एक बार मैं अपने दोस्त के यहां लखनऊ गया था. उसके पड़ोस में एक खूबसूरत लड़की रहती थी. एक बार एक घटना की वजह से कुछ देर के लिए मुझे उसके रूम पर रुकना पड़ा. इस बीच बातों का सिलसिला ऐसे चला कि बातों ही बातों में वह चुद गई…
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम दीपक है और अभी मैं गुजरात में रहता हूं. मैं अन्तर्वासना का नियामत पाठक हूं. यह कहानी तब की है, जब मैं लखनऊ में रह कर पढ़ाई करता था. कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आप सब को अपने बारे में बता देना चाहता हूं. मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से संबंधित हूं. इस समय मेरी उम्र 24 साल है.
अब मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूं. एक बार जब मैं पढ़ाई खत्म करके जॉब के लिए गुजरात आ रहा था तब कुछ दिनों के लिए मैं लखनऊ में अपने एक दोस्त के यहां कुछ दिन के रुका था. मेरा वह दोस्त जहां रहता था, वहीं बगल में एक लड़की भी रहती थी. उसकी उम्र करीब 20 साल थी और उसका नाम मीनाक्षी था. वो दिखने में बहुत ही सीधी – सादी दिखती थी.
एक दिन की बात है मैं काम से बाहर गया हुआ था. जब कुछ समय बाद मैं वापस आया तो मेरा दोस्त कहीं बाहर गया हुआ था और दरवाजे पर ताला बंद था. यह देख कर जब मैंने अपने दोस्त को फ़ोन किया तो उसने कहा कि वो भूल से चाबी अपने साथ लेता आया है और अब 4-5 घण्टे बाद ही आएगा.
उससे बात करके मैं सोचने लगा कि अब मैं क्या करूं, कहां जाऊं? तभी बगल वाले घर से मीनाक्षी निकली और मुझे बाहर देख कर पूछा कि मैं वहां बाहर खड़े होकर क्या कर रहा हूं? इस पर मैंने उसे बताया कि मेरा दोस्त बाहर गया हुआ है और मेरे पास चाबी नहीं है. मैंने उसे ये भी बताया कि अब वह 4-5 घंटे बाद ही आएगा.
यह सुन कर वह थोड़ी देर तक सोचती रही. फिर उसने कहा कि तब तक मैं उनके घर रुक सकता हूं. मैंने भी सोचा कि ऐसे करूंगा ही क्या, वहीं रुक जाता हूं. फिर मैं उसके घर चला गया. उसने मुझे सोफे पर बिठाया और कहा कि आप बैठो मैं आपके लिए चाय लाती हूं.
दोस्तों, मुझे वहां रहते कई दिन हो गए थे लेकिन मैंने उसको तब तक ध्यान से नहीं देखा था. थोड़ी देर में वो चाय बना कर लाई और जब चाय देने लगी तब मेरी नज़र उस पर गई और मैंने उसे ध्यान से देखा. क्या गजब की खूबसूरत लग रही थीं! ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई अप्सरा हो!
मैं उसे देख के उसके बारे में ये सब सोच ही रहा था कि अचानक उसने मुझसे कहा, “कहां खो गए”? मुझे लगा कि मेरी चोरी पकड़ी गई तो मैने उस पर से नज़र हटा कर बस इतना ही कहा कि आप बहुत खूबसूरत हैं.
इस पर उसने मुस्कुरा कर मुझे थैंक्स कहा और फिर चाय दी. इसके बाद हम दोनों साथ में बैठ कर बातें करने लगे. चाय पीते – पीते मैंने उससे उसके घर वालों के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वो यहां पर अकेली रहती है, उसके घर वाले सब गांव में रहते है और उससे मिलने केवल वीकेंड पर आते हैं.
थोड़ी देर में हम दोनों एक – दूसरे से इतना घुल – मिल गए कि कोई कह ही नहीं सकता था कि हम अभी – अभी थोड़ी देर पहले मिले हैं.
तभी मैंने उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा तो उसने कहा कि उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है. ये जवाब देने के साथ ही उसने मुझसे पूछा कि क्या मेरी कोई गर्लफ़्रेंड है तो मैंने मना कर दिया.
हमारे बीच बातें ही हो रही थीं कि तभी अचानक उसने मुझसे मेरा मोबाइल मांगा. तब
मैंने अपना मोबाइल अनलॉक किया और उसे दे दिया.
जब मैंने मोबाइल उसके हाथ में दिया तभी मुझे याद आया कि उनमें बहुत सारी पोर्न मूवी और अन्तर्वासना की स्टोरी भी पीडीएफ में पड़ी हुई हैं.
अब मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था. मैं सोच ही रहा था कि क्या करूं ताकि वह उन फाइल्स तक न पहुंचे, तभी वह एक पोर्न मूवी चला कर देखने लगी और कहने लगी कि तुम ये सब भी देखते हो! हालांकि उसने बहुत ही साधारण लहजे में ये सवाल किया था तब उसके इस सवाल देने की बजाय मैंने भी पलट कर उससे पूछ लिया, “आप भी देखती हैं क्या?” इस पर उसने कहा कि हां मैं तो रोज देखती हूं.
यह जवाब सुन कर मुझे उसके खुलेपन पर थोड़ा आश्चर्य हुआ लेकिन फिर मैंने उससे अगला सवाल पूछ लिया, “कभी सेक्स किया है कि नहीं”? इस पर उसने कहा कि नहीं, सेक्स आज तक नहीं किया. फिर मैंने अगला सवाल किया और कहा कि मन नहीं करता क्या करने का? जवाब में उसने कहा कि करता तो है पर डरती हूं कि कहीं कुछ हो न जाए.
उसका ये जवाब सुन कर मैं खुश हो गया और उससे कहा कि डरो मत कुछ नहीं होगा. इतना कहने के बाद फिर मैं उसके और ज्यादा करीब गया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर उसे किस करने लगा. पहले वो मना करती रही पर बाद में वो भी साथ देने लगी.
इसी बीच धीरे – धीरे सरकाता हुआ मेरा हाथ उसके बूब्स पर पहुंच गया और मैं उन्हें दोनों हाथों से पकड़ कर दाबने लगा. मेरे ऐसा करने से वो थोड़ी ही देर में सिसकियां लेने लगी.
यह देख मैं और नीचे उसकी चूत की तरफ बढ़ा. लेकिन तभी उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और रोक कर बोली कि अब आगे नहीं, जो करना है ऊपर – ऊपर ही करो नीचे नहीं. मैं मान गया क्योंकि कि मुझे पता था कि अभी जब यह गर्म होगी तो सब कुछ करेगी.
इसके बाद मैंने उसे किस करते हुए उसकी टी-शर्ट खोल दी. अंदर उसने पिंक कलर की ब्रा पहन रखी थी. जिसे देख के मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैं उसके मम्मों पर टूट पड़ा. मैंने उसकी ब्रा ही स्ट्रिप खींच कर उसे नीचे सरका दिया और उसके एक मम्मे को मुंह में लेकर चूसने लगा. अब उसकी सिसकियां बढ़ती जा रही थीं और वह ‘ऊह ऊह आह आह’ की मादक आवाज निकाल रही थी.
कुछ देर करने के बाद वह काफी गर्म हो गई और मेरे सिर पर हाथ रख के उसे अपने मम्मों पर दबाने लगी. यह देख मैं समझ गया कि ये पूरी तरह उत्तेजित हो गई है और अब यही सही समय है नीचे जाने का. तब मैंने अपना एक हाथ नीचे उसकी जीन्स के अंदर सरकाने लगा तो उसने उस पर हाथ रख दिया लेकिन कहा कुछ नहीं. तब मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी अंदर वियर के अंदर सरका दिया. दोस्तों, उसकी चूत एक दम गीली हो चुकी थी और भट्टी की तरह तप रही थी.
फिर मैं उसकी चूत सहलाने लगा. मेरे ऐसा करने पर वह और उत्तेजित हो गई और तेजी से सांसें अंदर – बाहर करने लगी. फिर मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी और अंदर – बाहर करने लगा. अब वह पूरी तरह वासना के वशीभूत हो गई और बोली कि अब जब कर ही रहे हो तो जल्दी करो क्यों इतना तड़पा रहे हो!
इस पर मैंने कहा कि तुमने ही तो मना किया है. तब वह बोली कि अब बोल भी तो रही हूं. फिर मैंने उसकी जीन्स का बटन खोल दिया और पैंटी को सरका के नीचे कर दिया. साथ ही खुद भी नंगा हो गया.
इसके बाद मैंने उसे वहीं सोफे पर लिटाया और एक टांग सोफे ही ऊपरी हिस्से में रखने को और एक नीचे जमीन पर रखने को कहा. उसने ऐसा ही किया. इससे उसकी चूत खुल के सामने आ गई.
तब मैं उसके ऊपर लेट गया और लंड को चूत पर सेट करके धीरे – धीरे दबाव बनाने लगा. कुछ देर में मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया. उसे दर्द तो हुआ लेकिन चूंकि चूत एक दम गीली हो गई थी इसलिए चिकनाई की वजह से दर्द कम था और वह उसे सह गई थी.
फिर मैं धीरे – धीरे धक्के लगाने लगा और साथ में उसके मम्मों को भी पकड़ के कभी खींचता तो कभी दबाता. बहुत मज़ा आ रहा था दोस्तों. दूसरी तरह वह भी मदमस्त हो चुकी थी और बस सिसकियां निकाल रही थी.
करीब 8 मिनट की चुदाई के बाद जब वह झड़ने वाली हुई तो सिसकी लेते हुए मुझे जकड़ लिया और बोली, “आज मेरे अंदर ही समा जाओ तुम”. इतना बोलते ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. ऐसा लगा जैसे उसकी चूत के अंदर लावा फुट पड़ा हो. उसके रस की गर्मी मेरा लंड भी सहन के कर सका. फिर मैं भी 4-5 धक्कों के बाद झड़ गया और उसके ऊपर लेट गया. फिर जब हमारी सांसें हमारे कंट्रोल में आईं तो उसने कहा कि आज उसे बहुत मज़ा आया. इतना मज़ा कभी नहीं आया.
अभी हम बात ही कर रहे थे कि तभी मेरे फ्रेंड का फोन आया और उसने कहा कि वो रूम पर आ गया है, मैं कहां हूं? मैंने उससे झूठ बोल दिया और कहा कि मैं नीचे आ गया था, आ रहा हूं. इसके बाद हम दोनों ने एक बार फिर किस किया और एक – दूसरे का नम्बर लेकर फिर मिलने का वादा किया और इसके बाद मैं वापस आ गया.
अब मैं गुजरात में हूं और हम फोन पर बातें करते हैं और सेक्स चैट भी कर लेते हैं. आप लोग को मेरी यह कहानी कैसी लगी? मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]