए आ जाता हूँ|

दिव्या – कहाँ तक पढ़े हो आप?

मैं- मैने अभी MBA की है

दिव्या – ओके! अभी मुझे घर जाना है मेरे बच्चों के स्कूल जाने का टाइम हो गया है|

उसके बाद कुछ दिनों तक हम ऐसे ही मिलते रहे और बात करते रहे| इस दौरान हम दोनों में काफी गहरी दोस्ती हो गयी| अब हम एक दूसरे से फ़ोन पर भी बात करते और कभी- कभी बाहर कॉफ़ी के लिए भी जाया करते थे| फिर आखिर कर वो दिन आ गया जब मेरी ज़िन्दगी बदल गयी|

एक दिन सुबह 11 बजे मुझे दिव्या का फ़ोन आया|

दिव्या – कहा हो आप?

मैं – अभी तो ऑफिस में आया हूँ| क्यों क्या हो गया?

दिव्या – कौन सा ऑफिस? काम में व्यस्त हो क्या?

मैं- पापा का अपना कारोबार है| बस वही हूँ| बताओ कुछ काम है क्या?

दिव्या – नहीं बस कोई घर पर नहीं था तो बोर हो रही थी| सोचा तुमसे बात कर लूँ|

मैं – कोई काम कर लो या टीवी देख लो| मन लग जायेगा और अगर न लगा तो मैं आ जाता हूँ तुम्हारे घर|

दिव्या – नहीं लगा| तभी तो मैने फ़ोन किया तुमको| हाँ अगर तुम फ्री हो या ज्यादा काम नहीं है तो आ जाओ| कहीं कॉफ़ी पी कर आते है|

मैंने हाँ कर दी और 35 मिनट के बाद भाभी के घर में पहुच गया| भाभी मेरा ही इंतज़ार कर रही थी| जैसे ही मैने दरवाज़े की घंटी बजायी तो दिव्या ने दरवाजा खोला| मैने जेसे ही उसको देखा तो बस देखता ही रह गया| उसने लाल रंग का पटियाला सूट पहन हुआ था जिसके साथ पीले रंग का दुपट्टा था|

मैं उसको ऊपर से नीचे अभी देख ही रहा था की उसने कहा- मनीष क्या देख रहा है?

उसने जैसे ही मुझे पूछा तो मैं होश मैं आया और मेरे मुँह से “आई लव यू” निकल गया| मेरी बात सुनते ही वो हँसने लगी और मुझे अंदर आने का इशारा करके अंदर चली गयी| मैं भी उसके पीछे – पीछे अंदर आ गया अंदर आ कर हम दोनों सोफे पर बैठ गए|

उसने मुझे पूछा- क्यों कमीने? मुझे आई लव यू क्यूँ बोला? तेरी गर्लफ्रेंड को बता दूँगी तो बहुत मार पड़ेगी उससे|

मैं – किसको बताओगी? मेरी तो कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है| तभी तो तुमको आई लव यू कहा| चलो अब तुम भी आई लव यू कह दो|

दिव्या – शर्म कर! मैं पहले से ही शादी- शुदा हूँ| अब बोला तो तुम्हारी पिटाई होगी मेरे से|

मैं – ओके! पिटाई कर लो, पर उसके बाद तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी|

दिव्या – पागल! ऐसा नहीं हो सकता| समझा करो न! मैं ये सब नहीं कर सकती|

मैं – क्यों नहीं कर सकती? किस बात का डर है तुमको?

काफी ना- नुकुर के बाद आखिरकार वो मान गयी और हाँ करके वो मेरे लिए चाय बनाने चली गयी | फिर मैं भी उसके पीछे- पीछे रसोइ में चला गया और उसको पीछे से जा कर पकड़ लिया| एक दम से उसने मेरी तरफ देखा|

वो पूछने लगी- क्या कर रहे हो? छोड़ो मुझे चाय बनाने दो|

मैने उसको अपनी तरफ घुमाया और उसके होठों पर अपने होंठ रख कर किस करने लगा| वो भी मेरा साथ देने लगी| फिर वो मेरा हाथ पकड़ कर अपने कमरे में ले गयी और मुझे बिस्तर पर बिठा कर मेरी जीन्स की ज़िप खोल दी| उसने मेरे लौड़े को बाहर निकाल लिया, जो पहले से ही तना हुआ था| मेरे लौड़े को देखते ही उसके मुँह मे पानी आ गया और वो मेरे लौड़े को मुह में लेकर चूसने लगी|

लगभग उसने 15 मिनट तक मेरा लौड़ा चूसा| अभी वो मेरा लौड़ा चूस ही रही थी की मेरा जिस्म अकड़ने लगा और मुझे लगा| मेरा पानी निकालने वाला है मैने उसको कहा तो उसने कहा मेरे मुँह में ही छुड़ा दो और दो तीन जोर दार धक्के उसके मुँह में लगाने के बाद मेरा सारा पानी उसके मुँह मे निकाल दिया| उसने मेरा पानी पी लिया|

उसके बाद मैने दिव्या को बिस्तर पर खीच लिया और उसके सूट को उतार दिया| उसने नीचे लाल रंग की ही ब्रा पहनी थी| मै उसके दोनों आम ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा और साथ ही साथ उसकी सलवार का नाड़ा भी खींच कर उसकी सलवार उतार दी| जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया तो मैंने देखा की उसकी पैंटी गीली है|

अब दिव्या लाल रंग की ब्रा पैंटी में थी| धीरे- धीरे मैने उसकी ब्रा और पैंटी निकाल दी और उसने भी मेरे सारे कपडे उतार दिए| अब हम दोनों कमरे में नंगे थे| मैने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा| वो बिस्तर पर लेटी हुई सिसकिया भरने लगी और धीरे धीरे बडबडा रही थी- और जोर से चाटो! पूरी जीभ अंदर डाल दो!

उसकी आवाज़ से मुझे भी जोश आने लगा और मैं उसकी चूत को चाटता रहा| थोड़ी देर में उसने अपना पानी छोड़ दिया| मैने उसका सारा पानी पी लिया और चूत को चाट कर साफ कर दिया| फिर हम दोनों किस करने लगे|

दिव्या ने कहा- चलो अब मुझे अपनी पत्नी बना लो| आज जो करना है कर लो बाद में कहोगे की दिव्या ने प्यार का तोहफा नहीं दिया|

फिर मैने उसकी टाँगें खोल दी और अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा| उसकी शादी को 8 साल हो गये थे| और आज भी ऐसा लग रहा था, जैसे कुँवारी हो | मैने जैसे ही उसकी चूत में अपना लंड घुसाया तो वो चिल्ला उठी और दर्द से तड़पने लगी| उसको दर्द होता देख मैं वेसे ही रुक गया|

मैंने पूछा- तेरी अभी तक इतनी कसी हुई चूत है, ऐसा क्यों?

दिव्या ने जवाब दिया – मैंने एक साल से सेक्स नहीं किया| मेरे पति अपने काम में इतना व्यस्त रहते है की उनके पास मेरे लिया बिलकुल टाइम नहीं होता|

बात करते- करते उसका दर्द भी कम हो गया और उसने मुझे इशारा किया और मै अब धक्का लगाने लगा| मैने एक जोर का झटका मार तो मेरा आधा लौड़ा उसकी चूत मैं चला गया और मैने तीन- चार धक्के के बाद फिर एक जोर का झटका मार और अपना पूरा लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया| अब मैं धीरे- धीरे धक्के मारने लगा और दिव्या सिसकिया भरने लगी| उसकी सिसकियो से पूरा कमरा गूंज रहा था| अब मैने अपने धक्को की रफ़्तार बड़ा दी थी और दिव्या भी कमर उठा – उठा कर मेरा पूरा साथ दे रही थी|

मैं समझ गया था की अब वो झड़ने वाली है इसलिए मैने भी धक्को की रफ़्तार बडा दी और फिर हम दोनो एक साथ झड़ गए और निढाल हो कर एक दूसरे को चिपक कर लेट गये|

आपको मेरी कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताना दोस्तों|

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