मैं हूं तो एक नम्बर का चुदक्कड़ लेकिन मैं डरता बहुत हूं. इस वजह से काफी दिनों तक मुझे चूत नसीब नहीं हुई थी. ये जो कहानी मैं आप को वताने जा रहा हूं यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है. तब मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली आंटी की चूत और गांड फाड़ी थी…
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम सोहन है और मैं उत्तर प्रदेश एक छोटे गांव में रहता हूं. मेरा गांव मेरठ रोड पर है. जहां मैं अपनी फैमिली के साथ रहता हूं. हमारे परिवार में चार लोग हैं – मैं, मेरी मम्मी, मेरे पापा और मेरा छोटा भाई.
दोस्तों, मेरी यह कहानी बिल्कुल सच्ची है. इस कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि मेरी पहली मज़ेदार सुहागरात कैसे हुई.
अब आप लोगों का ज्यादा समय न व्यर्थ करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूं. मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती थीं. उनकी उम्र 27 साल के आसपास थी. उनका बदन एक दम गठीला और बूब्स काफी बड़े थे. कोई उनकी गांड देख ले तो पागल हो जाए. उनका फिगर 32 36 40 का था. कुल मिलाकर वो एक मस्त माल थी.
उसके पति बाहर एक फैक्ट्री में काम करते हैं.हैं उनके दो बच्चे हैं – एक लड़का और एक लड़की. दोनों बाहर रहते हैं और बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई करते हैं.
पड़ोस में होने के कारण हम अक्सर एक – दूसरे के घर आते – जाते रहते थे. मैं जब भी उसे देखता तो मेरा लंड खड़ा हो जाता और मैं चुदाई करने के लिए बेकरार हो जाता.
एक दिन दोपहर को जब मैं उनके घर गया तो मैंने देखा कि दरवाजा अंदर से बन्द है और आंटी कुछ कर रही हैं. फिर मैंने खिड़की से देखा तो आंटी अपने नीचे के बाल साफ कर रही थीं. मुझे उनकी गुलाबी चूत एक दम साफ दिख रही थी.
यह देख मैं पागल हो गया था और मेरा लंड खड़ा होकर फटने को हो रहा था. इतना देखने के बावजूद मैं वापस अपने घर आ गया. मैं कुछ नहीं कर पाया क्योंकि मैं डर रहा था.
फिर एक दिन आंटी ने मुझे फोन करके बुलाया और कहा – सोहन, घर आ जाओ एक काम करना है. जब मैं उनके घर गया तो वहां थोड़ा समान था, जिसे दूसरे स्टोर में शिफ्ट करना था.
वह सामान थोड़ा भारी था और अकेले उसे उठाना मुश्किल था. इसके बाद हम दोनों मिल कर उस समान को उठाने लगे. समान को उठाने के लिए जैसे ही आंटी झुकीं तो मुझे उनके बूब्स दिखने लगे. अंदर उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी. उनके बूब्स देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.
फिर हमने मिल कर समान उठाया और दूसरे कमरे में ले गए. समान रखने के बाद जब आंटी पीछे मुड़ीं तो मेरा खड़ा लंड उनकी गांड से टच हो गया. इस पर वो चौंक गईं लेकिन बोला कुछ नहीं.
फिर थोड़ा आगे बढ़ कर वो मुझसे बोलीं – तुम मेरे बेडरूम में चलो मैं अभी आई. उनके इतना कहने पर मैं बेडरूम की तरफ चला आया और वहां आकर उनके बेड पर बैठ गया. उधर वो बाहर वाले दरवाजे की तरफ गईं और उसको लॉक करके वापस बेडरूम में आ गईं.
बेडरूम में आने के बाद वह मेरे बगल में बैठ गईं और बोलीं – सोहन, तुम्हारा लंड तो बहुत मस्त है. फिर इतना कहते ही उन्होंने झुक कर मेरा लोवर और मेरी अंडर वियर को उतार दिया. इसके बाद वो मेरे खड़े लंड को हाथ में लेकर उसे सहलाने लगीं.
मेरा लंड तो पहले से ही तैयार था. यह देख मैंने भी उनके मम्मों को पकड़ लिया और दबाने लगा. फिर उन्होंने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगीं.
जिस तरह से वो लंड चूस रही थीं ऐसा लग रहा था कि इस काम में पूरी एक्सपर्ट हैं. फिर मैंने उनके कपड़ों के अंदर अपना हाथ डाल दिया और उनके मम्मों को दबाने लगा.
तभी आंटी मेरे सर के ऊपर आ गईं और अपनी सलवार को नीचे करते हुए मेरे मुंह पर अपनी चिकनी चूत को रख दिया. दोस्तों, क्या बताऊं मैं! उनकी चूत की खुशबू से मैं पागल हो गया था और जीभ निकाल कर चाटने लगा.
इसी बीच वो झुक कर नीचे की तरफ गईं और मेरा लंड फिर से मुंह में लेकर चूसने लगीं. अब हम 69 की पोजिशन में थे और चूसने – चुसवाने में हमें बहुत मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर बाद हम दोनों झड़ गए. वे मेरा वीर्य और मैं उनका चूत रस पी गया. फिर हमने जीभ से ही एक – दूसरे के अंगों को साफ किया.
इसके बाद आंटी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मुझसे भी उतारने को कहा तो मैं भी उतार कर तैयार हो गया. फिर हम एक – दूसरे को किस करने लगे. इससे वो फिर से गर्म होने लगीं. थोड़ी देर बाद वो बोलीं – सोहन, मेरी चूत को इतना चोदो कि आज ही इसकी सारी प्यास बुझ जाए.
इसके बाद मैंने अपने लंड को उनकी चूत के छेद पर रखा और एक जोरदार धक्का दे दिया. इस धक्के की वजह से मेरा आधा लंड उनकी चूत में घुस गया. दोस्तों, उनकी चूत काफी टाइट थी. इसलिए एक बार तो मुझे लंड में जलन सी महसूस होने लगी थी.
लेकिन मैं भी पूरे जोश में था. उस जलन को दरकिनार करते हुए मैंने एक और धक्का मारा तो वो चीख उठी. उनके मुंह से ‘उई मां मर गई’ की आवाज निकल गई. लेकिन मैंने तुरन्त ही उनके होंठों को अपने होंठों की कैद में। ले लिया, जिससे आवाज बाहर नहीं निकल पाई लेकिन उनकी आंखों से पानी निकलने लगा था.
इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा. मुझ पर तो चुदाई का भूत सवार था. फिर मैं जोर – जोर से उन्हें चोदने लगा. कुछ देर बाद उनको भी मज़ा आने लगा और वो बोलीं – चोदो और जोर से चोदो, फाड़ डालो इसे.
यह सुन कर मैं और जोश में आ गया. अब मैं और तेजी से धक्के मारने लगा. जिससे सारे रूम में फच्च – फच्च की आवाज गूंजने लगी थी. आंटी के मुंह से भी अब मादक सिसकियां निकल रही थीं. उनकी सिसकारी सुन कर मुझे और मज़ा आ रहा था.
करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया. थोड़ी देर बाद मैंने कहा कि आंटी मुझे आप की गांड मारनी है तो उन्होंने खुश होते हुए कहा – आ जाओ मेरे राजा उसको भी पेल लो.
इतना कहने के बाद वो डॉगी स्टाइल में आ गईं. इसके बाद मैंने अपने लंड और उनकी गांड पर थूक लगाया. फिर मैंने झटका देकर उनकी गांड में अपना लंड डाल दिया. वो चीख उठीं लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा. अब मैं लगातार तेजी से धक्के लगाने लगा.
लगातार 24 मिनट तक गांड चोदने के बाद फिर मैं उनकी गांड में ही झड़ गया. उस दिन हमें खूब मज़ा आया. आंटी मुझसे पूरी तरह संतुष्ट थीं. उस दिन के बाद से जब भी हमने मौका मिलता है हम जम कर चुदाई करते हैं. अब तो वो आंटी नहीं मेरी रखैल हैं.
कैसे उन्होंने मुझसे अपनी बहन और उनकी बेटी को भी चुदवाया ये कहानी मैं अगली बार बताऊंगा. कहानी आपको कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताएं.
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