मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती थी. एक दिन वह मेरे घर आई बहाने से मेरा मोबाइल नम्बर ले लिया. इसके बाद उसने मुझे फोन करके प्रपोज कर दिया. इस तरह हमारे रिश्ते की शुरुआत हुई. फिर एक रात मैंने उसे अपने घर बुलाया और हम मिल कर एक हो गए. हमने जम कर चुदाई की…
मैं रमन दिखने में गोरा, हूं मैं उत्तर प्रदेश का छोरा,
लंड का साइज है 7 बकिया रहा करता था मैं उदास,
क्योंकि हो गया था मैं 20 क्रॉस और चूत बनी रही बस मेरे लिए आस!
नमस्कार दोस्तों! मैं रमन अब सीधा अपनी कहानी पर आता हूं. दोस्तों, दिखने में मैं काफी स्मार्ट हूं लेकिन पता नहीं क्यों इतना स्मार्ट दिखने के बाद भी कोई लड़की मुझे भाव नहीं देती थी! इस वजह से मैं चूत की प्यास में तड़पता रहता और अन्तर्वासना पढ़ कर अपने लंड को सुकून दे दिया करता था.
फिर एक दिन मेरे पड़ोस में रहने वाली एक लड़की मेरे घर आई. उसे मेरी मम्मी से कुछ काम था. उस टाइम मेरी मम्मी किसी काम से बाहर गयीं हुई थीं. माफ करना दोस्तों, मैं आप सब को उस लड़की के बारे में बताना ही भूल गया. उसका नाम ज्योति है और वह दूध की तरह गोरी है. उसका भरा – पूरा बदन देख कर किसी का भी लन्ड खड़ा हो जाए. जब वह चलती है तो पिछवाड़ा ऐसा सलाम ठोंकता है कि मन करता है कि वहीं पटक कर चोद दूं. और उसके दूध की तो बात ही क्या करूं. अगर किसी की जरा सी भी नज़र पड़ जाए तो लन्ड सलामी देने लगे.
जब वह मेरे घर आई तो उस समय घर पर मैं अकेला ही था. मुझे देख कर उसने मम्मी के बारे में पूछा तो मैंने कहा कि मम्मी घर पर नहीं हैं, कहीं बाहर गई हुई हैं. यह सुन कर उसने हां में अपना सर हिलाया और थोड़ी देर वैसे ही खड़ी रही.
फिर उसने अपना मोबाइल निकाला और मुझसे कहा, “देखो रमन मेरे इस मोबाइल में फ़ोन तो आ रहा है पर जा नहीं रहा है, इसे ठीक कर दो”. तब मैंने उसका फोन लिया और सबसे पहले इधर – उधर की सारी सेटिंग्स चेक की. वो ठीक थीं. फिर मैंने बैलेंस चेक किया, उसके फ़ोन में बैलेंस भी था.
अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि उसके मोबाइल से कहीं फ़ोन जा क्यों नहीं रहा है. तब मैंने सोचा कि चेक ही कर लेते हैं. इसके बाद मैंने अपना नंबर डायल किया तो तुरंत मेरे फ़ोन की रिंग बजने लगी. यह देखते ही उसने झट से अपना मोबाइल मेरे हाथ से लिया और भाग गयी. यह इतना अचानक हुआ कि पहले तो मुझे कुछ समझ ही नहीं लेकिन फिर मुझे महसूस हुआ कि अब जल्द ही मेरे लन्ड को उसकी चूत मिलने वाली है.
फिर थोड़ी देर बाद उसका फ़ोन आया. वह बोली कि मैं तुम्हें बहुत पहले से ही पसंद करती हूं पर तुम कभी बोलते ही नहीं हो, इसलिए सामने से कहने में मुझे भी डर लगता था तो मैंने ये तरीका अपनाया, अगर तुम्हें मैं नहीं पसंद तो कोई बात नहीं. इस पर मैंने कहा कि नहीं, नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, तुम भी मुझे बहुत पसंद हो, मैं भी कहने से डरता था इसलिए आज तक नहीं बोल पाया.
फिर धीरे – धीरे हमारे बीच बात बढने लगी और हम दोनों एक – दूसरे से खुलने लगे. फिर एक दिन मैंने उसके व्हाट्सऐप पर अन्तर्वासना की एक कहानी डाल दी. उसने कुछ नहीं कहा. तब मुझे महसूस हुआ आग उधर भी उतनी ही लगी है, जितनी की इधर.
फिर अगली रात करीब 1:30 बजे उसका फ़ोन आया. तब मैंने उससे मिलने को कहा. पहले तो वो न नुकुर करती रही लेकिन उसके बाद फिर मान गयी. दोस्तों, मेरा कमरा घर के सबसे पीछे है और पीछे की तरफ खुलने वाला दरवाजा ठीक मेरे कमरे से लगा हुआ है.
वह चुपके से अपने घर से निकली और चूंकि बगल में ही मेरा घर है तो उसे आने में कोई दिक्कत नहीं हुई. मैं उसी रास्ते से उसे कमरे में लाया. फिर जैसे ही वह अंदर आई आते ही मैंने उसे बेड पर पटक दिया और उसके होंठों से अपने होंठों को मिला दिया. अब मैंने इस कदर होंठों को चूसना चालू किया कि वो भी तड़प उठी.
फिर धीरे से मैं उसकी चूंचियों पर अपना एक हाथ ले गया और उसके बूब्स मसलने लगा. इससे उसकी उत्तेजना और बढ़ने लगी. उसकी तड़प और मेरी प्यास अब हम दोनों को मदहोश कर रही थी.
कुछ देर ये सब करने के बाद फिर हम दोनों अलग हुए और इसके बाद मैंने सबसे पहले उसके शूट को उसके जिस्म से अलग कर दिया. फिर एक झटके में मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला और उसको खींच कर उसकी दोनों चूचियों को आजाद कर दिया. ब्रा हटते ही उसकी दोनों चूचियां उछल के ऐसे सामने आईं मानो मुझे सलामी दे रही हों.
इसके बाद मैंने उन पर अपना मुंह लगाया और मस्त होकर चूसने लगा. मेरे रिएक्शन से ऐसा लग रहा था जैसे मैं उसे खा ही जाऊंगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. वो आनंद मुझे मेरे हर अरमानों को पूरा करने के समान था. उसे भी खूब मज़ा आ रहा था. मेरे साथ – साथ वो भी सिसकारियां भरे जा रही थी.
फिर मैंने उसके सलवार के नाड़े को खोला और सीधा पैंटी के अंदर हाथ डाल दिया. वाह, उसकी चूत अब तक एक दम गीली हो चुकी थी! फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत के अंदर डाल दी. जैसे ही मेरी उंगली उसके अंदर गई वो चिहुंक सी उठी और उसे दर्द का थोड़ा अहसास हुआ.
फिर अगले ही पल मैंने उसकी सलवार और पैंटी दोनों को एक साथ उतार फेंका. अब वो मेरे सामने वो एक दम नंगी हो गयी थी. इतना होते ही फिर वो जैसे मुझ पर टूट पड़ी और मेरे कपड़े निकालने के साथ – साथ यहां – वहां हर जगह मुझे चूमने लगी. थोड़ी ही देर में मैं भी पूरी तरह से निर्वस्त्र हो चुका था.
फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. अब वह मेरा लन्ड और मैं उसकी चूत चूस रहे थे. वो बहुत ही मजे से मेरा लन्ड चूस रही थी. उसकीचुसाई से मैं जल्द ही चरम सीमा पर पहुंच गया. फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों लगभग एक साथ ही झड़ गए और ढीले हो गए.
हालांकि, हमारा जोश अभी ठंडा नहीं हुआ था. कुछ ही देर में फिर से मेरा लन्ड सलामी देने लगा. फिर मैं उसके ऊपर आ गया और उसे चूमने लगा. अब तक मेरा लन्ड कड़क हो कर एक दम रॉड सा हो गया था. तब मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया. इससे उसकी चूत खुल के सामने आ गई. दोस्तों, उसकी फूली हुई गुलाबी रंग की चूत एक दम पावरोटी जैसी लग रही थी. फिर लन्ड को उसकी चूत के मुहाने पर सेट किया और जोर का एक धक्का दिया पर लंड फिसल गया.
यह देख मैंने हाथ से लन्ड को पकड़ के उसके छेद पर लगाया और पकड़े – पकड़े ही दबाव बनाया तो लन्ड का सुपाड़ा अंदर घुस गया. सुपाड़े के अंदर जाते ही वो दर्द के मारे मचल गयी. उसके मुंह से चीख निकली लेकिन मैंने तुरंत ही उसकी आवाज को अपने होंठों के गलियारों में बंद कर लिया और फिर एक जोर का धक्का दे दिया. इस धक्के की वजह से मेरा पूरा का पूरा लन्ड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर गहराई में चल गया.
उसे बहुत दर्द हुआ. वो तड़प उठी. और छूटने का प्रयास करती रही पर मैंने उसे दबा के रखा और अपनी गिरफ्त से बाहर नहीं जाने दिया. उसका दर्द कम करने के लिए मैं उसकी चूंचियों को मसलने लगा और धीरे – धीरे लंड को आगे पीछे करने लगा. थोड़ी देर ऐसा करने के बाद उसे भी अब मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी.
फिर मैंने स्पीड बढ़ा दी और जोर – जोर से चोदने लगा. अभी स्पीड बढ़ाए कुछ ही वक्त हुआ होगा कि वो अकड़ने लगी और अगले ही पल उसका पानी निकल गया. अब मैं भी लगातार शॉट लगाए जा रहा था. उसके पानी की गर्मी ने मेरे लन्ड में सिरहन पैदा कर दी.
अब मैं भी झड़ने वाला था लेकिन मैं अंदर माल छोड़ कर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था तो मैंने लन्ड चूत से बाहर निकाला और उसके मुंह में डाल कर 4-5 झटके दिया और मेरा पूरा माल उसके मुंह में निकल गया. जिसे उसने मुंह में भरे रखा और जब मैंने लन्ड बाहर निकाला तो थूक दिया. अब हम दोनों थक कर निढाल होकर करीब आधे घंटे पड़े रहे. फिर 4:00 बजे के आस – पास उसने अपने कपड़े पहने और अपने घर चली गयी. उस दिन के बाद मैंने उसे कई बार चोदा. जब भी मन करता है बुला लेता हूं और जबरदस्त चुदाई होती है.
दोस्तों, आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, मेल करके बताइएगा जरूर. मुझे आप सब के जवाब का इंतज़ार रहेगा. मेरी मेल आईडी – [email protected]