मेरे पूर्णतया आश्वस्त हूँ की मेरे जितने भी पुरुष पाठक हैं उन्होंने कभी न कभी मुठ (हस्तमैथुन) तो जरूर मारी होगी. जरा सोचो! की यदि आपको ऐसा करते कोई सामने से पकड़ ले तो? मेरे साथ ऐसा ही हुआ. लेकिन ये घटना मेरे जीवन की दुखद नहीं, बल्कि सुखद यादों में शुमार हो गयी……….
नमस्कार दोस्तों! मेरा नाम राहुल है. मै इंदौर में रहता हूँ. मै अन्तर्वासना पर रोज कहानी पढ़ता हूँ! मुझे यहाँ लिखी कहानियाँ काफी अच्छी लगती हैं. फिर मैने सोचा की मुझे भी अपनी कहानी यहाँ शेयर करनी चाहिए.
ये कहानी तब की है जब मै 12वी मे पढाई कर रहा था. मेरे घर के सामने वाले घर में एक आंटी रहती थीं. उनकी 1 लड़की और 1 लड़का था. लड़का बड़ा था और वो एक कंपनी में काम करता है. वो रोज सुबह काम पर चला जाता है और शाम पांच बजे तक आता है. लड़की 18 साल की है वो भी पढाई करती है. लेकिन क्या मस्त सेक्सी लड़की है? उसको देखते ही लंड खड़ा हो जाता है. मन करता है कि अभी पकड़ के चोद दूँ.
अब शोरूम का माल भी तो गोदाम से निकल कर ही आता है न? तो अब आपको इस शोरूम के गोदाम यानी आंटी से परिचय कराता हूँ. आंटी की उम्र 40-42 के करीब की है. उनका फिगर 36- 28- 38 का है. बूब्स इतने मस्त की मन करता है कि मिल जाये तो मसल डालूं. जब आंटी के घर मे कोई नहीं रहता और उन्हें कोई काम पड़ता है तो वो मुझे बुला के करवा लेती है.
आंटी के पति 10 साल पहले ही मर गए थे. एक दिन मेरे घर में कोई नहीं था तो मै टीवी में ब्लू फ़िल्म देख रहा था. मेरा लंड जो 7 इंच का है पूरा खड़ा हो गया था. मैने अपनी पैंट उतारी ओर मुठ मारने लगा. मै जोर-जोर से मुठ मार रहा था. मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं भूल गया कि मेन गेट खुला रह गया. मै अपना लंड हिलाने में मगन था तभी मुझे ऐसा लगा कि पीछे कोई खड़ा है. मैंने पलट के देखा तो मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. सामने आंटी खड़ी थीं. मेरा डर के मारे बुरा हाल हो गया.
आंटी बोलीं- ये क्या कर रहे हो?
मैने झट से पैंट पहनी और बोला- आंटी प्लीज!! किसी को बताना मत.
आंटी बोली- नहीं बताउंगी पर तू अगर मेरी बात मानेगा तो.
मै बोला- मानूँगा, आप की हर बात मानूंगा.
आंटी बोली- मेरे घर चलो.
मैंने बोला- ठीक है.
और मैं आंटी के घर चला गया. आंटी बोली – तुम ये सब क्यों करते हो?
मै कुछ नहीं बोला तो आंटी फिर बोली- कभी किसी लड़की के साथ भी किया है?
मै बोला- नहीं.
वो बोली – सिर्फ हिला के ही काम चलाओगे?
मै कुछ नहीं बोला तो वो बोली- किसी औरत के साथ करोगे?
मै जीभ लपलपाते हुए बोला- किसके साथ?
आंटी – तू बता करेगा की नहीं?
मै बोला- करूँगा.
आंटी- तुझे मेरे साथ करना है. बोल करेगा?
कहकर आंटी मेरे सामने ही साड़ी के ऊपर से अपनी चूत रगड़ने लगीं. मुझे तो अपने कानों पर विश्वाश नहीं हो रहा था कि मुझे इस तरह आंटी की चुदाई करने का मौका मिल जायेगा. मैं तो झट से राजी हो गया.
आंटी बोली- चलो रूम में!
हम दोनों बेडरूम मे गए. आंटी ने गेट बंद किया. यही उनका अनुभव था कि जो गलती मैंने की थी वो उसे नहीं दुहरा रही थीं. वो बेड पे बैठ गई. मै भी बेड पे चढ़ गया और आंटी को किस करने लगा. आंटी भी बेतहाशा मुझे चूमने लगीं. दोनों एक दूसरे के मुह में जीभ डाल के चूस रहे थे.
मेरा एक हाथ आंटी की गोल चूची पर पहुँच गया और ब्लाउज़ के ऊपर से आंटी की चूचियाँ मसलने लगा. पैन्ट के अन्दर मेरा लंड अकड़ने लगा. आंटी ने मेरा पैन्ट खोल कर मेरा हलब्बी लौड़ा अपने हाथ में ले लिया और मुठ मारने लगीं. मैंने आंटी का ब्लाउज़ और ब्रा उतार दिया. आंटी की दोनों चूची बाहर आ गई. अब मै दोनों हाथों से आंटी की सेव जैसी चूची को मसल कर टमाटर जैसा लाल करने लगा.
आंटी जोर से इस्सस… सीईई…और जोर से मसल डालो मेरी चूची को बेटे!! कहने लगीं.
अब आंटी मेरे लंड को पकड़ के सहलाने लगीं. मैंने आंटी का पेटीकोट उतार दिया. आंटी ने अंदर कुछ नहीं पहना था. काली झांटों में आंटी की चूत क़यामत लग रही थी. मै तो पागल हो रहा था. मै आंटी की चूत मे 1 ऊँगली डाल के आंटी को चोदने लगा.
आंटी तेज- तेज चिल्लाने लगी- अआह..अआह्ह उफ्फ्फ…
अब मै आंटी के पैरों के बीच आ गया और आंटी की चूत में जीभ डाल के चूसने लगा. आंटी तो जैसे पागल ही हो गई.
बोलने लगीं- अआह..अआह्ह उफ्फ्फ… अब बर्दाश्त नहीं होता बेटा! डाल दो अपना लंड मेरी चूत में. चोद डालो मुझे. बहुत दिन से मेरी चूत प्यासी है.
मै उठा और आंटी के पैर फैलाकर अपना लंड आंटी की चूत पे सेट किया. आंटी की चूत पहले से ही पूरी गीली हो गई थी. थोड़ी देर उनकी नमकीन चूत को चाटने के बाद मैने जोर से धक्का मारा. एक ही बार में मेरा पूरा लंड आंटी की चूत में घच्च की आवाज के साथ घुस गया. आंटी की गर्म चूत का अहसास मेरे लंड पर इतना अच्छा लग रहा था की पूछो मत. मै जोर से आंटी को चोदने लगा. आंटी अजीब- अजीब सी आवाजें निकालने लगी.
उस्सस्स….सीईई… येःह्ह….ओह…चोदो मुझे आह.. आह जोर से!! अहह्हज….
काफी देर तक जोरदार चुदाई के बाद आंटी का शरीर अकड़ने लगा. आंटी ने जोर से मुझे पकड़ लिया. वो कस के मुझसे चिपक गई और आंटी झड़ने लगी. आंटी की चूत के गर्म- गर्म पानी का एहसास मैं भी ज्यादा देर तक सह नहीं सका और मेरे लंड ने भी वीर्य की पिचकारी आंटी की चूत में ही मार दिया. दो- तीन पिचकारी में मेरा पूरा पानी आंटी की चूत में झड़ गया.
कुछ देर हम ऐसे ही पड़े रहे. फिर मै उठा और बाथरूम में जाकर अपना लंड साफ किया और आकर कपडे पहने. तब आंटी ने भी कपड़े पहने और बोली- वह राहुल तुम तो मस्त चुदाई करते हो. बहुत मजा आया!!
तब से जब भी मौका मिलता है, मै आंटी की जमकर चुदाई करता हूँ. तो दोस्तों! कैसी लगी आपको मेरी कहानी? मुझे मेल करके जरूर बताना. मेरी ये पहली कहानी है. अगर कोई गलती हुई हो तो अपना सुझाव जरूर दें.