पड़ोस वाली भाभी की ब्रा – पैंटी फाड़ दी मैंने

मेरे पड़ोस में मस्त भाभी रहती थीं. उनके पति विदेश में रहते थे और साल में एक बार ही आते थे. ऐसे में वो वासना की आग में जलती रहती थीं. मैंने उन्हें पता लिया और उनकी ब्रा – पैंटी फाड़ कर जबरदस्त चुदाई की…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम राज है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, अगर कोई गलती हो तो नज़रअंदाज कर देना.

दोस्तों, मैं पिछले दस सालों से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. यहां प्रकाशित अधिकतर कहानियां मुझे अच्छी लगती हैं और इन्हें पढ़ते टाइम मेरे लन्ड में कड़कपन आ जाता है. इन्हीं कहानियों को पढ़ कर मैंने भी सोचा कि क्यों न मैं भी अपनी कहानी आप लोगों के साथ साझा करूं. आखिर पाठक ही तो यहां अपने सेक्स अनुभव शेयर करते हैं. हम पाठक अपने अनुभव और कहानी नहीं लिखेंगे तो फिर कौन लिखेगा.

मेरी ये ऐसी कहानी है कि बड़े – बड़े मर्दों के लौड़े खड़े करके उन्हें हिलाने पर मजबूर कर देगा और जो भाभियां और आंटी या कोई भी लड़की इसे पढ़ेगी तो उसकी चूत से पक्का रस निकल जायेगा.

अब कहानी पर आता हूँ. मेरा नाम राज है और मैं 28 साल का मस्त गबरू जवान हूँ. मेरी लंबाई 5 फुट 10 इंच है. दोस्तों, मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती हैं. वो देखने में बिल्कुल गोरी – चिट्टी हैं. उनका नाम (बदला नाम) पायल है और वो बहुत ही सेक्सी हैं. पायल भाभी की उम्र 35 साल है.

पायल भाभी के हसबैंड विदेश में रहते हैं. इसलिए उनका आना कम होता था. दोस्तों, एक और बात. शादी के 7 साल होने के बावजूद अभी उनके कोई बच्चा नहीं है इसलिये देखने मे वो 25 साल की ही लगती हैं. क्या मस्त गदराया हुआ बदन है उनका! साइज 34 32 36 है. उन्हें देख कर तो अच्छे – अच्छे का पानी निकल जाये. मेरा तो ना जाने कितनी बार निकला होगा और न जाने कितनी बार मैंने उनके नाम की मुठ मारी होगी.

मैं हमेशा इसी तलाश में रहता था कि कैसे भी करके बस एक बार भाभी की मस्त बुर चोदने को मिल जाये, फिर तो मैं खुद ही उन्हें ठीक कर लूंगा. दोस्तों, जब वो बालकनी में खड़ी होती तो उनको छुप – छुप के देखता था और जब वो छत पर अपने कपड़े सूखने के लिये डालती तो मैं उनकी पैंटी और ब्रा को देखता. उनकी ब्रा और पैंटी देख कर ही मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता और फिर मैं मुठ मारने को मजबूर हो जाता.

जब काफी कोशिश के बाद भी कुछ नहीं हुआ तो फिर मैंने भाभी से दोस्ती करने की सोची और इसके लिए खुद ही पहल की. अब मैं किसी न किसी बहाने उनके घर जाता और उनसे बातचीत करने लगता. धीरे – धीरे हमारी दोस्ती हो गयी और हम एक अच्छे दोस्त बन गये.

शुरुआत में तो भाभी और मैं एक – दूसरे से नॉर्मल बातें ही शेयर करते थे लेकिन फिर जैसे – जैसे समय बीतता गया हमने अपनी पर्सनल लाइफ के भी बारे में भी बात करना शुरू कर दिया. अब भाभी कभी – कभी अपने और अपने हसबैंड की रिलेशनशिप के बारे में भी बात करने लगतीं. लेकिन ये बातें एक हद तक अपनी सीमा में ही हो रही थीं.

कुछ दिन बाद हमने अपने नम्बर भी एक्सचेंज कर लिए. इसके बाद फिर देर रात तक हमारी बातें होने लगीं. फिर एक दिन मैं उनके घर ही था. हमारी बातें हो रही थी कि तभी उन्होंने मझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो मैंने कहा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. यह सुन कर उन्होंने पूछा कि तो फिर तुम्हारी सेक्स लाइफ कैसे चलती है, खुद को कंट्रोल कैसे करते होंगे?

इस पर मैंने कहा कि अभी तक आपको ही देख कर काम चला रहा हूँ. यह सुन कर भाभी ने मुस्कुरा दिया. फिर मैंने उनसे उनकी सेक्स लाइफ के बारे में पूछा तो वो उदास हो गईं. मैंने देखा कि उनकी आंखें भी नम हो चुकी थीं. खैर, उन्होंने कहा कि वो तो साल में एक बार ही आते हैं और वो भी सिर्फ 15 दिन के लिए ही तो उसमें क्या होगा! फिर थोड़ा रुक कर उन्होंने कहा, “और तो और ठीक से कुछ हो भी नहीं पाता है, वो जल्दी ही डिस्चार्ज हो जाते हैं और फिर मैं बेड पर अकेले ही तड़पती रहती हूँ”.

ये बोल कर भाभी मेरे कंधे पर सिर रख के रोने लगीं. अब मुझ में भी थोड़ी हिम्मत आ गई तो मैंने उनसे कहा कि आप चिन्ता मत करो आपकी समस्या का समाधान मैं कर दूंगा. फिर थोड़ा रुक कर मैंने उनसे कहा कि देखो आपको हट्टे – कट्टे मर्द की जरूरत है मुझे आपके जैसी मस्त गर्लफ्रेंड की तो क्यों ना हम दोनों ही एक – दूसरे की जरूरत हो पूरा कर दें.

आप यकीन नहीं मानेंगे दोस्तों, जैसे ही मैंने ये शब्द बोले वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगीं. शायद वो भी यही चाहती थीं. फिर तो वो हुआ जो मैं हमेशा से ही करना चाहता था.

उनको मुस्कुराते देख मैंने तुरंत ही भाभी के सुंदर गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिये और उन्हें चूसने लगा. होंठ चूसते – चूसते कभी मैं उनके बालों को सहलाता तो कभी कानों को चाट लेता. जब मैं उनके कानों की लौ को काटता तो वो चिहुंक उठतीं.

किस करने के दौरान कभी – कभी मैं उनके सुंदर गालों को भी चूम लेता था. दोस्तों, ऐसा लग रहा था, जैसे मैं जन्नत में हूँ. अब भाभी भी मेरे किस का जवाब दे रही थीं और यहाँ – वहाँ लगातार किस करती जा रही थीं.

दोस्तों, भाभी बहुत हॉट थीं, इसलिए वो केवल हॉट कपड़े ही पहनती थीं. वो अक्सर शॉट्स और स्कर्ट पहनती थीं, जिसमें उनकी गोरी – गोरी चिकनी चिकनी टांगें दिखाई देती थीं.

उस दिन उन्होंने स्लीवलेस रेड कलर का सिंगल पीस पहना था जो घुटनों तक था और इसमें से उनकी चिकनी टांगें एक दम साफ दिखाई दे रही थीं. देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया था. चूमते – चूमते न जाने कब मैंने उनके बदन से कपड़े को अलग दिया.

अब वो मेरे सामने केवल ब्रा और पैंटी में थीं. उन्होंने ब्लैक कलर की ब्रा और पैंटी पहन रखी थी. जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थीं. फिर मैं उन्हें उठा कर बेडरूम में ले गया और बेड पर पटक दिया. इसके बाद मैं उनके पूरे शरीर चूमने और चाटने लगा. मेरे ऐसा करने से वो सिसकियां लेने लगीं.

फिर थोड़ी देर बाद मैंने उनकी ब्रा और पैंटी को फाड़ कर फेंक दिया. वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थीं. दोस्तों, आप यकीन नहीं मानेंगे इतने देर बाद अब मुझे अपने कपड़ों का खयाल आया. मैंने उन्हें उतारने ली सोची तो देखा कि मेरे शरीर पर एक भी कपड़ा है ही नहीं. भाभी ने मेरे कपड़े कब उतार दिए ये पता ही न चला.

फिर मैं उनके ऊपर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा. अब मैं उनके एक – एक अंग को बड़ी तल्लीनता से चाट रहा था. क्या बताऊं दोस्तों, उनके शरीर की सुगंध ने मुझे बिल्कुल मदहोश सा कर दिया था. मैं किसी भी तरह उनके बदन से अलग होना ही नहीं चाहता था.

तभी मेरा एक हाथ उनकी चूचियों पर चला गया. अब एल हाथ से मैं उनकी एक चूची को धीरे – धीरे दबा रहा था और दूसरी को मुंह में भर कर चूस रहा था. बहुत मज़ा आ रहा था दोस्तों. मुझे ही नहीं उन्हें भी. वो मस्त होकर लगातार सिसकियां भर रही थीं.

तभी मुझे अपना खयाल आया. मैं उठा और उनका मुंह खोल कर लन्ड अंदर कर दिया. मेरा लन्ड उनके गले तक पहुंच गया था. अब वो धीरे – धीरे मेरे लौड़े को चूसने लगी थीं. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था दोस्तों.

थोड़ी देर बाद फिर हम 69की पोजीशन में आ गये. अब मैं मज़े से उनकी चूत चाट रहा था. दोस्तों, उनकी चूत से लगातार कसैले टेस्ट वाला चिपचिपा पानी निकल रहा था, जिसे मेरी जीभ साफ करती जा रही थी.

जब भी मैं जीभ उनकी चूत के अंदर करता वो अपने गांड उठा कर और अंदर लेने की कोशिश करने लगतीं. करीब 5 मिनट की चूत – लन्ड चुसाई के बाद मैं सीधा हो गया और फिर लन्ड उनकी चूत के छेद पर रख के रगड़ने लगा.

मेरे ऐसा करने से वो सिहर उठीं और बोलीं, “मेरे राजा, अब क्यों कर रहा है देर, बजा दे मेरी चूत का बाजा. बहुत दिनों से चुदी नहीं हूँ, ये बेचारी तो लन्ड लेने को तरस गई. गाजर – मूली न होती तो अंदर की गर्मी से जल ही गई होती. बस अब जल्दी से लन्ड अंदर डाल कर इसकी सारी गर्मी मिटाओ”.

उनके मुंह से यह सुन कर मैं और जोश में आ गया. फिर मैंने एक धक्का देकर पूरालन्ड अंदर पेल दिया. भाभी को भी मेरा लन्ड अंदर लेने में कोई दिक्कत नहीं हुई, क्योंकि वो अपनी चूत में अक्सर गाजर – मूली डालती रहती थीं.

अब मैं धकापेल चुदाई करने लगा. धक्के पर धक्का दे रहा था. नीचे से भाभी भी अपनी गांड उठा कर पूरा लन्ड अंदर ले रही थीं. बहुत मज़ा आ रहा था दोस्तों. उनका चूत रस जब मेरे लन्ड में लगा तो ऐसा अद्भुत आनंद आया कि बता नहीं सकता. कंडोम काइस्तेमाल करने वाले उस सुख से वंचित रह जाते हैं (हालांकि, सुरक्षा के लिए कंडोम जरूरी है).

करीब 16-17 मिनट तक मैं मज़े से भाभी को चोदता रहा और वो चुदती रहीं. अब मेरा लन्ड पूरे फॉर्म में था. तभी एक – दो धक्के के बाद लन्ड से पिचकारी छूट गई और मेरा पूरा माल उनकी चूत में भर गया. अब तक भाभी पता नहीं कितनी बार पानी छोड़ चुकी थीं.

उस दिन मैंने एक बार और भाभी की चुदाई की और फिर घर आ गया. अगले दिन मैं बाजार गया और वहाँ से इमरजेंसी पिल्स लाकर भाभी को दी, इसलिए कि कहीं वो मेरे स्पर्म से प्रेग्नेंट न हो जाएं.

उस दिन के बाद से तो हमारा ये रोज का नियम बन गया था. अब हम रोज चुदाई करते थे और दिन में पति – पत्नी के जैसे ही रहते थे. बाद में वो मेरे बच्चे की मां भी बनीं. उन्हें लड़का हुआ था, जो बिल्कुल मेरे पर ही गया था लेकिन वो कहानी फिर कभी. आप लोगों को मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताना. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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